26.12.16
दिसंबर का अंतिम माह और स्कूलों में लटके ताले, अपने शेष बचे आकस्मिक अवकाश पूरा करने में लगे शिक्षक
जागरण संवाददाता, हापुड़ : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में इन दिनों ताला लटकने की स्थिति बन आई है। पूरे साल जुगाड़ से स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षक अब दिसंबर माह में अपने शेष बचे आकस्मिक अवकाश पूरा करने में लग गए हैं। जिसके चलते स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था ठप हो गई है। अधिकारी भी खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं क्योंकि नियमानुसार शिक्षकों को पूरे साल में 14 अवकाश लेने का अधिकार है।
विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को बदहाल करने में शिक्षकों की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है। पूरे साल जुगाड़ के सहारे स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों के 14 आकस्मिक पूरा करने के चक्कर में विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था की भी परवाह नहीं कर रहे हैं। जिले के 427 प्राथमिक और 206 जूनियर स्कूलों में से ज्यादातर स्कूलों में इन दिनों लगभग आधे से ज्यादा शिक्षक अवकाश पर है। जबकि फरवरी माह में वाषिर्क परीक्षाएं होनी हैं। स्कूलों में शिक्षण ठप होने से बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है। अधिकारी सबकुछ देखकर भी शांत हैं क्योंकि नियमानुसार 14 आकस्मिक अवकाश लेने का शिक्षकों को अधिकार है। हालांकि यह बात और है कि पूरा साल अवकाश की जरूरत पड़ने पर शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके गायब हो जाते थे। उन्हीं बचाए गए आक्सि्मक अवकाशों को अब पूरा किया जा रहा है।ऐसे ही कुछ शिक्षकों ने तो शीतकालीन अवकाश की भी तैयारी कर ली है।
-शिक्षकों को साल भर में 14 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं। ऐसे में शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कोई कार्यवाही नहीं बनती है। हालांकि शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है।विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को बदहाल करने में शिक्षकों की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है। पूरे साल जुगाड़ के सहारे स्कूलों से नदारद रहने वाले शिक्षकों के 14 आकस्मिक पूरा करने के चक्कर में विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था की भी परवाह नहीं कर रहे हैं। जिले के 427 प्राथमिक और 206 जूनियर स्कूलों में से ज्यादातर स्कूलों में इन दिनों लगभग आधे से ज्यादा शिक्षक अवकाश पर है। जबकि फरवरी माह में वाषिर्क परीक्षाएं होनी हैं। स्कूलों में शिक्षण ठप होने से बच्चों की उपस्थिति भी कम हो गई है। अधिकारी सबकुछ देखकर भी शांत हैं क्योंकि नियमानुसार 14 आकस्मिक अवकाश लेने का शिक्षकों को अधिकार है। हालांकि यह बात और है कि पूरा साल अवकाश की जरूरत पड़ने पर शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करके गायब हो जाते थे। उन्हीं बचाए गए आक्सि्मक अवकाशों को अब पूरा किया जा रहा है।ऐसे ही कुछ शिक्षकों ने तो शीतकालीन अवकाश की भी तैयारी कर ली है।
-देवेंद्र गुप्ता, बीएसए, हापुड़
बीटीसी प्रशिक्षितों ने बंधक बनाए कर्मचारी, बीएसए दफ्तर में बीटीसी प्रशिक्षितों ने काटा हंगामा
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सोमवार को बीएसए दफ्तर में बीटीसी प्रशिक्षितों ने हंगामा काटा। रिक्त पद बढ़ाने की मांग को लेकर पहुंचे प्रशिक्षकों ने बीएसए दफ्तर में ताला डाल दिया। इससे कई कर्मचारी दफ्तर में कैद होकर रह गए। युवक-युवतियां दफ्तर में ही धरने पर बैठ गए। खबर मिलने पर पुलिस फोर्स भी पहुंच गया। साढ़े दस बजे शुरू हुआ हंगामा करीब 12 बजे तक चला। बीएसए ने मौके पर पहुंच कर बीटीसी प्रशिक्षितों को समझाया, तब धरना खत्म हुआ।
जिले में बीटीसी प्रशिक्षितों की संख्या करीब दो हजार पर पहुंच गई है। प्राइवेट संस्थाओं में बीटीसी आने के बाद बीटीसी प्रशिक्षित बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2013 में बीटीसी करने वाले प्रशिक्षु भी अब तक नौकरी नहीं पा सके हैं। इस बार भी विभाग द्वारा फीरोजाबाद में 105 पद आवंटित किए हैं। जबकि युवक-युवतियां पद बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा को नियुक्ति मिल सके। इस मांग को लेकर युवक-युवतियां सोमवार को बीएसए दफ्तर पहुंच गए। यहां पर इन्होने नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। करीब साढ़े दस बजे बीएसए दफ्तर में ताला डाल दिया। इस दौरान दफ्तर में मौजूद कई लिपिक एवं कर्मचारी दफ्तर के अंदर ही कैद होकर रह गए।
इस बीच पहुंचे बीएसए डॉ.सच्चिदानंद यादव ने बीटीसी प्रशिक्षितों को समझाने का प्रयास किया। न मानने पर बीएसए प्रशासन की बैठक में चले गए। बाद में डिप्टी बीएसए तरुण कुमार ने बीटीसी प्रशिक्षितों को समझाने का प्रयास किया, तो कई बार उनकी नोकझोंक भी हुई। आंदोलनकारी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। डिप्टी बीएसए ने गुस्से में यहां तक कह दिया कि कर्मचारियों को बंधक बनाया है। वह आपके खिलाफ पुलिस में शिकायत करेंगे। दोपहर पौने 12 बजे करीब बीएसए डॉ. सच्चिदानंद यादव ने पहुंच कर फिर से आंदोलनकारियों से कहा कि रिक्त पदों की संख्या बढ़ाने का मामला शासन के हाथ में है। वह शासन को पत्र भेजेंगे। इसके बाद आंदोलनकारियों ने पौन बजे करीब ताला खोल दिया, लेकिन धरने पर बैठे रहे। दोपहर तीन बजे करीब नगर विधायक मनीष असीजा बीएसए दफ्तर पहुंचे और प्रशिक्षितों व बीएसए से वार्ता की। विधायक ने कहा कि विभाग प्रमोशन पर से स्टे हटाने के लिए प्रयास करे, ताकि इन पदों को भी इसमें शामिल किया जा सके। आंदोलन करने वालों में दिनेश राजा, प्रतीक गुप्ता, आशुतोष ¨सह, दीपक कुशवाहा, अशोक, पंकज कुमार, यतेंद्र ¨सह, नीरज यादव, धीरज, अभिषेक, हिभांशू, पूजा सक्सेना, प्रिया ¨सह, काजल, दीप्ति, दुर्गेश, वीनेश आदि प्रमुख हैं।
जिले में बीटीसी प्रशिक्षितों की संख्या करीब दो हजार पर पहुंच गई है। प्राइवेट संस्थाओं में बीटीसी आने के बाद बीटीसी प्रशिक्षित बढ़ते जा रहे हैं। वर्ष 2013 में बीटीसी करने वाले प्रशिक्षु भी अब तक नौकरी नहीं पा सके हैं। इस बार भी विभाग द्वारा फीरोजाबाद में 105 पद आवंटित किए हैं। जबकि युवक-युवतियां पद बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा को नियुक्ति मिल सके। इस मांग को लेकर युवक-युवतियां सोमवार को बीएसए दफ्तर पहुंच गए। यहां पर इन्होने नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। करीब साढ़े दस बजे बीएसए दफ्तर में ताला डाल दिया। इस दौरान दफ्तर में मौजूद कई लिपिक एवं कर्मचारी दफ्तर के अंदर ही कैद होकर रह गए।
इस बीच पहुंचे बीएसए डॉ.सच्चिदानंद यादव ने बीटीसी प्रशिक्षितों को समझाने का प्रयास किया। न मानने पर बीएसए प्रशासन की बैठक में चले गए। बाद में डिप्टी बीएसए तरुण कुमार ने बीटीसी प्रशिक्षितों को समझाने का प्रयास किया, तो कई बार उनकी नोकझोंक भी हुई। आंदोलनकारी कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे। डिप्टी बीएसए ने गुस्से में यहां तक कह दिया कि कर्मचारियों को बंधक बनाया है। वह आपके खिलाफ पुलिस में शिकायत करेंगे। दोपहर पौने 12 बजे करीब बीएसए डॉ. सच्चिदानंद यादव ने पहुंच कर फिर से आंदोलनकारियों से कहा कि रिक्त पदों की संख्या बढ़ाने का मामला शासन के हाथ में है। वह शासन को पत्र भेजेंगे। इसके बाद आंदोलनकारियों ने पौन बजे करीब ताला खोल दिया, लेकिन धरने पर बैठे रहे। दोपहर तीन बजे करीब नगर विधायक मनीष असीजा बीएसए दफ्तर पहुंचे और प्रशिक्षितों व बीएसए से वार्ता की। विधायक ने कहा कि विभाग प्रमोशन पर से स्टे हटाने के लिए प्रयास करे, ताकि इन पदों को भी इसमें शामिल किया जा सके। आंदोलन करने वालों में दिनेश राजा, प्रतीक गुप्ता, आशुतोष ¨सह, दीपक कुशवाहा, अशोक, पंकज कुमार, यतेंद्र ¨सह, नीरज यादव, धीरज, अभिषेक, हिभांशू, पूजा सक्सेना, प्रिया ¨सह, काजल, दीप्ति, दुर्गेश, वीनेश आदि प्रमुख हैं।
शिक्षकों ने वेतन के लिए लेखाधिकारी को घेरा, 15 हजार व 16448 भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में तैनात शिक्षकों को वेतन के पड़े लाले
जागरण संवाददाता, हरदोई: वेतन के इंतजार में बैठे नवनियुक्त शिक्षकों का धैर्य सोमवार को जवाब दे गया। शैक्षिक अभिलेखों में दो दो सत्यापन हो जाने के बाद भी वेतन न मिलने से नाराज शिक्षकों ने वित्त लेखाधिकारी का घेराव किया। प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी वेतन न मिलने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एक हफ्ते का समय दिया। कहा कि इसके बाद धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार व 16448 भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में भी शिक्षकों की तैनाती हुई थी। जिसमें करीब सात सौ शिक्षकों की नियुक्ति हुई और सभी शिक्षण कार्य भी कर रहे हैं। वेतन के लिए उनके अभिलेखों का आनलाइन सत्यापन कराया गया था। जिसमें दो दो प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो गया और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने वित्त एवं लेखाधिकारी को वेतन जारी करने के लिए पत्र भेज दिया लेकिन शासन स्तर से आदेश न होने की बात कहते हुए उस पर आपत्ति लगा दी गई जिसके बाद से शिक्षक शिक्षिकाएं वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कई महीने बीत जाने के बाद उनका धैर्य टूट गया और सोमवार को स्कूलों से शिक्षक बीएसए कार्यालय पहुंचे और लेखाधिकारी का घेराव कर लिया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवशंकर पांडेय ने लेखाधिकारी से वार्ता कराई और एक सप्ताह का समय दिया। शिक्षकों ने कहा कि अगर वेतन नहीं मिला तो वह कार्यालय पर धरना देंगे। इस दौरान अक्षत पांडे, विवेक आनंद मिश्र, श्रुति शुक्ला, आशीष यादव, शुभ्रत आदि मौजूद रहे।
परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार व 16448 भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में भी शिक्षकों की तैनाती हुई थी। जिसमें करीब सात सौ शिक्षकों की नियुक्ति हुई और सभी शिक्षण कार्य भी कर रहे हैं। वेतन के लिए उनके अभिलेखों का आनलाइन सत्यापन कराया गया था। जिसमें दो दो प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो गया और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने वित्त एवं लेखाधिकारी को वेतन जारी करने के लिए पत्र भेज दिया लेकिन शासन स्तर से आदेश न होने की बात कहते हुए उस पर आपत्ति लगा दी गई जिसके बाद से शिक्षक शिक्षिकाएं वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कई महीने बीत जाने के बाद उनका धैर्य टूट गया और सोमवार को स्कूलों से शिक्षक बीएसए कार्यालय पहुंचे और लेखाधिकारी का घेराव कर लिया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शिवशंकर पांडेय ने लेखाधिकारी से वार्ता कराई और एक सप्ताह का समय दिया। शिक्षकों ने कहा कि अगर वेतन नहीं मिला तो वह कार्यालय पर धरना देंगे। इस दौरान अक्षत पांडे, विवेक आनंद मिश्र, श्रुति शुक्ला, आशीष यादव, शुभ्रत आदि मौजूद रहे।
ब्रेकिंग न्यूज:रायबरेली जिले में सभी स्कूल (1से 8 तक) तीन दिन बन्द रहेंगे । 27,28 और 29 तक बन्द रहेंगे ।
ब्रेकिंग न्यूज:
रायबरेली जिले में सभी स्कूल (1से 8 तक) तीन दिन बन्द रहेंगे । 27,28 और 29 तक बन्द रहेंगे ।
[ रायबरेली ब्रेकिंग: जिले में शीत लहर को देखते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देश पर 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक सभी बोर्डों के
स्कूल बंद करने के निर्देश डीआईओएस और बीएसए को दिए है। DIOS ने बताया है कि डीएम के निर्देशों का पालन करते हुए शीत लहर अवकाश की सुचना सभी बोर्डों के स्कूल/कॉलेजों में दे दी गई है। इसमें परिषद, यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई के सभी कॉलेज/स्कूल है। लेकिन जहां यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा चल रही है वहां के स्कूल और कॉलेज खुले रहेंगे।रायबरेली जिले में सभी स्कूल (1से 8 तक) तीन दिन बन्द रहेंगे । 27,28 और 29 तक बन्द रहेंगे ।
[ रायबरेली ब्रेकिंग: जिले में शीत लहर को देखते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के निर्देश पर 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक सभी बोर्डों के
अध्यापको की उपस्थित और शिक्षा गुणवत्ता सुधार के आदेश: जनपदों के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों तथा अध्यापको की उपस्थित एवं शिक्षा गुणवत्ता सुधार के का आदेश हुआ जारी : देखें आदेश की प्रति
जनपदों के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों तथा अध्यापको की उपस्थित एवं शिक्षा गुणवत्ता सुधार के का आदेश हुआ जारी : दखें आदेश की प्रति अध्यापको की उपस्थित और शिक्षा गुणवत्ता सुधार के आदेश: जनपदों के परिषदीय विद्यालयों में छात्रों तथा अध्यापको की उपस्थित एवं शिक्षा गुणवत्ता सुधार के का आदेश हुआ जारी : देखें आदेश की प्रति
मानदेय वृद्धि और समायोजन की मांग को लेकर शिक्षामित्र 27 को शिक्षा निदेशालय का करेंगे घेराव
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की बैठक में समायोजन से वंचित शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने की मांग हुई। कंपनी बाग में हुई बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि मानदेय वृद्धि समेत शिक्षामित्रों को समायोजित करने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय का घेराव 27 दिसंबर को किया जाएगा। इस मौके पर संघ के संरक्षक सुरेंद्र पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण पटेल, सुनीत तिवारी, जर्नादन पांडेय, राकेश यादव, विनोद मौर्या, आशीष सिंह, जगदीश केशरी, विजय शंकर रावत, वंदना सरोज, निशा रहीं।
प्रदेश के 449 उच्च प्राथमिक स्कूलों को मिलेंगे कम्प्यूटर
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के 449 उच्च प्राथमिक स्कूल के बच्चों को कम्प्यूटर का तोहफा दिया है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी की ओर से 22 दिसंबर को सभी डीएम और बीएसए को पत्र भेजकर कम्प्यूटर सहायतित शिक्षा के अंतर्गत चयनित 449 स्कूलों में कम्प्यूटर लगवाने के निर्देश दिए गए हैं।
खरीदारी के लिए प्रति स्कूल 1.27 लाख रुपए के हिसाब से जिलों को कुल 5.7 करोड़ रुपए दिए गए हैं। खास बात यह कि इन स्कूल के कम्प्यूटर का किसी अन्य काम में उपयोग नहीं किया जाएगा। कम्प्यूटर की खरीदारी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी जिसमें बीएसए सदस्य सचिव होंगे। यदि तीन साल तक कम्प्यूटर ठीक से काम नहीं करते तो संबंधित संस्था के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी।
इलाहाबाद के तीन स्कूलों में लेंगे कम्प्यूटर
खरीदारी के लिए प्रति स्कूल 1.27 लाख रुपए के हिसाब से जिलों को कुल 5.7 करोड़ रुपए दिए गए हैं। खास बात यह कि इन स्कूल के कम्प्यूटर का किसी अन्य काम में उपयोग नहीं किया जाएगा। कम्प्यूटर की खरीदारी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी जिसमें बीएसए सदस्य सचिव होंगे। यदि तीन साल तक कम्प्यूटर ठीक से काम नहीं करते तो संबंधित संस्था के खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी।
इलाहाबाद के तीन स्कूलों में लेंगे कम्प्यूटर
झांसी में सर्वाधिक 20 स्कूल चुने गए
झांसी में सबसे अधिक 20 स्कूलों में कम्प्यूटर लगाए जाएंगे। मुरादाबाद 19, गौतमबुद्धनगर, उन्नाव 14, रायबरेली व सहारनपुर 13-13, बस्ती व संभल 12-12, मैनपुरी 11, कानपुर नगर व मथुरा 10-10 जूनियर हाईस्कूलों में कम्प्यूटर स्थापित किए जाएंगे।
इनका कहना है
जिले के तीन जूनियर हाईस्कूलों में कम्प्यूटर स्थापित करने के निर्देश मिले हैं। जिलाधिकारी की अनुमति के बाद खरीदारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
हरिकेश यादव, बीएसए
कैशलेस इलाज सुविधा की मांग उठी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (प्राथमिक संवर्ग) ने कमर कसी
इलाहाबाद : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (प्राथमिक संवर्ग) की बैठक में कैशलेस इलाज की सुविधा देने की मांग सरकार से हुई। एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में हुई बैठक को संबोधित कर प्राथमिक संवर्ग के प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह ने 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन देने की मांग की। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश संगठन मंत्री श्रीकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि सातवें वेतनमान में विसंगतियां हैं। इस मौके पर शिवशंकर सिंह, पंकज त्रिपाठी, बजरंगी सिंह, संत लाल सिंह, सुरेश चंद्र त्रिपाठी, ऋषि देव त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। संचालन
जिलाध्यक्ष कामता नाथ ने की।
जिलाध्यक्ष कामता नाथ ने की।
राजकीय विद्यालयों में 9342 एलटी भर्ती के लिए आवेदन आज से शुरू, यहाँ से करें आवेदन
राजकीय विद्यालयों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन सोमवार से शुरू होंगे। अभ्यर्थी www.upseat.in पर आवेदन कर सकेंगे। पहली बार प्रदेश स्तर पर भर्ती हो रही है। इससे पहले मंडल स्तर पर संयुक्त शिक्षा निदेशकों के माध्यम से भर्ती होती थी। खास बात यह कि पहली बार माध्यमिक विद्यालयों के लिए कम्प्यूटर शिक्षकों की सीधी भर्ती होने जा रही है। 19 अक्तूबर 2016 को जारी संशोधित नियमावली में
नियुक्ति प्राधिकारी जेडी की बजाय अपर निदेशक माध्यमिक को बनाया गया है। नियुक्ति एकेडमिक रिकार्ड पर की जाएगी जिसमें हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व ट्रेनिंग में मिले अंकों को जोड़ते हुए मेरिट तैयार करेंगे।
आवेदन हेतु वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ पर क्लिक करें
नियुक्ति प्राधिकारी जेडी की बजाय अपर निदेशक माध्यमिक को बनाया गया है। नियुक्ति एकेडमिक रिकार्ड पर की जाएगी जिसमें हाईस्कूल, इंटर, स्नातक व ट्रेनिंग में मिले अंकों को जोड़ते हुए मेरिट तैयार करेंगे।
आवेदन हेतु वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ पर क्लिक करें
नहीं पढ़े तो फेल होंगे छठी से आठवीं तक के बच्चे, विधि मंत्रलय ने मानव संसाधन मंत्रलय के प्रस्ताव को दी मंजूरी
विधि मंत्रलय.ने फेल नहीं करने की नीति को आठवीं कक्षा की जगह पांचवीं कक्षा तक सीमित करने के मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रलय के.प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.है। मौजूदा नीति के बारे में कहा गया है कि फेल न होने का डर नहीं होने से बच्चे अनुशासनहीन हो रहे हैं और शिक्षा की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। 1विधि मंत्रलय ने कहा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रलय.शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 की धारा 16 को संशोधित कर सकता है। ऐसा इसलिए कि यह प्रस्ताव उपसमिति की सिफारिश पर आधारित है और नीतिगत विषय से संबंधित है। विधि मंत्रलय ने कहा कि स्कूल में दाखिला लेने वाले किसी भी बच्चे को पांचवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने तक किसी भी कक्षा में फेल नहीं करने या स्कूल से नहीं निकालने के प्रावधान के लिए कानून में संशोधन में
कोई आपत्ति नजर नहीं आती। मौजूदा प्रावधान के अनुसार, फेल नहीं करने या एक ही कक्षा में न रोकने की नीति आठवीं कक्षा पूरी करने तक मान्य है। आठ दिसंबर के अपने एक नोट में विधि मंत्रलय के कानूनी मामलों के विभाग ने कहा, ‘सरकार जरूरी होने पर छठी, सातवीं या आठवीं कक्षा तक बच्चों को एक ही कक्षा में रोकने के लिए नियम बना सकती है, लेकिन छात्रों को दोबारा परीक्षा में शामिल होने का एक अतिरिक्त मौका दिया जा सकता है। नोट में कहा गया कि एचआरडी मंत्रलय ने फेल नहीं करने की नीति आठवीं कक्षा से घटाकर पांचवीं कक्षा तक करने का फैसला मौजूदा प्रावधान के विभिन्न विपरीत परिणामों की समीक्षा करने के बाद किया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की उपसमिति की बैठकों में कई राज्यों ने फेल नहीं करने की नीति की समीक्षा करने की मांग की थी। बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के तहत फेल नहीं करने के प्रावधान के संदर्भ में सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति के आकलन के लिए यह उपसमिति गठित की गई थी।
कोई आपत्ति नजर नहीं आती। मौजूदा प्रावधान के अनुसार, फेल नहीं करने या एक ही कक्षा में न रोकने की नीति आठवीं कक्षा पूरी करने तक मान्य है। आठ दिसंबर के अपने एक नोट में विधि मंत्रलय के कानूनी मामलों के विभाग ने कहा, ‘सरकार जरूरी होने पर छठी, सातवीं या आठवीं कक्षा तक बच्चों को एक ही कक्षा में रोकने के लिए नियम बना सकती है, लेकिन छात्रों को दोबारा परीक्षा में शामिल होने का एक अतिरिक्त मौका दिया जा सकता है। नोट में कहा गया कि एचआरडी मंत्रलय ने फेल नहीं करने की नीति आठवीं कक्षा से घटाकर पांचवीं कक्षा तक करने का फैसला मौजूदा प्रावधान के विभिन्न विपरीत परिणामों की समीक्षा करने के बाद किया है। केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की उपसमिति की बैठकों में कई राज्यों ने फेल नहीं करने की नीति की समीक्षा करने की मांग की थी। बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून के तहत फेल नहीं करने के प्रावधान के संदर्भ में सतत एवं समग्र मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति के आकलन के लिए यह उपसमिति गठित की गई थी।
अंतर जिला तबादला में 1870 शिक्षकों को मिला मनचाहा तबादला, 3200 शिक्षकों ने दिया था बेसिक शिक्षा परिषद को प्रत्यावेदन, अंतर जिला तबादले की दूसरी सूची जारी
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद ने अंतर जिला तबादले की बहुप्रतीक्षित दूसरी सूची जारी कर दी है। इसमें 1870 शिक्षकों को मनचाहे जिलों में जाने का मौका मिला है। परिषद की इससे पहले 21 अगस्त को जारी सूची में 15087 शिक्षकों को मनचाही नियुक्ति मिली थी। शिक्षकों को जल्द ही ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। 1परिषद ने रविवार को क्रिसमस का अवकाश होने के बावजूद देर रात सूची जारी की। हालांकि इसकी तैयारियां पहले ही कर ली गई थीं। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बताया कि इसमें 1870 शिक्षकों को अपने जिले में जाने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि सारे प्रत्यावेदनों का गहनता से परीक्षण कराया और अपनी देखरेख में दूसरी सूची तैयार कराई है। इसमें हर उस शिक्षक को तबादले का मौका दिया गया है, जिसे जरूरत थी। बीमारी, विधवा व अन्य कारणों पर पूरा गौर किया गया है। 1उल्लेखनीय है कि अंतर जिला तबादले का आदेश 23 जून
को हुआ था। इसके लिए 23725 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 3162 शिक्षकों ने अपना सत्यापन नहीं कराया था जिससे उनके आवेदन निरस्त कर दिये गये थे। शेष बचे 20563 शिक्षकों में से पहली सूची में केवल 15087 शिक्षकों को ही अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ दिया गया था। अंतर्जनपदीय तबादले की सभी सेवा शर्ते पूरी करने वाले 5476 शिक्षक फिर भी लाभ से वंचित रह गये थे। उनमें से करीब 3200 शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा परिषद सचिव इलाहाबाद को प्रत्यावेदन दिया था। उन्होंने शिक्षकों से जल्द कार्यभार ग्रहण करने को कहा है। सिन्हा ने यह भी बताया कि रविवार देर रात तक सूची परिषद की वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगी, शिक्षक रात में ही देख सकते हैं।
को हुआ था। इसके लिए 23725 शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 3162 शिक्षकों ने अपना सत्यापन नहीं कराया था जिससे उनके आवेदन निरस्त कर दिये गये थे। शेष बचे 20563 शिक्षकों में से पहली सूची में केवल 15087 शिक्षकों को ही अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ दिया गया था। अंतर्जनपदीय तबादले की सभी सेवा शर्ते पूरी करने वाले 5476 शिक्षक फिर भी लाभ से वंचित रह गये थे। उनमें से करीब 3200 शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा परिषद सचिव इलाहाबाद को प्रत्यावेदन दिया था। उन्होंने शिक्षकों से जल्द कार्यभार ग्रहण करने को कहा है। सिन्हा ने यह भी बताया कि रविवार देर रात तक सूची परिषद की वेबसाइट पर अपलोड हो जाएगी, शिक्षक रात में ही देख सकते हैं।
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