30.12.16
असमायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय 15 हज़ार होगा : अखिलेश यादव जी ने दिया आश्वासन
लखनऊ।
आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने असमायोजित शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की
जिसमे बलिया जनपद के शिक्षामित्रों ने अपने अनवरत अनशन के माध्यम से राज्य सभा सांसद नीरज शेखर और बलिया बेसिक शिक्षा अधिकारी का सफल योगदान रहा।
मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव जी ने मानदेय 15 हज़ार करने का वादा किया जिसका आदेश बहुत जल्द
कर दिया जायेगा।
सूत्र।
सीएम अखिलेश यादव 6 साल के लिए पार्टी से निकाला- मुलायम सिंह यादव
#BIGNEWS सीएम अखिलेश यादव 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए- मुलायम सिंह यादव
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,गलती स्वीकार करने पर पार्टी में वापस लिया था-मुलायम
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,गलती स्वीकार करने पर पार्टी में वापस लिया था-मुलायम
#BigNews अनुशासन हीनता के चलेत अखिलेश यादव को पार्टी से निकाला गया-मुलायम सिंह यादव
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाला-मुलायम
मुलायम का चला डंडा, सम्मेलन बुलाने पर सीएम अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव 6 साल के लिए पार्टी से बाहर
लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है. दूसरा कोई नहीं बना सकता है.
रामगोपाल द्वारा सम्मेलन बुलाने पर मुलायम सिंह ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है.
गौरतलब है कि अलग लिस्ट जारी करने से सपा मुखिया मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से बेहद नाराज हैं. उन्होंने दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. सपा मुखिया बयानबाजी को लेकर रामगोपाल पर नाराज बताए जा रहे हैं. गुरुवार को अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की अपनी अलग लिस्ट जारी की. जिसके बाद शिवपाल यादव ने 68 और नाम घोषित कर 403 में से 393 उम्मीदवारों के नाम के नाम का ऐलान कर दिया.
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परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए 12460 शिक्षक भर्ती में गुणांक निर्धारण तरीका
■ परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए 12460 नई शिक्षक भर्ती की घोषणा होते ही उसमें शामिल होने वालों के गुणांक निर्धारण को लेकर मंथन तेज हो गया है।
■ बीटीसी 2012 तक गुणांक की गणना अलग तरीके से होती रही है, जबकि 2013 से ग्रेडिंग शुरू हो गई।
■ इससे यह अंतर आया है कि बीटीसी प्रशिक्षण प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण करने वालों को तय मानक के अनुरूप अंक मिलते थे, जबकि ग्रेडिंग में 60 प्रतिशत से कम अंक पाना वाला फेल हो जाता है।
■ यही नहीं ग्रेडिंग के अंक व पुरानी प्रणाली के अंकों में भी अंतर है। नई प्रणाली में ए ग्रेड को 10, बी को 8 व सी को 6 अंक दिए जाने हैं क्योंकि बीटीसी 13 के अंकपत्र और प्रमाण पत्र में मात्र ग्रेड्स ही अंकित हैं श्रेणी नहीं।
■ इस सम्बन्ध में ग्रेड के सापेक्ष गुणांक के निर्धारण को लेकर अभिषेक शर्मा पीलीभीत को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से पत्र संख्या गोप०/बी०टी०सी०2013/6300-02/2016-2017 दिनांक 07.06.2016 द्वारा प्राप्त हुई थी।
■ 2013 बैच ग्रेडिंग सिस्टम
लिखित/ THEORY
A - 80%+
B - 65 - 80%
C - 50 - 65%
D - 50 से नीचे
प्रयोगात्मक / PRACTICAL
A - 85%+
B - 70 - 85%
C - 60 - 70%
D - 60 से नीचे
और सबसे महत्वपूर्ण
गुणांक
A - 10
B - 08
C - 06
D - FAIL
■ वहीं पुरानी प्रणाली से प्रथम श्रेणी को 12, द्वितीय को 9 एवं तृतीय श्रेणी को 3 अंक दिए जाते रहे हैं।
■ अब असली पेच यह है कि बीटीसी 2012 बैच तक के गुणांक निर्धारण सम्बन्धित विवरण को तो 12,460 भर्ती की गाइडलाइन्स के क्लॉज़ 9(क) में उल्लेखित किया गया है जो उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के रदद् संशोधनों के परिशिष्ट ' क' के अनुसार है,
परन्तु बीटीसी 2013 के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं दिया गया है।
■ नहीं तो जिस प्रकार बी एल एड को 16448 में शामिल किया गया था और उनका गुणांक निर्धारण की प्रक्रिया को गाइडलाइन्स में उल्लेखित कर दिया गया था उसी प्रकार यहां भी 2013 बैच की ग्रेडिंग सिस्टम को भी दर्ज करना चाहिए था।
■ साथ ही साथ 12460 में आवेदन करते समय भी 2013 बीटीसी प्रशिक्षण के ग्रेड्स दर्ज करने के लिए भी कॉलम दिया जाना चाहिए था लेकिन केवल उनके मार्क्स ही दर्ज किये जा रहे हैं।
■ अतः यदि बीटीसी 2012 बैच तक के सभी टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अपनी दावेदारी सुनिश्चित करनी है तो
1) डॉक्टर सुत्ता सिंह जी, सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी से मिलकर उनसे बीटीसी 2013 की ग्रेडिंग प्रणाली के तहत इस आशय का पत्र ले लेना चाहिए जिसमें लिखा हो कि--
बीटीसी 2013 व उसके आगे के बीटीसी बैच का ग्रेडिंग - डिवीज़न व गुणांक निर्धारण इस प्रकार है
लिखित एवं मौखिक/आंतरिक
A ग्रेड - प्रथम श्रेणी - 10 अंक
B ग्रेड - द्वितीय श्रेणी - 8 अंक
C ग्रेड - तृतीय श्रेणी - 6 अंक
D ग्रेड - अनुत्तीर्ण
और
2) इस पत्र को लेकर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद से मिला जाये और उन से कहा जाये की वो सचिव, पी एन पी की इस आख्या के अनुसार 12460 की गाइडलाइन्स के क्लाज़ 9(क) में संशोधन करें।
और इस को nic को जल्द से जल्द भिजवाएं ताकि nic मदर लिस्ट बनाने से पूर्व अपने सॉफ्टवेयर में ऐसे संशोधन शीघ्रातिशीघ्र कर ले जिसमे 2016 में बीटीसी उत्तीर्ण के मार्क्स जो कि
लिखित में 1475 में से है
और
आंतरिक में 1725 में से है
उनको परसेंटेज निकालकर उसी अनुसार ग्रेड में परिवर्तित कर दें और ग्रेड से फिर उक्त अनुसार ही गुणांक दर्ज हों।
■ नहीं तो यह भर्ती भी कोर्ट में फंस जायेगी जिसका खामियाजा 12460 में 2013 बैच के नियुक्त अभ्यर्थियों को उठाना पड़ेगा और नियुक्ति देर से मिलेगी सो अलग।
कुछ सालों में बाबू बन गया लखपति, आय और खर्च के बारे में तर्कसंगत जवाब नहीं दे सका लिपिक, मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद हुई जांच में खुलासा
बरेली : बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ लिपिक भूपेंद्र पाल सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा बारादरी थाने में दर्ज करवाया है। जांच में सामने आया कि वरिष्ठ लिपिक पद पर रहते हुए कुछ साल में वह लखपति हो गया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में की गई थी।1बेसिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ लिपिक भूपेंद्र, राजेंद्रनगर स्थित पीडब्लूडी कॉलोनी के 17/1 मकान में रहते हैं। जबकि गांव
फुलासी तहसील आंवला में उनका एक और निजी मकान है। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति राजेंद्र नगर के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री वीके गुप्ता की तरफ से 22 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसमें बाबू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी। शशिकांत कनौजिया अनु सचिव गृह (गोपन) ने 22 अप्रैल में प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि भूपेंद्र पाल वामसेफ के मंडलीय उपाध्यक्ष पद पर थे। पिछले बसपा शासनकाल में वामसेफ का रुतबा दिखाकर सहकर्मियों को परेशान करना, प}ी को जिला पंचायत सदस्य बनाने संबंधित आरोप भी उन पर लगे थे। हालांकि जांच में यह निराधार साबित हुए थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में पता चला कि पहली नवंबर 2006 से मार्च 2012 तक उन्होंने वैध आय के स्रोत से 23 लाख 74 हजार 528 रुपये कमाए। जबकि इस अवधि में करीब 28 लाख 99 हजार 205 रुपया का व्यय किया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को जांच में करीब पांच लाख 24 हजार 677 की अतिरिक्त आय पता चली। इस रकम पर भूपेंद्र तर्क संगत जवाब और आय का स्रोत उजागर नहीं कर सके।
फुलासी तहसील आंवला में उनका एक और निजी मकान है। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति राजेंद्र नगर के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री वीके गुप्ता की तरफ से 22 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसमें बाबू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी। शशिकांत कनौजिया अनु सचिव गृह (गोपन) ने 22 अप्रैल में प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि भूपेंद्र पाल वामसेफ के मंडलीय उपाध्यक्ष पद पर थे। पिछले बसपा शासनकाल में वामसेफ का रुतबा दिखाकर सहकर्मियों को परेशान करना, प}ी को जिला पंचायत सदस्य बनाने संबंधित आरोप भी उन पर लगे थे। हालांकि जांच में यह निराधार साबित हुए थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में पता चला कि पहली नवंबर 2006 से मार्च 2012 तक उन्होंने वैध आय के स्रोत से 23 लाख 74 हजार 528 रुपये कमाए। जबकि इस अवधि में करीब 28 लाख 99 हजार 205 रुपया का व्यय किया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को जांच में करीब पांच लाख 24 हजार 677 की अतिरिक्त आय पता चली। इस रकम पर भूपेंद्र तर्क संगत जवाब और आय का स्रोत उजागर नहीं कर सके।
अंतर जिला तबादला तीसरी सूची के लिए शिक्षक दे रहे धरना
राब्यू, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की तीसरी अंतर जिला तबादला सूची जारी कराने की मांग जोर पकड़ रही है। बेसिक वेलफेयर एजूकेशन के बैनर तले शिक्षक परिषद मुख्यालय के सामने अनवरत धरना दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव का कहना है कि साढ़े तीन हजार
से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।
से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।
भूखे रहकर धरने पर डटे शिक्षामित्र, 32 हजार शिक्षामित्र सम्मानजनक भुगतान की कर रहे हैं मांग
राब्यू, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्र सम्मानजनक भुगतान की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार मानदेय बढ़ाने का एलान नहीं करती वह स्कूलों में शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। सभी जिलों में शिक्षामित्र कार्य बहिष्कार करके बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने अब भूखे रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपना हक लेकर रहेंगे। बलिया, बनारस,
इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से आंदोलन जारी है।
इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से आंदोलन जारी है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जारी की 2017 की अवकाश तालिका, 236 दिन पढ़ाई व 129 दिन छुट्टी, अन्य अवकाश भी भरपूर
इलाहाबाद : स्कूलों में साल भर पढ़ाई की बात अब भूल जाइये। वहां ‘आधे दिन’ पढ़ाई हो जाये इसे ही गनीमत मानिए, क्योंकि शिक्षा महकमा खुद पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। शायद इसीलिए प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी की गई है। इसमें वैसे तो 236 दिन पढ़ाई और 129 दिन की छुट्टी घोषित की गई है, लेकिन अन्य अवकाश को घोषित छुट्टी में जोड़ दिया जाए तो वर्ष में आधे दिन से भी कम दिन ही मुश्किल से पढ़ाई हो पाएगी।
नया साल आने से पहले ही शासकीय अवकाश की लिस्ट दिसंबर माह के पहले सप्ताह में जारी हो चुकी है। उस सूची को देखकर अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश का गुणा-भाग कर रहे थे। अब प्रदेश भर के माध्यमिक विद्यालयों के अवकाश का लेखा-जोखा जारी हुआ है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर 2017 की छुट्टियों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। साथ ही साल भर में कितने दिन पढ़ाई होगी इसका भी ब्योरा दिया गया है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से जारी अवकाश तालिका के हिसाब से 236 दिन स्कूलों में पढ़ाई होगी और 129 दिन विद्यालय बंद रहेंगे। इसी अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी।
नया साल आने से पहले ही शासकीय अवकाश की लिस्ट दिसंबर माह के पहले सप्ताह में जारी हो चुकी है। उस सूची को देखकर अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश का गुणा-भाग कर रहे थे। अब प्रदेश भर के माध्यमिक विद्यालयों के अवकाश का लेखा-जोखा जारी हुआ है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर 2017 की छुट्टियों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। साथ ही साल भर में कितने दिन पढ़ाई होगी इसका भी ब्योरा दिया गया है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से जारी अवकाश तालिका के हिसाब से 236 दिन स्कूलों में पढ़ाई होगी और 129 दिन विद्यालय बंद रहेंगे। इसी अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी।
परिषदीय विद्यालयों में अवकाश तालिका में छह और महत्वपूर्ण बिंदु शामिल: जानिए कौन से हैं वो बिंदु जिससे बढ़तीं हैं छुट्टियाँ
इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित
छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही यह भी जानिए कि छात्र-छात्रओं की वार्षिक हो या फिर अर्धवार्षिक परीक्षा, इसका भी पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि दोनों परीक्षाएं शैक्षिक सत्र के तय समय पर कराई जाती है। यानी जो परीक्षा छह माह बाद हो वह अर्धवार्षिक और जो साल भर पर हो वह वार्षिक है, भले ही उस समय तक पाठ्यक्रम पूरा हुआ हो या नहीं। सहायक शिक्षा निदेशक खेल डा. मुकेश कुमार सिंह की ओर से अवकाश तालिका सभी जिलों में भेज दी गई है।
छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही यह भी जानिए कि छात्र-छात्रओं की वार्षिक हो या फिर अर्धवार्षिक परीक्षा, इसका भी पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि दोनों परीक्षाएं शैक्षिक सत्र के तय समय पर कराई जाती है। यानी जो परीक्षा छह माह बाद हो वह अर्धवार्षिक और जो साल भर पर हो वह वार्षिक है, भले ही उस समय तक पाठ्यक्रम पूरा हुआ हो या नहीं। सहायक शिक्षा निदेशक खेल डा. मुकेश कुमार सिंह की ओर से अवकाश तालिका सभी जिलों में भेज दी गई है।
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