26.3.17

बड़ा सवाल: 12460 पर सरकार द्वारा लगाए गए स्टे के बाद हम सभी बीटीसी प्रशिक्षितों का अगला कदम क्या होना चाहिए ?

नमस्कार दोस्तों,
आज फिर आपके जनमत के साथ आगे बढ़ने का शुभारम्भ करना चाहता हूँ !
निवेदन है कि ग्रुप के सभी तेतालीस हज़ार सदस्य इस पोल में हिस्सा लेकर अपना वोट दें !
जो भी मित्र इस लम्बे संघर्ष के बाद आई भर्ती में चयनित रहे उनको शुभकामनाएं !

और जो मेरी ही भांति सरकार के जुए की भांति बनायीं गयी नीतियों के कारण अचयनित रह गए, उनको मेरी ओर से माफ़ी !! शायद मेरे प्रयासों में कहीं कमी थी !
हमें आशा थी कि ये भर्ती जल्दी ही पूर्ण होगी जिससे हम जैसे अचयनित बंधू एक मंच पर आकर एक और नवीन भर्ती की मांग २०१४ बैच पूर्ण होने से पहले कर लें क्योकि उनके बाद नवीन भर्ती के २०१३ बैच के लिए अधिक मायने नहीं होंगे !!
परन्तु खेद का विषय रहा कि भर्ती पर नवीन सरकार द्वारा विराम लगा दिया गया और आगे भी सूचना प्रेषित नहीं कि गयी है !!
अतः अब हमारे सामने दो रास्ते हैं,
एक तो सभी चयनित और अचयनित मिलकर इस भर्ती को पूर्ण कराएं जो अभी स्पष्ट नहीं कि कब तक संभव होगा और इसके बाद नयी भर्ती के लिए संघर्ष करें !!
परन्तु इस विकल्प की जटिलता ये है कि अचयनितों को कुल तीन बार संघर्ष करना होगा (१२४६० लाने का संघर्ष, स्टे हटवाने का संघर्ष, नयी भर्ती समय से लाने का संघर्ष और फिर पूर्ण कराने का संघर्ष) जो कि शयद २०१४ बैच के पास होने से पहले कर पाना मुश्किल प्रतीत होता है !!
दूसरा विकल्प ये कि चयनित और अचयनित मिल कर इस भर्ती के तरीके नयी सरकार को तय करने दें और पदों को बढ़वा कर इस भर्ती का क्रेडिट वर्तमान सरकार को लेने दें जिसकी वो इक्षुक भी प्रतीत होती है, इस से अचयनितों को भी चयनितों की भाँती चयन पाने का अवसर प्राप्त होगा !!
इस विकल्प से लाभ ये होगा कि अचयनित और चयनित दोबारा से संख्याबल के साथ एकजुट दिखेगा और सरकार को भी दो पक्ष बीटीसी में नहीं दिखेंगे (वर्तमान में ये थोडा आसान इसी लिए लगता है क्योंकि दो दिन पूर्व ही सरकार ने विभिन्न विभागों से रिक्त पदों की सूचना तत्काल मांगी है और इस बार ये सूचना सत्य देना अधिकारियों की मजबूरी होगी) !!
मेरे अनुसार अब सही समय है चयनितों के धैर्य और सहयोग का।

इस ग्रुप का एक एक प्रारंभिक सदस्य मैंने, अनुराग और अन्य कई अच्छे साथियों ने जोड़ा है तो बिलकुल आज मैं आप के जनमत के हिसाब से आगे की रणनीति के बारे में विचार रखना चाहता हूँ क्युकी सदैव उद्देश्य जोड़ना रहा है तोडना नहीं !! अतः नीचे दिए गए दो विकल्पों में से एक चुन कर आगे की रणनीति तय करने का अवसर दें !! आशा करता हूँ कि आप में से किसी की भावनाएं आहत नहीं होंगी !!
अंत में पोल में विकल्प चुनें जो आपको लगता है तार्किक, मार्मिक, और सर्वहित के लिहाज़ से सही है !!
आपसे हमेशा की भांति अच्छी आशा लिए,
आपका अपना,
सागर कुलश्रेष्ठ,
फिरोजाबाद

शिक्षा विभाग की हाईकोर्ट में योजित याचिकाओं की अद्यतन स्थिति की सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में आदेश जारी

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People appearing for BTC counselling at multiple places to be booked

This can be a Bad news for Multiple Applicants in 12460 Teacher's
#Recruitment in Uttarpradesh ..😯😯

कानपुर देहात: छह शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि, डीएम से वेतन काटने की संस्तुति

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CTET 2017 (Central Teacher Eligibility Test) के संबंध में विज्ञप्ति जारी : क्लिक कर देखें

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TET- बीएडधारी, आंगनवाड़ी और शिक्षामित्रों के लिए आज योगीजी ने गोरखपुर में खुले मंच से दिलाया भरोसा: सुने और देखें यह लाइव वीडियो

सुने और देखें: CM योगी आदित्यनाथ जी ने खुले मंच से योग्यता (बीएड/टी•ई•टी•) को न्याय दिलाने का दिया भरोसा
TET बीएडधारी आंगनवाड़ी और शिक्षामित्रों के लिए आज योगीजी ने गोरखपुर में क्या कहा


बीएसए साहब! कार्यालय परिसर में ऐसी गंदगी: मुख्यमंत्री के फरमान के के बाद भी सुस्त बैठे हैं अधिकारी, कार्यालय परिसर की गंदी दीवारें बता रहीं स्वच्छता अभियान की हकीकत

बलरामपुर : मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के एक्शन का जिले के अधिकारियों पर असर नहीं दिख रहा है। सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता का संकल्प तो लिया जा रहा है लेकिन पान के पीक के धब्बे दीवार पर बढ़ते ही जा रहे हैं। शनिवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व तहसील भवन की लचर सफाई व्यवस्था देखने को मिली। 1बीएसए कार्यालय के प्रथम तल के लिए बनी सीढ़ी के बगल वॉटर कूलर लगा है। वाटर कूलर के पास
फैली गंदगी को देख जानवर भी पानी पीने से कतरा जाएंगे लेकिन बीएसए साहब को यह गंदगी नहीं दिख रही है। बीएसए कक्ष के बगल में लोहे की अलमारी रखी है। अलमारी के पीछे पान मसाला के पीक की गंदगी दिखती है।1 इस कार्यालय का शायद ही कोई कक्ष हो जहां पान की पीक के गहरे धब्बे न दिखे। कार्यालय के मुख्य गेट पर ही पान मसाला की थूक आने जाने वालों को दिखती है। यही नहीं कार्यालय में कर्मचारी अभी भी मसाला खाकर बैठते हैं। 1इस तरह सदर तहसील के भवन में चारों तरफ पान मसाला की पीक दिखती है। ऊपरी मंजिल के लिए बनी सीढ़ी पर जिस स्थान पर थूकना मना है लिखा है। उसी के पास पान मसाला की पीक की मोटी लेयर दिखती है। 1इसी सीढ़ी पर चलकर तहसील दिवस में जिलाधिकारी भी सभाकक्ष तक जाते हैं। लेकिन इसके बाद भी पान मसाला की थूक साफ नहीं की गई। सरकारी कार्यालयों भवनों की दीवार व खिड़की पान मसाला की थूक से लाल हो गई है। मुख्यमंत्री के सख्त हिदायत के बाद भी जिले के अधिकारी सफाई को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे है। 1विकास भवन, सिंचाई विभाग, अधिशासी अभियंता कार्यालय विद्युत सहित अन्य कार्यालयों की दीवारें पान मसाला की पीक से लाल हैं। 1बीएसए कक्ष के बगल रखी अलमारी पर थूका गया पान मसालासदर तहसील में दीवाल पर थूका गया पान का पीकबीएसए कार्यालय के गेट पर थूका गया पान का पीकबेसिक शिक्षा कार्यालय में आरओ के किनारे जमी गंदगी’ जागरण

फर्जी आठ शिक्षकों की तैनाती निरस्त, डीएम की फटकार के बाद बीएसए ने की कार्रवाई

सोनभद्र : प्रदेश में नई सरकार के बनने के बाद परत-दर परत भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने लगा है। इसमें एक है सोनभद्र में आठ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति का। हालांकि इसकी जांच अक्टूबर से ही चल रही थी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इसमें शनिवार को नया मोड़ तब आ गया जब डीएम प्रमोद कुमार उपाध्याय ने बीएसए को फटकार लगाई। इसके बाद जिला बेसिक शिक्षा  अधिकारी ने आठों शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार देते हुए निरस्त कर दिया। 1 यह कार्रवाई अपर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इसमें तत्कालीन व वर्तमान बीएसए के अलावा लिपिक पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।प्रदेश में 16448 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिले में जमकर खेल हुआ था। कुछ अभ्यर्थियों की फर्जी तरीके से काउंसिलिंग कराकर उनकी नियुक्ति किए जाने की शिकायत तत्कालीन डीएम सीबी सिंह से कुछ अभ्यर्थियों ने अक्टूबर में की थी। डीएम ने अपर जिलाधिकारी रामचंद्र को जांच अधिकारी नामित किया। मामले को गत वर्ष 29 नवंबर के अंक में दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसमें पांच शिक्षकों की नियुक्ति को फर्जी करार दिया गया था। इसके बाद एडीएम ने विभिन्न पहलुओं का बारीकी से जांच करने के बाद सात पन्ने की रिपोर्ट सात फरवरी को जिलाधिकारी को सौंप दी थी। इसमें आठ शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति की बात सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार रश्मि तिवारी निवासी कौशांबी, अंशू देवी निवासी फतेहपुर, राधेश्याम निवासी कौशांबी, रीनू देवी निवासी कौशांबी, उपेंद्र निवासी कौशांबी, अंजु सिंह निवासी कानपुर नगर, मंजू देवी निवासी फतेहपुर व नीलू देवी निवासी फतेहपुर की नियुक्ति एवं पदस्थापन निरस्त करने की संस्तुति की गई थी। इसके अलावा तत्कालीन बीएसए मनभरन राम राजभर (वर्तमान बीएसए मीरजापुर), वर्तमान बीएसए अमरनाथ सिंह, बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेश नारायण शुक्ल के विरुद्ध आपराधिक एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की भी संस्तुति की गई है। विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया लेकिन फर्जी नियुक्ति का जिन्न शुक्रवार की शाम अचानक निकल पड़ा। डीएम ने इस मामले में शुक्रवार को एक बैठक के दौरान बीएसए अमरनाथ सिंह को फटकार लगाई। इसके बाद बीएसए ने शनिवार को सभी आठों फर्जी नियुक्तियों को निरस्त कर दिया।1’>>जिलाधिकारी की फटकार के बाद अंतत: बीएसए ने की कार्रवाई 1’>>वर्तमान व तत्कालीन बीएसए सहित लिपिक पर भी होगी कार्रवाई 1आठों शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्रवाई रिपोर्ट से मैं संतुष्ट नहीं हूं। पूरे मामले की जांच अपने स्तर पर कर रहा हूं। अगर जांच में पूर्व व वर्तमान बीएसए की संलिप्तता मिली तो रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी’1प्रमोद कुमार उपाध्याय, जिलाधिकारी, सोनभद्र।

अब शिक्षकों की होगी रियल टाइम निगरानी, सरकारी स्कूल के शिक्षकों का बनाया जाएगा रिपोर्ट कार्ड, बायोमेट्रिक से होगी हाजिरी

अब शिक्षकों की होगी रियल टाइम निगरानी, सरकारी स्कूल के शिक्षकों का बनाया जाएगा रिपोर्ट कार्ड, बायोमेट्रिक से होगी हाजिरी

जुलाई-अगस्त में ही मिल पाएंगी बच्चों को किताबें, सत्र होने जा शुरू लेकिन अभी तक नहीं हुआ छपाई का ठेका

जुलाई-अगस्त में ही मिल पाएंगी बच्चों को किताबें, सत्र होने जा शुरू लेकिन अभी तक नहीं हुआ छपाई का ठेका

तो भईया अब स्कूल आके पढ़ाना ही पड़ेगा मास्टर साहब को, सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर हाजिरी के मामले में नकेल का नया तरीका

देशभर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर हाजिरी के मामले में नकेल कसी जा रही है। तमाम वे शिक्षक जो जब चाहे गोल हो जाते थे और बाद में हाजिरी दर्ज कर देते थे, अब ऐसा नहीं कर पाएंगे। क्योंकि केंद्र सरकार स्कूलों में रियल टाइम मॉनीटरिंग सिस्टम लाने की योजना बना रही है। इसमें शिक्षकों के स्कूल आने-जाने की टाइमिंग 
की जांच होगी। शिक्षक ने कक्षा के दौरान कितना पढ़ाया है, छात्र को कितना समझ आया और होमवर्क के आधार पर शिक्षकों का रिपोर्ट कार्ड बनेगा। इस बारे में छात्रों व अभिभावकों से फीडबैक भी लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार को शिकायत मिल रही थी कि नो डिटेंशन पॉलिसी के चलते स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट आई है। सबसे अधिक दिक्कत विभिन्न प्रदेश बोर्ड के सरकारी स्कूलों में थीं। शिक्षक आते भी क्लास में जाकर पढ़ाई नहीं करवा रहे थे। इसके समाधान के लिए रियल टाइम मॉनीटरिंग के तहत स्कूल में शिक्षकों की हाजिरी बॉयोमैट्रिक तरीके से होगी। प्रिंसिपल को कक्षाओं में जाकर क्रास चेक भी करना होगा।

संबंधित शिक्षा बोर्ड की जांच टीम औचक निरीक्षण भी करेंगी। इसके अलावा शिक्षक बनाने की पढ़ाई करवाने वाले कॉलेजों (बीएड कॉलेज) से सरकार एफिडेविट में जानकारी लेगी, वे क्या पढ़ा रहे हैं। वे अपने कोर्स को किस प्रकार से तैयार करवाते हैं। शिक्षक बनने के बाद भी उनकी ट्रेनिंग कराई जाएगी। पढ़ाने के ढंग पर स्टूडेंट फीडबैक में शिक्षकों की कमियों को दूर करने पर भी काम होगा। समय-समय पर पाठ्यक्रम में भी बदलाव होगा, जिसे विशेषज्ञ तैयार करवाएंगे।

सौ टीमें लगेंगी सिस्टम बनाने में
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा स्मॉर्ट इंडिया हैकथॉन 2017 का आयोजन एक व दो अप्रैल होगा। इसमें देशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्र देशी तकनीक इजाद करेंगे। इसी में रियल टाइम मॉनेटरिंग सिस्टम की तकनीक बनाई जाएगी। इसके लिए करीब सौ टीमें 36 घंटे लगातार काम करेंगी।

लिखित परीक्षा के आधार पर हो समायोजन, शिक्षा विभाग की भर्तियों का मामला

लिखित परीक्षा के आधार पर हो समायोजन, शिक्षा विभाग की भर्तियों का मामला

National Pension System: नए नियम तैयार , लेकिन अंशदान का इंतजार

इलाहाबाद : कर्मचारियों की नई पेंशन को राष्ट्रीय पेंशन योजना से आच्छादित किया गया है। इसके लिए तमाम नए-नए नियम भी बनाए गए हैं। जिन्हें इसका लाभ दिया जाना है, उनके वेतन से पेंशन के लिए कटौती भी शुरू हो गई है, लेकिन सरकार का अंशदान कब से मिलेगा यह स्पष्ट नहीं है। यही नहीं जिलों में इसका सिस्टम तक नहीं बन पाया है। कर्मचारियों को इसका लाभ फिलहाल नहीं मिल रहा है।

प्रदेश में एक अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी अधिकारी कर्मचारियों को नई पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए पिछले कई महीने से लगातार निर्देश जारी हो रहे हैं और एक के बाद एक नियम बन रहा है। कुछ दिन पहले यह घोषणा भी हुई कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की पासबुक भी बनाई जाएगी। नियम बन गए हैं लेकिन अनुपालन करने वाले इस ओर से उदासीन हैं। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलना है। इसके लिए हर जिला मुख्यालय पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सिस्टम और सॉफ्टवेयर आदि का इंतजाम होना था, लेकिन अब किसी भी जिले में यह व्यवस्था नहीं हो सकी है। यह जरूर है कि बीते मई माह से शिक्षक व अन्य के वेतन से पेंशन का अंशदान की कटौती शुरू हो गई है, जो ट्रेजरी में जमा की जा रही है। पेंशन लाभ के लिए सरकारी अंशदान मिलना है, लेकिन अब तक यह नहीं दिया जा रहा है। इससे शिक्षक व अन्य को ब्याज का नुकसान होने के साथ ही पेंशन का वास्तविक लाभ नहीं मिल रहा है। निर्देश है कि कर्मचारी अंशदान व सरकारी अंशदान दोनों की धनराशि ोशनल सिक्योरिटी डेवोपॉजिटरी लिमिटेड मुंबई को भेजी जानी है।

शिक्षा महकमे को अब मिलेंगे अफसर, सूबे की सत्ता पर नई टीम काबिज हुयी

इलाहाबाद : सूबे की सत्ता पर नई टीम काबिज हो चुकी है। अब अलग-अलग महकमों को अफसर मिलने की बारी है। इसमें शिक्षा विभाग का नाम सबसे ऊपर है। शिक्षा निदेशक बेसिक का पद एक माह से खाली है। इस पद के लिए चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है, सिर्फ डीपीसी का इंतजार है। इसी तरह विभाग में अपर शिक्षा निदेशक के तीन पद भी लंबे समय से खाली चल रहे हैं। उसके लिए भी निदेशालय से रिपोर्ट मांगी गई है।

बीएसए व अन्य अफसरों को यहां से वहां भेजने की सूची जारी हुई। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले तक यह फेरबदल चलता रहा। शासन बीते दिसंबर माह में ही नए शिक्षा निदेशक के चयन की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। इस पद पर उप्र शैक्षिक सामान्य शिक्षा संवर्ग सेवा समूह ‘क’ के अधिकारियों की पदोन्नति होनी है। शासन ने अपर शिक्षा निदेशक स्तर के आठ अफसरों संजय सिन्हा, विनय कुमार पांडेय, साहब सिंह निरंजन, रमेश, उत्तम गुलाटी, शैल कुमारी यादव, ममता रानी एवं नीना श्रीवास्तव के संबंध में गोपनीय रिपोर्ट व अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। वरिष्ठता में परिषद सचिव सिन्हा सबसे ऊपर है। वहीं, जारी सूची में उत्तम गुलाटी 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं उनकी दावेदारी खुद ही खत्म हो गई। सूची के दो अन्य अफसर रमेश व शैल कुमारी यादव 2017 में ही सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में नए शिक्षा निदेशक के रूप में सिन्हा का प्रमोशन होना लगभग तय है। असल में कुछ माह पहले एक शिक्षा निदेशक के प्रतिनियुक्ति पर नई दिल्ली जाने की चर्चा तेज थी, उस समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि सिन्हा को उस पद पर भेजा जा सकता है। शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा बीते 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो चुके हैं।