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यूपी, उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में 4 फरवरी से 8 मार्च तक होंगे चुनाव

चुनाव आयोग ने यूपी, उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इन राज्यों में 4 फरवरी से 8 मार्च तक चुनाव होंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। सभी राज्यों के चुनाव एक साथ होंगे।

मतदान कब, कहां

गोवा में 4 फरवरी को 
पंजाब में 4 फरवरी को 
उत्तराखंड में 15 फरवरी को 
मणिपुर में 4 मार्च और 8 मार्च को 
उत्तर प्रदेश में मतदान सात चरण में होंगे। पहला चरण- 11 फरवरी, दूसरा चरण- 15 फरवरी, तीसरा चरण- 19 फरवरी, चौथा चरण- 23 फरवरी, पांचवां चरण- 27 फरवरी, छठा चरण- 4 मार्च, सातवां चरण- 8 मार्च। 

जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर हैं। इन पांच राज्यों में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं।

जैदी ने बताया कि मतदाताओं को रंगीन वोटर गाइड मिलेंगे। 1 लाख 85 हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। 16 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। पांच राज्यों में 690 सीटों पर मतदान होंगे।

उन्होंने बताया कि सभी राज्यों में ईवीएम से मतदान होगा। मतदाता नोटा का इस्तेमाल कर सकेंगे। कुछ जगहों पर महिलाओं के लिए अलग से मतदान केंद्र होंगे। कई राज्यों में ईवीएम पर नाम के साथ उम्मीदवारों की फोटो भी दिखेगी।

आज से ही पांच राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। उम्मीदवारों को 20 हजार से ज्यादा का खर्च चेक से करना होगा। टीवी से प्रचार होने पर वह खर्च में जोड़ा जाएगा। 

केंद्र सरकार ने इन पांच राज्यों में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षाबलों के 85000 जवानों को उपलब्ध कराने की बात कही है।

किस राज्य में किसकी सरकार

यूपी में सपा, उत्तराखंड में कांग्रेस, पंजाब में अकाली और भाजपा गठबंधन, गोवा में भाजपा और मणिपुर में कांग्रेस की सरकार है। अखिलेश यादव यूपी, हरीश रावत उत्तराखंड, प्रकाश सिंह बादल पंजाब, ओकराम इबोबी सिंह मणिपुर और लक्ष्मीकांत पारसेकर गोवा के मुख्यमंत्री हैं।

पांचों राज्यों में हालिया स्थिति

उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश में फिलहाल समाजवादी पार्टी की मेजोरिटी सरकार है और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं। यूपी में पार्टियों के पास हैं इतने सिटिंग एमएलए-
कुल सीट: 403
समाजवादी पार्टी- 203
बहुजन समाज पार्टी- 80
भारतीय जनता पार्टी- 40, 
कांग्रेस- 28
राष्ट्रीय लोकदल के पास- 8
पीस पार्टी- 4
अन्य- 11

मणिपुर:
मणिपुर में फिलहाल कांग्रेस की मेजोरिटी सरकार है। इस राज्य में 60 में से 50 सीटें जीतकर कांग्रेस ने 2012 में अपना दबदबा कायम रखा था। यहां फिलहाल ओकराम इबोबी सीएम हैं।
कुल सीटें: 60
कांग्रेस- 50
बीजेपी- 1
एनपीएफ- 4 
खाली- 5

गोवा:
गोवा में बीजेपी की मेजोरिटी वाली सरकार है। यहां लक्ष्मीकांत पार्सेकर सीएम हैं।
कुल सीट: 40
बीजेपी- 27
कांग्रेस- 7 
अन्य- 10
खाली-2

पंजाब: पंजाब में बीजेपी समर्थित अकाली सरकार है। यहां फिलहाल अकाली चीफ प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री हैं।
कुल सीट: 117
शिरोमणि अकाली दल- 54 
बीजेपी- 11
कांग्रेस- 49 सीटें हैं लेकिन फिलहाल सभी विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। 
अन्य- 3

उत्तराखंड:
कांग्रेस में एक 10 कांग्रेस के और एक बीजेपी के विधायक को अयोग्य ठहरा दिए जाने के बाद कांग्रेस की बसपा, उक्रांद और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन वाली सरकार है। यहां कांग्रेस के हरीश रावत सीएम हैं। 
कुल सीट: 71
प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट-
कांग्रेस: 26
बसपा: 2
यूकेडी: 1 
स्वतंत्र: 3
नोमिनेटेड: 1

विपक्ष- 
बीजेपी: 27
स्पीकर:1 
(बीजेपी का 1 और कांग्रेस के 10 विधायक अयोग्य होने से मेजोरिटी के लिए सिर्फ 31 विधायकों की ज़रुरत है)

मुलायम सिंह से मिलने दिल्ली पहुंचे शिवपाल

Election Commission likely to announce assembly poll dates today

यूपी में आचार संहिता लागू, जानिए क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता ?

*यूपी में आचार संहिता लागू, जानिए क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता ?*

लखनऊ. यूपी में चुनावी काउंट डाउन शुरू हो गया है। चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव का पहला चरण 11 फरवरी को होगा, वहीं अंतिम और सातवां चरण 8 मार्च को होगा। सभी राज्यों में मतगणना 11 मार्च को होगी। इसके साथ ही पांचों राज्यों में राज्यों में आज से ही आचार संहिता लागू हो गई है।
*आदर्श चुनाव आचार संहिता*आदर्श चुनाव आचार संहिता यानी वे नियम जिनका पालन उम्मीदवारों और उनकी पार्टियों के लिए चुनाव के दौरान करना जरूरी है। इन नियमों को राजनीतिक दलों के साथ समन्वय और उनकी सहमति के साथ ही बनाया गया है, ताकि चुनाव के दौरान पारदर्शिता होने के साथ ही सभी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर प्रदान किए जा सकें। चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही संबंधित राज्य में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो जाती है और सभी सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों के चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश का ही पालन करना होगा। ये नियम राजनीतिक पार्टी के समन्वय और सहमति के साथ ही बनाए गए हैं। कम शब्दों में समझें तो चुनाव आदर्श आचार संहिता का मतलब है कि देश की कोई भी सरकार (केंद्र या राज्य), मंत्री या अधिकारी नई योजना की शुरुआत या घोषणा नहीं कर सकते। इसके अलावा प्रत्याशी और राजनीतिक दलों को रैली करने, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए इजाजत लेनी होगी और इसकी जानकारी पुलिस को देनी होगी। आचार संहिता की मुख्य बातें :
*इन पर भी रखना होगा ध्यान-* कोई भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे अलग-अलग समुदायों के बीच वैमनस्य की भावना को बढ़ावा मिले।- राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशियों पर निजी हमले नहीं किए जा जाने चाहिए, हालांकि उनकी नीतिगत आलोचना की जा सकती है।- मतदाताओं को किसी भी प्रकार के प्रलोभन या किसी धमकी के जरिए वोट देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।- मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार संबंधी किसी भी तरह की सार्वजनिक रैली और बैठक प्रतिबंधित है।- मतदान के दिन मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता।- प्रत्याशी या राजनीतिक दल मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने ले जाने के लिए वाहन मुहैया नहीं करा सकते।- चुनाव प्रचार के दौरान आम लोगों की निजता या व्यक्तित्व का सम्मान होना चाहिए।- प्रत्याशी या राजनीतिक दल किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति का इस्तेमाल उसकी इजाजत के बिना नहीं कर सकते।- राजनीतिक पार्टियों को सुनिश्चित करना जरूरी है कि उनके कार्यकर्ता दूसरी राजनीतिक पार्टियों की रैली आथवा सभाओं में किसी भी तरह से बाधा नहीं डालेंगे।- राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को रैली, जुलूस अथवा मीटिंग करने से पहले स्थानीय पुलिस को जानकारी देकर प्रस्तावित कार्यक्रम का समय और स्थान बताना होगा।- किसी इलाके में निषेधाज्ञा लागू होने पर इससे छूट पाने के लिए प्रशासन की अनुमति जरूरी होगी।- किसी भी स्थिति में पुतला जलाने की इजाजत नहीं होगी
सत्ताधारी पार्टी के लिए दिशा-निर्देश- चुनाव की घोषणा होने के बाद संबंधित सरकार आदर्श चुनाव आचार संहिता के दायरे में आ जाएगी।- इस दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री कोई भी नई घोषणा नहीं कर सकते।- सरकारी दौरों को चुनाव प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।- चुनाव प्रचार के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं हो सकता।- सरकारी मशीनरी, सरकारी वाहन, सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाओं का इस्तेमाल चुनाव संबंधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है।- चुनाव आचार संहिता के दौरान सरकार कैबिनेट की बैठक नहीं कर सकती।- अधिकारियों, कर्मचारियों के तबादले और तैनाती संबंधी मामलों में चुनाव आयोग की अनुमति ली जानी अनिवार्य है।
आयोग की शर्तेंटीवी चैनल पर प्रचार हुआ तो प्रत्याशी के खाते में खर्च दर्ज होगा।20 हजार से ज्यादा भुगतान चेक से होगा28 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी
NOTE:- यहां पर पूरे नियम व शर्तें नहीं हैं। इनके अलावा कुछ और नियम चुनाव आयोग ने बनाए होंगे, उन्हें भी फॉलो करना होगा।

*5 राज्यो में आज से आचार संहिता लागू*

*5 राज्यो में आज से आचार संहिता लागू*

★ उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तराखंड गोवा और मणिपुर में होंगे चुनाव।
★ EVM और बैलेट पेपर पर लगेंगे उम्मीदवार के फोटो
★ उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा 28 लाख
★मणिपुर और गोवा के लिए 20 लाख खर्च की सीमा
★ उम्मीदवार बैंक में अपना अकाउंट खुलवा लेंगे , 20000 से ऊपर की खर्च की पेमेंट चेक से करनी होगी
★ उम्मीदवारों को बताना होगा कि उन पर पानी बिजली और किराए का कोई बकाया बाकी नहीं है
★ स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी
★ सोशल मीडिया के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश
★ विभिन्न चैनलों पर चलाए जाने वाले पेड न्यूज़ पर चुनाव आयोग की रहेगी नजर
★चुनाव आयोग में पांच राज्यों में चुनाव का ऐलान किया, इसी के साथ पांच राज्यों में आचार संहिता लागू।
★ प्रत्याशियों को भारतीय नागरिकता का शपथ पत्र देना होगा
★ प्रत्याशियों को बकाया का भी शपथ पत्र देना होगा
★ चुनाव प्रचार में प्लास्टिक की सामग्री के इस्तेमाल की इजाजत नहीं होगी
★ लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रात 10:00 बजे से 6:00 बजे तक नहीं होगा
★ सभी राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे
★ गोवा में डेट ऑफ नोटिफिकेशन 11 जनवरी,  नामांकन की अंतिम तिथि 18 जनवरी, गोवा में चुनाव की तिथि 4 फरवरी 2017। गोवा में 40 सीटों पर चुनाव होगा
★ पंजाब में 11 जनवरी को नोटिफिकेशन जारी होगा, नामांकन की अंतिम तिथि 18 जनवरी, पंजाब राज्य में चुनाव 4 फरवरी 2017 को होंगे।

★ उत्तराखंड में 70 सीटों पर चुनाव होंगे। नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि 20 जनवरी। नामांकन की अंतिम तिथि 27 जनवरी होगी। उत्तराखंड में एक चरण में चुनाव 15 फरवरी को होगा।

★ मणिपुर में 60 सीटों पर चुनाव होगा। यहां चुनाव 2 चरण में होंगे। पहले चरण में 30 सीटों का चुनाव होगा जिसका नोटिफिकेशन 8 फरवरी को घोषित होगा पांच चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 16 फरवरी और चुनाव की तिथि 4 मार्च को होगी। मणिपुर राज्य में दूसरे चरण के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन फरवरी को जारी किए जाएंगे नामांकन की अंतिम तिथि 18 फरवरी होगी और चुनाव की तिथि 8 मार्च होगी।

★ *उत्तर प्रदेश में 403 सीटों पर चुनाव होंगे। 7 चरणों में संपन्न कराए जाएंगे। पहले चरण में 73 सीटों के लिए मतदान कराए जायेंगे जिनमे 15 जिले शामिल होंगे,, चुनाव की तिथि 11 फरवरी होगी।*

*दूसरे चरण का नोटिफिकेशन 20 जनवरी को लागू होगा नामांकन की अंतिम तिथि 28 जनवरी होगी और चुनाव 15 फरवरी को होंगे। इस चरण में उत्तराखंड के पास वाले जिलों में चुनाव होंगे*

*तीसरे चरण में 69 सीटों पर मतदान कराया जाएंगे नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि 24 जनवरी अंतिम तिथि 30 जनवरी जिसकी चुनाव तिथि 4 फरवरी है।*

*चौथे चरण 53 सीटों के लिए चुनाव होंगे जिसका नोटिफिकेशन 30 जनवरी, नामांकन की अंतिम तिथि 6 फरवरी, चुनाव की तिथि 23 फरवरी होगी।*

*पांचवें चरण के चुनाव में 52 सीटों के लिए चुनाव होंगे और इसमें 11 जिले शामिल हैं, इसके नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि 2 फरवरी को नामांकन की अंतिम तिथि 9 फरवरी चुनाव की तिथि 27 फरवरी को होगी।*

*छठवे चरण में 49 सीटों के लिए चुनाव होगा इसमें साथ जिले शामिल है नोटिफिकेशन 8 फरवरी को जारी होगा नामांकन की अंतिम तिथि 15 फरवरी, चुनाव की तिथि 4 मार्च है।*

*अंतिम सातवें चरण के नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि 11 फरवरी को जारी होगी नामांकन की अंतिम तिथि 18 फरवरी और चुनाव की तिथि 8 मार्च को होगा 7 जिलो का चुनाव होगा।*

★ *मतगणना सभी राज्यो की एक साथ11 मार्च को सामूहिक रुप से होगी।*

क ख ग पढ़ाने वालीं अब पढ़ाएंगी कानून , इस काम को अंजाम देने के लिए नियुक्त हुआ विशेष पुलिस अधिकारी

9342 एलटी ग्रेड के आवेदन से कैंपस में उमड़ी भीड़

प्रदेश के राजकीय कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों के आवेदन से चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में आफत आ गई है। माइग्रेशन जमा नहीं होने से रुकी मार्कशीट जारी कराने के लिए बीएड सेक्‍शन में भीड़ उमड़़ रही है। विभिन्‍न जिलों से पहुंच रहे छात्र-छात्रा तत्‍काल मार्कशीट बनवाने के लिए परेशान हैं। सेक्‍शन में मात्र तीन कर्मचारी होने से छात्रों को इंतजार करना पड़ रहा है। मंगलवार को छात्रों ने कैंपस में प्रदर्शन भी किया।

मामला बीएड से जुड़ा है। एलटी ग्रेड में बीएड न्‍यूनतम अर्हता है। लेकिन बीएड में अधिकांश छात्र समय से माइग्रेशन जमा नहीं कराते। यूनिवर्सिटी ऐसे मामलों में केवल रिजल्‍ट जारी करती है, लेकिन मार्कशीट नहीं मिलती। चूंकि इस वक्‍त आवेदन प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में छात्र मार्कशीट लेने के लिए कैंपस पहुंच रहे हैं। लगातार भीड़ बढ़ रही है। छात्रों को तत्‍काल मार्कशीट चाहिए जबकि बीएड सेक्‍शन में मात्र तीन कर्मचारी हैं। ऐसे में छात्रों की भीड़ से सेक्‍शन में अव्‍यवस्‍था होने लगी है। मंगलवार को भी छात्रों ने मार्कशीट नहीं मिलने पर हंगामा किया। छात्रों ने सेक्‍शन में कर्मचारी और काउंटर की संख्‍या बढ़ाने की मांग की है। छात्रों के अनुसार जब तक आवेदन प्रक्रिया चलती है, यूनिवर्सिटी इसकी व्‍यवस्‍था करे।

अब सीतापुर के बीएसए पन्ना राम

बेसिक शिक्षा विभाग ने 3 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों के तबादले संशोधित कर दिए हैं। इनमें रायबरेली के बीएसए जीएस निरंजन का तबादला आदेश निरस्त कर दिया गया है। वहीं सीतापुर के बीएसए राजेन्द्र सिंह
का स्थानांतरण बांदा-बीएसए के पद पर किया गया था। यह तबादला निरस्त करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। वहीं कुशीनगर के बीएसए पन्ना राम को रायबरेली की जगह सीतापुर में बीएसए पद पर तैनाती दी गई है। विभाग के प्रमुख सचिव अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। विभाग ने सोमवार को 6 जिलों के बीएसए बदले थे।

सीएम के ड्रीम स्कूल को नहीं मिले टीचर, अब इन स्कूलों में शिक्षक 9342 एलटी ग्रेड भर्ती के जरिए आएंगे

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम स्कूलों को शिक्षक नहीं मिल सके। सरकार ने 2016-17 सत्र से ही मंडल मुख्यालयों पर एक-एक समाजवादी अभिनव स्कूल खोले थे। इलाहाबाद में 23 अप्रैल 2016 को दांदूपुर चाका में सीएम ने स्कूल का उद्घाटन किया था।

सीबीएसई से मान्यता प्राप्त इन स्कूलों में पहले सत्र में कक्षा 6 से 9 तक बच्चों को प्रवेश दिया गया। शुरूआत में राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को इस स्कूल से संबद्ध कर पढ़ाई शुरू की। 24 अगस्त को पद सृजन हुआ और अस्थायी (एडहॉक) रूप से नियुक्ति के आदेश दिए गए।
प्रधानाचार्य, प्रवक्ता, एलटी ग्रेड शिक्षकों के अलावा नॉन-टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति 29 फरवरी 2017 तक करने की योजना थी। लेकिन चार महीने बाद भी नियुक्ति नहीं हो सकी है। प्रदेश के सभी 18 मंडल मुख्यालयों में एक-एक स्कूल खोले गए हैं।
सृजित पदों की अर्हता, पद नाम, वेतन बैंड व वेतन ग्रेड आदि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में उक्त पदों के लिए तय सेवा शर्तों के अनुसार लागू किया गया है।
प्रत्येक स्कूल में एक प्रिंसिपल व 10 प्रवक्ता
प्रत्येक समाजवादी अभिनव स्कूल में एक प्रिंसिपल, 10 प्रवक्ता और सात एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रस्तावित है। दो क्लर्क और पांच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी रखे जाने हैं।
फिलहाल शिक्षकों को अटैच कर करवा रहे पढ़ाई
अभिनव स्कूल में फिलहाल राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को अटैच कर पढ़ाई कराई जा रही है। इलाहाबाद में प्रिंसिपल समेत 11 शिक्षक संबद्ध है। कक्षा 6 से 9 तक 290 सीट में से 262 पर बच्चों ने प्रवेश लिया है।
इनका कहना है
समाजवादी अभिनव स्कूल में फिलहाज राजकीय विद्यालय के शिक्षकों को संबद्ध कर पढ़ाई कराई जा रही है। इन स्कूलों में शिक्षक 9342 एलटी ग्रेड भर्ती के जरिए आएंगे।
कोमल यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक



IN ENGLISH: 
Chief Minister Akhilesh Yadav, the teacher could not dream schools. 2016-17 season, the divisional headquarters of the government on the one socialist innovative school opened. April 23 2016, in Allahabad Dandupur Chaka CM inaugurated the school.
CBSE affiliated schools from Class 6 to 9 in the first session, the children were admitted. Initially, state school teachers of the school of education associate. August 24 temporary posts and (ad hoc) ordered the appointment.
Principal, spokesman, LT grade teachers than non-teaching staff, 29 February 2017, it was planned to appoint. But after four months has not been appointed. All state schools have been opened, one in 18 divisional headquarters.
Qualification for post creation, job title, salary band and above pay grade and state posts in secondary schools has been implemented in accordance with the conditions set for the service.
Each school has a principal and 10 spokes
Each school has a principal socialist Innovation, 10 spokes and LT grade seven teachers have proposed. Two clerks and class IV employees, five are held.
Currently, teachers are undergoing studies attached
Government school teachers in the school at present innovative studies are being attached. 11 is associated with the principal teacher in Allahabad. Class 6 through 9 of the 290 seats on 262 children are enrolled.
They say
Innovative school Filhaj socialist state school teachers are being taught to associate. 9342 LT-grade teacher in these schools will be recruited through.
Gentle Yadav, district inspector of schools

पचास हजार बच्चों को नहीं मिली विज्ञान किट, ऐसे कैसे किले के परिषदीय विद्यालयों में अपग्रेड हो सकेगी बेसिक शिक्षा?

पचास हजार बच्चों को नहीं मिली विज्ञान किट, ऐसे कैसे किले के परिषदीय विद्यालयों में अपग्रेड हो सकेगी बेसिक शिक्षा?Fifty thousand children received science kits, which will be upgraded to Basic Education
in the schools council fort?

ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र ट्रांसफर हेतु फॉर्मेट।

ग्रामीण क्षेत्र से नगर क्षेत्र ट्रांसफर हेतु फॉर्मेट।

छह तक बंद रहेंगे माध्यमिक विद्यालय: प्रतापगढ़

छह तक बंद रहेंगे माध्यमिक विद्यालय: प्रतापगढ़

रसोइयों को सरकार कर रही बेरोजगार, अक्षय पात्र योजना का विरोध

रसोइयों को सरकार कर रही बेरोजगार, अक्षय पात्र योजना का विरोध

विद्यालयों पर मौजूद रहेंगे प्रधानाध्यापक, शीतावकाश के बाद भी शिक्षक खोलेंगे स्कूल

विद्यालयों पर मौजूद रहेंगे प्रधानाध्यापक, शीतावकाश के बाद भी शिक्षक खोलेंगे स्कूल

जब बेसिक शिक्षा में हुए आदेश पर आदेश

पीलीभीत : सर्व शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक के तबादला आदेश होने के बाद बीएसए ने अपना आदेश कर दिया, जो नियम विरुद्ध प्रतीत हो रहा है। आदेश पर आदेश होने से शिक्षकों में हलचल है। 1बेसिक शिक्षा विभाग में समेकित शिक्षा योजना, बालिका शिक्षा, सामुदायिक शिक्षा व प्रशिक्षण आदि के लिए जिला समन्वयकों की तैनाती है, जो अपने-अपने क्षेत्रों में योजनाओं का क्रियान्वयन कराते हैं। बेसिक शिक्षा
विभाग के जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) मधुबाला रानी तैनात हैं। सर्व शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक ने 15 दिसंबर को बरेली जनपद के लिए तबादला किया था, इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसहूद अख्तर अंसारी ने अपना एक आदेश जारी कर दिया। आदेश में कहा गया कि 17 दिसंबर को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त किया जाता है। जनपद बरेली में प्रतिनियुक्ति पर जिला समन्वयक बालिका शिक्षा के पद पर कार्यभार ग्रहण करना सुनिश्चित करें। अग्रिम आदेशों तक जिला समन्वयक प्रशिक्षण का कार्य भी देखती रहेगी। आदेश पर आदेश कर नियमों का उल्लंघन किया गया।

विद्यालय भवन जनता को समर्पित,

रसड़ा (बलिया ) : परिषदीय शिक्षा की गुणवत्ता को यह बेहद आवश्यक है कि विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाए। उक्त बातें रसड़ा के विधायक उमाशंकर सिंह ने मंगलवार को कहीं। 1 आदर्श प्राथमिक विद्यालय भीखमपुर, वृंदावन सरायभारती के प्रांगण में आयोजित विद्यालय के प्रवेश द्वार व चहादीवारी के
लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए विधायक ने कहा कि विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे पूर्व विधायक ने खंड शिक्षाधिकारी राकेश सिंह व वरिष्ठ शिक्षक सतीश सिंह के साथ विद्यालय के प्रवेश द्वार व चहारदीवारी का लोकार्पण किया। विद्यालय परिवार ने विधायक को अंगवस्त्रम व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। तेज प्रताप सिंह, जितेंद्र यादव, सतीश सिंह, विवेककानंद यादव, अजय सिंह, सुरेंद्र चौहान, शिवानंद शाह, आरती गुप्ता व गणोश यादव आदि मौजूद थे। अध्यक्षता रामराज सिंह व संचालन अनिल कुमार वर्मा ने किया

स्थानांतरण से सुधर जाएगी शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यालयों की स्थिति, शिक्षक संघ के प्रमुखों ने भी बताईं अपनी अपनी समस्याएं और उन्हें दूर करने के लिए विस्तार से उपाय भी सुझाए

बदायूं : शहरी परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक-शिक्षिकाओं का स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश मिलने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैयारी शुरू हो गई है। शासन के फैसले के बाद शिक्षक-शिक्षिकाएं ही नहीं विभागीय जिम्मेदार भी खुश हैं। पिछले छह वर्षों से शहरी विद्यालयों में स्थानांतरण प्रक्रिया बंद थी और तकरीबन सभी विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे थे। आलम यह था कि नगर क्षेत्र के 54 विद्यालयों
में 57 शिक्षक-शिक्षिकाएं कार्यरत हैं और 4483 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। अनुपात बढ़ाने के लिए 106 शिक्षकों की आवश्यकता है। निर्धारित प्रारूप पर 15 जनवरी तक आवेदन किए जाएंगे।1प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तमाम भर्तियां होने के बाद भी छात्र-शिक्षक अनुपात नहीं सुधरा। कुछ विद्यालयों को एकल संचालित किया गया तो कुछ में पढ़ाई चौपट हुई। एकल विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं अन्य विभागीय कामों की वजह से शिक्षण कार्य नहीं कर पाते थे। आलम यह है कि इन विद्यालयों में बीटीसी प्रशिक्षुओं की तैनाती कर शिक्षण कार्य कराया गया। तो व्यवस्था सुधारने को नियम विरुद्ध शिक्षकों को अटैच किया गया। कई बार व्यवस्थाएं सुधारने की शिकायतों के बाद भी विभाग शिक्षण कार्य व्यवस्थित करने में असमर्थ था। 1शासन से निकायों के विद्यालयों में स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश के बाद बांछें खिली हैं।ग्रामीण से शहर आने पर बनेंगे जूनियर1प्रक्रिया के अंतर्गत ग्रामीण विद्यालयों से आने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं शहर के विद्यालय में तैनाती लेने पर जूनियर बन जाएंगे। शासनादेश में कहा गया है कि शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से कनिष्ठ माने जाएंगे, वरिष्ठता सूची में उनका नाम उनके योगदान व जन्मतिथि के आधार पर जोड़े जाएंगे।1नगर के परिषदीय विद्यालयों में स्थानांतरण की नीति आने से शिक्षक-शिक्षिकाएं ही नहीं विभागीय जिम्मेदार भी खुश हैं। स्थिति से भली-भांति परिचित होने के बाद भी कुछ नहीं कर पा रहे थे।1- रावेंद्र सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदर्श वेलफेयर समायोजित शिक्षक संघ1ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में तो स्थिति तकरीबन सही है, शहर के विद्यालयों में शिक्षण कार्य न हो पाने की शिकायतें आ रही थीं, जिम्मेदार अब कुछ न कर पाने की बात नहीं कर सकेंगे।1असरार अहमद जिला मंत्री, जूनियर शिक्षक संघछात्र-शिक्षक अनुपात सुधारने के लिए बहुत अच्छा फैसला है। परिषदीय कार्यालय से ही स्थानांतरण होगा। शिक्षक-शिक्षिकाओं का लोड भी कम होगा। कामों को बांटने के साथ-साथ शिक्षण कार्य भी मन लगाकर कर सकेंगे।1- चक्रेश कुमार, जिलाध्यक्ष1शहरी विद्यालयों में स्थानांतरण प्रक्रिया संबंधी निर्देश प्राप्त हो गया है। नगर शिक्षा अधिकारी रिक्त पदों की सूचना मांगी गई है। सूचना एकत्र करने के बाद शासन को भेजी जाएगी और अग्रिम होगी।1- प्रेमचंद यादव, बीएसए1शहरी के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति बहुत ही बदतर है। शिक्षक-शिक्षिकाओं की कमी की वजह से शिक्षण कार्य सही प्रकार से नहीं हो पा रहा है। जिन विद्यालयों में शिक्षक हैं वह विभागीय कार्यों में व्यस्त हैं।1चंद्रकेश यादव, उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ1नगर क्षेत्र>>विद्यालयों की संख्या>>छात्र-छात्रओं की संख्या>>कार्यरत शिक्षक>> रिक्त

25 हजार छात्र बनेंगे सीएम स्वास्थ्य मित्र, यह होगा मानदेय

लखनऊ : कर्मचारियों, पेंशनभोगियों के कैशलेस सुविधा के बाद के फैसले के बाद सरकार ने अब स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता अभियान के लिए 25 हजार छात्रों को ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मित्र’ बनाने का निर्णय
लिया है। इन छात्रों की छह हफ्ते की इनटर्नशिप कराई जाएगी और 1000 रुपये का मानदेय भी जाएगा।1मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक कुमार मित्र ने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों व पेंशन भोगियों को समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत समाजवादी पेंशन धारकों केपरिवारों को सुपरस्पेशलिटी केयर की सुविधा के लिए स्मार्ट कार्ड बनाने का कार्य शुरू हो गया है। आलोक मित्र ने बताया कि कर्मचारियों, पेंशन भोगियों को मिलने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा और कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा के लिए प्रदेश के 1500 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें 800 अस्पताल निजी क्षेत्र के हैं। निजी चिकित्सालयों में अनुबंध के आधार पर कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। असाध्य एवं आकस्मिक रोगियों के चिकित्सालय में भर्ती होने पर दिल्ली, एनसीआर में स्थित निजी चिकित्सालयों में कैशलेस सुविधा के लिए अनुबंध का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा।

839 शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति का आदेश, शासनादेश जारी, बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने दिया बीएसए को इस संबंध में दिए निर्देश

  • ’>>सभी शिक्षकों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होगी
  • >>बेसिक शिक्षा सचिव ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर

इलाहाबाद : याची से प्रशिक्षु शिक्षक बने युवाओं की दिवाली भले ही अंधेरे में बीती, लेकिन होली में सभी रंग बिखरेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर शासन ने सभी 839 शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति का आदेश जारी किया है। परिषद सचिव ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिया है। उन्हें एक 
सप्ताह के भीतर नियुक्त करके वेतन, भत्ते आदि मुहैया कराने का आदेश हुआ है। बीएसए को यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन होंगी।1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के रूप में नियुक्ति पाने के लिए तमाम युवाओं ने न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। सात दिसंबर 2015 को शीर्ष कोर्ट ने निर्देश दिया था कि यदि याचिका करने वाले युवा शिक्षक बनने की अर्हता रखते हैं तो उन्हें तैनाती दी जाए। कोर्ट में उस समय याचिका करने वालों की संख्या 1100 बताई गई थी। इसके अनुपालन में परिषद ने 862 युवाओं को तदर्थ शिक्षक के रूप में तैनाती दे दी थी, क्योंकि तब तक इतने ही आवेदन प्राप्त हो सके थे। इन्हें प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के रूप में नियुक्ति मिली थी। उनका छह माह का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नौ व 10 सितंबर 2016 को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने परीक्षा कराई और उसका परिणाम छह अक्टूबर 2016 को जारी किया गया। इसमें 839 प्रशिक्षु शिक्षक सफल भी हो गए लेकिन उन्हें मौलिक नियुक्ति नहीं दी गई। अधिकारियों का कहना था कि विशेष अनुज्ञा याचिका के तहत नियुक्त 839 शिक्षकों का प्रकरण अभी शीर्ष कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए उन्हें सहायक अध्यापक पद पर तैनात करने के लिए शासन से अगला आदेश मिलने पर ही कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद करीब दो माह तक यहां धरना-प्रदर्शन किया था। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। बेसिक शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने इस प्रस्ताव पर मंगलवार को मुहर लगा दी। यह आदेश जारी होते ही परिषद सचिव ने भी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तदर्थ नियुक्ति देने के लिए निर्देश जारी कर दिए।

अपने लाडले के प्रवेश के लिए हो जाएं तैयार, अब देना होगा जन्म प्रमाणपत्र

इलाहाबाद : शहर के नामचीन स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह से फरवरी माह तक सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में प्रवेश फार्म मिलेंगे। नए शैक्षिक सत्र में अभिभावकों का प्रयास है कि अपने बच्चे का एडमीशन अच्छे स्कूल में कराएं। 1पतंजलि ऋषिकुल : पतंजलि ऋषिकुल में फार्म मिलना बंद हो गए हैं। जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों का प्रवेश फार्म लिया है उनके बच्चों का इंटरव्यू जनवरी के
अंतिम सप्ताह में होगा। प्रिसिंपल किरन कोचर ने बताया कि उनके यहां प्ले ग्रुप के बच्चों की उम्र पौने तीन साल से लेकर साढे चार वर्ष, केजी में साढ़े तीन से साढ़े चार वर्ष और प्रेप में साढ़े चार से साढ़े पांच वर्ष की आयु वाले बच्चों का प्रवेश होता है। बताया कि इंटरव्यू में अभिभावक से शैक्षिक स्तर संबंधी बातचीत की जाती है। 1गंगागुरुकुलम : स्कूल में बच्चों के प्रवेश फार्म 15 फरवरी से मिलेंगे। बच्चों का प्रवेश पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। कक्षा एक से होने वाले एडमीशन में विद्यार्थी की आयु छह वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा कक्षा छह व नौ में बच्चों का प्रवेश होगा। प्रिसिंपल अल्पना डे ने बताया कि कक्षा छह व नौ में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी से गणित, विज्ञान व अंग्रेजी विषय की लिखित प्रवेश परीक्षा होगी। 1वाईएमसीए : यहां पर बच्चों के प्रवेश फार्म फरवरी माह के प्रथम सप्ताह से मिलने की संभावना है। कक्षा एक से बच्चों का प्रवेश होगा। उनकी उम्र छह वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। आवेदन फार्म कितने रुपये में वितरित किया जाएगा यह मैनेजमेंट फार्म आने पर घोषित करेगा। 1केवी झलवा : केंद्रीय विद्यालय झलवा में विद्यार्थियों के प्रवेश फार्म 15 फरवरी से मिलना शुरू होंगे। आवेदन फार्म निश्शुल्क बांटे जाएंगे। प्रिसिंपल बृजेश पांडेय ने बताया कि प्रवेश के समय बच्चों की परीक्षा नहीं आयोजित होती है। 1बीबीएस स्कूल : स्कूल में प्रवेश के आवेदन फार्म 15 जनवरी से बांटे जाएंगे। प्रिसिंपल अलका श्रीवास्तव ने बताया कि नर्सरी में साढे चार वर्ष के बच्चों का प्रवेश लिया जाता है। उनके यहां कक्षा दस व 12 को छोड़कर शेष अन्य कक्षाओं में प्रवेश लिया जाता है। 1महाप्रभु पब्लिक स्कूल एंड कालेज : जनवरी के द्वितीय सप्ताह से प्रवेश के आवेदन फार्म बांटे जाएंगे।

प्ले स्कूलों के लिए पहली बार नियम और कानून,स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम एवं उपाय तय किए जाएंगे

पहली बार सरकार ने प्ले स्कूलों में खेल-खेल में शिक्षा लेने वाले नौनिहालों की फिक्र की है। सरकार इन प्री स्कूलों के लिए नियम-कानून लाने वाली है। ये तय कर दिया जाएगा कि प्ले स्कूल कैसे होंगे वहां खेलकूद, सुरक्षा और पढ़ाई के क्या इंतजाम होंगे और क्या सिखाया-पढ़ाया जाएगा। इस बारे में दिशा-निर्देश तय हो चुके हैं। एक दो सप्ताह में ही महिला एवं बाल विकास मंत्रलय प्री स्कूलों के लिए नियम कायदे जारी कर देगा। 1देश भर के प्ले स्कूलों को नियमों में बांधने का यह पहला है। अभी तक प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम कायदे तय नहीं हैं।
सरकार ने अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के तहत इन प्री स्कूलों को नियमों में बांधने का निर्णय लिया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी कहती हैं कि सरकार बहुत जल्द यानी सप्ताह-दस दिन में ही इस बाबत दिशा-निर्देश जारी करेगी। नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट (एनसीपीसीआर) ने इस संबंध में दिशा-निर्देश तैयार कर लिए हैं। इसके तहत प्ले स्कूलों को नियम कायदे में बांधा जाएगा। नये नियमों में तय होगा कि प्ले स्कूल के लिए कितना क्षेत्र होना चाहिए। उनका क्या स्तर होगा। शिक्षक और बच्चों का अनुपात क्या होगा यानी एक शिक्षक के भरोसे कितने बच्चे हो सकते हैं। वहां क्या पढ़ाया और सिखाया जायेगा। यानि उनका पाठ्यक्रम तय होगा। इस सबके साथ ही इन स्कूलों में सुरक्षा के इंतजाम और उपाय भी तय किये जाएंगे। 1स्कूल जाने वाले और अपनी परेशानी ठीक से न बता सकने वाले छोटे बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा के इंतजाम तय होना बड़ी बात होगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के तहत प्ले स्कूलों के लिए नियम बनाए जाएंगे। केयर के तहत बच्चों को पोषाहार दिया जाता है और टीकाकरण होता है। ये महिला एवं बाल विकास मंत्रलय व स्वास्थ्य मंत्रलय मिल कर करता है।1 शिक्षा का भाग मानव संसाधन विकास मंत्रलय के तहत आता है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रलय और मानव संसाधन मंत्रलय के बीच लंबी चर्चा हुई थी। बाद में तय हुआ कि ये भाग भी महिला एवं बाल विकास मंत्रलय ही देखेगा। इसके बाद मंत्रलय ने प्री स्कूलों के लिए नियम निर्देश लागू करने का फैसला किया। हालांकि आंगनवाड़ियों में भी छोटे बच्चों की प्री स्कूलिंग होती है लेकिन मंत्रलय के सूत्रों का कहना है कि वहां के लिए तो अभी भी नियम कायदे तय हैं। ये नये नियम कायदे विशेषतौर पर प्ले स्कूलों के लिए लाए जाएंगे क्योंकि बहुत से बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जाते इसलिए नियम निजी प्ले स्कूलों में भी बराबरी से लागू होंगे।

ए डी बेसिक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा आदेश

ए डी बेसिक ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजा आदेश की छात्रों की छुट्टी है शिक्षक स्कूलों में उपस्थित रहकर
मतदाता जागरूकता और बी एल ओ का कार्य पूर्व की भांति करते रहेंगे ।देखे आदेश की प्रति 👇👇

अब बीएड विभाग को अलग से ग्रेड नहीं, एक ही संस्था का नैक से दो बार नहीं कराना होगा मूल्यांकन, नैक से मिलती है पांच वर्ष को ग्रेडिंग

बीएड विभाग को अलग से ग्रेड नहीं, एक ही संस्था का नैक से दो बार नहीं कराना होगा मूल्यांकन
विश्व विद्यालयों व कालेजों को अब राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) में बीएड विभाग की अलग से ग्रेडिंग कराने की जरूरत नहीं है। नैक ने अलग-अलग ग्रेडिंग की समाप्त कर दी है।1 पहले बीएड व अन्य शैक्षिक विभागों का अलग-अलग मूल्यांकन होता था। इसके लिए नैक की अलग-अलग टीमें निरीक्षण करती थीं। बदली प्रक्रिया के तहत अब सभी विभागों व कार्यालयों का एक साथ मूल्यांकन किया जायेगा। दूसरी ओर अब सात के स्थान पर चार ग्रेडिंग प्वाइंट रखा गया है अर्थात अब सिर्फ ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ कटेगरी में से ही ग्रेड मिलेगा। 1नैक की तैयारी में जुटा विद्यापीठ1महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ अब नैक की तैयारी में जुट गया है। इस क्रम में सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) बनाने का काम तेज कर दिया गया है। रिपोर्ट फरवरी में नैक को भेजी जाएगी ताकि अक्टूबर तक मूल्यांकन कराया जा सके। विश्वविद्यालय के कर्मचारी इस कार्य में युद्ध स्तर पर जुट गए है।1ग्रेडिंग के आधार पर ही अनुदान1नैक से मूल्यांकन सभी उच्च संस्थानों के लिए बाध्यकारी है। नैक से प्राप्त ग्रेडिंग के अनुसार ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी )विश्वविद्यालयों को अनुदान मुहैया कराती है। ज्ञात हो कि नैक से मिलती है पांच वर्ष को ग्रेडिंग

मार्कशीट फर्जीवाड़े में रजिस्ट्रार निलंबित, आगरा का मामला

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