एक पोस्ट हम लोगो के साथी सुसील पाण्डेय जी (ज़ोन प्रभारी)अगर उनको कौटिल्य कहा जाये तो ज्यादा नही होगा जितने अच्छे अंदाज में लिखा है।
लेकिन ये शायद एक लाइन भूल गए 1470 केंद्र ने खुद बढ़ाया।
आगे आप सायद ये भूल गए की आप एक संगठन के जोन प्रभारी है जो अपने भासा का प्रयोग किया इसी से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है कोई बात नही सब स्वतन्त्र है।
देलही का आप उल्टा कर दिए आप 23 नो.को जा रहे थे लेकिन 24 दिस. गये आप ने कहा डिमांड तो 3 सालो का अपना मांग पत्र देख लो और मीडिया की सुर्खियां देख लो कहा गया "सात हजार में दम नही 25000 से कम नही "उसके बाद 100 की समस्या समाप्त हुई और एक बार फिर लड्डू खाते हुए मिडिया की सुखियो में फोटो और सोसल मिडिया में ...........।देलही से वापसी के बाद कई बार समायोजन ।
अपने कहा कैंसर, कोढ़,लोटा पहले अपने को देखना चाहिये।100 बच्चो की समस्या यदि राजनीती न की गई होती और लड्डू न खाए गये होते प्रिन्ट मिडिया में तो इतनी समस्या नही होती।सब जानते है जिसके संघर्स से 1470 आप भी हम भी और सभी अनुदेसक पा रहे है उसके लिए इन सब्दो का प्रयोग ...........इस संबंद में (1470)भोला जी से पूछ लेना कैसे बड़ा तब लिखना।100बच्चो के लिए जो केंद्र सरकार से जवाब आया वो कैसे आया कैसे लागु कराया जाये ये भी पूछ लेना राज्य सरकार ने जो लेटर भेजा था उसके साथ में किस संगठन की मागे और लेटर पैड गया ओभी तब भी भरोसा न हो परियोजना आ जाना आप पदाधिकारी देख लेना लुटिया डोबोना तो सब अनुदेसक जानते है कि नया धरना नई मागे।100 बच्चो की समस्या तो बिलकुल लड्डू खाने के बाद पूरे प्रदेश में कैंसर ही हो गई ।
अपने कहा कुछ भक्त ,उनके कुछ भक्तो की वजह से आप भी सायद 1470 पा रहे होंगे,100 बच्चो पर राज्य सरकार जो टालती थी केंद्र पर ओ लेटर उन्ही भक्तो की देन है
अंत में हम अनुदेसकभक्त तो है आरोप लगाने वाले तो अपना नेता बनाने के बाद उसी की लुटिया डुबो दिए केवल राजनीती के लिए(एकीकरण में)कल्याण समिति की मांगे ख़राब है।
अनुदेसक हित अपना हित जरा सा दिखता है तो सब जानते है परियोजना से अच्छी जगह नही हो सकती
सारे अनुदेसक जानते है कल्याण समिति झूठ नही बोली आज तक, "जब की 100 बच्चो से लगाकर समायोजन तक हो चुका है।"
अनुदेसक सब जानते है आप से भी सभी से निवेदन है राज्य परियोजना कार्यालय आये।
धर्मेन्द्र शर्मा
9984370386
लेकिन ये शायद एक लाइन भूल गए 1470 केंद्र ने खुद बढ़ाया।
आगे आप सायद ये भूल गए की आप एक संगठन के जोन प्रभारी है जो अपने भासा का प्रयोग किया इसी से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है कोई बात नही सब स्वतन्त्र है।
देलही का आप उल्टा कर दिए आप 23 नो.को जा रहे थे लेकिन 24 दिस. गये आप ने कहा डिमांड तो 3 सालो का अपना मांग पत्र देख लो और मीडिया की सुर्खियां देख लो कहा गया "सात हजार में दम नही 25000 से कम नही "उसके बाद 100 की समस्या समाप्त हुई और एक बार फिर लड्डू खाते हुए मिडिया की सुखियो में फोटो और सोसल मिडिया में ...........।देलही से वापसी के बाद कई बार समायोजन ।
अपने कहा कैंसर, कोढ़,लोटा पहले अपने को देखना चाहिये।100 बच्चो की समस्या यदि राजनीती न की गई होती और लड्डू न खाए गये होते प्रिन्ट मिडिया में तो इतनी समस्या नही होती।सब जानते है जिसके संघर्स से 1470 आप भी हम भी और सभी अनुदेसक पा रहे है उसके लिए इन सब्दो का प्रयोग ...........इस संबंद में (1470)भोला जी से पूछ लेना कैसे बड़ा तब लिखना।100बच्चो के लिए जो केंद्र सरकार से जवाब आया वो कैसे आया कैसे लागु कराया जाये ये भी पूछ लेना राज्य सरकार ने जो लेटर भेजा था उसके साथ में किस संगठन की मागे और लेटर पैड गया ओभी तब भी भरोसा न हो परियोजना आ जाना आप पदाधिकारी देख लेना लुटिया डोबोना तो सब अनुदेसक जानते है कि नया धरना नई मागे।100 बच्चो की समस्या तो बिलकुल लड्डू खाने के बाद पूरे प्रदेश में कैंसर ही हो गई ।
अपने कहा कुछ भक्त ,उनके कुछ भक्तो की वजह से आप भी सायद 1470 पा रहे होंगे,100 बच्चो पर राज्य सरकार जो टालती थी केंद्र पर ओ लेटर उन्ही भक्तो की देन है
अंत में हम अनुदेसकभक्त तो है आरोप लगाने वाले तो अपना नेता बनाने के बाद उसी की लुटिया डुबो दिए केवल राजनीती के लिए(एकीकरण में)कल्याण समिति की मांगे ख़राब है।
अनुदेसक हित अपना हित जरा सा दिखता है तो सब जानते है परियोजना से अच्छी जगह नही हो सकती
सारे अनुदेसक जानते है कल्याण समिति झूठ नही बोली आज तक, "जब की 100 बच्चो से लगाकर समायोजन तक हो चुका है।"
अनुदेसक सब जानते है आप से भी सभी से निवेदन है राज्य परियोजना कार्यालय आये।
धर्मेन्द्र शर्मा
9984370386