10.4.17
योगी सरकार द्वारा चयन प्रक्रिया व नई भर्तियों पर बिना किसी वाजिब कारण रोकना गलत: छात्र-युवा संगठन
योगी सरकार द्वारा चयन प्रक्रिया व नई भर्तियों पर बिना किसी वाजिब कारण अनिश्चितकालीन रोक लगाने के खिलाफ कल से छात्रों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है। दरअसल इस छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले इस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए इलाहाबाद से लेकर लखनऊ तक छात्रों ने योगी कैबिनेट के प्रमुख
मंत्रियों से मिले, उनके द्वारा समुचित आश्वासन भी दिया गया। लेकिन एक तरफ छात्रों को उनके भविष्य के साथ किसी तरह का खिलवाड़ न होने देने का आश्वासन दिया जाता रहा वहीं दूसरी तरफ मीडिया में यह खबर भी प्रकाशित कराई गईं कि समस्त भर्तियों की जांच कराने के बाद ही आयोग व चयन बोर्ड में कामकाज शुरू होगा। इससे प्रतियोगी छात्रों में न सिर्फ योगी सरकार के कामकाज करने के तरीके से निराश हुए बल्कि नाउम्मीद होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया। गौरतलब है कि भाजपा के घोषणा पत्र में 90 दिनों में प्रदेश में खाली समस्त पदों पर विज्ञापन जारी करने की एक महत्वपूर्ण वादा किया गया है। सवाल यह है कि चयन का सारा कामकाज ही अनिश्चितकाल के लिए ठप कर दिया गया है तब 90 दिन में इस वादे को योगी सरकार कैसे पूरा करेगी। पहली कैबिनेट की बैठक में भी इस संबंध में कोई घोषणा कर योगी सरकार ने युवओं को निराश किया है और उन्हें सड़क पर आकर आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। छात्र-युवाओं से अपील है कि कल से(माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड) शुरू हो रहे आंदोलन में शामिल हों और योगी सरकार के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले निर्णय को वापस लेने के लिए बाध्य कर दें।
मंत्रियों से मिले, उनके द्वारा समुचित आश्वासन भी दिया गया। लेकिन एक तरफ छात्रों को उनके भविष्य के साथ किसी तरह का खिलवाड़ न होने देने का आश्वासन दिया जाता रहा वहीं दूसरी तरफ मीडिया में यह खबर भी प्रकाशित कराई गईं कि समस्त भर्तियों की जांच कराने के बाद ही आयोग व चयन बोर्ड में कामकाज शुरू होगा। इससे प्रतियोगी छात्रों में न सिर्फ योगी सरकार के कामकाज करने के तरीके से निराश हुए बल्कि नाउम्मीद होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया। गौरतलब है कि भाजपा के घोषणा पत्र में 90 दिनों में प्रदेश में खाली समस्त पदों पर विज्ञापन जारी करने की एक महत्वपूर्ण वादा किया गया है। सवाल यह है कि चयन का सारा कामकाज ही अनिश्चितकाल के लिए ठप कर दिया गया है तब 90 दिन में इस वादे को योगी सरकार कैसे पूरा करेगी। पहली कैबिनेट की बैठक में भी इस संबंध में कोई घोषणा कर योगी सरकार ने युवओं को निराश किया है और उन्हें सड़क पर आकर आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। छात्र-युवाओं से अपील है कि कल से(माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड) शुरू हो रहे आंदोलन में शामिल हों और योगी सरकार के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले निर्णय को वापस लेने के लिए बाध्य कर दें।
शिक्षामित्रों सहित 72825 शिक्षकों की नियुक्ति व अकेडमिक मेरिट की सभी भर्ती विवादों पर सुप्रीमकोर्ट कल सुनाएगा ऐतिहासिक फैसला
शिक्षामित्रों, शिक्षकों की नियुक्ति व अकेडमिक मेरिट सहित सभी भर्ती विवादों पर सुप्रीमकोर्ट कल ऐतिहासिक फैसला सुनाएगा,
इलाहाबाद : शिक्षामित्रों व शिक्षकों के नियुक्ति की सुनवाई मंगलवार को होगी। शीर्ष कोर्ट में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन, 72 हजार शिक्षक भर्ती व टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होगी। पिछले एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। इससे करीब दो लाख 75 हजार शिक्षकों की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई आगे बढ़ेगी।1सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन मामलों की सुनवाई पहले सात अप्रैल को होनी थी, उसे बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दिया गया है। शीर्ष कोर्ट के कमरा नंबर 13 में जस्टिस आदर्श गोयल व जस्टिस यूयू ललित की बेंच इन मामलों की सुनवाई करेगी। पहले इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस खानवेलकर कर रहे थे, लेकिन दोनों ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, तब नई बेंच का गठन किया गया है। अब सभी की निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी हैं। टीईटी मोर्चा के साथ ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी अपने-अपने बिंदु पर पैरवी कर रहे हैं।
इलाहाबाद : शिक्षामित्रों व शिक्षकों के नियुक्ति की सुनवाई मंगलवार को होगी। शीर्ष कोर्ट में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन, 72 हजार शिक्षक भर्ती व टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होगी। पिछले एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। इससे करीब दो लाख 75 हजार शिक्षकों की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई आगे बढ़ेगी।1सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन मामलों की सुनवाई पहले सात अप्रैल को होनी थी, उसे बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दिया गया है। शीर्ष कोर्ट के कमरा नंबर 13 में जस्टिस आदर्श गोयल व जस्टिस यूयू ललित की बेंच इन मामलों की सुनवाई करेगी। पहले इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस खानवेलकर कर रहे थे, लेकिन दोनों ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, तब नई बेंच का गठन किया गया है। अब सभी की निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी हैं। टीईटी मोर्चा के साथ ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी अपने-अपने बिंदु पर पैरवी कर रहे हैं।
फुपुक्टा का फैसला, डिग्री शिक्षक नहीं देंगे चल-अचल संपत्ति का ब्योरा
कानपुर : प्रदेश के 13 राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षक अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा सरकार को नहीं देंगे। यह निर्णय प्रदेश के डिग्री शिक्षकों के संगठन उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) ने रविवार को बीएनडी कॉलेज में हुई बैठक में लिया।
बैठक के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई गई कि डिग्री शिक्षकों से उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा जा रहा है। फुपुक्टा अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान और महामंत्री डॉ. विवेक द्विवेदी ने सभी से सहमति के बाद कहा कि चल-अचल संपत्ति सम्बंधी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्र में शिक्षकों व कर्मचारी का संदर्भ नहीं है। शिक्षक शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते इसलिए शिक्षक चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं देंगे।
प्रमोशन की पुरानी प्रक्रिया शुरू हो बैठक में कहा गया कि सभी मानदेय शिक्षकों का मिलान किया जाए। अंकों पर आधारित एपीआई आधारित प्रमोशन प्रक्रिया को समाप्त किया जाए। प्रमोशन के लिए पुरानी व्यवस्था ही लागू की जाए। पुरानी पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कटौती के लिए बजट आवंटित कर कटौती शुरू की जाए। यूजीसी रेगुलेशन 2010 के अनुसार रिटायर की आयु 65 वर्ष की जाए। अन्य कई प्रदेशों में अधिवर्षिता आयु 65 वर्ष की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के अनुदानित डिग्री कॉलेज के अनुमोदित शिक्षकों को स्थायी कर वेतन संदाय पर लिया जाए।
बैठक के दौरान इस बात पर नाराजगी जताई गई कि डिग्री शिक्षकों से उनकी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा जा रहा है। फुपुक्टा अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र सिंह चौहान और महामंत्री डॉ. विवेक द्विवेदी ने सभी से सहमति के बाद कहा कि चल-अचल संपत्ति सम्बंधी मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के पत्र में शिक्षकों व कर्मचारी का संदर्भ नहीं है। शिक्षक शासकीय अधिकारी व कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते इसलिए शिक्षक चल-अचल संपत्ति का विवरण नहीं देंगे।
प्रमोशन की पुरानी प्रक्रिया शुरू हो बैठक में कहा गया कि सभी मानदेय शिक्षकों का मिलान किया जाए। अंकों पर आधारित एपीआई आधारित प्रमोशन प्रक्रिया को समाप्त किया जाए। प्रमोशन के लिए पुरानी व्यवस्था ही लागू की जाए। पुरानी पेंशन स्कीम के अन्तर्गत कटौती के लिए बजट आवंटित कर कटौती शुरू की जाए। यूजीसी रेगुलेशन 2010 के अनुसार रिटायर की आयु 65 वर्ष की जाए। अन्य कई प्रदेशों में अधिवर्षिता आयु 65 वर्ष की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश के अनुदानित डिग्री कॉलेज के अनुमोदित शिक्षकों को स्थायी कर वेतन संदाय पर लिया जाए।
फुपुक्टा नेताओं ने कहा कि महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को कॅरियर प्रोन्नति योजना (सीएएस) के अन्तर्गत प्रोफेसर पदनाम प्रदान किया जाए। परीक्षा पारिश्रमिक की दरों में वृद्धि की जाए और इसके लिए गठित कमेटी में फुपुक्टा को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए। प्रदेश के विनियमितीकरण से रह गए तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए। पीएचडी के तीन और एमफिल के दो इंक्रीमेंट यूजीसी रेगुलेशन 2010 के तहत दिए जाएं। कार्यवाहक प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम की व्यवस्था अनुसार वरिष्ठ शिक्षक को ही कार्यवाहक प्राचार्य नियुक्त किया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री से मिलेंगे
उच्च शिक्षा निदेशालय में प्रमोशन, जीपीएफ, मृतक आश्रित एवं वेतन विनर्धारण में हो रहे विलंब के विरोध में शिक्षा निदेशालय में शिक्षक धरना देंगे। इससे पहले उच्च शिक्षा मंत्री से भेंट करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में 13 विश्वविद्यालयों की शिक्षक इकाइयों के अध्यक्ष और मंत्री शामिल हुए। इनमें देश के डिग्री शिक्षकों के संगठन एआईफुक्टो के पदाधिकारियों में डॉ. बीडी पाण्डेय, डॉ.घनश्याम सिंह, डॉ. अरविन्द द्विवेदी, डॉ. नवनीत मिश्र और डॉ. वीके कटियार आदि भी मौजूद थे।
बीटीसी 2016 में प्रवेश प्रक्रिया शासन की मंजूरी के बाद शुरू
इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी के लिए सत्र 2016 के दाखिले के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से तैयारी शुरू हो गई हैं। परीक्षा नियामक की ओर प्रस्ताव शासन को पहले ही भेजा जा चुका है। अब शासन की ओर से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। बीटीसी प्रशिक्षण में दाखिले के लिए
बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इंतजार में हैं, लेकिन बीटीसी में दाखिले की प्रक्रिया फिलहाल अटकी है। अब मई या जून माह में प्रक्रिया शुरू कराने की तैयारी है। 1बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सूबे के सभी 64 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में कुल साढ़े दस हजार सीटों पर दाखिले होने हैं, जबकि प्राइवेट बीटीसी कालेजों की बात करें तो इनकी संख्या में प्रदेश में तकरीबन 2595 है। जहां पर बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या 1 लाख 81 हजार 750 है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बीटीसी कालेजों की संख्या भी शामिल है। सूबे में अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों की संख्या 144 है, जहां पर 12 हजार एक सौ सीटें हैं, इनमें भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इंतजार में हैं, लेकिन बीटीसी में दाखिले की प्रक्रिया फिलहाल अटकी है। अब मई या जून माह में प्रक्रिया शुरू कराने की तैयारी है। 1बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सूबे के सभी 64 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में कुल साढ़े दस हजार सीटों पर दाखिले होने हैं, जबकि प्राइवेट बीटीसी कालेजों की बात करें तो इनकी संख्या में प्रदेश में तकरीबन 2595 है। जहां पर बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या 1 लाख 81 हजार 750 है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बीटीसी कालेजों की संख्या भी शामिल है। सूबे में अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों की संख्या 144 है, जहां पर 12 हजार एक सौ सीटें हैं, इनमें भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
हर महीने शिक्षकों का तय किया गया पाठ्यक्रम
प्रतापगढ़ : शासन ने परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के हर महीने के पाठ्यक्रम को तय कर दिया गया है। इसकी बुकलेट उन्हें उपलब्ध कराई जा रही है। इसी के तहत हर महीने शिक्षकों को पाठ्यक्रम पूरा करना है।
प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अभी तक शिक्षक मनमानी तरीके से अध्यापन कार्य करते
थे। पाठ्यक्रम पूरा करने को लेकर कोई गाइड लाइन तय नहीं रहती थी। पाठ्यक्रम पूरा हो या न हो, घोषित तिथि पर परीक्षा संपन्न करा दी जाती थी। अब शासन ने प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी हर महीने पाठ्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। कक्षा एक से पांच तक और कक्षा छह से आठ तक पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन करते हुए स्कूलों में बुकलेट उपलब्ध कराई जा रही है। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि बुकलेट उपलब्ध कराते हुए हेडमास्टर को यह निर्देश दिया गया है कि यह निर्धारित कर लें कि किस शिक्षक को किस महीने में कितना पाठ पढ़ाना है। समय-समय पर इसका निरीक्षण किया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालयों और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अभी तक शिक्षक मनमानी तरीके से अध्यापन कार्य करते
थे। पाठ्यक्रम पूरा करने को लेकर कोई गाइड लाइन तय नहीं रहती थी। पाठ्यक्रम पूरा हो या न हो, घोषित तिथि पर परीक्षा संपन्न करा दी जाती थी। अब शासन ने प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को भी हर महीने पाठ्यक्रम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। कक्षा एक से पांच तक और कक्षा छह से आठ तक पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन करते हुए स्कूलों में बुकलेट उपलब्ध कराई जा रही है। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि बुकलेट उपलब्ध कराते हुए हेडमास्टर को यह निर्देश दिया गया है कि यह निर्धारित कर लें कि किस शिक्षक को किस महीने में कितना पाठ पढ़ाना है। समय-समय पर इसका निरीक्षण किया जाएगा।
बीएड में प्रवेश को आवेदन का अंतिम मौका आज
लखनऊ : बीएड के द्विवर्षीय कोर्स में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने का अंतिम मौका सोमवार को है। अभी तक ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 4.21 लाख है। वहीं ऑनलाइन
आवेदन के लिए पंजीकरण करवाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4.97 लाख है। फिलहाल इच्छुक अभ्यर्थियों के पास सिर्फ एक दिन का समय है। प्रवेश परीक्षा तीन मई को होगी।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि बीएड में आवेदन की अंतिम तारीख छह अप्रैल थी मगर हाईकोर्ट के निर्देश पर स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को आवेदन का मौका देने के लिए इसे दस अप्रैल तक बढ़ाया गया।
फिलहाल बीएड में आवेदन का मौका मिलने के बाद स्नातक अंतिम वर्ष के अभी तक करीब 24 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है और इसमें से तमाम अभ्यर्थी फार्म भी भर चुके हैं। अभी आवेदन करने के लिए एक दिन का समय है।
आवेदन के लिए पंजीकरण करवाने वाले विद्यार्थियों की संख्या 4.97 लाख है। फिलहाल इच्छुक अभ्यर्थियों के पास सिर्फ एक दिन का समय है। प्रवेश परीक्षा तीन मई को होगी।
बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समन्वयक प्रो. एनके खरे ने बताया कि बीएड में आवेदन की अंतिम तारीख छह अप्रैल थी मगर हाईकोर्ट के निर्देश पर स्नातक अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को आवेदन का मौका देने के लिए इसे दस अप्रैल तक बढ़ाया गया।
फिलहाल बीएड में आवेदन का मौका मिलने के बाद स्नातक अंतिम वर्ष के अभी तक करीब 24 हजार अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है और इसमें से तमाम अभ्यर्थी फार्म भी भर चुके हैं। अभी आवेदन करने के लिए एक दिन का समय है।
परशुराम जयंती को घोषित करें अवकाश
लखनऊ : ब्राह्मणों को एकजुट होकर चलना होगा तभी समाज का विकास होगा। सभी महापुरुषों पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित है लेकिन भगवान परशुराम की जयंती पर अवकाश घोषित नहीं है। ब्राह्मण समाज ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का काम किया है। भाजपा को चाहिए कि भगवान परशुराम का अवकाश घोषित
करे। यह बात लाटूश रोड स्थित शिमला पैलेस में राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की प्रांतीय बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अरुण अग्निहोत्री ने कही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष पांडे ने कहा कि आपस में एकता बनाकर चलना है। उन्होंने बताया कि आगामी 28 अप्रैल को परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री, गोवा के मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को आमंत्रित किया गया है। बैठक में गौरव कौशिक, आशीष दुबे, राहुल मिश्र, महेश शर्मा, मुकुट शुक्ला, मधुकर तिवारी, गौरव पाण्डेय, रमेश नोटियाल, लव तिवारी सहित 70 जिलों के अध्यक्ष मौजूद रहे।
करे। यह बात लाटूश रोड स्थित शिमला पैलेस में राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की प्रांतीय बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अरुण अग्निहोत्री ने कही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष पांडे ने कहा कि आपस में एकता बनाकर चलना है। उन्होंने बताया कि आगामी 28 अप्रैल को परशुराम जयंती के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री, गोवा के मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को आमंत्रित किया गया है। बैठक में गौरव कौशिक, आशीष दुबे, राहुल मिश्र, महेश शर्मा, मुकुट शुक्ला, मधुकर तिवारी, गौरव पाण्डेय, रमेश नोटियाल, लव तिवारी सहित 70 जिलों के अध्यक्ष मौजूद रहे।
दो से अधिक बच्चे वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
असम सरकार ने रविवार को जनसंख्या नीति का मसौदा घोषित किया। इसमें दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरी नहीं देने की बात कही गई है। इसके अलावा राज्य में लड़कियों के लिए विश्वविद्यालय स्तर तक
नि:शुल्क शिक्षा की बात कही गई है। 1असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा, ‘हमने जनसंख्या नीति के मसौदे में सुझाव दिया है कि जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी के योग्य नहीं माना जाएगा। इस शर्त को पूरा करने के बाद नौकरी पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सेवा की समाप्ति तक इस नियम का पालन करना होगा। पंचायत और नगरपालिका चुनाव के उम्मीदवारों पर भी यह नियम लागू होगा।’ मंत्री के मुताबिक बाल विवाह करने वाले लोग सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य हो जाएंगे। इस नीति में राज्य जनसंख्या परिषद और राज्य जनसंख्या शोध केंद्र के गठन का भी प्रस्ताव किया गया है।
नि:शुल्क शिक्षा की बात कही गई है। 1असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा, ‘हमने जनसंख्या नीति के मसौदे में सुझाव दिया है कि जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी के योग्य नहीं माना जाएगा। इस शर्त को पूरा करने के बाद नौकरी पाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सेवा की समाप्ति तक इस नियम का पालन करना होगा। पंचायत और नगरपालिका चुनाव के उम्मीदवारों पर भी यह नियम लागू होगा।’ मंत्री के मुताबिक बाल विवाह करने वाले लोग सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य हो जाएंगे। इस नीति में राज्य जनसंख्या परिषद और राज्य जनसंख्या शोध केंद्र के गठन का भी प्रस्ताव किया गया है।
BTC 2016: बीटीसी में दो लाख सीटों पर होंगे दाखिले
इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी के लिए सत्र 2016 के दाखिले के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से तैयारी शुरू हो गई हैं। परीक्षा नियामक की ओर प्रस्ताव शासन को पहले ही भेजा जा चुका है। अब शासन की ओर से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। बीटीसी प्रशिक्षण में दाखिले के लिए
बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इंतजार में हैं, लेकिन बीटीसी में दाखिले की प्रक्रिया फिलहाल अटकी है। अब मई या जून माह में प्रक्रिया शुरू कराने की तैयारी है। बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सूबे के सभी 64 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में कुल साढ़े दस हजार सीटों पर दाखिले होने हैं, जबकि प्राइवेट बीटीसी कालेजों की बात करें तो इनकी संख्या में प्रदेश में तकरीबन 2595 है। जहां पर बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या 1 लाख 81 हजार 750 है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बीटीसी कालेजों की संख्या भी शामिल है। अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों की संख्या 144 है, जहां पर 12 हजार एक सौ सीटें हैं, इनमें भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि शासन के आदेश का इंतजार है।
बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इंतजार में हैं, लेकिन बीटीसी में दाखिले की प्रक्रिया फिलहाल अटकी है। अब मई या जून माह में प्रक्रिया शुरू कराने की तैयारी है। बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सूबे के सभी 64 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट में कुल साढ़े दस हजार सीटों पर दाखिले होने हैं, जबकि प्राइवेट बीटीसी कालेजों की बात करें तो इनकी संख्या में प्रदेश में तकरीबन 2595 है। जहां पर बीटीसी प्रशिक्षण के लिए सीटों की संख्या 1 लाख 81 हजार 750 है, इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बीटीसी कालेजों की संख्या भी शामिल है। अल्पसंख्यक बीटीसी कालेजों की संख्या 144 है, जहां पर 12 हजार एक सौ सीटें हैं, इनमें भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने बताया कि शासन के आदेश का इंतजार है।
शिक्षामित्रों के भाग्य का फैसला होगा कल, शीर्ष कोर्ट में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन, 72 हजार शिक्षक भर्ती व टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण पर कल होगी जोरदार बहस
इलाहाबाद : शिक्षामित्रों व शिक्षकों के नियुक्ति की सुनवाई मंगलवार को होगी। शीर्ष कोर्ट में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों के समायोजन, 72 हजार शिक्षक भर्ती व टीईटी उत्तीर्ण युवाओं के प्रकरण की सुनवाई होगी। पिछले एक वर्ष से बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की सुनवाई लगातार टल रही है। इससे करीब दो लाख 75 हजार
शिक्षकों की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई आगे बढ़ेगी।1सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन मामलों की सुनवाई पहले सात अप्रैल को होनी थी, उसे बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दिया गया है। 1शीर्ष कोर्ट के कमरा नंबर 13 में जस्टिस आदर्श गोयल व जस्टिस यूयू ललित की बेंच इन मामलों की सुनवाई करेगी। पहले इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस खानवेलकर कर रहे थे, लेकिन दोनों ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, तब नई बेंच का गठन किया गया है। अब सभी की निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी हैं। टीईटी मोर्चा के साथ ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी अपने-अपने बिंदु पर पैरवी कर रहे हैं।
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शिक्षकों की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। उम्मीद है कि इस बार सुनवाई आगे बढ़ेगी।1सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 सितंबर 2015 को समायोजन रद कर दिया था। इस आदेश के बाद करीब 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन भी रोक दिया गया। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने सात दिसंबर 2015 को समायोजित शिक्षामित्रों को राहत देते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही 72825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट व बीटीसी अभ्यर्थियों की भर्ती एकेडमिक मेरिट पर हुई। साथ ही 12091 की नियुक्ति, 1100 याची प्रकरण आदि मामले शीर्ष कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन हैं। इन मामलों की सुनवाई पहले सात अप्रैल को होनी थी, उसे बढ़ाकर 11 अप्रैल कर दिया गया है। 1शीर्ष कोर्ट के कमरा नंबर 13 में जस्टिस आदर्श गोयल व जस्टिस यूयू ललित की बेंच इन मामलों की सुनवाई करेगी। पहले इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस दीपक मिश्र व जस्टिस खानवेलकर कर रहे थे, लेकिन दोनों ने सुनवाई करने से इन्कार कर दिया, तब नई बेंच का गठन किया गया है। अब सभी की निगाहें न्यायालय के आदेश पर टिकी हैं। टीईटी मोर्चा के साथ ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के पदाधिकारी भी अपने-अपने बिंदु पर पैरवी कर रहे हैं।
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