24.3.17

कक्षा-1 से 3 तक की किताबों का सिलेबस बदला, उत्तर प्रदेश पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2013 के तहत रिवाइज्ड किया गया सिलेबस, मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा प्रस्ताव

कक्षा एक से तीन तक किताबों का सिलेबस बदला, उत्तर प्रदेश पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2013 के तहत रिवाइज्ड किया गया सिलेबस, मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा प्रस्ताव

 कक्षा एक से तीन तक किताबों का सिलेबस बदला, उत्तर प्रदेश पाठ्यचर्चा की रूपरेखा 2013 के तहत रिवाइज्ड किया गया सिलेबस, मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा प्रस्ताव

⚫ उत्तर प्रदेश पाठ्यचर्चा की रूपरेखा-2013 के तहत रिवाइज्ड किया गया सिलेबस
⚫ कक्षा एक से तीन तक किताबों का सिलेबस बदला
⚫ मंजूरी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को भेजा प्रस्ताव

लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा एक से तीन तक के बच्चे बदले हुए पाठ्यक्रम से पढ़ाई करेंगे। इसके लिए राज्य शिक्षा संस्थान इलहाबाद और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने वर्तमान सिलेबस को उत्तर प्रदेश पाठ्यचर्चा की रूपरेखा-2013 के तहत रिवाइज्ड किया है। इसमें कई अध्याय में बच्चों को आसानी से समझाने के लिए चित्र व संकेतक अंकित किए गए हैं। इसके अलावा अध्याय के नाम भी बदलने की बात सामने आई है। फिलहाल बेसिक शिक्षा विभाग ने रिवाइज्ड सिलेबस का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा परिषद को मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।

मौजूदा समय में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में करीब एक करोड़ 80 लाख बच्चे पढ़ते हैं। कक्षा एक से तीन तक हिन्दी माध्यम में कार्य पुस्तिका मिलाकर कुल 14 किताबें पढ़ाई जाती हैं। वहीं अंग्रेजी माध्यम में इसकी संख्या सात है। अभी तक नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)-2005 और आरटीई 2009 के तहत तैयार किए गए सिलेबस के अनुसार ही कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों में पढ़ाई हो रही है। लेकिन अब इस सिलेबस को आवश्यकता के अनुसार रिवाईज्ड किया गया है।

⚫ एक्सपर्ट बोले-जरूरत के मुताबिक किया बदलाव
राज्य शिक्षा संस्थान इलाहाबाद के प्राचार्य दिव्यकांत शुक्ला कहते हैं, ‘अभी तक बच्चे एनसीई-2005 व आरटीई 2009 के अंतर्गत तैयार सिलेबस को पढ़ रहे हैं, लेकिन अब उसमें बदलाव जरूरी था, इसलिए आवश्यकता अनुसार उसके अध्यायों को रिवाइज्ड कर उसे और सरल बनाया गया है, इनमें बेसिक शिक्षा के एक्सपर्ट को भी शामिल किया गया था। हालांकि अभी इस रिजवाइज्ड सिलेबस को परिषद से अनुमति मिलनी बाकी है।’

कक्षा एक से तीन तक किताबों में कुछ बदलाव किया गया है, कुछ अध्यायों के नाम बदलने के साथ ही उसे रोचक बनाया गया है। इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है। उम्मीद है जल्द मंजूरी मिल जाएगी।
- अमरेंद्र सिंह, पाठ्य पुस्तक अधिकारी उप्र
कलरव-कक्षा 1, कलरव-कक्षा 2, गिनराता-कक्षा 3, कलरव-कक्षा 3, हमारा परिवेश-कक्षा 3, रेनबो-कक्षा 3, संस्कृत पीयूषम-कक्षा 3 ।

सीतापुर प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिकाओं ने तीन युवकों पर उनकी फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर वायरल करने का लगाया आरोप* @sitapur_police

सीतापुर प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिकाओं ने तीन युवकों पर उनकी फोटो खींचकर व्हाट्सएप पर वायरल करने का
लगाया आरोप

12460 शिक्षक भर्ती शुरू करवाने हेतु अभ्यर्थी इस प्रपत्र पर करें अपील

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शिक्षामित्र विवाद: जानिए शिक्षामित्रों की जन्म कुंडली

शिक्षामित्र विवाद : उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों के चयन हेतु प्रथम शासनादेश दिनांक 26.05.1999 को जारी हुआ था । यह योजना युवाओं की प्राथमिक शिक्षा में भागीदार हेतु थी ।
विश्व बैंक के सहयोग से सहायक अध्यापकों की सहायता हेतु शिक्षामित्र एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में 11 महीने के संविदा पर रखे गये तथा समय-समय पर नये नियम आते रहे।
इनका चयन ग्राम शिक्षा समिति द्वारा होता था ।
मेरी टीम के संरक्षक विजयराज सिंह का चयन प्रथम चरण में शिक्षामित्र पद पर हो जाता।
मेरिट में वो टॉप पर थे परंतु उनकी उम्र दो वर्ष अधिक थी ।
इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट से बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में आरक्षित वर्ग के लिए मिली उम्र की छूट के तहत छूट मांगी ।

BSA इलाहाबाद ने काउंटर लगाया कि शिक्षामित्रों का चयन बेसिक शिक्षा नियमावली से नहीं हुआ है , इनका चयन मात्र संविदा कर्मी के रूप में 11 महीने के लिए हुआ है अतः आरक्षण की बात लागू नहीं होगी ।
इस प्रकार विजय राज भाई शिक्षामित्र नहीं बन सके ।
RTE एक्ट लागू होने के बाद शिक्षामित्र योजना बंद कर दी गयी ।
इस प्रकार शिक्षामित्र अध्यापक नहीं थे मगर दिनांक 4 जनवरी 2011 को उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी दिखाकर शिक्षामित्रों को कार्यरत शिक्षक बताकर NCTE से सरकार ने शिक्षामित्रों के प्रशिक्षण हेतु इजाजत मांगी तथा दिनांक 14 जनवरी 2011 को इजाजत मिल गयी ।
जबकि दिनांक 23 अगस्त 2010 को भारत सरकार के राजपत्र से बीएड वालों को नियुक्ति की छूट मिल गयी थी मगर राज्य सरकार ने बीएड बेरोजगारों की अनदेखी कर दी ।
यदि सरकार ने शिक्षामित्रों की बजाय बीएड पर दांव लगाया होता तो उसके लिए अधिक श्रेयष्कर होता ।
प्रशिक्षण के विरुद्ध बीएड वाले हाई कोर्ट गये और स्थगन मिल गया परंतु खंडपीठ ने यह कहकर स्थगन हटा दिया कि यदि ये कार्यरत शिक्षक नहीं होंगे तो इनका प्रशिक्षण याचिका के अंतिम निर्णय के आधीन रहेगा अर्थात निरस्त होगा ।
प्रशिक्षण के बाद वर्ष 2014 एवं 2015 में दो चरणों में लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ।
समायोजन के लिए राज्य सरकार ने राज्य के बाल शिक्षा अधिकार कानून 2011 में प्रथम संशोधन करके शिक्षामित्रों को बगैर टीइटी के ही नियुक्त करने का नियम बनाया और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 में 19वां संशोधन करके रूल 16 में उप क्लॉज़ जोड़ा और रूल 8 में शिक्षामित्र योग्यता को स्थान दिया ।
बीएड और बीटीसी बेरोजगारों ने समायोजन को चुनौती दी ।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ० DY चंद्रचूड ने दोनों संशोधन रद्द कर दिया और शिक्षामित्रों को संविदाकर्मी बताकर उनका समायोजन निरस्त कर दिया ।
चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया कि यूपी बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 से इनका कोई सम्बन्ध नहीं है ।
शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण मामला NCTE पर छोड़ दिया ।
जब सुनवायी चल रही थी तो विजय राज भाई ने कहा कि राहुल भाई इलाहाबाद BSA का काउंटर चीफ साहब को दिखाया जाये तो मैंने कहा कि आप धैर्य रखें दुनिया का सर्वोच्च विद्वान के यहाँ सुनवाई हो रही है, अंत में सत्य खोज लेंगे ।
अंततः चीफ साहब ने संविदाकर्मी बताकर ही समायोजन निरस्त किया ।
ऑनलाइन वर्क में मैं थोड़ा कमजोर हूँ इसलिए श्याम देव मिश्र द्वारा खोजी गयी उमादेवी की नजीर को राजेश राव से मैंने मुकदमे में जिस तरह लिखाया था , चीफ साहब ने उसी शब्दों में आर्डर में उसे लिखाया है ।
शिक्षामित्र/सरकार सुप्रीम कोर्ट गये जहाँ पर उनको दिनांक 7.12.2015 को बीएड के 1100 याचियों को नियुक्ति देने की शर्त पर स्थगन मिला ।
मामला अभी पेंडिंग है ।
मुकदमे की मेरिट के अनुसार दो प्रश्न निर्मित होते हैं ।
1. जब शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे तो फिर इनको प्रशिक्षण क्यों दिया गया क्योंकि वह प्रशिक्षण मात्र कार्यरत शिक्षक को ही दिया जा सकता है ?
2. जब इनका प्रशिक्षण अभी तक निरस्त नहीं है तो फिर ये कार्यरत शिक्षक क्यों नहीं थे और इनका समायोजन क्यों निरस्त हो?
शिक्षामित्र संविदाकर्मी थे लेकिन तथ्य छिपाकर उनको प्रशिक्षण दिया गया है अतः इनका प्रशिक्षण अवैध है ।
इनका प्रशिक्षण अवैध नहीं घोषित होता है शिक्षामित्र स्वयं को कार्यरत शिक्षक के आधार पर ही प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक बताएँगे ।
यदि ये कार्यरत शिक्षक थे तो इनको प्रशिक्षण के बाद फिर पुनः नियुक्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी ?
इस प्रकार शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण बचे चाहे न बचे परंतु समायोजन निरस्त होगा क्योंकि RTE एक्ट के बाद इनकी बगैर टीईटी नियुक्ति सम्भव नहीं है अतः समायोजन निरस्त होगा ।
इस प्रकार मुकदमे की मेरिट के तहत शिक्षामित्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट से कोई भी राहत की खबर नहीं है ।
इनका प्रयास सिर्फ मुकदमे से भागना कब तक सफल रहेगा यह सर्वोच्च अदालत और इनकी किस्मत पर निर्भर है ।
अगली पोस्ट में बीएड की 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती विवाद, याची राहत एवं नये विज्ञापन पर मुकदमे की मेरिट के अनुसार तर्क रखूँगा ।
कोर्ट क्या करती है यह कोर्ट जानें ।

अब WhatsApp ग्रुप पर लगेगी हाजिरी, डीएम के आदेश ने बढाई विभागों की मुश्किल

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बीएसए ऑफिस में होगी बायोमेट्रिक हाजिरी, सुबह व शाम को अंगूठा लगा दर्ज करानी होगी अपनी उपस्थिती

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सूबे के 16460 शिक्षकों और 32 हजार अनुदेशकों की भर्ती पर नई सरकार ने लगाई रोक

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समूह क, ख, ग एवं घ के नियमित / संविदा / आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे पदों / रिक्त पदों का विवरण उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में आदेश

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उत्तर प्रदेश शासन के अन्तर्गत आने वाले सभी राजकीय कार्यालय अब सुबह 9.30 से शाम 6 बजे तक खुलेंगें-

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मिड-डे मील में बच्चे खा रहे बिस्कुट, अध्यापक कर रहे मनमानी

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शासन ने शिक्षकों के प्रमोशन पर भी लगाई रोक, आदेश किया स्थगित

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शिक्षकों पर पान-मसाला संग 'टी-शर्ट' पर भी प्रतिबंध: बीएसए के जारी फरमान का स्कूलों में दिखने लगा असर

पान-मसाला संग 'टी-शर्ट' पर भी प्रतिबंध: बीएसए के जारी फरमान का स्कूलों में दिखने लगा असर
बलिया : स्वच्छ भारत मिशन के साथ-साथ स्कूलों में अनुशासन को लेकर योगी सरकार के आदेश पर अमल करते हुए प्रभारी बीएसए मोतीचंद्र चौरसिया ने गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी किए। कहा कि कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में पान-मसाला, गुटखा व खैनी-बीड़ी इत्यादि धुम्रपान पर तो निषेध रहेगा ही, शिक्षक किसी भी दशा में ‘टी-शर्ट’ पहनकर स्कूल नहीं जाएंगे।बीएसए ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेशका हर हाल में अनुपालन होगा। विद्यालय परिसर को पूरी तरह धुम्रपान निषेध एरिया घोषित किया गया है। संकुल प्रभारी भ्रमण कर इसका अनुपालन सुनिश्चित कराएंगे। शिक्षक किसी भी हाल में विद्यालय अवधि में पान मसाला, गुटका, तंबाकू, सिगरेट आदि का प्रयोग नहीं करेंगे। यदि कोई दूसरा भी करता हो तो उसे समझाएंगे। बीएसए ने कहा कि सभी अध्यापक मर्यादित परिधान ही पहनें। टी-शट्र्स आदि का प्रयोग न करें। प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना कराने के साथ ही घंटे का प्रयोग स निश्चित हो। वहीं विद्यालयों में मोबाइल प्रयोग कतई न किया जाए। चस्पा की गईं सूचनाएं प्रभारी बीएसए मोतीचंद्र चौरसिया द्वारा जारी दिशा-निर्देश का असर जिले के स्कूलों में भी दिखना शुरू हो गया है। गुरुवार को उप्रावि हल्दी के प्रधानाध्यापक अजेय किशोर सिंह ने स्कूल परिसर में इस संबंध में जगह-जगह सूचना चस्पा कराई। सूचना के जरिए न सिर्फ स्वच्छता की बात कही गई है, बल्कि धुम्रपान को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। वहीं, खंडशिक्षा अधिकारी अनिल कुमार के निर्देश पर बीआरसी बेलहरी में भी उक्त सूचनाएं चस्पा की गईं हैं। उधर, एनपीआरसी समन्वयक ज्ञानेश्वर श्रीवास्तव ने क्षेत्र में भ्रमण कर शिक्षकों को उक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा।हल्दी बीआरसी पर चस्पा नोटिस’ जागरण’>>कहा, सभी अध्यापक पहनें मर्यादित परिधान1’>>विद्यालय परिसर में मोबाइल का न करें प्रयोग

मिड-डे मील मामले में 11 राज्यों के सचिव तलब

मिड-डे मील मामले में 11 राज्यों के सचिव तलब

शिक्षामित्रों ने सीएम को भेजा मांग पत्र

कौशांबी : प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के बैनर तले शिक्षामित्रों ने गुरुवार को जिला मुख्यालय के डायट परिसर में बैठक का आयोजन किया। इसमें शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को बधाई दी है। साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सीएम को संबोधित ज्ञापन देकर समस्या के निस्तारण की मांग की है। डायट परिसर में आयोजित बैठक में शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने कहा कि कई शिक्षामित्रों का समायोजन कर
शिक्षक पद पर तैनात नहीं किया गया और न ही मानदेय बढ़ाया गया है। इससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को पूर्व में भी शिक्षामित्रों ने उठाई थी, इसके बाद भी ध्यान ध्यान नहीं दिया गया।

32022 अनुदेशक भर्ती की काउन्सलिंग पर भी पड़ सकता है असर, अक्टूबर 2016 में लिए गए थे आवेदन

32022 अनुदेशक भर्ती की काउन्सलिंग पर भी पड़ सकता है असर, अक्टूबर 2016 में लिए गए थे आवेदन 

बेसिक शिक्षा में भी नियुक्तियों पर रोक, 72825 में से करीब 70000 को जारी हो चुके नियुक्ति पत्र

बेसिक शिक्षा में भी नियुक्तियों पर रोक, 72825 में से करीब 70000 को जारी हो चुके नियुक्ति पत्र


आउट सोर्सिग व संविदा कर्मियों का ब्योरा तलब: इसे नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने की कवायद माना जा रहा

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता संभालते के बाद मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने सरकारी महकमों में समूह ‘क’ (राज पत्रित अधिकारी) से लेकर समूह ‘घ’ (चतुर्थ श्रेणी) के पदों पर संविदा, आउटसोर्सिग के जरिये कार्यरत कर्मचारियों, रिक्त और स्वीकृत पदों का ब्यौरा 30 मार्च तक तलब किया है। इसके ‘संकल्प पत्र’ के वादे के मुताबिक नौजवानों को रोजगार मुहैया कराने की कवायद माना जा रहा है।

मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों व विभागाध्यक्षों को 22 मार्च को भेजे निर्देश में कहा है कि समूह क, ख, ग, घ के नियमित, संविदा, आउट सोर्सिग के माध्यम से भरे जाने वाले पदों का ब्यौरा उपलब्ध कराया जाए। यह भी बताया जाए कि स्वीकृत पदों के सापेक्ष कितने भरे हैं, कितने पद रिक्त हैं। ब्यौरा 30 मार्च तक उन्हें और कार्मिक विभाग को उपलब्ध कराया जाए। सरकार की इस कवायद को भाजपा के संकल्प पत्र में नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराने के वादे को पूरा करने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि ब्यौरा उपलब्ध होने के बाद सरकार भर्ती की अभियान चलाएगी। ध्यान रहे, इससे पहले मुख्य सचिव ने सेवा विस्तार के जरिये विभिन्न पदों पर कार्यरत अधिकारियों का ब्यौरा तलब किया था।

शिक्षा विभाग की इन गतिमान शिक्षक भर्तियों पर गिरी गाज

ये भर्तियां अधर में:
  1. 12460 : प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए पहली काउंसिलिंग पूरी हो चुकी है। 
  2. 4000 : प्राथमिक विद्यालयों में उर्दू शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए पहले चरण की काउंसिलिंग शुरू हुई। 
  3. 32022 : उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अंशकालिक अनुदेशक भर्ती के लिए काउंसिलिंग का कार्यक्रम जारी है।
  4. 29334 : उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित विषय की भर्ती में रिक्त सीटों पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। 
  5. 72825 : प्राथमिक स्कूलों के लिए यह शिक्षक भर्ती 2011 से चल रही है, अब भी कुछ हजार पदों पर नियुक्तियां हो रही।

उर्दू काउंसिलिंग के अभ्यर्थी लौटाए, आगे जो भी निर्देश होंगे उसका होगा अनुपालन

प्राथमिक स्कूलों में चार हजार उर्दू शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग चल रही है। भर्ती रोकने का आदेश होने पर तमाम जिलों में अभ्यर्थी आए थे, जिन्हें बीएसए के निर्देश पर वापस लौटा दिया गया। उन्हें बताया गया कि अब आगे जो भी निर्देश होंगे उसका अनुपालन किया जाएगा।

12460 शिक्षक भर्ती में ऑनलाइन आवेदन में जमकर हेराफेरी, काउंसिलिंग में बात आई सामने

इलाहाबाद : प्राथमिक विद्यालयों में चल रही 12460 शिक्षकों की काउंसिलिंग में तमाम अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन में हेराफेरी की शिकायत की थी। इस पर परिषद के अफसरों ने सख्त रुख अख्तियार करके निर्देश दिया था। अफसरों का कहना था कि ऑनलाइन आवेदन पत्र में बदलाव किया जाना संभव नहीं है, यदि ऐसा
हुआ है तो यह साइबर क्राइम है और इसकी एफआइआर होनी चाहिए। इस पर अभ्यर्थियों ने मौन साध लिया।

गर्ल्स स्कूलों के बाहर युवकों को मुर्गा बनाया, एंटी रोमियो स्क्वायड का अभियान जिले में जारी

इलाहाबाद : गल्र्स कालेजों, कोचिंग सेंटरों के आसपास मंडराने वालों की धरपकड़ को एंटी रोमियो स्क्वायड का अभियान जारी है। गुरुवार को भी पुलिस टीमों ने कई स्कूल, कालेजों के सामने बेवजह घूम रहे युवकों से पूछताछ की। कई युवकों की हरकतें गलत दिखीं, जिन्हें मुर्गा बनाया गया। हिदायत दी गई कि लड़कियों के स्कूल के आसपास अड्डेबाजी न करें। 1शहर के अलावा देहात में भी सभी स्कूलों पर अभियान चलाया गया।
एसएसपी शलभ माथुर के मुताबिक, अभियान के दौरान एंटी रोमियो स्क्वायड ने 42 युवकों को पकड़ा जबकि सड़क किनारे शराब पीने, हंगामा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर 82 लोगों को पकड़ा गया। इसमें से तमाम युवकों को परिजनों को बुलाकर छोड़ा गया। 1एसपी सिटी विपिन ताडा, सीओ डीपी तिवारी और रूपेश सिंह के साथ टीमों ने दोपहर में गल्र्स कालेजों पर चेकिंग की। वहां खड़े लोगों से पूछताछ की गई। सिविल लाइंस में एक कालेज के सामने से बाइक लहराते पकड़े गए दो युवकों को मुर्गा बनाया गया। ऐसा ही अभियान शहर के दूसरे इलाकों में चला। पुलिस टीमों को देख युवकों में अफरातफरी मची रही। एसएसपी के मुताबिक, एंटी रोमियो स्क्वायड में शामिल अफसरों से कहा गया है कि बेवजह किसी को परेशान न करें। छेड़खानी करने वाले संदिग्धों पर सख्त कार्रवाई करें। इसके अलावा रात में एसपी सिटी और सीओ ने सिविल लाइंस समेत अन्य इलाकों में मॉडल शाप के आसपास, शराब की दुकानों, पार्किंग और फुटपाथ पर शराब पीते तमाम युवकों को पकड़ा। भागने के दौरान एक दो युवकों की पिटाई भी की गई। राजापुर, बालसन चौराहा, मेडिकल चौराहा, जार्जटाउन और लाउदर रोड पर सड़क किनारे शराब पीने वालों में भगदड़ सी मची रही।एंटी रोमियो अभियान के तहत जीएचएस के बाहर तैनात पुलिस बल।

शिक्षक भर्तियों पर रोक से अभ्यर्थी मायूस: शासन ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया को रोका

फीरोजाबाद : बेसिक शिक्षा विभाग में चल रही भर्तियों की तैयारियों पर गुरुवार को विराम लग गया। शासन से भर्तियों पर रोक का आदेश आने के बाद सबसे ज्यादा बेचैन वो अभ्यर्थी नजर आए। जिनकी काउंसि¨लग भी हो चुकी है तथा नौकरी पक्की थी।

बेसिक शिक्षा विभाग में प्रदेश भर में भर्तियां चल रही हैं। 12400 एवं 4000 शिक्षकों की भर्ती के तहत फीरोजाबाद में भी 100 से ज्यादा पदों पर नियुक्ति होनी थी। इसके लिए पिछले दिनों विभाग काउंसि¨लग भी करा चुका है। इसमें 800 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। काउंसि¨लग के बाद में विभाग चयन सूची जारी करने की तैयारी कर रहा था, लेकिन इससे पहले ही गुरुवार को यूपी सरकार ने भर्तियों पर रोक का आदेश जारी कर दिया। दोपहर एक बजे करीब आदेश वाट्सएप एवं अन्य सोशल साइट्स पर भी वायरल हो गया। ऐसे में अभ्यर्थी बेचैन हो गए। काउंसि¨लग कराने वाले हाई मेरिट के अभ्यर्थी इसकी सच्चाई जानने के लिए बीएसए दफ्तर भी पहुंच गए। कई अभ्यर्थी आपस में चर्चा कर रहे थे अगर यह आदेश कुछ दिन और रुक जाता तो शायद उन्हें तैनाती मिल जाए। शिक्षाधिकारियों का कहना है शासन ने अग्रिम आदेशों तक भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया है।

CM का नया फरमान:अब सरकारी मास्साहब नहीं पहन सकेगें टीशर्ट अौर जींस

लखनऊ. यूपी की कमान हाथ में आते ही समूची योगी सरकार हरकत में आ गई है। सीएम आदित्यनाथ योगी व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा समेत कई मंत्री जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए एक्शन मोड में आ गए हैं। पुलिस महकमें के पेंच कसने के बाद योगी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन को जन-जन तक पहुंचाने के साथ ही स्कूलों में अनुशासन को लेकर गुरुवार को कई कड़े कदम उठाए हैं। अब स्कूलों में मास्टर साहब जींस -टीशर्ट 
नहीं पहन सकेंगे साथ ही ड्यूटी के दौरान मोबाइल भी नहीं इस्तेमाल कर सकेंगे। सीएम ने पान मसाला व गुटखा को हतोत्साहित करने के साथ -साथ स्कूलों में अनुशासन कायम रखने के लिए और कई सख्त निर्देश भी दिए हैं।
योगी के निर्देश
सरकारी स्कूलों को साफ सुथरा बनाने के लिए सीएम ने निर्देश दिया है कि अगर विद्यालय परिसर में कहीं भी पान मसाला आदि के दाग धब्बे हो तो उन्हें कल तक हर हाल में मिटवा दें। उन्होंने कहा कि कोई भी शिक्षक किसी भी हाल में विद्यालय अवधि में पान मसाला, गुटका, तम्बाकू, सिगरेट आदि का प्रयोग किसी न करें। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को ये भी निर्देश दिया कि किसी भी विद्यालय के इर्द गिर्द पान मसाला आदि की दुकानें संचालित न हों, अगर ऐसा है तो उन्हें तत्काल बंद करायें। उन्होंने कहा कि सभी टीचर्स मर्यादित परिधान ही पहनें। टी शर्ट्स आदि का प्रयोग न करें।
प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना हर हाल में करायी जाये और घंटे का प्रयोग हो। उन्होंने कहा कि विद्यालय विशेष रूप से जूनियर स्कूल में अगर लड़कियों को स्कूल आने जाने में कहीं छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है या उन्हें कोई परेशान करता है तो तत्काल अवगत करायें । इसके अलावा उन्होंने विद्यालय अवधि में मोबाइल का अनावश्यक प्रयोग पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं।