19.3.17
9342 एलटी शिक्षक भर्ती के लिए बुलाएंगे दोगुना अभ्यर्थी, चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया होगी शुरू
9342 एलटी भर्ती के लिए बुलाएंगे दोगुना अभ्यर्थी
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
राजकीय विद्यालयों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग में एक सीट पर दो अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में ही कराई जाएगी। अभ्यर्थियों की मेरिट के अनुसार जैसे-जैसे दस्तावेजों का सत्यापन होता जाएगा, उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करते जाएंगे। भर्ती के लिए 26 दिसंबर से 26 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसके लिए 6,23,917 अभ्यर्थियों ने बैंक में फीस जमा की थी। लेकिन 5,25,658 आवेदक ही अंतिम रूप से फार्म भर सके थे। इस भर्ती में महिला शाखा के 4879 जबकि पुरुष शाखा के 4463 कुल 9342 पद हैं। पहली बार 1548 कम्प्यूटर शिक्षकों की सीधी भर्ती की जा रही है। इनमें महिला शाखा के 775 और पुरुष शाखा के 773 पद हैं। इस भर्ती के लिए अक्तूबर में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2016 को कैबिनेट ने मंजूर दी थी।
इलाहाबाद वरिष्ठ संवाददाता
राजकीय विद्यालयों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग में एक सीट पर दो अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।सूत्रों के अनुसार नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग शिक्षा निदेशालय इलाहाबाद में ही कराई जाएगी। अभ्यर्थियों की मेरिट के अनुसार जैसे-जैसे दस्तावेजों का सत्यापन होता जाएगा, उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करते जाएंगे। भर्ती के लिए 26 दिसंबर से 26 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इसके लिए 6,23,917 अभ्यर्थियों ने बैंक में फीस जमा की थी। लेकिन 5,25,658 आवेदक ही अंतिम रूप से फार्म भर सके थे। इस भर्ती में महिला शाखा के 4879 जबकि पुरुष शाखा के 4463 कुल 9342 पद हैं। पहली बार 1548 कम्प्यूटर शिक्षकों की सीधी भर्ती की जा रही है। इनमें महिला शाखा के 775 और पुरुष शाखा के 773 पद हैं। इस भर्ती के लिए अक्तूबर में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली 2016 को कैबिनेट ने मंजूर दी थी।
UPTET 2016 का हाल बुरा: अभ्यर्थी घटे, सफलता का प्रतिशत धड़ाम, 2016 में दावेदार कम हुए तो महज 11 फीसद युवा ही हो सके उत्तीर्ण
प्रदेश में शिक्षक बनने के दावेदारों ने फिर शर्मसार कर दिया है। बड़ी संख्या में युवा शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी 2016 उत्तीर्ण नहीं कर सके हैं। ऐसा नहीं है कि परिणाम इतना खराब पहली बार आया है। इसके पहले भी 2013 में रिजल्ट 14 प्रतिशत आ चुका है, लेकिन इस बार परीक्षा परिणाम महज 11 फीसद होने से सारे रिकॉर्ड
टूट गए हैं। इससे युवाओं की योग्यता व बीटीसी कालेजों में हो रही पढ़ाई की भी पोल खुल गई है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के सभी विद्यालयों में एनसीटीई के निर्देश लागू होने के बाद से शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है। पहली बार सूबे में 2011 में यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई, उसमें अब तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक अभ्यर्थी शामिल हुए और उसी के सापेक्ष उन्हें सफलता भी मिली। इसके बाद से यह इम्तिहान परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश करा रहा है। परीक्षा नियामक ने अब चौथा इम्तिहान कराया है और इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थी घटते व बढ़ते रहे हैं, लेकिन वर्ष 2011 के ग्राफ को वह पार नहीं कर सका है। ऐसे ही परीक्षा परिणाम भी अधिकतम 24.99 तक ही पहुंचा है। इसकी मुख्य वजह स्तरीय प्रश्नपत्र का होना एवं परीक्षार्थियों की लचर तैयारी ही है। हालत यह है कि परीक्षार्थी ओएमआर शीट में अपने से जुड़ी सारी सूचनाएं तक नहीं भर रहे हैं। इससे असफल अभ्यर्थियों का आकड़ा बढ़ रहा है। 1इस परिणाम ने बीटीसी कालेजों को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। वहां पढ़ाई न होने के आरोप काफी दिनों से लग रहे हैं, लेकिन अब टीईटी परिणाम ने वहां की कलई खोल दी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने कहा कि टीईटी परीक्षा में नियमों एवं प्रश्नपत्र की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है। सवाल कठिन नहीं थे, बल्कि युवाओं की तैयारी करने में कहीं न कहीं कमी रही होगी।’>>2011 में सबसे अधिक अभ्यर्थी बैठे और आधे से अधिक उत्तीर्ण हुए
2016 में दावेदार कम हुए तो महज 11 फीसद युवा ही हो सके उत्तीर्ण
टूट गए हैं। इससे युवाओं की योग्यता व बीटीसी कालेजों में हो रही पढ़ाई की भी पोल खुल गई है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के सभी विद्यालयों में एनसीटीई के निर्देश लागू होने के बाद से शिक्षक बनने के लिए टीईटी अनिवार्य है। पहली बार सूबे में 2011 में यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई, उसमें अब तक के रिकॉर्ड में सर्वाधिक अभ्यर्थी शामिल हुए और उसी के सापेक्ष उन्हें सफलता भी मिली। इसके बाद से यह इम्तिहान परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश करा रहा है। परीक्षा नियामक ने अब चौथा इम्तिहान कराया है और इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थी घटते व बढ़ते रहे हैं, लेकिन वर्ष 2011 के ग्राफ को वह पार नहीं कर सका है। ऐसे ही परीक्षा परिणाम भी अधिकतम 24.99 तक ही पहुंचा है। इसकी मुख्य वजह स्तरीय प्रश्नपत्र का होना एवं परीक्षार्थियों की लचर तैयारी ही है। हालत यह है कि परीक्षार्थी ओएमआर शीट में अपने से जुड़ी सारी सूचनाएं तक नहीं भर रहे हैं। इससे असफल अभ्यर्थियों का आकड़ा बढ़ रहा है। 1इस परिणाम ने बीटीसी कालेजों को फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। वहां पढ़ाई न होने के आरोप काफी दिनों से लग रहे हैं, लेकिन अब टीईटी परिणाम ने वहां की कलई खोल दी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने कहा कि टीईटी परीक्षा में नियमों एवं प्रश्नपत्र की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया है। सवाल कठिन नहीं थे, बल्कि युवाओं की तैयारी करने में कहीं न कहीं कमी रही होगी।’>>2011 में सबसे अधिक अभ्यर्थी बैठे और आधे से अधिक उत्तीर्ण हुए
2016 में दावेदार कम हुए तो महज 11 फीसद युवा ही हो सके उत्तीर्ण
अनुदेशक भर्ती की दूसरी काउंसिलिंग 17 अप्रैल से
इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 32022 अनुदेशकों की भर्ती के लिए दूसरी काउंसिलिंग 17 अप्रैल से होगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बताया कि 31 मार्च तक जिला स्तर पर तय पदों के सापेक्ष दो गुना अभ्यर्थियों की सूची का अनुमोदन होना है। सचिव ने बताया कि बीएसए दो अप्रैल को जिले के
अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की विज्ञप्ति जारी करेंगे। यह काउंसिलिंग चार से नौ अप्रैल के बीच होगी। इसकी 12 अप्रैल को चयन सूची तैयार की जाएगी। रिक्त सीटों के लिए 17 से 20 अप्रैल के बीच दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी। चयन सूची 23 अप्रैल को जिला चयन समिति से अनुमोदित कराई जाएगी। चयनित होने वाले अनुदेशकों को 11 महीने के लिए सात हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति दी जाएगी। ज्ञात हो कि प्रदेश के उन स्कूलों में अनुदेशकों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है जहां की छात्र संख्या 100 से अधिक है। अब 100 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के लिए चयन हो रहा है।
अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग की विज्ञप्ति जारी करेंगे। यह काउंसिलिंग चार से नौ अप्रैल के बीच होगी। इसकी 12 अप्रैल को चयन सूची तैयार की जाएगी। रिक्त सीटों के लिए 17 से 20 अप्रैल के बीच दूसरी काउंसिलिंग कराई जाएगी। चयन सूची 23 अप्रैल को जिला चयन समिति से अनुमोदित कराई जाएगी। चयनित होने वाले अनुदेशकों को 11 महीने के लिए सात हजार रुपये मानदेय पर नियुक्ति दी जाएगी। ज्ञात हो कि प्रदेश के उन स्कूलों में अनुदेशकों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है जहां की छात्र संख्या 100 से अधिक है। अब 100 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के लिए चयन हो रहा है।
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