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13.3.17
BEd और UPTET, CTET, BTC साढ़े चार लाख टेट पास अभ्यर्थियों की उपेक्षा करना सपा को भारी पड़ा
BEd और UPTET, CTET, BTC साढ़े चार लाख टेट पास अभ्यर्थियों की उपेक्षा करना सपा को भारी पड़ा
टेट केंडिडेट और लोकसेवा प्रतियोगी भाजपा की जीत से उत्साहित - साढे तीन लाख टेट (UPTET,CTET etc) पास अभ्यर्थियों की उपेक्षा करना पड़ा भारी सपा को,इसके अलावा लोक सेवा आयोग, पुलिस भर्ती इत्यादि के तमाम अभ्यर्थी सपा की कार्यशैली से नाराज थे, जिसे अमित शाह ने जम कर भुनाया।
सपा ने सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों के आवेश को नहीं समझा। शिक्षा मित्रों के मामले में भी सही नीति नहीं अपनायी, असमायोजित शिक्षा मित्र नाराज थे ही। शिक्षा मित्रों के मसले पर आज वे मुश्किल में फंस चुके हैं, जबकि सही क़ानूनी प्रावधानों के तहत उसका हल निकाला जाना चाहिये था । योग्यता से कोई समझौता नहीं लेकिन वर्षों नोकरी करने के बाद किसी को बेरोजगार भी न किया जाए
टेट केंडिडेट और लोकसेवा प्रतियोगी भाजपा की जीत से उत्साहित - साढे तीन लाख टेट (UPTET,CTET etc) पास अभ्यर्थियों की उपेक्षा करना पड़ा भारी सपा को,इसके अलावा लोक सेवा आयोग, पुलिस भर्ती इत्यादि के तमाम अभ्यर्थी सपा की कार्यशैली से नाराज थे, जिसे अमित शाह ने जम कर भुनाया।
सपा ने सोशल मीडिया पर अभ्यर्थियों के आवेश को नहीं समझा। शिक्षा मित्रों के मामले में भी सही नीति नहीं अपनायी, असमायोजित शिक्षा मित्र नाराज थे ही। शिक्षा मित्रों के मसले पर आज वे मुश्किल में फंस चुके हैं, जबकि सही क़ानूनी प्रावधानों के तहत उसका हल निकाला जाना चाहिये था । योग्यता से कोई समझौता नहीं लेकिन वर्षों नोकरी करने के बाद किसी को बेरोजगार भी न किया जाए
B.Ed. TET 2011 पास से सौतेला व्यवहार और शिक्षामित्रों से प्रेम अखिलेश को ले डूबा
B.Ed. TET 2011 पास से सौतेला व्यवहार और शिक्षामित्रों से प्रेम अखिलेश को ले डूबा? मित्रों यदि यह सत्ता के अंहकार में चूर न होते तो ऐसा न होता , UPTET 2011 के पुराने विज्ञापन को रद्द करना ही इनको ले डूबा, और दूसरा SM से प्रेम.
टी ई टी साथियों की समश्या का समाधान जल्द
टी ई टी साथियों की समश्या का समाधान जल्द : केशव देव मौर्या - मयंक तिवारी बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा जय श्री राम दोस्तों, भारतीय जनता पार्टी से विधान सभा एटा सदर से भारी वोटों से विजयी हुए बड़े भाई विपिन वर्मा डेविड जी से आज पुनः मुलाकात कर उनको बधाई व् शुभ कामनाएँ दी।
नयी सरकार और शिक्षामित्र: वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में शिक्षामित्र घबराए से
नयी सरकार और शिक्षामित्र : यद्यपि शिक्षामित्रों का मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है फिर भी वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में प्रदेश के शिक्षामित्र अनेक तरह के कयास लगा रहा है। ये सत्य है की पिछली सरकार ने लगभग सभी अवसर पर सहयोगात्मक रवैया अपनाया था। मेरा व्यक्तिगत आकलन है की चुनाव के दौरान लगभग सभी राजनैतिक दलों ने शिक्षामित्रों की समस्या के प्रति सहानुभूति दिखाई है । अब जबकि यूपी में बीजेपी को अप्रत्याशित और अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हो चुकी है तो इसमें शिक्षामित्रों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष योगदान न होना ऐसा कोई नहीं कह सकता।
हमें सबसे अधिक भरोसा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर रखना चाहिए जिन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के विपरीत फैसले के बाद एक एक कर काल-कवलित हो रहे समायोजित शिक्षामित्रों को देखकर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खुले मंच पर शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया था की 'शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है' हमें नहीं लगता की प्रधानमंत्री जी या वर्तमान में सत्तारूण होने जा रही बीजेपी के बड़े नेता प्रधानमंत्री जी के शब्दों की अनदेखी कर पाएंगे। अब बात करें आगामी ७ अप्रैल की सुनवाई की तबतक यूपी में नयी सरकार अपना काम पूर्ण रूप से सम्भाल चुकी होगी पिछले अनुभवों को देखते हुए कोई भी सरकार नहीं चाहेगी की सत्ता सँभालते ही सुप्रीम कोर्ट से कोई ऐसा फैसला आये जिससे की प्रदेश में हाहाकार मचे और देश ही नहीं विदेशों में भी किरकिरी हो इसलिए इस केस की भली-भांति पैरवी करके और अधिक आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। अपनी बात बस इन्ही शब्दों के साथ समाप्त करते हैं की परिवर्तन प्रकृति का नियम है और सभी परिस्थितियों में शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित है।
हमें सबसे अधिक भरोसा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर रखना चाहिए जिन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के विपरीत फैसले के बाद एक एक कर काल-कवलित हो रहे समायोजित शिक्षामित्रों को देखकर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में खुले मंच पर शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया था की 'शिक्षामित्रों की जिम्मेदारी मेरी है' हमें नहीं लगता की प्रधानमंत्री जी या वर्तमान में सत्तारूण होने जा रही बीजेपी के बड़े नेता प्रधानमंत्री जी के शब्दों की अनदेखी कर पाएंगे। अब बात करें आगामी ७ अप्रैल की सुनवाई की तबतक यूपी में नयी सरकार अपना काम पूर्ण रूप से सम्भाल चुकी होगी पिछले अनुभवों को देखते हुए कोई भी सरकार नहीं चाहेगी की सत्ता सँभालते ही सुप्रीम कोर्ट से कोई ऐसा फैसला आये जिससे की प्रदेश में हाहाकार मचे और देश ही नहीं विदेशों में भी किरकिरी हो इसलिए इस केस की भली-भांति पैरवी करके और अधिक आगे बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। अपनी बात बस इन्ही शब्दों के साथ समाप्त करते हैं की परिवर्तन प्रकृति का नियम है और सभी परिस्थितियों में शिक्षामित्रों का भविष्य सुरक्षित है।
तदर्थ शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई मनमानी, न्यूनतम मानक से कम अंक पाने वालों को बीएसए बांट रहे यहाँ, हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नोटिस जारी, जवाब-तलब
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में हो रही तदर्थ शिक्षकों की में मनमानी हो रही है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐसे अभ्यर्थियों को यां बांट रहे हैं, जिन्होंने टीईटी में न्यूनतम मानक से भी कम हासिल किए हैं। इसको लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल हुई है। कोर्ट ने विभागीय अफसरों को एक मौका देते हुए जवाब-तलब किया है। 1प्रदेश भर में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में याचियों की तदर्थ की प्रक्रिया चल रही है। सात दिसंबर 2015 के शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 862 युवाओं को प्रशिक्षु शिक्षक के रूप में तैनाती मिली थी, बाद में प्रशिक्षण परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह मौलिक की मांग कर रहे थे। शासन ने चुनाव आचार संहिता के पहले इस संबंध में आदेश भी जारी किया था, लेकिन उन्हें चुनाव के कारण नहीं मिली। प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आदेश लिया। परिषद के निर्देश पर अब जिलों में तदर्थ यों की प्रक्रिया तेज है।
- न्यूनतम मानक से कम अंक पाने वालों को बीएसए बांट रहे
- हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नोटिस जारी, जवाब-तलब
![तदर्थ शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई मनमानी](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgjCjxo8lfHpyhDoKYrucM-XgVnksQz8gm_PuHrjzW8ZcPt2vo4-OSmJaA4qOMl5fwqVh36Xe21jfWtkh5U8tKqJKneBGw3euxlPfCdIYGXrilmWWfmZ3OmLfHwwwPs4xBaXQMn_Nfl1g/s1600/teachers.png)
हाईकोर्ट ने बीते 16 फरवरी को जारी आदेश में कहा था कि प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित मानक यानी सामान्य वर्ग के लिए टीईटी में 70 प्रतिशत (105 अंक) तथा आरक्षित वर्ग के लिए टीईटी में 65 प्रतिशत (97 अंक) का तदर्थ में कड़ाई से पालन किया। इस आदेश की अवहेलना करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से मानकों के विपरीत यां कर रहे हैं। दिनेश कुमार यादव ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि बलिया समेत कई जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों की यां की जा रही हैं, जिन्हें न्यूनतम मानक से भी कम अंक मिले हैं। अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी व विनय कुमार श्रीवास्तव के तर्को को सुनने के बाद कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को एक मौका और देते हुए स्थिति दुरुस्त करने को है। साथ ही दोनों से जवाब भी मांगा है।
- न्यूनतम मानक से कम अंक पाने वालों को बीएसए बांट रहे
- हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नोटिस जारी, जवाब-तलब
![तदर्थ शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में हुई मनमानी](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgjCjxo8lfHpyhDoKYrucM-XgVnksQz8gm_PuHrjzW8ZcPt2vo4-OSmJaA4qOMl5fwqVh36Xe21jfWtkh5U8tKqJKneBGw3euxlPfCdIYGXrilmWWfmZ3OmLfHwwwPs4xBaXQMn_Nfl1g/s1600/teachers.png)
हाईकोर्ट ने बीते 16 फरवरी को जारी आदेश में कहा था कि प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित मानक यानी सामान्य वर्ग के लिए टीईटी में 70 प्रतिशत (105 अंक) तथा आरक्षित वर्ग के लिए टीईटी में 65 प्रतिशत (97 अंक) का तदर्थ में कड़ाई से पालन किया। इस आदेश की अवहेलना करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनमाने तरीके से मानकों के विपरीत यां कर रहे हैं। दिनेश कुमार यादव ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि बलिया समेत कई जिलों में ऐसे अभ्यर्थियों की यां की जा रही हैं, जिन्हें न्यूनतम मानक से भी कम अंक मिले हैं। अधिवक्ता प्रभाकर अवस्थी व विनय कुमार श्रीवास्तव के तर्को को सुनने के बाद कोर्ट ने बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को एक मौका और देते हुए स्थिति दुरुस्त करने को है। साथ ही दोनों से जवाब भी मांगा है।
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