1.2.17
शिक्षा के साथ संचार व संवाद जरूरी, यूपीआरटीओयू में आयोजित हुआ राष्ट्रीय सेमिनार, नयी तकनीक सीखने पर दिया जोर
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : वर्तमान परिवेश में रक्षा, चिकित्सा तथा शिक्षा क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है। आज का दौर एकीकरण का है, जिसमें शिक्षा के साथ संचार एवं संवाद भी जरूरी है। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की विज्ञान विद्याशाखा में मंगलवार को आयोजित ‘इमर्जिग ट्रेंड्स इन आइसीटी’ विषयक सेमिनार में मंगलवार को आरएएफ कमांडेंट दिनेश सिंह चंदेल ने बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कही। 1सूचना प्रौद्योगिकी एवं सोशल मीडिया के बारे में उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मात्रत्मक एवं गुणात्मक दोनों ही रूपों में सूचना की जरूरत है, ऐसे में आवश्यकता है कि सोशल मीडिया में जो भी तथ्य डाले जाएं वे विश्वसनीय हो। उन्होंने जीवन की सरलता एवं एकीकरण पर जोर देते हुए कहा कि आइसीटी के प्रयो
ग के साथ हमें वर्तमान में संस्कृति एवं सभ्यता को भी एकीकृत करना होगा। सूचना, पैकेजिंग, डिजाइनिंग और संरचना जितना सरल होगी उतनी ही तकनीकी और आइसीटी मानव के लिए उपयोगी होगी। अध्यक्षता कर रहे प्रो. आरपी मिश्र ने तकनीक और आइसीटी के महत्व पर चर्चा करते हुये बताया कि वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी लोगों को ज्ञान दे रही है लेकिन संस्कारों के लिए अतीत से लेकर वर्तमान तक शिक्षकों के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। तकनीक ज्ञान दे सकती है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। 1कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व भारत की संस्कृति को महत्व दे रहा है हमें भी अपनी संस्कृति एव सभ्यता का आदर करते हुए नयी तकनीक को सीखना चाहिए। स्वागत डॉ. दिनेश गुप्त ने किया। संचालन संयोजक डॉ. श्रुति एवं आभार डॉ. मनोज बलवंत ने ज्ञापित किया। इस दौरान मारिषा, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. विवेक सिंह, प्रो. विनोद आनंद तिवारी, प्रो. एमएम गोरे, डॉ. अनिल सिंह, डॉ. आशुतोष गुप्त ने विचार व्यक्त किए।
ग के साथ हमें वर्तमान में संस्कृति एवं सभ्यता को भी एकीकृत करना होगा। सूचना, पैकेजिंग, डिजाइनिंग और संरचना जितना सरल होगी उतनी ही तकनीकी और आइसीटी मानव के लिए उपयोगी होगी। अध्यक्षता कर रहे प्रो. आरपी मिश्र ने तकनीक और आइसीटी के महत्व पर चर्चा करते हुये बताया कि वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी लोगों को ज्ञान दे रही है लेकिन संस्कारों के लिए अतीत से लेकर वर्तमान तक शिक्षकों के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता। तकनीक ज्ञान दे सकती है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं हैं। 1कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व भारत की संस्कृति को महत्व दे रहा है हमें भी अपनी संस्कृति एव सभ्यता का आदर करते हुए नयी तकनीक को सीखना चाहिए। स्वागत डॉ. दिनेश गुप्त ने किया। संचालन संयोजक डॉ. श्रुति एवं आभार डॉ. मनोज बलवंत ने ज्ञापित किया। इस दौरान मारिषा, डॉ. मनोज सिंह, डॉ. विवेक सिंह, प्रो. विनोद आनंद तिवारी, प्रो. एमएम गोरे, डॉ. अनिल सिंह, डॉ. आशुतोष गुप्त ने विचार व्यक्त किए।
शिक्षक व कर्मचारी रहेंगे अपडेट, बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन व अन्य सूचनाएं समय से मिल रही
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक व कर्मचारियों को वेतन व अन्य सूचनाएं समय से मिल रही हैं। इसी में अब नई अंशदान पेंशन का भी नाम जुड़ गया है। परिषद ने इस स्कीम के तहत आच्छादित सभी शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन से भी अपडेट रखने के लिए कदम उठाए हैं। 1परिषद के वित्त नियंत्रक
मणिशंकर पांडेय ने प्रदेश के सभी वित्त व लेखाधिकारियों को निर्देश दिया है कि नई अंशदान पेंशन योजना के तहत एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त परिषदीय शिक्षक या शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को अंशदान कटौती की जानकारी दी जानी है। इसके लिए सभी का मोबाइल नंबर एवं ई-मेल एड्रेस अपडेट कराने का निर्देश हुआ है। इस कार्य को जल्द पूरा करने की भी हिदायत दी गई है। 1भुगतान तय प्रारूप पर ही भेजे 1वित्त नियंत्रक भोलानाथ ने वित्त एवं लेखाधिकारियों को निर्देश भेजा है कि सूबे के अशासकीय सहायता प्राप्त एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के वेतन भुगतान के लिए सूचनाएं तय प्रारूप पर ही भेजे। कई जिलों से सीडी में जो सूचनाएं भेजी गई है वह वेतनमांग पत्र से भिन्न हैं। 1वहीं, शामली, रायबरेली, फतेहपुर, कासगंज, फैजाबाद, संतकबीर नगर, अमरोहा एवं अंबेडकर नगर को कई बार निर्देश देने के बाद भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। निदेशालय से सभी जिलों को एक प्रारूप भी भेजा गया है। इसी पर वेतन एवं अन्य सूचनाएं भेजने को कहा गया है।
मणिशंकर पांडेय ने प्रदेश के सभी वित्त व लेखाधिकारियों को निर्देश दिया है कि नई अंशदान पेंशन योजना के तहत एक अप्रैल 2005 या उसके बाद नियुक्त परिषदीय शिक्षक या शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को अंशदान कटौती की जानकारी दी जानी है। इसके लिए सभी का मोबाइल नंबर एवं ई-मेल एड्रेस अपडेट कराने का निर्देश हुआ है। इस कार्य को जल्द पूरा करने की भी हिदायत दी गई है। 1भुगतान तय प्रारूप पर ही भेजे 1वित्त नियंत्रक भोलानाथ ने वित्त एवं लेखाधिकारियों को निर्देश भेजा है कि सूबे के अशासकीय सहायता प्राप्त एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के वेतन भुगतान के लिए सूचनाएं तय प्रारूप पर ही भेजे। कई जिलों से सीडी में जो सूचनाएं भेजी गई है वह वेतनमांग पत्र से भिन्न हैं। 1वहीं, शामली, रायबरेली, फतेहपुर, कासगंज, फैजाबाद, संतकबीर नगर, अमरोहा एवं अंबेडकर नगर को कई बार निर्देश देने के बाद भी सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। निदेशालय से सभी जिलों को एक प्रारूप भी भेजा गया है। इसी पर वेतन एवं अन्य सूचनाएं भेजने को कहा गया है।
TGT RESULT: स्नातक शिक्षक गणित का अंतिम परिणाम घोषित
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 गणित विषय का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें कुल 805 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं उनमें 761 बालक एवं 44 बालिका संवर्ग से हैं। रिजल्ट चयन बोर्ड कार्यालय एवं वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। अभ्यर्थी उसे देख सकते हैं। 1चयनित अभ्यर्थियों को कालेज आवंटन के लिए बुधवार को कार्यक्रम घोषित किया जाएगा।चयन बोर्ड एक
के बाद एक परिणाम जारी कर रहा है। मंगलवार देर शाम टीजीटी 2013 गणित का भारी-भरकम रिजल्ट दिया गया है। इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा हो रही थी। 1चयन बोर्ड सचिव रूबी सिंह ने बताया कि बालक संवर्ग में 388 सामान्य वर्ग, 190 पिछड़ी जाति, 182 अनुसूचित जाति एवं एक अनुसूचित जनजाति का अभ्यर्थी सफल हुआ है। ऐसे ही बालिका संवर्ग में 14 सामान्य वर्ग, 19 पिछड़ी जाति, 11 अनुसूचित जाति की अभ्यर्थी हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी वेबसाइट पर इसे देख लें और चयनित अभ्यर्थियों के कालेज आवंटन का कार्यक्रम बुधवार को जारी किया जाएगा। 1टीजीटी कला का परिणाम इसी हफ्ते : चयन बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि टीजीटी 2013 कला विषय का परिणाम भी लगभग तैयार है। उसे भी इसी सप्ताह जारी करने की तैयारी है। कला विषय के सफल अभ्यर्थियों की तादाद गणित के मुकाबले और अधिक होगी। 12011 कॉपियों की स्कैनिंग शुरू : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वादे के मुताबिक प्रवक्ता एवं स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी-पीजीटी 2011 की उत्तर पुस्तिकाओं का परिणाम तैयार कराना शुरू कर दिया है।
के बाद एक परिणाम जारी कर रहा है। मंगलवार देर शाम टीजीटी 2013 गणित का भारी-भरकम रिजल्ट दिया गया है। इसकी लंबे समय से प्रतीक्षा हो रही थी। 1चयन बोर्ड सचिव रूबी सिंह ने बताया कि बालक संवर्ग में 388 सामान्य वर्ग, 190 पिछड़ी जाति, 182 अनुसूचित जाति एवं एक अनुसूचित जनजाति का अभ्यर्थी सफल हुआ है। ऐसे ही बालिका संवर्ग में 14 सामान्य वर्ग, 19 पिछड़ी जाति, 11 अनुसूचित जाति की अभ्यर्थी हैं। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी वेबसाइट पर इसे देख लें और चयनित अभ्यर्थियों के कालेज आवंटन का कार्यक्रम बुधवार को जारी किया जाएगा। 1टीजीटी कला का परिणाम इसी हफ्ते : चयन बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि टीजीटी 2013 कला विषय का परिणाम भी लगभग तैयार है। उसे भी इसी सप्ताह जारी करने की तैयारी है। कला विषय के सफल अभ्यर्थियों की तादाद गणित के मुकाबले और अधिक होगी। 12011 कॉपियों की स्कैनिंग शुरू : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने वादे के मुताबिक प्रवक्ता एवं स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी-पीजीटी 2011 की उत्तर पुस्तिकाओं का परिणाम तैयार कराना शुरू कर दिया है।
यूपी बोर्ड प्रवेश पत्र अब ऑनलाइन देने की तैयारी
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड में कंप्यूटर के जरिए मुख्यालय पर ही परीक्षा केंद्र बनाने का प्रयास परवान नहीं चढ़ सका। इसके बाद भी अफसरों ने हार नहीं मानी है और अब एक आजमाए प्रयोग को विस्तार देने की तैयारी है। परीक्षार्थियों को यूपी बोर्ड ऑनलाइन प्रवेश पत्र मुहैया करा सकता है। वेबसाइट पर अपलोड प्रवेश पत्र को निकालने की जिम्मेदारी संबंधित स्कूलों को दिए जाने का खाका खींचा जा रहा है। भले ही पहले साल इसके बेहतर परिणाम न आये, लेकिन तकनीक का साथ लेकर अच्छी पहल का प्रयास हो रहा है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड ने वर्ष 2013-14 में तकनीक से जुड़कर आगे बढ़ने की पहल की। दो बरस बाद 2015 में ही परीक्षार्थियों को ऑनलाइन प्रवेशपत्र मुहैया कराने के प्रयास हुए। बोर्ड ने सारी तैयारियों के बाद प्रदेश के सिर्फ पांच जिलों लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ एवं बरेली में यह प्रयोग किया। इसमें लखनऊ सूबे की
राजधानी होने एवं अन्य जिलों में बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय होने से परीक्षण किया गया। इसमें परीक्षार्थियों ने उत्सुकता नहीं दिखाई थी, क्योंकि बोर्ड कुछ साल पहले ही हाईटेक हुआ था और जो नियम लागू हुए थे ज्यादातर उन्हें ही समझने में जुटे थे। सफल न होने का दूसरा कारण सभी स्कूलों को उस वर्ष ऑफलाइन भी प्रवेश पत्र मुहैया कराए गए थे, ऐसे में धन एवं समय खर्च करने से विद्यालय प्रधानाचार्यो ने परहेज किया। प्रवेश पत्र में परीक्षार्थी के संबंधित स्कूल प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होते हैं इसलिए इसे डाउनलोड करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रधानाचार्य को ही दी गई थी। प्रधानाचार्यो ने केवल वही प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जो किसी कारण से गायब हो गए थे या फिर उनमें कोई गलत प्रविष्टि दर्ज थी। 1बोर्ड और तकनीक के साथ चलते अब कई वर्ष हो चुके हैं। सभी विद्यालय हर साल ऑनलाइन पंजीकरण एवं परीक्षा फार्म भरवा ही रहे हैं। ऐसे में प्रवेश पत्र के पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने की फिर तैयारी है। बोर्ड ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन प्रवेश पत्र मुहैया कराने के पक्ष में है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो। ऑनलाइन प्रवेश पत्र अपलोड करने से लोगों को इस दिशा में धीरे-धीरे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और कुछ वर्षो में यह ऑनलाइन ही निकाले जा सकेंगे। सहमति बनी तो इस बार भी प्रधानाचार्यो को ही यह जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर उसे वैध करके परीक्षार्थी को सौंप दें। बोर्ड के दूसरे पक्ष का कहना है कि परीक्षा से संबंधित तमाम सामग्री एक साथ विद्यालयों को हर साल भेजी ही जाती है उसी के साथ प्रवेश पत्र भी आसानी से चले जाते हैं। इसमें एजेंसी को तैयार करना पड़ेगा साथ ही प्रधानाचार्यो से भी अनुरोध करना होगा। सकारात्मक बात यह है कि बोर्ड ने इस बार परीक्षा नीति में हर केंद्र पर कंप्यूटर व अन्य यंत्र उपलब्ध है ऐसे में प्रवेश पत्र डाउनलोड कराने में कोई समस्या नहीं होगी।
राजधानी होने एवं अन्य जिलों में बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय होने से परीक्षण किया गया। इसमें परीक्षार्थियों ने उत्सुकता नहीं दिखाई थी, क्योंकि बोर्ड कुछ साल पहले ही हाईटेक हुआ था और जो नियम लागू हुए थे ज्यादातर उन्हें ही समझने में जुटे थे। सफल न होने का दूसरा कारण सभी स्कूलों को उस वर्ष ऑफलाइन भी प्रवेश पत्र मुहैया कराए गए थे, ऐसे में धन एवं समय खर्च करने से विद्यालय प्रधानाचार्यो ने परहेज किया। प्रवेश पत्र में परीक्षार्थी के संबंधित स्कूल प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर होते हैं इसलिए इसे डाउनलोड करने की जिम्मेदारी स्कूल प्रधानाचार्य को ही दी गई थी। प्रधानाचार्यो ने केवल वही प्रवेश पत्र डाउनलोड किए जो किसी कारण से गायब हो गए थे या फिर उनमें कोई गलत प्रविष्टि दर्ज थी। 1बोर्ड और तकनीक के साथ चलते अब कई वर्ष हो चुके हैं। सभी विद्यालय हर साल ऑनलाइन पंजीकरण एवं परीक्षा फार्म भरवा ही रहे हैं। ऐसे में प्रवेश पत्र के पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने की फिर तैयारी है। बोर्ड ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन प्रवेश पत्र मुहैया कराने के पक्ष में है, ताकि किसी तरह की दिक्कत न हो। ऑनलाइन प्रवेश पत्र अपलोड करने से लोगों को इस दिशा में धीरे-धीरे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा और कुछ वर्षो में यह ऑनलाइन ही निकाले जा सकेंगे। सहमति बनी तो इस बार भी प्रधानाचार्यो को ही यह जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि वह हस्ताक्षर एवं मुहर लगाकर उसे वैध करके परीक्षार्थी को सौंप दें। बोर्ड के दूसरे पक्ष का कहना है कि परीक्षा से संबंधित तमाम सामग्री एक साथ विद्यालयों को हर साल भेजी ही जाती है उसी के साथ प्रवेश पत्र भी आसानी से चले जाते हैं। इसमें एजेंसी को तैयार करना पड़ेगा साथ ही प्रधानाचार्यो से भी अनुरोध करना होगा। सकारात्मक बात यह है कि बोर्ड ने इस बार परीक्षा नीति में हर केंद्र पर कंप्यूटर व अन्य यंत्र उपलब्ध है ऐसे में प्रवेश पत्र डाउनलोड कराने में कोई समस्या नहीं होगी।
नए सत्र से बदलेगा शिक्षण-प्रशिक्षण कोर्स
कानपुर : बीएड, बीपीएड, एमएड, एमपीएड व बीटीसी समेत अन्य शिक्षण प्रशिक्षण कोर्स में व्यापक बदलाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन अधिनियम 2014 में बदलाव करने जा रहा है। इसका खाका तैयार करने के साथ कमेटी गठित कर दी गई है। प्रदेश के बीएड कालेजों में कोर्स में बदलाव को लेकर पिछले दिनों उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन का
प्रतिनिधिमंडल भी एनसीटीई के मेंबर सेक्रेट्री संजय अवस्थी से मिला था। एनसीटीई की ओर से गठित की गई कमेटी में एसोसिएशन के सुझावों को शामिल किया जा रहा है। कालेज प्रबंधन ने बीएड व एमएड के कोर्स को दो साल की बजाए फिर से एक साल का किए जाने की सिफारिश की है। इसके अलावा बीएड व एमएड कालेजों में शिक्षकों की कमी के चलते व छात्र का अनुपात 1:15 से बढ़ाकर 1:25 करने का सुझाव दिया गया है।नए सत्र से बदलेगा शिक्षण-प्रशिक्षण कोर्स
प्रतिनिधिमंडल भी एनसीटीई के मेंबर सेक्रेट्री संजय अवस्थी से मिला था। एनसीटीई की ओर से गठित की गई कमेटी में एसोसिएशन के सुझावों को शामिल किया जा रहा है। कालेज प्रबंधन ने बीएड व एमएड के कोर्स को दो साल की बजाए फिर से एक साल का किए जाने की सिफारिश की है। इसके अलावा बीएड व एमएड कालेजों में शिक्षकों की कमी के चलते व छात्र का अनुपात 1:15 से बढ़ाकर 1:25 करने का सुझाव दिया गया है।नए सत्र से बदलेगा शिक्षण-प्रशिक्षण कोर्स
Subscribe to:
Posts (Atom)