15.12.16
उत्तर प्रदेश का शिक्षामित्र इतिहास और पूरे भारत के संविदाकर्मियों की मिलती जुलती कहानी: एक बार जरुर पढ़ें
इ0 पी0.एक योजना के रूप में छात्र अनुपात शिक्षक के श्रेणी को ध्यान में रखते हुये प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की कमी दूर करने के लिए N.C.T.E. से अनुमति लेकर शिक्षामित्र पद का विद्यालयों पद सृजन किया तथा नियमानुसार इसका चयन ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से जिला समिति के अनुमोदन करवा करके प्राथमिक विद्यालयों में 30 दिवशीय प्रशिक्षण के बाद विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने लगे।तत्पश्चात 2001 में N.C.T.E.द्वारा एक आदेश पारित किया गया कि reglestion 3 सितम्बर 2001जो शिक्षामित्र स्नातक का अहर्ता रखते हुये वेसिक प्रॉयमरी विद्यालयों में शिक्षण कार्य करते है।वह सभी untrend siksha mitra.undrend shikshak के श्रेणी में आते है।परन्तु 2005 व् 2006 में शिक्षामित्र का व्योरा राज्य सरकार से N.C.T.E.ने मांगी तथा 2008 व् 2009 में भी व्योरा मांगी।समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा N.C.T.E.को व्योरा प्राप्त कराया गया तथा N.C.T.E.का स्पष्ट निर्देश प्राप्त होने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा पालन नही करवाया जाता था।
ततपश्चात इस समाज में विषम परिस्थित में एक युवा पीढ़ी तथा कथित शिक्षामित्र के पद प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश के नौनिहालो को आगे बढ़ाने का कार्य अल्प मानदेय स्वीकार किया परन्तु लगभग 11-12 वर्ष के बाद समाज के लोग यह कहते थे कि प्राथमिक शिक्षा का नैया शिक्षा मित्र के सहारे चल रहा है।परन्तु हम बड़ी बिडम्बना समाज के लिए तब बने जब 01-08-2014 को प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को trained वेतनमान देने के लिए सरकार ने अपना फरमान जारी किया।तब से समाज व् तथा कथित लोगों द्वारा शिक्षामित्रों के अहर्ता पर आने लगा। यहाँ तक कि किसान,मजदूर,रिक्सा चालक फुटपात पर दुकान लगाने वाला यह नही स्वीकार करने तैयार की इनकी नियुक्ति trained शिक्षक पद पर हुआ है। N.C.T.E.के मानक अनुसार इनका पद सृजित हुआ है।
शिक्षामित्रों के साथ घोर अन्याय हुआ,और इनका सरकार द्वारा शोषण,अपमान अपने हाथों का कठपुतलियां समझकर घुमाने का कार्य करने में राजनैतिक लाभ लेने के लिए सरकार तत्पर रही।
एक तरफ भारतीय सम्बिधान के अनुच्छेद-14,21,39,43 तथा 162 में भारतीय कर्मचारियों का शोषण तथा अपमान जीवन जीने का मौलिक अधिकार समानता का अधिकार वर्णित किया गया है।
स्वतंत्र भारत में स्वतंत्रत्ता भी छीनने का मनमानी तरीके से शोषण किया जाता है। जो उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के साथ हो रहा है।
उपरोक्त विवरणों से यह परिलछित होता है कि भारतीय संविधान की व्यवस्थायें शिक्षामित्रों के लिए लागू नही है।..केन्द्र तथा राज्य का आदेश एक कागज का टुकड़ा है।... शासनादेश होते रहे है।..समय-समय पर नौकरशाह मनमानी करते है.....इस क्रम में 170000 शिक्षामित्र का शोषण,अपमान का शिकार पूरे समाज में बनना पड़ा तथा उसका जबाब आज शिक्षामित्र सर्वोच्च न्यायालय में देने के लिए तैयार है। इस पोस्ट को सार्वजनिक रूप में शेयर करें
धन्यवाद
आपका संजय कुमार जिला उपाध्यक्ष शिक्षामित्र शिक्षक कल्यान समिति कासगंज
2005 के बाद पेंशन ख़त्म होने पर हमने 11 वर्षों में क्या खोया क्या पाया?? प्रदेशीय उपाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन(PSPSA)उ०प्र०
बलात्कार होते हुए ,हमने देखा घने कोहरे में विभागीय अधिकारीयों के डर से दुर्घटनाओ में जान गवांने वालो को ,हमने देखा mdm के राशन ढो कर जान देने वालो को, छोटी छोटी बात पर निलंबन होते हुए ,हमने देखा नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध शिक्षकों के वेतन अवरुद्ध होते ,और अब हमने देखा अन्याय के विरुद्ध लड़ाई में पुलिस के हाथो की गई दरिंदगी को जिसमे अपने शिक्षक साथी को शहीद होना पड़ा
इसलिये "हम न करेंगे और न करने देंगे" यह हमारा सूत्र वाक्य है पहले हमें यह कहने की जरुरत नहीं पड़ती थी कि हम मान्यता प्राप्त हैं लेकिन जब से हमने आँखों पर पट्टी बाँधी और हमने ,हमें अनदेखा कर कई लोगो को गुट बनाकर ऊपरी सत्ता से लड़ते देखा तब से हम कहने लगे हैं कि हम एक मात्र रजिस्टर्ड मान्यताप्राप्त हैं
हमें पता है इतिहास में उन्ही लड़ाइयों का जिक्र है जो लड़ाइयां लंबे समय तक लड़ी गईं... हम इतिहास से बाहर हो जाएं यह हम नहीं चाहते... हमारी पेंशन की लड़ाई आगे 11 वर्ष और भी चली तो भी हम लड़ेंगे पीछे नहीं हटेंगे ...हाँ कुछ खरपतवार जल्द ही लड़ाई जीतना चाहते हैं वह केवल गुमराह कर रहे हैं
हम सत्ता धारी हैं हमें ऊपरी सत्ता से कैसे लड़ना है इसकी रणनीति हमारे पास है और हम लड़ रहे हैं और हमारे अंधभक्त समर्थक हमारे साथ हैं क्योंकि अगर हम न हों तो उन्हें काम के बदले वेतन की प्राप्ति भी न हो क्योंकि हम वेतन अवरुद्ध कराने की अद्भुत क्षमता भी रखते हैं
आप लोग निराश परेशान न हों हमारी लड़ाई चल रही है हमने ऊपरी सत्ता को, शिक्षक की मौत के बाद अपना पुराना मांग पत्र फिर प्रेषित कर याद दिला दिया है कि पहले हमारी सहमति बनी थी और इस बार मांग पूरी न हुई तो हम शिक्षण कार्य का बहिष्कार करेंगे जैसे पहले करते रहे हैं
और अगर चुनाव बाद सरकार बदल भी गई तब भी हम ऐसे ही अपना मांग पत्र प्रेषित करते रहेंगे |
साथियों
ऊपर की कहानी से हो सकता है आप सहमत हों या न भी लेकिन कहानी से जरा भी इफ्तिफाक रखते हों तो आप का कमेंट आना चाहिये
आखिर हम कब तक इन्तजार करेंगे कुछ खादी धारियों को 6 माह की सेवा के बदले भी पेंशन प्राप्त हो जा रही है और रात दिन सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने वाले शिक्षक कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद ऐसे ही छोड़ दिया जा रहा है और रिटायरमेंट से पहले ही रिटायर हो गए तो पूरा परिवार अधर में ....यह कैसा इन्साफ और सरकार ने 11 वर्षो में उस जिम्मेदारी को भी पूरा न किया जो इन्हें अनिवार्य रूप से करना था लेकिन इतने वर्ष बाद तो अब केवल पुरानी पेंशन की ही लड़ाई लड़नी ज्यादा श्रेयस्कर है आप जान रहे हैं
अब हम कितने आंदोलन करेंगे या कितने साथियों को पुलिस की लाठी से मरते हुए देखेंगे , या ऐसे कितने मृतकों को अपनी जेब से सहायता देकर क्षतिपूर्ति करेंगे जबकि यह जिम्मेदारी हमारी नहीं है
साथियों ,
जिनका ऊपर जिक्र किया है सक्षम होते हुए भी किस बात का इन्तजार कर रहे हैं क्या उनकी संवेदनाए या लड़ने की शक्ति समाप्त हो चुकी है.....अगर नहीं तो उन्होंने क्यों इस बात की पहल नहीं की जबकि ऐसा अवसर भविष्य में शायद ही मिले क्योंकि लाठी चार्ज के बाद हुई मौत के बाद सरकार बैक फुट पर थी हम लाखों शिक्षक कर्मचारी साथियों के साथ मिलकर चुनाव ,बोर्ड परीक्षा तथा अपने सामान्य कार्यों का बहिष्कार कर सकते थे पूर्ण ताला बंदी के बाद विपक्षी पार्टियों को समर्थन में लेकर सरकार से आखिरी लड़ाई लड़ सकते थे और निश्चित ही इसमें हम सफल भी होते लेकिन
जिन्हें अपनी सत्ता ज्यादा प्यारी थी उन्होंने पहल तक नहीं की हाँ लोकल लेवल पर छोड़कर। ... जिन्होंने की उनके लिये साधुवाद और जिन्होंने नहीं की वह कैसे करेंगे इसका उपाय भी केवल आपके ही पास है
धन्यवाद ,पोस्ट पढ़ने के लिये
जय शिक्षक
अजहर अहमद, प्रदेशीय उपाध्यक्ष
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन(PSPSA)उ०प्र०
21 दिसम्बर को सभी शिक्षक रहेंगे सामूहिक अवकाश पर, धरने में आठ सूत्रीय मांगो के साथ होंगे शामिल: फ़ैजाबाद
पाठ्यक्रम को समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराये जाने तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान किए जाने हेतु विद्यालय संचालन अवधि में शिक्षक/शिक्षिकाओं द्वारा विद्यालय से प्रस्थान न करने के सम्बन्ध में आदेश जारी: बरेली
सत्र परीक्षा: कक्षा 1 से 8 तक द्वितीय सत्र परीक्षा आयोजित करने के सम्बन्ध में स्कीम जारी, फतेहपुर
शीतलहरी के दौरान बच्चों को लकड़ी से गर्मी की व मिड डे मील की व्यवस्था करने के साथ स्कूलों का समय बदला: बलरामपुर
अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वालों की जांच की जाए
चल रही 32022 अनुदेशकों की भर्ती में दस्तावेजों से फर्जीवाड़ा कर लाभ उठाने वालों की गहनता से जांच करने की मांग की। मोर्चा के सदस्यों ने बताया कि दूसरे जिलों के रहने वाले फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाना चाहते हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। बीपीएड की फर्जी डिग्रियों की भी प्रयोग किया जा रहा है जिसका गहनता से सत्यापन कराया जाए। काउंसिलिंग के समय संगठन के पदाधिकारियों को मौजूद रहने की अनुमति दी जाए ताकि फर्जी आवेदकों की पहचान की जा सके। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप यादव, जिलाध्यक्ष पंकज यादव, सुनील कुमार मिश्र, मनीष कान्त पटेल, वीरेन्द्र कुमार, महेन्द्र गिरि, रत्नेश यादव, सतीश कुमार आदि शामिल थे।
16460 शिक्षकों की भर्ती हेतु नवम्बर-2016 में रिक्तियां/भर्ती प्रक्रिया में प्रस्तावित आवंटित पदों की संशोधित सूचना
सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 के लेखों का आंतरिक संप्रेषण के कार्यक्रम के सम्बन्ध में आदेश जारी
स्कूल खुला व्हाट्सएप्प से भेजेंगे फोटो
नवनियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्र वेरिफिकेशन के लिए महत्वपूर्ण लिंक: जिससे आप कर सकते हैं ऑनलाइन वेरिफिकेशन
Faizabad
vbspu.ac.in
इन सबसे प्रमाणपत्रों का ऑनलाइन सत्यापन किया जा सकता है।।।
Vidyagyan: विद्याज्ञान प्रवेश परीक्षा हेतु जनपद में जमा आवेदन पत्रों की संख्या उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में पत्र जारी
विद्यालयो में पदस्थापित/समायोजित
➖ *बड़ी खबर जनपद हाथरस से*➖
जनपद हाथरस में सत्र (२०१६•••१७ ) हेतु जिन उच्च प्राथमिक विद्यालयो में १०० छात्र संख्या से कम हे ,,वहाँ से अंशकालिक अनुदेशको को १०० छात्र संख्या या उससे ऊपर वाले विद्यालयो में पदस्थापित/समायोजित करते हुए नवीनीकरण किया गया ।।
अनिश्चितकालीन धरने के सोलहवें दिन
*सभी साथियों को नमस्कार............*
मित्रों आज अनिश्चितकालीन धरने के सोलहवें दिन संगठन ने विधान सभा घेराव का एलान कर रखा था।सुबह से ही रणनीति के तहत लखनऊ के अलग अलग जगहों पर अनुदेशकों की संख्या इकट्ठा होना शुरू हो गयी थी।प्रशासन सुबह से ही दबाव में आ गया था और *एक बजते बजते मुख्य सचिव,शासन महोदय से मुलाकात के लिए सात सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल को लेकर प्रशासन के अधिकारी एनेक्सी चल दिए।प्रतिनिधि मण्डल में तेजस्वी शुक्ला(प्रदेश अध्यक्ष),भोला नाथ पाण्डेय(प्रदेश महासचिव),महेन्द्र पाठक(प्रदेश महामंत्री),प्रियंक मिश्रा(प्रदेश उपाध्यक्ष),अशोक चाहर(प्रदेश उपाध्यक्ष),विशाल श्रीवास्तव(प्रदेश सचिव),प्रिया दीक्षित(प्रदेश मंत्री) शामिल रहीं।*
वार्ता के लिए निर्धारित समय 1.30 बजे प्रतिनिधिमण्डल एनेक्सी पंहुच गया था लेकिन एकाएक मुख्यमंत्री महोदय के साथ मीटिंग शुरू हो जाने के कारण मुख्य सचिव साहब 5,काली दास मार्ग(मुख्यमंत्री आवास) चले गये और मुलाकात साम के 6 बजे से शुरू होकर 7.15 बजे तक चली। *संगठन के साथ वार्तालाप में श्री राहुल भटनागर जी(मुख्य सचिव,शासन महोदय),श्री जितेन्द्र कुमार जी[प्रमुख सचिव,माध्यमिक शिक्षा व प्रमुख सचिव,बेसिक शिक्षा(चार्ज)], श्री डी बी शर्मा जी(निदेशक,बेसिक शिक्षा विभाग), ADMसाहब,SP पूर्वी श्री शिवराम वर्मा जी शामिल रहे।*
*शासन स्तर पर किसी भी अनुदेशक संगठन की हुई पहली बैठक में वार्तालाप बहुत ही सकारात्मक माहौल में हुई* और मैं एक बात तो पूरे दावे से कहूँगा कि श्री राहुल भटनागर साहब जैसे अधिकारी जिस विभाग में हो जाएं वहाँ समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएंगीं।हमारी समस्याओं को जिस तरह से गम्भीरता पूर्वक सुनकर उसका निस्तारण उन्होने किया है वास्तव में वह काबिले तारीफ है।जिन बिन्दुओ पर मुख्य सचिव महोदय गंभीर होकर सुने और तत्काल निस्तारण का आदेश दिया वह निम्नवत है-
*1- छात्र संख्या सौ से कम होने पर निकाले गये लोगों की वापसी होगी और उनको ऐसे विद्यालय में ट्रांसफर किया जायेगा जहाँ छात्रों की संख्या सौ से अधिक होगी।*
*2- अगले सत्र से छात्र संख्या सौ से कम होने पर भी किसी को बेरोजगार नही किया जाएगा। इसके लिए बीच का रास्ता एक सप्ताह के अंदर निकाला जायेगा।*
*3- स्वत:नवीनीकरण का आदेश जारी किया जायेगा(स्वत:नवीनीकरण कार्य आख्या के संतोषजनक होने पर ही होगा)*
*4- दूर दराज कार्यरत अनुदेशकों को यथा संभव नजदीक के विद्यालयों में विषयानुसार रिक्त पद होने पर स्थानांतरण दिया जायेगा।(पारस्परिक स्थानांतरण नहीं)*
*5- समान कार्य के लिए समान वेतन या मानदेय बृद्धि के मुद्दे पर इसी महीने की 27,28 और 29 तारीख को मुख्य सचिव साहब की अगुआई में एक बैठक होगी जिसमें MHRD में बेसिक शिक्षा का विभाग देख रहे केन्द्रीय अधिकारी,प्रमुख सचिव वित्त और प्रमुख सचिव बेसिक साहब के साथ संगठन के प्रतिनिधि मण्डल भी होंगे। और उस बैठक में संगठन के पदाधिकारी मानदेय बृद्धि के लिए अपनी तरफ से सभी आवश्यक तर्क रखेंगे।*
*मुख्य सचिव साहब की तरफ से इन मांगों पर एक सप्ताह के अंदर आदेश जारी करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया गया और उनके द्वारा संगठन के प्रतिनिधि मण्डल से धरना समाप्त करने का निवेदन भी किया गया लेकिन संगठन के पदाधिकारियों ने बहुत ही विनम्रता से आदेश जारी होने तक पूर्णतया शांतिपूर्वक धरना जारी रखने देने का अनुरोध किया तो मुख्य सचिव साहब ने इसकी अनुमति देते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द आदेश जारी करने के लिए आदेशित किया।*
*संगठन ने यह निर्णय लिया है कि आदेश की कापी लिए बगैर अब धरना समाप्त नहीं किया जायेगा।*यदि अधिकारियों के द्वारा वादा खिलाफी हुई तो संगठन फिर से उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जायेगा।आप सभी से अनुरोध है कि आदेश जारी होने तक संगठन का साथ देते रहिए।और आवश्यकता पड़ने पर यदि संगठन आह्वाहन करता है तो तत्काल लखनऊ के लिए कूच कर जाइएगा।
आज धरने में आये हुए समस्त अनुदेशक पदाधिकारियों और अनुदेशक साथियों को बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद और बधाई।मुलाकात में विशेष प्रयास करने के लिए अशोक चाहर जी(प्रदेश उपाध्यक्ष,जिलाध्यक्ष आगरा) को विशेष धन्यवाद।
*अंत में प्रशासन के अधिकारियों में SP पूर्वी श्री शिवराम यादव जी, CO हजरतगंज श्री अशोक वर्मा जी तथा इंस्पेक्टर हजरतगंज श्री डी के उपाध्याय जी का विशेष धन्यवाद जिनके अथक प्रयासों के कारण यह संभव हो सका।*
*................ जय गंगा मैया ...................*
आपके संघर्षों का साथी
*भोला नाथ पाण्डेय*
*प्रदेश महासचिव*
*9936451852*
*उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०*