![केन्द्रीय विद्यालय में इंटरव्यू के आधार पर सीधी प्राइमरी-टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों की भर्तियाँ](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhQjYii73lUKxFdJwhN8knRx3ELmOm-0lOu1wg_JU-4Dzdbp5Xi2XY8spvhwQfFaFoVIi1otwi0oEVjI9gOw0ZgfUgMfkhEkvbXEGYvIyO77QYweq-q4BTyqqbjBJAuF4p37wsUbAGeSg/s400/kvsjob.jpg)
11.3.17
शिक्षामित्रों सहित सभी शिक्षक भर्ती व समस्त केसों की तारीख 7 अप्रैल के लिए शिक्षामित्र संगठन ने किए टॉप मोस्ट वकील
मित्रों जैसा कि आप जानते हैं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में रजिस्ट्रार महोदय द्वारा शिक्षक भर्ती व अपने समस्त केसों की तारीख 7 अप्रैल तय की गई है। इस संबंध में हम लोग पिछले 3 दिन से दिल्ली में रह कर अपने वकीलों से बातचीत कर, आने वाली तारीख की तैयारी में जुटे हुए थे। और प्रयास में लगे हुए थे कि किसी तरह से हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के टॉप मोस्ट वकील श्री हरीश साल्वे जी से मुलाकात हो जाए, और आज इस कार्य में हम सफल हुए।
जिसमें हमने उनसे आने वाली 7 अप्रैल को माननीय सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के विषय में विस्तृत चर्चा की। और निवेदन किया कि यदि उस दिन केस लगता है तो आप हमारे केस में शत-प्रतिशत अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज करा कर हम समायोजित शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों का मान रखते हुए हमें केस जिताएं। जिस पर टॉप मोस्ट और जाने-माने वकील श्री हरीश साल्वे जी ने आश्वासन दिया कि आने वाली 7 अप्रैल को हम दिल्ली में ही रहेंगे और अगर 7 अप्रैल को केस लगेगा तो आपकी तरफ से आप के केस में पूरे मनोयोग से कोर्ट में जाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आप लोग चैन के साथ नौकरी कीजिए, मैं आप लोगों का केस अपने स्तर से देखूंगा। और विशेष रुचि लेते हुए इस केस को हल करुंगा। हमने उनसे अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए भी विशेष पैरवी के लिए आग्रह किया। जिस पर उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के लिए निर्देश कराने का प्रयास करूंगा।
मित्रों जिस तरह से आज हरीश साल्वे जी से बात हुई उससे हम पूर्ण आश्वस्त हुए कि जब भी फैसला आएगा तो केस हम ही जीतेंगे और फैसला हमारे ही पक्ष में आएगा। परंतु इस सब के लिए हम सबकी एकजुटता की अति आवश्यकता है। और आप सब के सहयोग की हमें बहुत आवश्यकता है। इसलिए आप सबसे निवेदन है कि आप आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन का बढ़ चढ़कर सहयोग करें जिससे हम माननीय सुप्रीम कोर्ट में हर तारीख़ पर अच्छे से अच्छे वकीलों को खड़ा कर सकें।
इसी के साथ आप लोग सोशल मीडिया पर एक खबर एक पार्टी विशेष के वरिष्ठ पदाधिकारी के बयान को लेकर पोस्ट देख रहे हैं जिसके संबंध में हम केवल इतना कहना चाहेंगे कि अभी तक आचार संहिता प्रभावी है और आप लोग राजनीति से दूर रहें तो बेहतर होगा। क्योंकि हमें और आपको नौकरी करनी है और राजनीति से दूर रहना है। कल उत्तर प्रदेश की गद्दी का निर्णय हो जाएगा। और इस समय हम केवल इतना ही कहना चाहेंगे कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने वह सरकार हमारी होगी। क्योंकि हम सरकारी कर्मचारी हैं। आने वाली सरकार सरकार से, चाहे जिसकी भी बने, से पूर्ण सामंजस्य बना कर आप लोगों के हितों के लिए आगे की लड़ाई लड़ेंगे। जिससे हमारे समायोजित शिक्षकों एवं शिक्षा मित्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।
इसी के साथ एक बार फिर आप से सहयोग की अपील करते हुए.....
जय शिक्षक......
जय शिक्षा मित्र.......
आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,
लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश।
जिसमें हमने उनसे आने वाली 7 अप्रैल को माननीय सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के विषय में विस्तृत चर्चा की। और निवेदन किया कि यदि उस दिन केस लगता है तो आप हमारे केस में शत-प्रतिशत अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज करा कर हम समायोजित शिक्षकों एवं शिक्षामित्रों का मान रखते हुए हमें केस जिताएं। जिस पर टॉप मोस्ट और जाने-माने वकील श्री हरीश साल्वे जी ने आश्वासन दिया कि आने वाली 7 अप्रैल को हम दिल्ली में ही रहेंगे और अगर 7 अप्रैल को केस लगेगा तो आपकी तरफ से आप के केस में पूरे मनोयोग से कोर्ट में जाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आप लोग चैन के साथ नौकरी कीजिए, मैं आप लोगों का केस अपने स्तर से देखूंगा। और विशेष रुचि लेते हुए इस केस को हल करुंगा। हमने उनसे अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन के लिए भी विशेष पैरवी के लिए आग्रह किया। जिस पर उन्होंने कहा कि बहुत ही जल्द इस संबंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के लिए निर्देश कराने का प्रयास करूंगा।
मित्रों जिस तरह से आज हरीश साल्वे जी से बात हुई उससे हम पूर्ण आश्वस्त हुए कि जब भी फैसला आएगा तो केस हम ही जीतेंगे और फैसला हमारे ही पक्ष में आएगा। परंतु इस सब के लिए हम सबकी एकजुटता की अति आवश्यकता है। और आप सब के सहयोग की हमें बहुत आवश्यकता है। इसलिए आप सबसे निवेदन है कि आप आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन का बढ़ चढ़कर सहयोग करें जिससे हम माननीय सुप्रीम कोर्ट में हर तारीख़ पर अच्छे से अच्छे वकीलों को खड़ा कर सकें।
इसी के साथ आप लोग सोशल मीडिया पर एक खबर एक पार्टी विशेष के वरिष्ठ पदाधिकारी के बयान को लेकर पोस्ट देख रहे हैं जिसके संबंध में हम केवल इतना कहना चाहेंगे कि अभी तक आचार संहिता प्रभावी है और आप लोग राजनीति से दूर रहें तो बेहतर होगा। क्योंकि हमें और आपको नौकरी करनी है और राजनीति से दूर रहना है। कल उत्तर प्रदेश की गद्दी का निर्णय हो जाएगा। और इस समय हम केवल इतना ही कहना चाहेंगे कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की बने वह सरकार हमारी होगी। क्योंकि हम सरकारी कर्मचारी हैं। आने वाली सरकार सरकार से, चाहे जिसकी भी बने, से पूर्ण सामंजस्य बना कर आप लोगों के हितों के लिए आगे की लड़ाई लड़ेंगे। जिससे हमारे समायोजित शिक्षकों एवं शिक्षा मित्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।
इसी के साथ एक बार फिर आप से सहयोग की अपील करते हुए.....
जय शिक्षक......
जय शिक्षा मित्र.......
आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,
लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश।
अनुदेशकों के मानदेय 17000 के प्रस्ताव पर शासन की लगी अन्तिम मुहर
अनुदेशको के मानदेय 17000 के प्रस्ताव पर शासन की लगी अन्तिम मुहर
मुख्यसचिव की अध्यक्षता मेEC-Executive Committee (राज्य कार्यकारिणी) की बैठक मे आज शासन द्वारा अनुदेशक मानदेय 17000 के प्रस्ताव पर अंतिम मोहर लग गई।विस्तार से शामतक या कल सुबह तक बताया जाएगा।
मुख्यसचिव की अध्यक्षता मेEC-Executive Committee (राज्य कार्यकारिणी) की बैठक मे आज शासन द्वारा अनुदेशक मानदेय 17000 के प्रस्ताव पर अंतिम मोहर लग गई।विस्तार से शामतक या कल सुबह तक बताया जाएगा।
रसोइयों को दो हजार मानदेय का प्रस्ताव
लखनऊ : मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने वर्ष 2017-18 के लिए मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण की 2432.82 करोड़ रुपये की प्रस्तावित वार्षिक कार्ययोजना को मंजूरी देते हुए उसे केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजने का निर्देश दिया है। प्रस्तावित कार्ययोजना में वर्ष 2017-18 में प्रदेश के 3,97,829 रसोइयों को प्रतिमाह दो हजार रुपये मानदेय देने का प्रस्ताव है। अभी रसोइयों को एक हजार मासिक रुपये मानदेय मिलता है। मुख्य सचिव शुक्रवार को मध्याह्न् भोजन प्राधिकरण उत्तर प्रदेश प्रबंधकारिणी समिति की 21वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मौजूद सचिव बेसिक शिक्षा अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रस्तावित कार्ययोजना में जिलों में 1024 किचन कम स्टोर बनाये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
![रसोइयों को दो हजार मानदेय का प्रस्ताव](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjbc3BQiJmjz-_xi0cFjpsc8Z3fYqw6deRVWuP6RP2nWktd5jJdskAlpJU3Npz-MkaQNBENEOQvW76dKA4lyV_Z6CmKQB6QNzx04hVVjdFKGlhi0mCT11w7E-Lr7uqPt33-M5SvAArIIA/s1600/cook-salary.jpg)
![रसोइयों को दो हजार मानदेय का प्रस्ताव](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjbc3BQiJmjz-_xi0cFjpsc8Z3fYqw6deRVWuP6RP2nWktd5jJdskAlpJU3Npz-MkaQNBENEOQvW76dKA4lyV_Z6CmKQB6QNzx04hVVjdFKGlhi0mCT11w7E-Lr7uqPt33-M5SvAArIIA/s1600/cook-salary.jpg)
मृतक आश्रित नियुक्ति योजना तात्कालिक सहायता देना है न कि नौकरी देना
इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने कहा है कि मृतक आश्रित नियुक्ति योजना परिवार पर अचानक आये संकट से उबरने के लिए परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की है। इसका आशय यह नहीं कि आश्रित जब चाहे नियुक्ति की मांगकर सकता है। यदि मृतक कर्मचारी की संतान नाबालिग है तो उसकी पत्नी की नियुक्ति की जा सकती है, ताकि वह परिवार को आर्थिक संकट से बचा सके। कोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी की मौत के आठ साल बाद आश्रित की नियुक्ति योजना के उद्देश्य को अर्थहीन बना देगी। कोर्ट ने कहा है कि आठ साल बाद आश्रित की नियुक्ति की मांग उचित नहीं है, अनुच्छेद 14 के विपरीत है।
![मृतक आश्रित नियुक्ति योजना तात्कालिक सहायता देना है न कि नौकरी देना](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1KjY83oRK_5vJcef4z94BCZWYM-91dMH3N_h8NH7SDAzzRD-RV9A-jtTINPy0nD6BYVPAE964ydgMVv8BzyWon4_Ldy4eXiWyzJLPQyBhZDxCPVSF-6MuJY_PcZwTlJE_4hiPQy58Eg/s1600/mrutak-asharit.jpg)
कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण इलाहाबाद के कृष्णा पाठक के पुत्र को नौकरी पर रखने के आदेश को रद कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रमनाथ तथा न्यायमूर्ति दयाशंकर त्रिपाठी की खंडपीठ ने भारत संघ की तरफ से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची की तरफ से सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने कहा है कि न्यायाधिकरण का आदेश मृतक आश्रित सेवा नियमावली के उपबंधों एवं मानकों के विपरीत है। याची के पति मिलिट्री एरिया में पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे। सेवाकाल में तीन अगस्त 1999 को उनकी मौत हो गयी। 18 फरवरी 2008 को आश्रित की नियुक्ति की अर्जी दी गयी। साढ़े आठ साल बाद दाखिल अर्जी पर विचार करते हुए विभाग ने 2011 में अर्जी निरस्त कर दी। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने नियुक्ति पर विचार का दिया था निर्देश जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी।
सुप्रीमकोर्ट में बीएड भर्ती खिलाफ पड़ी याचिका की सुनवाई का सार
सुप्रीम कोर्ट में बीएड खिलाफ पड़ी याचिका की सुनवाई कोर्ट न० 2 में 14 न० पे होनी थी। केस का न० आने पर चूँकि राज्य सरकार का अधिवक्ता कोर्ट में मौजूद नहीं था। इसलिए यह याचिका एड्जर्नड हो गयी है।
इस केस की सुनवाई अप्रैल में होगी। तारीख की जानकारी आपको रजिस्ट्रार से पता करने पर दी जायेगी। आज तो बीएड वालो के तरफ से कोर्ट में अधिवक्ताओं की भीड़ देखने लायक थी। आज उनके खिलाफ एक याचिका क्या पड़ी उनके पैर से जमीन खिसकती नज़र आने लगी। मिशन सुप्रीम कोर्ट इस याचिका के प्रति गंभीर है। और अपने मान सम्मान की लड़ाई में कही से पीछे नहीं हटेगा।
© मिशन सुप्रीम कोर्ट।
इस केस की सुनवाई अप्रैल में होगी। तारीख की जानकारी आपको रजिस्ट्रार से पता करने पर दी जायेगी। आज तो बीएड वालो के तरफ से कोर्ट में अधिवक्ताओं की भीड़ देखने लायक थी। आज उनके खिलाफ एक याचिका क्या पड़ी उनके पैर से जमीन खिसकती नज़र आने लगी। मिशन सुप्रीम कोर्ट इस याचिका के प्रति गंभीर है। और अपने मान सम्मान की लड़ाई में कही से पीछे नहीं हटेगा।
© मिशन सुप्रीम कोर्ट।
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