25.3.17
UPTET- 2011 के सभी याचिओ के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी
योगी जी और उनके मंत्री मंडल के एक्शन प्लान का आज पूरा प्रदेश कायल हो गया है और साथ साथ हमारा टेट मोर्चा रविन्द्र दादरी जी के प्रयासों का कायल हो गया है कम से कम कोई एक टेट नेता ऐसा मिला जो की बिना पैसे के लालच के पूरी तन्मयता से लगा हुआ है और कल जाकर प्रयास सफल हुआ। लखनऊ से कद्दावर साथी अशोक वर्मा जी की मेहनत किसी से छुपी नहीं है उनका भी बहुत बहुत आभार जो की सभी के लिए लगे हुए हैं।
माननीय उप मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री जी को दिए गए ज्ञापन का असर ये हुआ की हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जो की बेहद ईमानदार, दर्द को समझने बाले, ताबड़तोड़ निर्णय लेने वाले हैं इस उत्तर प्रदेश को सच में उत्तम प्रदेश बना कर रहेंगे।
हमारा ज्ञापन उनके जैसे ही संज्ञान में आया उन्होंने स्वयं रविन्द्र दादरी जी को फ़ोन करके मिलने के लिए बुलाया और हमारी सारी समस्या सुनी और कहा कि आप लोग निश्चिन्त रहे आपके साथ न्याय होगा प्रदेश का माहौल अब बदल चुका है और बहुत जल्द अधिकारियो से इस विशेय में चर्चा करेंगे और कहा कि 3 से 4 दिन में दोबारा तुम लोगो को बुलाया जायेगा।माननीय उप मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री जी को दिए गए ज्ञापन का असर ये हुआ की हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी जो की बेहद ईमानदार, दर्द को समझने बाले, ताबड़तोड़ निर्णय लेने वाले हैं इस उत्तर प्रदेश को सच में उत्तम प्रदेश बना कर रहेंगे।
दोस्तों ये हम सभी के लिए बहुत बड़ी बात है कि खुद मुख्यमंत्री महोदय अपनी बात को संज्ञान में ले रहे हैं।
माननीय मुख्यमंत्री जिंदाबाद
भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद
नरेंद्र मोदी जी जिंदाबाद
नोट - कार्य बेहद सलीके ढंग से हो रहा है कोई भी व्यक्ति इसमें दखल अंदाज़ी न करें सेल्फी बाज़ दूर रहे निश्चित सफलता मिलेगी।
सपा सरकार के टाइम में भर्ती हुए 2.37 लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट: News18India की खबर
सूबे में सरकारी नौकरियों पर सीएम योगी आदित्यनाथ की नजर टेढ़ी हो गई है. यही वजह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में 2.37 लाख शिक्षकों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगा है. आरोप है कि नियमों को दरकिनार कर रेवड़ियों की तरह से नौकरी बांटी गई हैं. इतना ही नहीं अखिलेश-मायावती शासनकाल की दरोगा-सिपाही भर्ती भी निरस्त हो सकती है.
सीएम बनते ही योगी आदित्यनाथ ने 23 तरह की भर्तियों पर रोक लगा दी है. इसमें से 22 भर्ती उच्च शिक्षा में सहायक प्रोफेसर से जुड़ी हुई हैं. प्रक्रिया के तहत करीब चार हजार से अधिक पदों पर भर्ती होनी है. वहीं बेसिक शिक्षक विभाग में 48 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया गया है. इस प्रक्रिया में अनुदेशकों के पद भी शामिल हैं.
बेसिक शिक्षा के 2.37 लाख पदों पर चल सकता है डंडा
बेशक सीएम बेसिक शिक्षा विभाग में 48 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा चुके हैं. लेकिन 2.37 लाख शिक्षक पदों पर भी खतरा मंडरा रहा है. जानकारों की मानें तो 1.65 शिक्षकों के वो पद हैं जिन पर शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाया गया है. शिक्षा का अधिकार एक्ट को किनारे कर बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर नियुक्ति दे दी गई है।
दूसरी ओर वर्ष 2011 में 72 हजार शिक्षक पदों पर हुई शिक्षकों की नियुक्ति पहले से ही विवादों में चल रही है. आरोप है कि शिक्षकों के टीईटी परीक्षा परिणाम में छेड़छाड़ की गई है. इस संबंध में शिक्षा निदेशक को जेल भी हुई थी. कई बार परीक्षा परिणाम बदला भी गया था. लेकिन अभी तक मामले में निपटारा नहीं हो पाया है.
दरोगा-सिपाही भर्ती पर भी होगी खास नजर
बसपा के शासनकाल 2011 में यूपी पुलिस सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती प्रक्रिया शुरु हुई थी. 4010 पदों पर भर्ती होनी थी. लेकिन 2012 में सपा की सरकार आने के बाद भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए भर्ती पर रोक लगा दी गई. जबकि प्रक्रिया के तहत चुने गए उम्मीदवार ट्रेनिंग कर रहे थे. इसी तरह 30 हजार पुलिस सिपाही भर्ती प्रक्रिया भी शक के दायरे में है. आशंका जताई जा रही है कि नजर पड़ते ही नए सीएम कभी भी इस भर्ती पर भी रोक लगा सकते हैं।
शिक्षकों की भर्ती पर लटकी तलवार, सरकार ने किया नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित
बहराइच : जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है। शासन के निर्देश के बाद प्रक्रिया स्थगित करने का आदेश बीएसए ने जारी किया है। विभाग में सहायक अध्यापकों व उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले दिनों काउंसि¨लग कराई गई। सहायक अध्यापक के जिले में 251 व उर्दू
शिक्षकों के 28 पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही थी। बीएसए डॉ.अमरकांत ¨सह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक गुप्ता का निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षकों के 28 पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही थी। बीएसए डॉ.अमरकांत ¨सह ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव अशोक गुप्ता का निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया स्थगित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अब स्कूलों में जींस टीशर्ट पहनकर नहीं जा पाएंगे गुरुजी, पहने शालीन कपड़े
बुलंदशहर: परिषदीय स्कूलों में शिक्षक जींस टी-शर्ट पहनकर पहुंचे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब सभी शिक्षकों को फार्मल ड्रेस (पेंट-शर्ट) में बच्चों को पढ़ाना होगा। शिक्षक-शिक्षिकाएं मनचाहे कपड़े पहनकर विद्यालय नहीं जाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाएं मनचाहे कपड़े पहनकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए पहुंच जाते थे। इस पर रोक लगाने के लिए शासन ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि अब कोई भी शिक्षक जींस टी-शर्ट पहनकर विद्यालय में नहीं पहुंचेगा। सभी शिक्षक फार्मल ड्रेस (पेंट-शर्ट) में समय से विद्यालय पहुंचकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाएं। जिलाधिकारी के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना ने सभी शिक्षकों को आदेश दिए हैं कि शनिवार से पेंट और शर्ट पहनकर विद्यालय पहुंचे और छात्र-छात्राओं को शिक्षित करें। उन्होंने कहा कि इस आदेश में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जो शिक्षक लापरवाही करेंगे, इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को भी आदेश दिया है कि अपने-अपने ब्लाक में लगातार निरीक्षक करें और जो भी शिक्षक जींस टी-शर्ट पहनकर पढ़ाता मिलता है। उनकी सूची बनाकर कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसे सभी शिक्षकों की वेतन वृद्धि रोकी जाएगी। दोबारा ऐसा करने पर निलंबित किया जाएगा। यदि तीसरी बार भी शिक्षक जींस टी-शर्ट में पढ़ाते मिलते हैं तो उनकी सेवा समाप्ति के लिए शासन को लिखा जाएगा।
बीएसए विभाग में अनुदेशकों की नियुक्ति पर लगी रोक
बुलंदशहर: शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग में होने वाली सभी नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। शासन की रोक के बाद जनपद में 600 अभ्यर्थियों के अरमानों पर पानी फिर गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जनपद में तत्काल रूप से रोक लगा दी है।
जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 600 अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। शासन ने तत्काल रूप से सभी भर्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। शासन से आदेश आते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। नियुक्ति के लिए बीएसए कार्यालय में चक्कर काट रहे अभ्यर्थियों को मायूसी हाथ लगी है। भर्ती प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों में रोष भी है, लेकिन वह सार्वजनिक विरोध नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने आदेश जारी किया है। नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक के कारण बीएसए कार्यालय में भी भीड़ कम दिखाई दी। अधिकतर अभ्यर्थी तो अधिकारियों से सिफारिश लगवाने के लिए किसी न किसी को लेकर पहुंच रहे थे। शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में अन्य दिनों की तरह भीड़ दिखाई नहीं दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना ने बताया कि शासन के आदेश पर सभी तरह की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। शासन का अग्रिम आदेश आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 600 अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। शासन ने तत्काल रूप से सभी भर्तियों पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। शासन से आदेश आते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने भी नियुक्तियों पर रोक लगा दी है। नियुक्ति के लिए बीएसए कार्यालय में चक्कर काट रहे अभ्यर्थियों को मायूसी हाथ लगी है। भर्ती प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों में रोष भी है, लेकिन वह सार्वजनिक विरोध नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने आदेश जारी किया है। नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक के कारण बीएसए कार्यालय में भी भीड़ कम दिखाई दी। अधिकतर अभ्यर्थी तो अधिकारियों से सिफारिश लगवाने के लिए किसी न किसी को लेकर पहुंच रहे थे। शुक्रवार को बीएसए कार्यालय में अन्य दिनों की तरह भीड़ दिखाई नहीं दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र सक्सेना ने बताया कि शासन के आदेश पर सभी तरह की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। शासन का अग्रिम आदेश आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।
68 फीसद अंक वाले शिक्षक भर्ती से होंगे बाहर, अभ्यर्थियों को हाई मेरिट देख लगा झटका
68 फीसद अंक वाले शिक्षक भर्ती से होंगे बाहर, अभ्यर्थियों को हाई मेरिट देख लगा झटका
फर्रुखाबाद : हाईस्कूल से स्नातक तक की परीक्षाओं में 68 फीसद अंक व बीटीसी में प्रथम आने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती से बाहर हो गए हैं।
अनारक्षित वर्ग के 90 पदों के लिए 72.03 कट आफ रहा। अभ्यर्थियों की मेरिट में हाईस्कूल अंक फीसद का दसवां भाग, इंटर प्रतिशत के दो गुने का 10वां और स्नातक में प्राप्तांक फीसद के चार गुने का दसवां भाग जोड़ा जाता है। बीटीसी प्रशिक्षण में सिद्धांत और प्रायोगिक में प्रथम आने पर 24 अंक जोड़े जाते। ऐसे में सभी परीक्षाओं के 68 फीसद से अधिक प्राप्तांक वाले आवेदक ही कट आफ में आ पाए।
ओबीसी के 49 पदों के लिए 70.15 व अनुसूचित जाति के 37 पदों के लिए 65.78 कट आफ रहा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के चार पदों के लिए कोई अभ्यर्थी नहीं आया।
फर्रुखाबाद : हाईस्कूल से स्नातक तक की परीक्षाओं में 68 फीसद अंक व बीटीसी में प्रथम आने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती से बाहर हो गए हैं।
अनारक्षित वर्ग के 90 पदों के लिए 72.03 कट आफ रहा। अभ्यर्थियों की मेरिट में हाईस्कूल अंक फीसद का दसवां भाग, इंटर प्रतिशत के दो गुने का 10वां और स्नातक में प्राप्तांक फीसद के चार गुने का दसवां भाग जोड़ा जाता है। बीटीसी प्रशिक्षण में सिद्धांत और प्रायोगिक में प्रथम आने पर 24 अंक जोड़े जाते। ऐसे में सभी परीक्षाओं के 68 फीसद से अधिक प्राप्तांक वाले आवेदक ही कट आफ में आ पाए।
ओबीसी के 49 पदों के लिए 70.15 व अनुसूचित जाति के 37 पदों के लिए 65.78 कट आफ रहा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के चार पदों के लिए कोई अभ्यर्थी नहीं आया।
शिक्षकों से न हो एनपीएस (NPS) की जबरन कटौती
रामपुर । विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने शिक्षकों से जबरन एनपीएस की कटौती न करने की मांग की है। इसको लेकर शिक्षकों ने बीएसए को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
शुक्रवार को तमाम शिक्षक एकत्र होकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय आ गए। इसके बाद शिक्षकों ने बीएसए को संबोधित ज्ञापन वित्त एवं लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल को सौंपा। उनका कहना था कि
नवनियुक्त शिक्षक एनपीएस को लेकर आशंकित हैं कि सेवानिवृत्ति पर उन्हें कितनी पेंशन माहवार या वार्षिक निर्धारित होगी। वहीं, हाईकोर्ट ने शिक्षकों की जीपीएफ कटौती का अंतरिम आदेश दिया था, जिसका विभागीय स्तर पर अब तक अनुपालन नहीं हो सका है। अब एनपीएस कटौती की बात कही जा रही है, जबकि किसी भी जिले में इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है। कहा कि अब प्रदेश में नई सरकार का भी गठन हो गया है और शिक्षकों को पुरानी पेंशन बहाली की पूरी उम्मीद है। ऐसे में शिक्षकों से जबरन एनपीएस की कटौती न की जाए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष जगदीश पटेल, एमपी ¨सह, अनुपम कुमार, लालता प्रसाद, प्रेमपाल ¨सह, लालता प्रसाद, रवेन्द्र कुमार आर्य, योगेन्द्र ¨सह, केशव कुमार आदि उपस्थित रहे।
शुक्रवार को तमाम शिक्षक एकत्र होकर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय आ गए। इसके बाद शिक्षकों ने बीएसए को संबोधित ज्ञापन वित्त एवं लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल को सौंपा। उनका कहना था कि
नवनियुक्त शिक्षक एनपीएस को लेकर आशंकित हैं कि सेवानिवृत्ति पर उन्हें कितनी पेंशन माहवार या वार्षिक निर्धारित होगी। वहीं, हाईकोर्ट ने शिक्षकों की जीपीएफ कटौती का अंतरिम आदेश दिया था, जिसका विभागीय स्तर पर अब तक अनुपालन नहीं हो सका है। अब एनपीएस कटौती की बात कही जा रही है, जबकि किसी भी जिले में इसकी शुरुआत नहीं हो सकी है। कहा कि अब प्रदेश में नई सरकार का भी गठन हो गया है और शिक्षकों को पुरानी पेंशन बहाली की पूरी उम्मीद है। ऐसे में शिक्षकों से जबरन एनपीएस की कटौती न की जाए। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष जगदीश पटेल, एमपी ¨सह, अनुपम कुमार, लालता प्रसाद, प्रेमपाल ¨सह, लालता प्रसाद, रवेन्द्र कुमार आर्य, योगेन्द्र ¨सह, केशव कुमार आदि उपस्थित रहे।
ऐसे बने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (DISTT. BSA): जानिए इस पोस्ट का सम्पूर्ण विवरण और चयन प्रकिया
पद
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शैक्षणिक योग्यता
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Distt. B.S.A./ Associate DIOS and Other equivalent administrative posts, Distt. Administrative Officer
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Post Graduate Degree
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी / सह जिला विद्यालय निरीक्षक एवं अन्य समकक्षीय प्रशासनिक पद , जिला प्रशासनिक अधिकारी
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स्नातकोत्तर उपाधि
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DIST. BSA का फुल फॉर्म क्या है ?
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DIST. BSA का फुल फॉर्म
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी है .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का चयन किसके द्वारा किया जाता है?
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का चयन राज्य लोक सेवा आयोग (STATE Public Service Commission -UPPSC) द्वारा किया जाता है .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी में जाने के लिए कितनी परीक्षाएं पास करनी होती हैं ?
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बनने के लिए आपको क्रमशः तीन परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी होंगी .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की परीक्षा में भाग लेने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर है .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की परीक्षा के लिए आयु सीमा कितनी है ?
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न्यूनतम 21 वर्ष
अधिकतम 40 वर्ष
OBC एवं ST/SC वर्ग को अधिकतम आयुसीमा में छुट दी गयी है
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की परीक्षा में आप कितनी बार बैठ सकते है?
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अवसरों की कोई बाध्यता नहीं
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क्या जो स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ चुके है तथा उनका रिजल्ट रुका हुआ है क्या वे इस परीक्षा में बैठ सकते हैं
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स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष की परीक्षा में बैठ चुके है तथा उनका रिजल्ट रुका हुआ है वे इस परीक्षा में बैठ सकते हैं
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए आवेदन पत्र कब आएगा .
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UPPSC वेबसाइट देखते रहे
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए परीक्षा कब आयोजित की जाती है .
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जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के लिए परीक्षा हर साल आयोजित की जाती है .
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एक लाख से अधिक ने किया बीएड में आवेदन
लखनऊ : बीएड के द्विवार्षिक कोर्स में दाखिले के लिए अभी तक एक लाख से अधिक अभ्यर्थी आवेदन फार्म भर चुके हैं। करीब 1.75 लाख अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने फार्म भरने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) को पूरी उम्मीद है कि इस बार आंकड़ा दो लाख के पार हो जाएगा। वहीं ऑनलाइन फार्म भरने में की गई त्रुटि को दूर करने के लिए भी ऑप्शन विद्यार्थियों को दिया जाएगा। अभी अभ्यर्थी 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन के लिए अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।1बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि ऑनलाइन फार्म भरने में जिन अभ्यर्थियों ने त्रुटि की है, उसे दूर करने के लिए ऑनलाइन फार्म एडिट का ऑप्शन दिया जाएगा। विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म खोलकर त्रुटि को दूर कर सकेगा। इसे फार्म भरने की प्रक्रिया पूरा होने के बाद ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य व ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए एक हजार रुपये व एससी-एसटी के अभ्यर्थियों के लिए 550 रुपये का फार्म मिल रहा है।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) को पूरी उम्मीद है कि इस बार आंकड़ा दो लाख के पार हो जाएगा। वहीं ऑनलाइन फार्म भरने में की गई त्रुटि को दूर करने के लिए भी ऑप्शन विद्यार्थियों को दिया जाएगा। अभी अभ्यर्थी 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन के लिए अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।1बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि ऑनलाइन फार्म भरने में जिन अभ्यर्थियों ने त्रुटि की है, उसे दूर करने के लिए ऑनलाइन फार्म एडिट का ऑप्शन दिया जाएगा। विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म खोलकर त्रुटि को दूर कर सकेगा। इसे फार्म भरने की प्रक्रिया पूरा होने के बाद ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। सामान्य व ओबीसी अभ्यर्थियों के लिए एक हजार रुपये व एससी-एसटी के अभ्यर्थियों के लिए 550 रुपये का फार्म मिल रहा है।
अमित शाह को पत्र भेज 3 लाख बीएड-टीईटी पास वालों की मांगी नियुक्ति, पढ़ें क्या लिखा है पत्र में..
टेट पास युवक राहुल गुप्ता ने 3 लाख टेट पास वालों की आवाज बुलंद करते हुए अमित शाह को पत्र भेज टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति मांगी , साथ ही शिक्षा मित्रों को सपा सरकार का वोट बैंक बताते हुए उनके अवैध समायोजन को हाई कोर्ट द्वारा रद्द करने की जानकारी दी
क्या लिखा है पत्र में :-
सेवा में ,
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी
महोदय ,
सविनय निवेदन है कि हम प्रार्थीगण बीएड टीईटी 2011 पास है ज़िसमे हमारी संख्या लगभग 300000 लाख थी और फिर भी सपा सरकार ने हमारे रहते प्राथमिक विधय़ालयो में अपने चहेतो 172000 शिक्षामित्रो का अवैध समायोजन कर दिया ज़िसके खिलाफ हम हाईकोर्ट गये और जहा लार्जर बेंच से जीते उसके बाद सपा सरकार उन्हे बचाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में एस.एल .पी दाखिल कर दिया और फिर कोर्ट ने शिक्षा मित्रो का मैटर विचाराधीन रखते हुये कोर्ट में लगभग तीस हजार बीएड टीईटी पास पार्टी थे उन्हे कोर्ट ने 24 फरवरी 2016 को नियुक्ति का अन्तरिम निर्देश दिया लेकिन सपा सरकार ने हमको भाजपा वोटबैंक समझते हुये कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया फिर 24 अगस्त और 17 नवम्बर 2016 को पुन: आदेश किया लेकिन सपा सरकार ने नहीं माना इतना नहीं सपा सरकार ने हमारा पाच साल आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया तभी हमारे संगठन ने घोषणा किया कि हमारे पूरे तीन लाख साथी उनके परिवारजन मित्र सभी बीजेपी को वोट करेंगे और वोट दिलवायेंगे ।
अत : अब उत्तर प्रदेश में आपकी सरकार से पूरी उमीद है कि भाजपा सरकार माननीय कोर्ट के आदेशो का पालन करते हुये हम बीएड टीईटी साथियो को नियुक्ति देगी आपसे एक निवेदन है कि यदि आप हमारे प्रतिनिधिमण्डल क़ो 10 मिनट का समय दे दे तो बहुत कृपा होंगी
आपका
राहुल गुप्ता
बीएड टीईटी संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
क्या लिखा है पत्र में :-
सेवा में ,
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी
महोदय ,
सविनय निवेदन है कि हम प्रार्थीगण बीएड टीईटी 2011 पास है ज़िसमे हमारी संख्या लगभग 300000 लाख थी और फिर भी सपा सरकार ने हमारे रहते प्राथमिक विधय़ालयो में अपने चहेतो 172000 शिक्षामित्रो का अवैध समायोजन कर दिया ज़िसके खिलाफ हम हाईकोर्ट गये और जहा लार्जर बेंच से जीते उसके बाद सपा सरकार उन्हे बचाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में एस.एल .पी दाखिल कर दिया और फिर कोर्ट ने शिक्षा मित्रो का मैटर विचाराधीन रखते हुये कोर्ट में लगभग तीस हजार बीएड टीईटी पास पार्टी थे उन्हे कोर्ट ने 24 फरवरी 2016 को नियुक्ति का अन्तरिम निर्देश दिया लेकिन सपा सरकार ने हमको भाजपा वोटबैंक समझते हुये कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया फिर 24 अगस्त और 17 नवम्बर 2016 को पुन: आदेश किया लेकिन सपा सरकार ने नहीं माना इतना नहीं सपा सरकार ने हमारा पाच साल आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया तभी हमारे संगठन ने घोषणा किया कि हमारे पूरे तीन लाख साथी उनके परिवारजन मित्र सभी बीजेपी को वोट करेंगे और वोट दिलवायेंगे ।
अत : अब उत्तर प्रदेश में आपकी सरकार से पूरी उमीद है कि भाजपा सरकार माननीय कोर्ट के आदेशो का पालन करते हुये हम बीएड टीईटी साथियो को नियुक्ति देगी आपसे एक निवेदन है कि यदि आप हमारे प्रतिनिधिमण्डल क़ो 10 मिनट का समय दे दे तो बहुत कृपा होंगी
आपका
राहुल गुप्ता
बीएड टीईटी संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश
अब होगी बायोमीटिक हाजिरी: मुख्यमंत्री का फरमान, भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी कार्यसंस्कृति अपनाने पर जोर
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने राजकीय विभागों में कामचलाऊ व्यवस्था को तत्काल बंद करने के साथ ही पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति अपनाने के निर्देश दिए हैं। दफ्तरों की कार्यपद्धति और रखरखाव को बेहतर करने का मंसूबा स्पष्ट करते हुए योगी ने अपेक्षा की कि जनता वहां पहुंचे तो सुखद अनुभूति होने के साथ राहत मिलनी चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों की हाजिरी के लिए बायोमीटिक प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए हैं।
1मुख्यमंत्री शुक्रवार को शास्त्री भवन के सभागार में अपने विभागों से संबंधित राज्यमंत्रियों, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। योगी ने उपस्थिति के लिए बायोमीटिक प्रणाली अपनाने पर जोर दिया ताकि हाजिरी लगाकर अनुपस्थित होने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग सके। सचिवालय में प्रवेश के लिए अनावश्यक और गैर जरूरी निर्गत किए गए प्रवेश पत्रों को निरस्त करने की स्पष्ट हिदायत दी है। उन्होंने सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था संसद की तरह सुनिश्चित करने पर जोर दिया। 1दलाल और गलत प्रवृत्ति के लोगों के प्रवेश पर अंकुश लगाने और समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की। योगी ने कांशीराम आवास योजना के अधूरे आवासों को पूरा करने और प्राथमिकता के आधार पर आवासहीनों को आवंटित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा। बैठक में राज्य सरकार में मंत्री स्वाती सिंह, डॉ. नीलकंठ तिवारी, सुरेश पासी, गिरीश चंद्र यादव, अतुल गर्ग, जयप्रताप निषाद तथा अर्चना पाण्डेय और मुख्य सचिव राहुल भटनागर तथा मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे। 1 चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी : अस्पतालों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर योगी ने नाराजगी जताई। कहा कि यह स्थिति बहुत खराब है और मानवता के खिलाफ यह अपराध भी है। उनकी सरकार सड़ी-गली व्यवस्था को सुधारने के लिए कृतसंकल्प है। राजकीय अस्पतालों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर जोर दिया। 1गेहूं क्रय नीति सीखने छत्तीसगढ़ जाएगी टीम : मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ से क्रय नीति सीखने पर जोर दिया। कहा कि एक टीम अध्ययन के लिए वहां जाएगी। वहां के अनुभवों को लागू करने के लिए टीम की संस्तुति पर तत्काल कार्रवाई की जाए। नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उन्होंने अफसरों को क्रय केंद्रों पर जाने के निर्देश दिए। 40 लाख मीटिक टन गेहूं खरीद को नाकाफी बताते हुए 80 लाख मीटिक टन लक्ष्य निर्धारित किया। गेहूं खरीद की मात्र एवं बैंक खाते में भेजी गई धनराशि से संबंधित संदेश किसानों के मोबाइल पर भेजने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। 1एंटी रोमियो स्क्वाड बरते संयम : मुख्यमंत्री ने एंटी रोमियो स्क्वाड के लिए संयम बरतने की हिदायत दी है। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा को स्पष्ट हिदायत दी है कि यदि कोई युवक-युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं तो उन पर कतई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। 1बहुरेंगे सहकारी समितियों के दिन : योगी ने सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इनकी खराब स्थिति का लाभ बिचौलिए उठा रहे हैं। विभागीय प्रमुख सचिव को जवाबदेह बनाते हुए उन्होंने 16 बंद पड़े कोऑपरेटिव बैंकों का भी ब्यौरा तलब किया। 1राज्य सरकार 100 दिनों का तय करेगी लक्ष्य : थानों एवं तहसीलों में फरियादियों के लिए बैठने एवं पानी पीने की व्यवस्था अवश्य की जाए। शीघ्र राज्य सरकार 100 दिनों के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर जनता से मिलने और उनकी समस्याओं के निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी।
1मुख्यमंत्री शुक्रवार को शास्त्री भवन के सभागार में अपने विभागों से संबंधित राज्यमंत्रियों, प्रमुख सचिव और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। योगी ने उपस्थिति के लिए बायोमीटिक प्रणाली अपनाने पर जोर दिया ताकि हाजिरी लगाकर अनुपस्थित होने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग सके। सचिवालय में प्रवेश के लिए अनावश्यक और गैर जरूरी निर्गत किए गए प्रवेश पत्रों को निरस्त करने की स्पष्ट हिदायत दी है। उन्होंने सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था संसद की तरह सुनिश्चित करने पर जोर दिया। 1दलाल और गलत प्रवृत्ति के लोगों के प्रवेश पर अंकुश लगाने और समस्याओं के त्वरित निस्तारण की अपेक्षा की। योगी ने कांशीराम आवास योजना के अधूरे आवासों को पूरा करने और प्राथमिकता के आधार पर आवासहीनों को आवंटित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा। बैठक में राज्य सरकार में मंत्री स्वाती सिंह, डॉ. नीलकंठ तिवारी, सुरेश पासी, गिरीश चंद्र यादव, अतुल गर्ग, जयप्रताप निषाद तथा अर्चना पाण्डेय और मुख्य सचिव राहुल भटनागर तथा मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे। 1 चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर नाराजगी : अस्पतालों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर योगी ने नाराजगी जताई। कहा कि यह स्थिति बहुत खराब है और मानवता के खिलाफ यह अपराध भी है। उनकी सरकार सड़ी-गली व्यवस्था को सुधारने के लिए कृतसंकल्प है। राजकीय अस्पतालों में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर जोर दिया। 1गेहूं क्रय नीति सीखने छत्तीसगढ़ जाएगी टीम : मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद का लक्ष्य बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ से क्रय नीति सीखने पर जोर दिया। कहा कि एक टीम अध्ययन के लिए वहां जाएगी। वहां के अनुभवों को लागू करने के लिए टीम की संस्तुति पर तत्काल कार्रवाई की जाए। नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उन्होंने अफसरों को क्रय केंद्रों पर जाने के निर्देश दिए। 40 लाख मीटिक टन गेहूं खरीद को नाकाफी बताते हुए 80 लाख मीटिक टन लक्ष्य निर्धारित किया। गेहूं खरीद की मात्र एवं बैंक खाते में भेजी गई धनराशि से संबंधित संदेश किसानों के मोबाइल पर भेजने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। 1एंटी रोमियो स्क्वाड बरते संयम : मुख्यमंत्री ने एंटी रोमियो स्क्वाड के लिए संयम बरतने की हिदायत दी है। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा को स्पष्ट हिदायत दी है कि यदि कोई युवक-युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं तो उन पर कतई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। 1बहुरेंगे सहकारी समितियों के दिन : योगी ने सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। कहा कि इनकी खराब स्थिति का लाभ बिचौलिए उठा रहे हैं। विभागीय प्रमुख सचिव को जवाबदेह बनाते हुए उन्होंने 16 बंद पड़े कोऑपरेटिव बैंकों का भी ब्यौरा तलब किया। 1राज्य सरकार 100 दिनों का तय करेगी लक्ष्य : थानों एवं तहसीलों में फरियादियों के लिए बैठने एवं पानी पीने की व्यवस्था अवश्य की जाए। शीघ्र राज्य सरकार 100 दिनों के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित कर जनता से मिलने और उनकी समस्याओं के निस्तारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगी।
मुट्ठीभर शिक्षकों ने निभा दी धरने की रस्म, भ्रष्टाचार खत्म हो, वरना जेल भरेंगे शिक्षक
इलाहाबाद : सूबे में सरकार बदली है। नए मुख्यमंत्री पूरे एक्शन में हैं। सुविधा हो या जन सरोकार से जुड़े मामले या फिर भ्रष्टाचार। नई सरकार तनिक भी रियायत देने के मूड में नहीं है। ऐसे में शर्मा गुट को अब भ्रष्टाचार और शिक्षक समस्याओं की याद आई है। बेमौसम बारिश की तरह शुक्रवार को हुए धरने में मुट्ठीभर ही शिक्षक जुटे। जो शिक्षक यहां पहुंचे वह भी बड़े नेताओं की गाड़ियों से आए थे, यानी आम शिक्षक का धरने से कोई लेना-देना
नहीं था। 1उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट का शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में धरना वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा है। हर साल इसी तरह का आंदोलन किया जाता है। असल में विधान परिषद में शर्मा गुट के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं। वहां पर यह विधायक सरकार को अपनी बातें मनवा नहीं पाते। शायद इसीलिए एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों की पुरानी पेंशन को खत्म किया गया। ऐसे ही राजकीय कर्मचारियों व शिक्षकों को चिकित्सीय सुविधा दी जाती है, लेकिन अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलता। इसका सदन व जिलास्तर पर पुरजोर विरोध नहीं होता है। इस समय शिक्षकों के अवशेष को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, जबकि संगठन यदि जिला स्तर पर ही सक्रिय होकर कार्य करें तो अवशेष की बात वित्त वर्ष पूरा होने पर करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। 1अवशेष प्रकरण का निस्तारण कहां होगा शासन ने यह भी तय कर रखा है, लेकिन संगठन उसका पालन न करके सस्ती लोकप्रियता के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर रहा है। सवाल यह है कि आखिर हर साल ऐसे आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ती है? शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष व पूर्व एमएलसी प्रत्याशी राम सेवक त्रिपाठी कहते हैं कि संगठन की धार कुंद हो गई है अफसर भी इन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अपना वजूद बचाने के लिए यह सब हो रहा है।’>>सदन में सरकार से नहीं मनवा पाए मांगे, अब शिक्षकों के बीच गरज रहे1’>>संगठन की अनदेखी के कारण निदेशालय स्तर तक की भागदौड़
शिक्षा निदेशालय में फैले भ्रष्टाचार को रोकने और शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन दिया गया। इसमें शिक्षकों की समस्याएं रखी गईं। शिक्षक नेताओं ने शिक्षा में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सभी को एकजुट होकर संघर्ष करने के प्रति शिक्षकों का आवाह्न किया। शिक्षकों से संघ के प्रदेश अध्यक्ष एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि निदेशालय को 15 दिन का समय दे रहे हैं। भविष्य में किसी भी विभागीय निर्देश का तक तब पालन नहीं किया जाएगा, जब तक निदेशालय स्तर से शिक्षकों के सभी अवशेष वापस लेकर संबंधित मंडलों को निस्तारण व भुगतान के लिए नहीं भेजा जाता। इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र के एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रकरणों का निस्तारण नहीं हुआ तो जेल भरो आंदोलन करेंगे। धरने में शिक्षक दल के पांचों विधायक हेम सिंह पुण्डीर, जगबीर किशोर जैन, ध्रुव त्रिपाठी थे।
नहीं था। 1उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट का शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में धरना वार्षिक कार्यक्रम का हिस्सा है। हर साल इसी तरह का आंदोलन किया जाता है। असल में विधान परिषद में शर्मा गुट के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं। वहां पर यह विधायक सरकार को अपनी बातें मनवा नहीं पाते। शायद इसीलिए एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों की पुरानी पेंशन को खत्म किया गया। ऐसे ही राजकीय कर्मचारियों व शिक्षकों को चिकित्सीय सुविधा दी जाती है, लेकिन अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलता। इसका सदन व जिलास्तर पर पुरजोर विरोध नहीं होता है। इस समय शिक्षकों के अवशेष को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, जबकि संगठन यदि जिला स्तर पर ही सक्रिय होकर कार्य करें तो अवशेष की बात वित्त वर्ष पूरा होने पर करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। 1अवशेष प्रकरण का निस्तारण कहां होगा शासन ने यह भी तय कर रखा है, लेकिन संगठन उसका पालन न करके सस्ती लोकप्रियता के लिए आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर रहा है। सवाल यह है कि आखिर हर साल ऐसे आंदोलन की जरूरत क्यों पड़ती है? शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष व पूर्व एमएलसी प्रत्याशी राम सेवक त्रिपाठी कहते हैं कि संगठन की धार कुंद हो गई है अफसर भी इन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अपना वजूद बचाने के लिए यह सब हो रहा है।’>>सदन में सरकार से नहीं मनवा पाए मांगे, अब शिक्षकों के बीच गरज रहे1’>>संगठन की अनदेखी के कारण निदेशालय स्तर तक की भागदौड़
शिक्षा निदेशालय में फैले भ्रष्टाचार को रोकने और शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की ओर से शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन दिया गया। इसमें शिक्षकों की समस्याएं रखी गईं। शिक्षक नेताओं ने शिक्षा में भ्रष्टाचार के विरुद्ध सभी को एकजुट होकर संघर्ष करने के प्रति शिक्षकों का आवाह्न किया। शिक्षकों से संघ के प्रदेश अध्यक्ष एमएलसी ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि निदेशालय को 15 दिन का समय दे रहे हैं। भविष्य में किसी भी विभागीय निर्देश का तक तब पालन नहीं किया जाएगा, जब तक निदेशालय स्तर से शिक्षकों के सभी अवशेष वापस लेकर संबंधित मंडलों को निस्तारण व भुगतान के लिए नहीं भेजा जाता। इलाहाबाद-झांसी क्षेत्र के एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रकरणों का निस्तारण नहीं हुआ तो जेल भरो आंदोलन करेंगे। धरने में शिक्षक दल के पांचों विधायक हेम सिंह पुण्डीर, जगबीर किशोर जैन, ध्रुव त्रिपाठी थे।
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