3.12.16

जानिए क्या है बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 के 12 ,15 ,16 और 19वां संसोधन, कब करे जातें है संसोधन विस्तार से जाने

मित्रो नमस्कार,
आज आप सभी को बेशिक शिक्षा नियमावली 1981 के 12 ,15 ,16 और 19 वा कि कहानी बताने जा रहे है।

बहुत साथियो को यही नहीं पता कि ये नियमावली होती क्या है।
उत्तर प्रदेश में पहले प्रथामिक विद्यालय पंचायतो और नगर पालिका के अंतर्गत थे किंतु 1972 में सरकार ने बेशिक शिक्षा अधिनियम बना दिया जिसके बाद सभी स्कूल सरकार के अधिनियम के दायरे में आ गए ।
इसके बाद आध्यपको कि नियुकित और सेवा शर्तों के लिए 1981 में बेशिक  शिक्षा नियमावली बनायीं गई जिसमें नियम 14 के अंतर्गत शिक्षक नियुकित किये जाते है और समय समय पे इस नियम के अंतर्गत सरकार संशोधन करती रहती है।
1995 में ncte का गठन केंद्र सरकार ने संसद द्वारा कर दिया और देश के सभी राज्यो के शिक्षकों कि न्यूनतम योग्यता तय करने का अधिकार ncte को मिल गया है।
जब से ncte का जन्म हुआ विवादों का भी जन्म हो गया ।
Rte act 2010 में लागू हो गया जिसने धारा 23 के द्वारा ये बताया कि आध्यपको कि न्यूनतम योग्यता और अन्य शर्ते क्या होंगी।
उत्तर प्रदेश में 11 जुलाई 2011 को rte act लागू हुआ जिसके बाद आज तक जितने भी आध्यपक नियुकित हुए है वो सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है।
Rte act लागू होने के बाद तत्कालीन मायावती सरकार ने 1981 नियमावली में 12 वा संसोधन कर दिया और उसी के आधार पे 72825 टेट मेरिट पे आध्यपको कि भर्ती करने का आदेश नवम्बर 2011 में  कर दिया।
विज्ञापन सचिव द्वारा निकालने के कारण हाइकोर्ट ने स्ते कर दिया और आचार संहिता लग गयी।
चुनाव में मायावती सरकार हार गई और सपा सरकार सत्ता में आ गयी।
इधर टेट 2011 में धांधली के आरोप में संजय मोहन जेल चले गए ।
सपा सरकार ने highpower कमेटी बनाई जिसकी रिपोर्ट के आधार पे 12 वे संसोधन को सरकार ने कैबिनेट के द्वारा रद्द कर दिया और 15 वा बना के एकेडमिक मेरिट पे 72825 बीएड वालो कि भर्ती 2012 में निकाल दी जिसके विरोध में 2011 वाले लड़के हाइकोर्ट चले गए और हाइकोर्ट ने नए विज्ञापन पे स्ते कर दिया जिससे पूरी प्रक्रिया रुक गयी और फुल बेंच मे केस को ट्रांसफर कर दिया।
इधर सरकार सत्ता के नशे में कोर्ट द्वारा स्ते होने के बाद भी 15 वे संसोधन पे जूनियर स्कूलों में 29229 विज्ञानं शिक्षको कि भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया ।
फुल बेंच ने 15 वा को अल्ट्रा वायरस करते हुए 12 वे को बहाल किया और सरकार को टेट मेरिट से भर्ती करने का आदेश दिया किन्तु सरकार तब भी ना मानी और सुप्रीम कोर्ट चली गयी किन्तु वहा भी राहत ना मिली और जज hl दत्तू ने अंतरिम आदेश देते हुए टेट मेरिट पे भर्ती करने का आदेस दिया और बाद में दत्तू जी के cj बनने के बाद यह केस दीपक मिश्रा जी कि बेंच में आ गया और मिश्रा जी हर डेट पे सर्विस रूल की अनदेखी करते हुए रोज नए नए अंतरिम आदेश पारित करते चले गए जो केस आज भी चल रहा है।
इधर हाइकोर्ट इलहाबाद में 29229 विज्ञानं शिक्षको का केस जज सुधीर अग्रवाल कि बेंच मे चल रहा था और सरकार वे संसोधन पे भर्ती पे भर्ती करती चली गयी।
जज सुधीर अग्रवाल ने 15 वे को रद्द करते हुए 16 वा बना दिया जिसके बाद मामला और उलझ गया ।
इतना सब कुछ होने के बाद भी सपा सरकार अपने कामो से बाज ना आते हुए 2014 लोकसभा चुनाव में हार होने के बाद नियमावली में 19 वा संसोधन करते हुए बिना टेट के शिक्षामित्रो के समायोजन का आदेश दे देती है और समायोजन पे समायोजन कर डालती है।
करीब 1 लाख 35 हजार लोगो को बिना टेट के सहायक आद्यपक बना देती है।
6 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बिना टेट पास लोगो को आद्यपक बनने पे रोक लगा दी और 27 जुलाई को हाइकोर्ट को फुल बेंच बनाने का निर्देश देती है।
हाइकोर्ट कि फुल बेंच 12 सितम्बर 2015 को शिक्षामित्र समायोजन से सम्बंधित सभी नियमावली और आदेशो को रद्द करती है और सभी समायोजित रोड पे आ जाते है  ।
7 दिसम्बर के स्ते के आधार पे समायोजित वेतन पा रहे है किंतु अवशेष आज भी 6 जुलाई के आदेश के कारण अवशेष ही है।
उधर सरकार ने तथ्यों को छिपाते हुए दूसरी बेंच से 29229 विज्ञानं शिक्षको को नियुकित का आदेश दे देती है।
सितम्बर 2015 में इनको नियुकित मिल जाती है।
30 नवम्बर  2016 को हाइकोर्ट इलहाबाद में cj बेंच ने पुनः 15 व 16 वा संसोधन रद्द कर दिया और इस संसोधन पे हुई नियुकित को सुप्रीम कोर्ट के आदेश आधीन कर दी क्योकि वहाँ पहले से इस सम्बन्ध में केस चल रहा है।
RTe लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश में 1981 नियमावली के सभी संसोधन रद्द हो चुके है।
12 वा सरकार ने रद्द किया।
15 व 16 वा हाइकोर्ट कि फुल बेंच और cj बेंच ने रद्द किया।
19 वा को तीन जजों कि फुल बेंच ने रद्द कर
अब सभी सुप्रीम कोर्ट कि शरण में है ।
7 दिसम्बर को शिक्षामित्रो के केस में आदेश होने कि उम्मीद है।
6 फरवरी को 15 व 16 वा पे डेट लगी है ।
22 फरवरी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि उस दिन सभी कि सुनवाई होनी तय हुई है।
क्या होगा वक्त बताएगा।
इस लिए धैर्य रखिये और फिल्म का आनंद लेते रहिये।
धन्यवाद।।

बीटीसी 2013 प्रशिक्षुओं ने सौंपा ज्ञापन, सहायक अध्यापकों की भर्ती में अवशेष रिक्त पदों का भी विवरण आगामी भर्ती के लिए शासन को भेजने की मांग की

बीटीसी प्रशिक्षु बैच-2013 ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को ज्ञापन सौंपा। इसमें जनपद से 
शासन को रिक्त पद भेजने की अपेक्षा शून्य विवरण भेजने पर आपत्ति की। इस अवसर पर प्रशिक्षु शिवकुमार के नेतृत्व में बीटीसी प्रशिक्षु बैच-2013 ने बीएसए देवेंद्र पांडेय को ज्ञापन सौंपा। इसमें प्रशिक्षुओं ने कहा कि वह बीटीसी प्रशिक्षण बैच-2013 के प्रशिक्षित हैं, जो कि टीइटी परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयो में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति की पूर्ण अर्हता रखते हैं। शासन ने अक्टूबर 2016 में ही शासन नई भर्ती का प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। इस क्रम में जनपद में यदि सहायक अध्यापकों की पदोन्नति न हुई हो तो उसे जल्द पूर्ण कराने का प्रयास किया जाए। पदोन्नति होने के बाद ही रिक्त पदों का विवरण आगामी भर्ती के लिए भेजा जाए। प्रशिक्षुओं ने कहा कि जनपद में गतिमान विभिन्न सहायक अध्यापकों की भर्ती में अवशेष रिक्त पदों का भी विवरण आगामी भर्ती के लिए शासन को भेजा जाए।
बीटीसी 2013 प्रशिक्षुओं ने सौंपा ज्ञापन, सहायक अध्यापकों की भर्ती में अवशेष रिक्त पदों का भी विवरण आगामी भर्ती के लिए शासन को भेजने की मांग की

BTC ADMISSION: डायट से भेजे छात्रों का भी बीटीसी कोर्स में प्रवेश लें, अल्पसंख्यक कॉलेजों को हाईकोर्ट का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बख्शी टीचर्स टेनिंग इंस्टीट्यूट जुनैद पट्टी, फूलपुर व सिटिजन गल्र्स कालेज बलरामपुर नैनी इलाहाबाद को बीटीसी कोर्स में डायट द्वारा भेजे गए छात्रों का प्रवेश लेने का निर्देश दिया है और कहा है कि बची हुई सीटें नियमानुसार कालेज अपनी मर्जी से भर सकेंगे।

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने कुमारी रुचि सिंह व सिटिजन गल्र्स कालेज की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना है कि पिछड़ा वर्ग कोर्ट में उसे 206.85 अंक मिले हैं। महिला साइंस की कट ऑफ मार्क 204.68 अंक है। उसने 21 सितंबर 16 को 41 हजार रुपये फीस और मूल पत्रवली जमा कर काउन्सिलिंग में हिस्सा लिया। बाद में बताया गया प्राइवेट कालेजों की 1700 सीटें कम कर 1600 कर दी गई है इसलिए मेरिट 233.50 हो गई है। याची को कालेज ने प्रवेश देने से इन्कार कर दिया जिस पर यह याचिका दाखिल की गई। 14 जून 16 को दोनों कालेज अल्पसंख्यक घोषित हो गए। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इन छात्रों का प्रवेश लिया जाय। जो पहले से प्रवेश पा चुके हैं वे कायम रहेंगे।
डायट के प्राचार्य ने इन दोनों अल्पसंख्यक कालेजों में 27 छात्रों के बीटीसी कोर्स में प्रवेश की सूची भेजी थी जिसमें केवल नौ छात्र सिटिजन कालेज में प्रवेश लेने के लिए आए, छह छात्र बख्शी इंस्टीट्यूट चले गए। कोर्ट ने नौ छात्रों को प्रवेश के लिए अधिकृत करते हुए कहा है कि कालेज ने जिन दूसरे छात्रों का प्रवेश ले लिया है, वे भी संरक्षित रहेंगे। कोर्ट ने यह आदेश दोनों पक्षों की सहमति से पारित किया है।

Final order Tet Vs Academic: हाईकोर्ट के 61 पेज के आदेश के मुख्य बिंदु निम्न प्रकार हैं: साथ पूरा आदेश डाउनलोड करें या देखें

आदेश 61 पेज का है। आदेश के मुख्य बिंदु :

1) 16वां संशोधन अवैध है।


2) टीईटी भारांक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

3) सरकार को टीईटी भारांक देना बाध्यकारी है।

4) एनसीटीई गाइड लाइन अवैध नहीं है।

5) बिना भारांक दिए की गई समस्त भर्ती अवैध हैं।

6) सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आने तक यथास्थिति बरकरार रहेगी।

पूरा आदेश पीडीएफ फाइल में डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

आदेश यहाँ देखें