17.1.17

पीलीभीत में परिषदीय शिक्षक के साथ जंगल में हुई लूट की घटना, पुलिस ने शिक्षक की नहीं लिखी FIR

पीलीभीत में शिक्षक के साथ जंगल में हुई लूट की घटना, पुलिस ने शिक्षक की नहीं लिखी FIR
आज दियोरिया जंगल के रास्ते में स्कूल से लौटते वक्त बाइक सवार शिक्षक हेतराम वर्मा जी को कुछ बदमाशों ने जंगल के रास्ते में  घर लौटते वक्त रोककर जमकर लूटपाट की, बदमाशों जूनियर विद्यालय के शिक्षक के पास
मोबाइल, नगदी और सामान लूट लिया. मामले की सूचना जब कोतवाली देने पहुंचे तो पुलिस ने घटना को सही नहीं माना और शिक्षक की घटना को मात्र बदमाशों द्वारा एक कोशिश बताया. सूचना मिलने तक अभी भी रिपोर्ट नहीं लिखी गयी.घटना आज स्कूल टाइम के बाद लगभग 3:30 PM की है.
हेतराम वर्मा बरखेडा ब्लाक के उच्च प्रा. विद्यालय मधवापुर में स.अ. पद पर कार्यरत है. रोजना जंगल पार अपने ग्राम से बाइक से स्कूल आते -जाते है.

7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन निर्धारण प्रपत्र का नवीन प्रारूप: देखें या डाउनलोड करें इसी प्रपत्र को भर कराएँ अपना नया वेतन निर्धारण

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कक्षा 01 से 08 तक के स्कूल हुए 19 तक बंद, प्राथमिक शिक्षक संघ की मांग पर अवकाश किया घोषित: शाहजहाँपुर

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शाहजहाँपुर


5000 शिक्षकों को नहीं मिला वेतन

19 तक विद्यालयों में किया अवकाश घोषित: सहारनपुर

अटेवा को मिला कम्युनिस्ट पार्टी का मिला समर्थन

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बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में माह जनवरी से मार्च 2017 तक के अवकाशों सूची: देखें किस-किस दिन रहेगा अवकाश

बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विद्यालयों में माह जनवरी से मार्च तक की अवकाश लिस्ट
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प्रोन्नति में आरक्षण को लेकर सियासत तेज, चुनाव में बना मुद्दा

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परिषदीय स्कूलों में घट गए 20 हजार बच्चे, रिपोर्ट में हुआ खुलासा: वाराणसी

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सुविधा शुल्क लेकर भी लेखाकार ने नहीं किया भुगतान,वित्त एवं लेखाधिकारी से की शिकायत

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समायोजित शिक्षक की नौकरी पर लटकी तलवार, नियमों अनदेखी कर दी नियुक्ति

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लेखाधिकारी की कार्यशैली से भड़के शिक्षक, BSA ऑफिस बना दंगल

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तबादलों के खेल से स्कूलों में लटके ताले, नियमों को ताक में रख किये स्थानांतरण

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निरीक्षण में बंद मिला स्कूल, जबाब तलब: लालगंज

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महिला कर्मियों को भी करनी पड़ेगी चुनाव ड्यूटी, आयोग ने जारी किया फरमान

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ऐसा स्कूल जहाँ होती है बायोमीट्रिक हाजिरी, अध्यापक और छात्र लगाते हैं अंगूठा

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स्कूल ड्रेस में भीख मांगती मिली लड़कियां बरामद

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आधार से नहीं जुड़े, कैसे मिलेगी पीएफ पेंशन

कानपुर : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन लेने के लिए आधार कार्ड को जोड़ना करना आवश्यक हो गया है। 31 जनवरी तक यह काम पूरा करना है किंतु 15 दिनों के बाद अब तक कानपुर रीजन में 10 फीसद कार्ड भी नहीं जुड़ सके हैं। आधार न जुड़ने से पेंशन भी फंस सकती है। कानपुर रीजन के 56,035 पेंशनर्स में से अभी तक 5,362 के पीपीओ से ही आधार कार्ड जुड़ सके हैं। आधार कार्ड जुड़ने की इस गति से तो मुश्किल
लगता है कि 31 मार्च तक सभी पेंशनर के पेंशन खातों से आधार जुड़ सकेगा। पूरे प्रदेश में 5,86,383 और बिहार में 1,77,362 पेंशनर हैं जिन्हें ईपीएफओ से पेंशन मिलती है। तीन जनवरी को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 की पेंशन एवं सहायता लाभ प्राप्त करने के लिए पेंशनर को आधार संख्या आवंटित होने का प्रमाण देना होगा।

7th pay commission में गलत हो रहा राज्यकर्मियों का वेतन निर्धारण, सुप्रीम कोर्ट ने भी गणना को गलत ठहराया: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गलतियां रोकने को उठाई मांग

लखनऊ : शासनादेशों की भाषा को कठिन, क्लिष्ट और द्विअर्थी ठहराते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने शासन से कार्यशाला आयोजित कर उन कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की मांग उठाई है, जिन पर शासनादेश के अनुसार वेतन निर्धारण का जिम्मा है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वेतन निर्धारण में गलती के कारण सेवानिवृत्ति के समय या उसके बाद रिकवरी की नौबत आ जाती है। कई बार इसमें सेवानिवृत्त कर्मचारी के साथ ही अनजाने में गलती कर बैठे वेतन निर्धारण करने वाले लिपिक को भी इसका खमियाजा भुगताना पड़ जाता है।
1राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि हर 10 वर्ष बाद केंद्र सरकार जब वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करती है, तब राज्य सरकार भी संवर्गो के अनुसार टुकड़ों में आदेश जारी करती है। इस काम में जो कर्मचारी शामिल होते हैं, उनके लिए भी यह हर साल का नियमित काम नहीं होता, इसलिए गड़बड़ी होने की गुंजाइश बढ़ जाती है। परिषद अध्यक्ष ने ऐसी गड़बड़ियां रोकने के लिए हर विभाग और हर संवर्ग के वेतन निर्धारण में लगे कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित कर उन्हें सूक्ष्म प्रशिक्षण दिए जाने की मांग वित्त विभाग से की है।
परिषद ने प्रमुख सचिव वित्त को भेजे पत्र में कहा है कि प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 20 से 25 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन जब उनका हिसाब होता है तो कई बार उनकी रिकवरी तथा कटौती की नौबत आ जाती है, क्योंकि शासनादेश का अपने हिसाब से अर्थ लगाकर वेतन निर्धारण करने वाला कर्मचारी संबंधित कर्मचारी को प्रतिमाह 10 से 15 रुपये तो कभी 100 से 150 रुपये अधिक का भुगतान करा देता है, लेकिन जब पेंशन तैयार होती है तो यह रकम अतिरिक्त मानी जाती है और सेवानिवृत्ति तक यह रकम बढ़ कर 50 से 60 हजार रुपये तक पहुंच जाती है।

बीएसए के खिलाफ चुनाव आयोग को पत्र, निर्वाचन कार्यो में रूचि न लेना BSA को पड़ा महंगा

इलाहाबाद : विधानसभा चुनाव के निर्वाचन कार्यो में रूचि न लेना जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को महंगा पड़ गया है। कैंप कार्यालय में सोमवार को हुई बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार ने बीएसए के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग को पत्र भेजने का निर्देश उप जिला निर्वाचन अधिकारी महेंद्र कुमार राय को दिया। साथ ही देर से बैठक में आने के लिए जमकर फटकारा भी। 1जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार की अध्यक्षता में एसडीएम और आरओ तथा निर्वाचन से संबंधित अन्य अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी अधिकारी निर्वाचन कार्य में लापरवाही न बरते
अन्यथा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक कोमल यादव को सभी बूथों को चेक कर मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त कराने का निर्देश दिया। सभी अपर जिलाधिकारियों तथा एसडीएम को फील्ड में जाकर कार्य करने का सुझाव दिया। अधिकारियों को भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट चेक कर नए नियमों का अध्ययन करने और निर्देशों का पालन की सलाह दी। ईवीएम की जानकारी करने को भी कहा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने आरओ को कम प्रतिशत वाले मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने तथा संबंधित बूथ के मतदाताओं को जागरूक करने को कहा। दिव्यांग मतदाताओं को मतदान कराने पर भी जोर दिया। अपर जिलाधिकारी आपूर्ति लक्ष्मीशंकर सिंह को 48 घंटे के भीतर शिकायतों के निस्तारण का निर्देश दिया। कॉल सेंटर न चालू होने पर उप सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को फटकार भी लगाई। चेतावनी दी कि 17 जनवरी तक सेंटर चालू हो जाए और प्रतिदिन शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर विशेष नजर रखने और वहां के मतदाताओं के साथ बैठक करने को भी कहा।



बढ़ी आवेदन की तिथि

इलाहाबाद विवि में सत्र 2016-17 के बीए/ बीएससी/बीकाम भाग1, 2 एवं 3 के भूतपूर्व छात्र-छात्रओं की परीक्षाओं के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है। ऐसे छात्र/छात्रएं जिन्होंने आवेदन पत्र अभी तक जमा किए हैं वे 25 जनवरी तक अपने आवेदन पत्र एवं शुल्क सम्बन्धित इकाई में जमा करें।

BTC अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़: तीसरे की परीक्षा नहीं चतुर्थ का प्रशिक्षण शुरू

इलाहाबाद : शिक्षक बनने की पढ़ाई करने वाले बीटीसी अभ्यर्थियों के साथ इन दिनों खिलवाड़ हो रहा है। जो अभ्यर्थी अभी तक चौथे सेमेस्टर में पहुंचे ही नहीं, उनका प्रशिक्षण शुरू करा दिया गया है, इन प्रशिक्षुओं को यह नहीं मालूम कि आखिर तीसरे सेमेस्टर का इम्तिहान कब होगा। अब तक परीक्षा न होने से आगामी अप्रैल माह में प्रशिक्षण पूरा हो पाने के आसार नहीं है। 1प्रदेश में वैसे तो बीटीसी 2013 प्रथम एवं द्वितीय काउंसिलिंग के युवाओं का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। वह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं, वहीं तृतीय काउंसिलिंग के अभ्यर्थियों का हाल बुरा है। उनकी दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा अगस्त-सितंबर 2016 में हुई थी। दिसंबर 2016 में ही तीसरे सेमेस्टर का इम्तिहान होना था, लेकिन अब तक उसका कार्यक्रम जारी नहीं हो सका है। जबकि कई
मर्तबा अभ्यर्थी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करके जल्द परीक्षा कराने की मांग कर चुके हैं। प्रदेश में ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या करीब तीन से चार हजार है। उन्हें हर बार आश्वासन जरूर मिला, लेकिन वह पूरा नहीं हो रहा है। अब तक परीक्षा की तारीख घोषित न होने से यह माह भी खाली जाने के आसार हैं। ताज्जुब यह है कि प्रशिक्षुओं की अभी तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई है, लेकिन चौथे सेमेस्टर का प्रशिक्षण शुरू करा दिया गया है। ज्ञात हो कि अभ्यर्थियों को चौथे सेमेस्टर में एक माह तक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाना होता है, ताकि उन्हें प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक दोनों में पढ़ाने की समझ रहे। अभ्यर्थियों को विद्यालयों के आवंटन का पत्र मिल गया है, लेकिन तीसरे सेमेस्टर के परीक्षा की तारीख नहीं मिल रही है।

अल्पसंख्यक कॉलेज में प्राइमरी टीचरों की प्रोन्नति कोटे को चुनौती

इलाहाबाद : प्रदेश के वित्त पोषित अल्पसंख्यक कॉलेजों में प्राइमरी अध्यापकों को 25 फीसदी प्रोन्नति कोटा लागू करने के खिलाफ अल्पसंख्यक कॉलेजों की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।1यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले, न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्णपीठ ने दिया है। खंडपीठ ने प्रकरण पूर्णपीठ को संदर्भित किया है कि क्या राज्य वित्त पोषित अल्पसंख्यक कॉलेज 25
नवंबर, 2005 के शासनादेश का पालन करने के लिए बाध्य है या नहीं। शासनादेश से वित्तपोषित सभी कॉलेजों के प्राइमरी स्कूल अध्यापकों को उच्च पद पर प्रोन्नति का 25 फीसदी कोटा तय किया है, जिसे यह कहते हुए याचिका में चुनौती दी गई है कि अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यकों को कॉलेज प्रबंधन का मूल अधिकार प्राप्त है। शासनादेश से 25 फीसदी प्रोन्नति के लिए बाध्य करना अल्पसंख्यकों के मूल अधिकारों का हनन है। याचियों का यह भी कहना है कि व्यक्तिगत अधिकार मूल अधिकार पर प्रभावी नहीं हो सकते। राज्य सरकार को अल्पसंख्यकों के प्रबंधकीय अधिकारों में हस्तक्षेप है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
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