2.2.17
गिरी गाज: बीएसए की जांच में फिट मिले 20 बीमार शिक्षक , होगी कार्रवाई
हरदोई: स्वास्थ्य प्रमाण पत्र के आधार पर ड्यूटी से मुक्ति मांगने वाले 20 अध्यापकों पर कार्रवाई की तलवार लटने लगी है। भौतिक सत्यापन के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के संस्तुति न करने पर सीडीओ ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी कर ड्यूटी करने का आदेश दिया है।1विधान सभा चुनाव में ड्यूटी कटवाने वालों की भीड़ लग गई। जिलाधिकारी ने सीएमओ की अध्यक्षता में समिति गठित कर उसकी संस्तुति के आधार पर ही ड्यूटी काटने की बात कही थी लेकिन जब जांच हुई तो 237 कर्मचारी अनफिट आ गए। मुख्य विकास अधिकारी राधेश्याम ने सभी की भौतिक जांच का आदेश दिया था। अनफिट कर्मचारियों में परिषदीय विद्यालयों के 41
शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने सभी की जांच कराई कुछ को अपने सामने बुलाया तो खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके विद्यालय भेजा। 1जिसमें 20 ड्यूटी करने के योग्य मिले और बीएसए ने इन सभी की ड्यूटी न काटने की संस्तुति कर सीडीओ को आख्या भेजी थी और उसी पर सीडीओ ने बीएसए को पत्र भेजा है। सीडीओ के पत्र के अनुसार 16 पीठासीन अधिकारियों ने सुधीर कुमार, सुरेंद्र नाथ, प्रदीप कुमार, कमलाकांत तिवारी, शिवशंकर, सोमवीर सिंह, अनिल कुमार, विमलेश बाजपेई, जुबैर हुसैन, हेमंत पांडे, रामपाल, रजनीश कुमार मिश्र, विवेक कुमार व नरसिंह तथा मतदान अधिकारी प्रथम में निर्मल कुशवाहा, शैलेंद्र कुमार, उदय प्रताप, अरुणा सिंह व आदर्श कुमार की ड्यटी काटने की संस्तुति नहीं की थी। सीडीओ ने बीएसए को जारी आदेश में इन सभी को निर्वाचन कार्य में व्यवधान डालने के आरोप में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रशिक्षण लेने का आदेश दिया है।’>>स्वास्थ्य विभाग की जांच में बताए थे अस्वस्थ1’>>सीडीओ ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का दिया आदेश
शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल थे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी ने सभी की जांच कराई कुछ को अपने सामने बुलाया तो खंड शिक्षा अधिकारियों को उनके विद्यालय भेजा। 1जिसमें 20 ड्यूटी करने के योग्य मिले और बीएसए ने इन सभी की ड्यूटी न काटने की संस्तुति कर सीडीओ को आख्या भेजी थी और उसी पर सीडीओ ने बीएसए को पत्र भेजा है। सीडीओ के पत्र के अनुसार 16 पीठासीन अधिकारियों ने सुधीर कुमार, सुरेंद्र नाथ, प्रदीप कुमार, कमलाकांत तिवारी, शिवशंकर, सोमवीर सिंह, अनिल कुमार, विमलेश बाजपेई, जुबैर हुसैन, हेमंत पांडे, रामपाल, रजनीश कुमार मिश्र, विवेक कुमार व नरसिंह तथा मतदान अधिकारी प्रथम में निर्मल कुशवाहा, शैलेंद्र कुमार, उदय प्रताप, अरुणा सिंह व आदर्श कुमार की ड्यटी काटने की संस्तुति नहीं की थी। सीडीओ ने बीएसए को जारी आदेश में इन सभी को निर्वाचन कार्य में व्यवधान डालने के आरोप में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रशिक्षण लेने का आदेश दिया है।’>>स्वास्थ्य विभाग की जांच में बताए थे अस्वस्थ1’>>सीडीओ ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का दिया आदेश
सीटेट का आवेदन 16 मार्च से 7 अप्रैल तक। परीक्षा - 14 मई को।
CTET: सीटेट का आवेदन 16 मार्च से 7 अप्रैल तक। परीक्षा - 14 मई को। 👇
C–TET में ऑनलाइन आवेदन करने का आदेश हुआ जारी।देखें आदेश
🎯आवेदन करने की तिथि 16 मार्च 2017 से शुरू।
🎯अंतिम तिथि 7 अप्रैल 2017।
C–TET में ऑनलाइन आवेदन करने का आदेश हुआ जारी।देखें आदेश
🎯आवेदन करने की तिथि 16 मार्च 2017 से शुरू।
🎯अंतिम तिथि 7 अप्रैल 2017।
सरकारी कर्मियों व पेंशनरों का दो फीसद बढ़ा डीए, जनवरी 2017 से पुनरीक्षित मूल वेतन में होगा देय, अप्रैल या फिर उसके बाद से इस किस्त का भुगतान
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सरकारी कर्मचारियों एवं पेंशनरों का दो फीसद महंगाई भत्ता (डीए) और बढ़ गया है। जनवरी 2017 से ही यह देय होगा, इसका भुगतान अप्रैल माह या फिर उसके बाद होने के आसार हैं। 1केंद्र व राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों की निगाहें इधर डीए तय होने पर लगी थी। इसके लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (औद्योगिक श्रमिकों के लिए) देखा जाता है। बीते दिसंबर 2016 में यह सूचकांक स्थिर रहता या फिर बढ़ता तो
डीए तीन फीसद देय हो जाता, लेकिन आमतौर पर दिसंबर माह में सूचकांक में कमी हो गई इसलिए डीए दो फीसद ही देय हुआ। सिविल अकाउंट्स ब्रदरहुड एजीयूपी इलाहाबाद के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने बताया कि डीए तय करने के लिए सूचकांक के बारह महीनों का औसत निकाला गया। इसके आधार पर डीए चार फीसद देय हुआ। उसमें से दो फीसद डीए बीते जुलाई 2016 से मिल रहा है इसलिए अब जनवरी से दो प्रतिशत का ही भुगतान होना है। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि से केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनर, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के कर्मचारी व पेंशनर लाभान्वित होंगे। तिवारी ने बताया कि इसका भुगतान कब से होगा यह अभी तय नहीं है।
डीए तीन फीसद देय हो जाता, लेकिन आमतौर पर दिसंबर माह में सूचकांक में कमी हो गई इसलिए डीए दो फीसद ही देय हुआ। सिविल अकाउंट्स ब्रदरहुड एजीयूपी इलाहाबाद के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने बताया कि डीए तय करने के लिए सूचकांक के बारह महीनों का औसत निकाला गया। इसके आधार पर डीए चार फीसद देय हुआ। उसमें से दो फीसद डीए बीते जुलाई 2016 से मिल रहा है इसलिए अब जनवरी से दो प्रतिशत का ही भुगतान होना है। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि से केंद्र सरकार के करीब एक करोड़ कर्मचारियों एवं पेंशनर, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के कर्मचारी व पेंशनर लाभान्वित होंगे। तिवारी ने बताया कि इसका भुगतान कब से होगा यह अभी तय नहीं है।
उप्र को तोहफे के आड़े आयी आचार संहिता
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : यह सत्रहवीं विधानसभा के चुनाव की आदर्श आचार संहिता की बंदिश ही थी जो बुधवार को लोकसभा में पेश किये गए वित्तीय वर्ष 2017-18 के केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश के लिए बड़े एलानों के आड़े आयी। 1यूं तो केंद्रीय बजट में किसानों, ग्रामीण आबादी, युवा, वंचित वर्ग और बुनियादी ढांचे आदि से जुड़ी कई घोषणाएं की गईं लेकिन, जैसी कि संभावना थी, उप्र को इस बार कोई खास तोहफा नहीं नसीब हुआ। भारत निर्वाचन आयोग इस बाबत केंद्र सरकार को पहले ही निर्देश दे चुका था कि जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनके बारे में वह केंद्रीय बजट में किसी योजना का एलान न करे। निर्वाचन आयोग के निर्देश का संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय बजट पेश करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान आयोग के निर्देशों की ओर आकृष्ट करते हुए कहा था कि बजट में उप्र के लिए विशेष योजना की घोषणा न होने से प्रदेश की 20 करोड़ जनता उसके लाभ से वंचित हो जाएगी। 1वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ.शकुंतला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स प्रो.एपी तिवारी के मुताबिक योजनागत व गैर योजनागत व्यय के फर्क को मिटाने और रेल बजट को समाहित करने वाला यह क्रांतिकारी और नवाचारी बजट है। वहीं प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने और निर्वाचन आयोग के निर्देश के कारण अपेक्षित था कि केंद्रीय बजट में उप्र के लिए उल्लेखनीय घोषणा नहीं होगी। बजट में किसान, ग्रामीण आबादी, युवाओं, शिक्षा और छोटे उद्योगों के लिए की गईं घोषणाओं का उप्र को लाभ मिलेगा। कृषि ऋण के लिए दस लाख करोड़ का आवंटन सवा दो करोड़ अन्नदाताओं वाले उप्र के लिए उपयोगी साबित होगा। खासतौर पर तब जब सूबे की किसान बिरादरी में लघु और सीमांत किसानों की तादाद ज्यादा है।
‘प्रति बूंद अधिक फसल’ लक्ष्य को हासिल करने के लिए नाबार्ड में 2000 करोड़ की आरंभिक निधि से सूक्ष्म सिंचाई कोष की स्थापना सूखे की मार ङोलने वाले बुंदेलखंड के सात जिलों के बाशिंदों के लिए वरदान साबित हो सकती है। दुग्ध प्रसंस्करण एवं अवसंरचना निधि देश के सबसे बड़े दूध उत्पादक राज्य उप्र के किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी। 1बजट में 350 पाठ्यक्रमों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के एलान ने शिक्षण संस्थानों से ड्राप आउट के लिए कुख्यात उप्र के उन युवाओं के लिए उम्मीद जगाई है जो परिवार की आजीविका चलाने की जिद्दोजहद में पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे युवाओं को रोजगार के साथ पढ़ाई का विकल्प मिलेगा। कौशल विकास पर बजट के फोकस का लाभ भी उप्र को मिलेगा। प्रदेश के 40 लाख युवा उप्र कौशल विकास मिशन के तहत पंजीकरण करा चुके हैं। प्रदेश में 30 लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयां हैं जिनसे 70 लाख लोगों की रोजी चलती है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष गोयल के मुताबिक 50 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए आयकर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि उनका यह भी कहना था कि एमएसएमई सेक्टर जो कि देश में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा सेकटर है, को बजट से और भी उम्मीदें थीं जो पूरी नहीं हुईं। आइआइए के पूर्व अध्यक्ष संजय कौल के मुताबिक पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा।
‘प्रति बूंद अधिक फसल’ लक्ष्य को हासिल करने के लिए नाबार्ड में 2000 करोड़ की आरंभिक निधि से सूक्ष्म सिंचाई कोष की स्थापना सूखे की मार ङोलने वाले बुंदेलखंड के सात जिलों के बाशिंदों के लिए वरदान साबित हो सकती है। दुग्ध प्रसंस्करण एवं अवसंरचना निधि देश के सबसे बड़े दूध उत्पादक राज्य उप्र के किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी। 1बजट में 350 पाठ्यक्रमों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के एलान ने शिक्षण संस्थानों से ड्राप आउट के लिए कुख्यात उप्र के उन युवाओं के लिए उम्मीद जगाई है जो परिवार की आजीविका चलाने की जिद्दोजहद में पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे युवाओं को रोजगार के साथ पढ़ाई का विकल्प मिलेगा। कौशल विकास पर बजट के फोकस का लाभ भी उप्र को मिलेगा। प्रदेश के 40 लाख युवा उप्र कौशल विकास मिशन के तहत पंजीकरण करा चुके हैं। प्रदेश में 30 लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयां हैं जिनसे 70 लाख लोगों की रोजी चलती है। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष गोयल के मुताबिक 50 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए आयकर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि उनका यह भी कहना था कि एमएसएमई सेक्टर जो कि देश में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा सेकटर है, को बजट से और भी उम्मीदें थीं जो पूरी नहीं हुईं। आइआइए के पूर्व अध्यक्ष संजय कौल के मुताबिक पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य से एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा।
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