22.4.17

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बदला कार्यक्षेत्र

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिकेश यादव ने दो खंड शिक्षा अधिकारियों का कार्यक्षेत्र परिवर्तित कर दिया है। कौंधियारा की खंड शिक्षाधिकारी प्रीति सिंह को करछना भेजा गया है। जबकि करछना में तैनात रहे विनोद कुमार मिश्र को खंड शिक्षाधिकारी कौंधियारा में नियुक्त किया गया है। बीएसए ने बताया कि दोनों
अधिकारी अपने क्षेत्र में तत्काल प्रभाव से कार्यरत होंगे। इसमें कोई लापरवाही मिली तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

पेंशनरों को जल्द मिलेगा 5,000 करोड़ का तोहफा: कैबिनेट बैठक में दी जा सकती है मंजूरी

नई दिल्ली : दिल्ली में एमसीडी चुनाव के बाद मोदी सरकार पेंशनरों को भारी भरकम 5,000 करोड़ रुपये का तोहफा देने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट बैठक में पेंशन की गणना करने के एक नए फामरूले को मंजूरी दी जा सकती है जिसके बाद रिटायर हो चुके कर्मचारियों को बढ़ी
हुई पेंशन मिलेगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से 50 लाख से अधिक पेंशनरों को फायदा होगा।1सूत्रों के मुताबिक, पेंशन सचिव सी. विश्वनाथ की अध्यक्षता वाली समिति ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट दे दी है और माना जा रहा है कि अगले हफ्ते कैबिनेट इस समिति की सिफारिशों पर मुहर लगा सकती है। दिल्ली में नगर निगम चुनाव के चलते लागू आचार संहिता की वजह से इस हफ्ते हुई कैबिनेट बैठक में सरकार इसे मंजूरी नहीं दे सकी। दरअसल, सातवें वेतन आयोग ने सरकार के समक्ष पेंशन में वृद्धि के दो विकल्प दिए थे। पहला विकल्प वेतन में 2.57 का गुणाकर पेंशन की गणना करने था, जबकि दूसरा विकल्प इंक्रीमेंटल फामरूले पर आधारित था। सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करते वक्त इंक्रीमेंटल फामरूला ही पेंशन की गणना के लिए चुना, लेकिन इसे लागू करने में आ रही कठिनाइयों को देखते हुए सरकार ने पेंशन सचिव की अध्यक्षता में यह समिति बनाई थी। इंक्रीमेंटल फामरूला लागू करने पर पेंशन की गणना में कई तरह की विसंगतियां आ रही थीं। मसलन अगर कोई कर्मचारी जनवरी 2016 से पूर्व रिटायर होता है और दूसरा कर्मचारी जनवरी के अंत में रिटायर हुआ तो महज महीने भर बाद रिटायर होने वाले कर्मचारी को अधिक पेंशन मिलेगी। समिति ने अब ‘पे-फिक्सेशन मैथड’ की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि इस फामरूले के आधार पर पेंशन की गणना होने पर रिटायरकर्मियों को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी और उन्हें तकरीबन 5,000 करोड़ रुपये का लाभ होगा। नए फामरूले के तहत पेंशनधारकों के समकक्ष ग्रेड के कर्मचारियों को मिल रहे वेतन के आधार पर पेंशन की गणना की जाएगी।’>>अगले हफ्ते कैबिनेट बैठक में दी जा सकती है मंजूरी, 50 लाख पेंशनरों को होगा फायदा1’एमसीडी चुनाव के चलते लागू आचार संहिता के कारण पिछली बैठक में नहीं मिल सकी मंजूरी

एकेडमिक मेरिट से भर्ती चाहने वाले अभ्यर्थियों की बैठक कल: शिक्षकों की भर्ती समेत तमाम प्रकरणों पर 26 अप्रैल को होने वाली सुनवाई की बनेगी रणनीति

राब्यू, इलाहाबाद : 72825 शिक्षकों की भर्ती समेत तमाम प्रकरणों की सुनवाई 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। इसको लेकर अभ्यर्थियों ने तैयारियां शुरू कर दिया है। एकेडमिक मेरिट से भर्ती चाहने वालों की बैठक 23
अप्रैल को चंद्रशेखर आजाद पार्क में होने जा रही है। बैठक सुबह 10 बजे से होगी। मीडिया प्रभारी अशोक द्विवेदी ने जानकारी दी।

रसोइयों को मानदेय अब सीधे उनके खाते में देगा मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण: आदेश हुआ जारी

इलाहाबाद : प्रदेश भर के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के रसोइयों को मानदेय अब सीधे उनके खाते में आएगा। इसका भुगतान हर माह की पहली तारीख को किया जाना है। मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण के निदेशक ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को नए सिरे से आदेश जारी किया है। सूबे में करीब तीन लाख से अधिक
रसोईयों को इसका लाभ मिलेगा। शासन स्तर से समय पर मानदेय भुगतान करने के निर्देश दिए जाने के बाद भी उसका अनुपालन नहीं हो रहा था। ऐसे में मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण के निदेशक हेमंत कुमार ने रसोईयों के हित में सख्त पत्र जारी किया है। उन्होंने सभी बीएसए को निर्देश देते हुए कहा है कि रसोईयों को अब उनके निजी खाते में सीधे मानदेय का भुगतान किया जाए। यह धनराशि हर माह की एक तारीख को उनके खाते में भेज दें। निदेशक ने यह भी लिखा है कि बेसिक शिक्षा के सचिव ने छह जुलाई 2015 को मानदेय का भुगतान कड़ाई से करने और रसोईयों के निजी खाते में धन भेजे जाने को निर्देशित किया था। निदेशक ने बीएसए से सचिव के आदेश का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

परिषदीय विद्यालयों तदर्थ नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज: हाईकोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करने से किया इन्कार

इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति नियमावली में हाईकोर्ट के निर्णय से बड़ा बदलाव हुआ है, लेकिन तदर्थ नियुक्ति प्रकरण में हस्तक्षेप करने से हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने 72825 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के मामले में करीब 1100 सहायक अध्यापकों को तदर्थ नियुक्ति देने के
खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है।
हाईकोर्ट ने मामले में यह कहते हुए हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया कि याचीगण ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की है, लिहाजा मामले में हस्तक्षेप का औचित्य नहीं है। ऋषि श्रीवास्तव और अन्य की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अभिनव उपाध्याय ने सुनवाई की। शिक्षामित्रों के अधिवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सहायक अध्यापक भर्ती नियमावली में 15वां संशोधन करके नियुक्तियां शैक्षणिक गुणांक के आधार पर करने का निर्णय लिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई और खंडपीठ ने 15वां संशोधन रद करते हुए नियुक्तियां टीईटी प्राप्तांक पर करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है। इस दौरान लगभग 1100 अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि यदि हाईकोर्ट ने 15वां संशोधन रद नहीं होता तो उनकी शैक्षणिक गुणांक पर नियुक्ति मिल गई होती। एसएलपी के लंबित रहने के दौरान उनको नियुक्ति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को तदर्थ रूप से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति देने का आदेश दिया तथा कहा कि यह नियुक्तियां एसएलपी के निर्णय पर निर्भर करंेगी। जनवरी 2017 को प्रदेश सरकार ने शासनादेश जारी कर नियुक्ति प्रारंभ कर दी। इस बीच हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया कि जिन अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जा रहीं हैं उन्होंने कभी आवेदन नहीं किया है तथा वह नियुक्ति की अर्हता और मानक को पूरा नहीं करते हैं। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश से की जा रही हैं और याचीगण भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पक्षकार हैं, लिहाजा हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं है।तदर्थ नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज

कुलसचिव की अभद्रता से शिक्षकों में रोष

इलाहाबाद : इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान कुलसचिव संजय कुमार पर शिक्षकों के साथ अभद्रता का आरोप लगा है। शिक्षकों का कहना है कि महिला सेवा सदन डिग्री कालेज में
चल रहे मूल्यांकन केंद्र में अंग्रेजी, संस्कृत और रसायन विज्ञान के परीक्षकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस मामले को लेकर कुलसचिव को कई बार अवगत कराया गया है। परन्तु कई दिन बीत जाने के बाद भी समस्याओं का निदान नहीं निकल पाया। मूल्यांकन केंद्र पर इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने कुलसचिव से मिलकर अपनी बातें रखनी चाही। यहां पर कुलसचिव ने उन्हें मूल्यांकन कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए केंद्र छोड़ने की बात कही। शिक्षक संघ के महामंत्री पंकज पचौरी, उपाध्यक्ष मनोज मिश्र एवं प्रांतीय प्रतिनिधि अर्जिता भट्टाचार्य का आरोप है कि कुलसचिव के अड़ियल रवैये से क्षुब्ध होकर कई शिक्षकों ने मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार कर दिया। शिक्षकों का कहना है कि केंद्र पर पीने के पानी, कूलर सहित आवश्यक चीजों अभाव है। इस संबध में कुलसचिव संजय कुमार का कहना है कि शिक्षक संघ के सदस्य बिना विजिटिंग रजिस्टर में नाम दर्ज कर वहां पर भाषण देने लगे। उनको समझाने की कोशिश की गई लेकिन माने नहीं।

किन वाहनों में बत्ती लगेगी, केंद्र सरकार तय करेगी: केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के नियम-108 में संशोधन होगा

गाड़ियों पर लाल, नीली बत्ती की वीआइपी कल्चर को समाप्त करने के फैसले के तहत केंद्र ने केंद्रीय मोटर नियमावली में संशोधन की कर दी है। इस पर 10 दिनों में जनता की राय मांगी गई है। इसके बाद पहली मई से इसे देश भर में लागू कर दिया जाएगा। 1अधिसूचना के तहत केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के नियम-108 में संशोधन किया जाएगा। इस नियम का संबंध वाहनों पर बत्तियों के प्रयोग से है। इसमें छह उप नियम हैं जिनमें से
उप नियम (2), (3), (5) तथा (6) को पूरी तरह समाप्त किया जा रहा है। जबकिउपनियम (1) के द्वितीय उपबंध और उपनियम (4) में कुछ पुराने शब्दों के स्थान पर नए शब्द शामिल किए जा रहे हैं।1उपनियम (2) में राज्य सरकारों को उन विभागों/सेवाओं/अधिकारियों की सूची जारी करने का अधिकार है जो गाड़ी पर नीली बत्ती लगा सकते हैं। अब यह सूची केंद्र सरकार की ओर से जारी की जाएगी।1उपनियम (3) विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा में लगे वाहनों पर लाल बत्ती लगाने से संबंधित है। अब विशिष्ट व्यक्तियों के वाहनों के साथ उनके एस्कार्ट वाहनों को भी लाल बत्ती लगाने का हक नहीं होगा। 1उपनियम (5) में राज्य सरकारों पर लाल/नीली बत्ती वाले वाहनों की सूची संबंधी अधिसूचना के प्रकाशन की जानकारी केंद्र सरकार को भी देने की बाध्यता है। अब इसकी जरूरत समाप्त हो गई है।1उपनियम (6) के तहत विशिष्ट व्यक्तियों के वाहनों पर उस वक्त लाल/ नीली बत्ती का प्रयोग न करने तथा बत्ती को काले कवर से ढंककर रखने की ताकीद की गई है जब विशिष्ट व्यक्ति वाहन में न हो। यह नियम भी अब अप्रासंगिक हो गया है।1नियम-1 का संबंध एयरपोर्ट व बंदरगाह आदि के भीतर इस्तेमाल होने वाले वाहनों में पीली बत्ती लगाने से है। परंतु खदानों तथा परियोजना स्थलों के भीतर भी ऐसे वाहनों का उपयोग होता है। लिहाजा सरकार ने इस नियम के द्वितीय उपबंध में ‘एयरपोर्ट, पोर्ट’ के स्थान पर ‘एयरपोर्ट, पोर्ट, खदानें तथा परियोजना स्थल’ शब्द शामिल करने का निर्णय लिया है। 1 इसी तरह उपनियम (4) का संबंध आपात सेवाओं में प्रयुक्त होने वाले वाहनों पर लाल, नीली अथवा सफेद बत्ती लगाने से है। अभी तक ऐसे वाहनों/सेवाओं की सूची राज्य सरकारें जारी करती थीं। परंतु अब यह अधिकार केवल केंद्र सरकार को होगा।1इसके लिए नियम-4 में ‘सरकारों द्वारा विशिष्ट तौर पर निर्धारित आपातकालीन कार्य’ शब्दों के स्थान पर ‘ऐसे आपात एवं आपदा प्रबंधन कार्य, जिनका निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जा सकता है’ शब्द शामिल किए जाएंगे।’>>राज्यों से छिना बत्ती वाले वाहनों की सूची जारी करने का अधिकार 1’>>केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के नियम-108 में संशोधन होगा

अकेडमिक भर्ती वाले 72825 और शिक्षामित्रों से सीखें अन्यथा कोर्ट में कुछ भी हो सकता है

किसी अकेडमिक भर्ती वाले से आप सहयोग की बात कीजिये वो आपको बेबकूफ ही कहेगा ...उसकी नज़र में उसकी भर्ती सुरक्षित है और इतनी सुरक्षित की उसको न कोर्ट केस से मतलब और न ही किसी सरकार के पक्ष से....

उनके साथ भगवान है...समझ नही आता कौन से ऐसे भगवान हैं जिनकी पूजा उनकी विपक्षी पार्टी नही करती ...
72000 और शिक्षा मित्रों से सीखिए