21.3.17
आखिरी दिन 338 ने कराई काउंसिलिंग, प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर आखिरी दिन का हाल
प्रतापगढ़ : प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती को लेकर आखिरी दिन अनुसूचित जाति-जनजाति के 338 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराई।1जिले में तीन दिन से सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए काउंसिलिंग चल रही है। शनिवार को सामान्य कटेगरी और रविवार को पिछड़ी जाति के अभ्यर्थियों की
काउंसिलिंग थी। सोमवार को अनुसूचित जाति-जनजाति के 433 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। काउसिलिंग के लिए बीएसए कार्यालय के पास स्थित राजा दिनेश सिंह सभागार में चार काउंटर बनाया गया था। इन काउंटरों पर खंड शिक्षाधिकारी लक्ष्मणपुर सुशील कुमार, खंड शिक्षाधिकारी अशोक यादव, खंड शिक्षाधिकारी सदर रमाकांत मौर्य, खंड शिक्षाधिकारी कालाकांकर सुनील कुमार, कर्मचारियों के साथ लगाया गया था। बीएसए दफ्तर में जिला समन्वयक प्रशिक्षण शरद सिंह लगाए गए थे। 1काउंसिलिंग के लिए सुबह दस बजे से ही अभ्यर्थी बीएसए दफ्तर पहुंचने लगे थे। अनुक्रमांक वार सभी का अलग-अलग काउंटर बनाया गया था। लाइन में लगे अभ्यर्थी अपनी बारी का इंतजार करते रहे। शाम पांच बजे तक 338 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराया था। इस तरह तीन दिन से चल रही काउंसिलिंग सोमवार को समाप्त हो गई।
काउंसिलिंग थी। सोमवार को अनुसूचित जाति-जनजाति के 433 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। काउसिलिंग के लिए बीएसए कार्यालय के पास स्थित राजा दिनेश सिंह सभागार में चार काउंटर बनाया गया था। इन काउंटरों पर खंड शिक्षाधिकारी लक्ष्मणपुर सुशील कुमार, खंड शिक्षाधिकारी अशोक यादव, खंड शिक्षाधिकारी सदर रमाकांत मौर्य, खंड शिक्षाधिकारी कालाकांकर सुनील कुमार, कर्मचारियों के साथ लगाया गया था। बीएसए दफ्तर में जिला समन्वयक प्रशिक्षण शरद सिंह लगाए गए थे। 1काउंसिलिंग के लिए सुबह दस बजे से ही अभ्यर्थी बीएसए दफ्तर पहुंचने लगे थे। अनुक्रमांक वार सभी का अलग-अलग काउंटर बनाया गया था। लाइन में लगे अभ्यर्थी अपनी बारी का इंतजार करते रहे। शाम पांच बजे तक 338 अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराया था। इस तरह तीन दिन से चल रही काउंसिलिंग सोमवार को समाप्त हो गई।
छात्रों को अध्यापन के लिए आकर्षित करेगी सरकार
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए व्यापक रणनीति पर काम शुरू किया है। इसके तहत एक ओर एमफिल और पीएचडी कर रहे छात्रों को अध्यापन की ओर आकर्षित किया
जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे रिटायरमेंट के बाद भी 70 साल की उम्र तक शिक्षकों की सेवा लें। साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी की सूचना नियमित रूप से एक वेबसाइट पर जारी की जाएगी। 1केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को स्पष्ट तौर पर माना कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षकों की कमी बहुत गंभीर मुद्दा है। देश में 41 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और इनमें 20 फीसद रिक्तियां हैं। हमने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे रिक्तियां भरने की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रखें। यह वाक इन इंटरव्यू हो और रिक्तियों को तुरंत दूर किया जाए।’ रिक्तियों से जुड़ी निगरानी व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि शिक्षकों की रिक्तियों को नियमित तौर पर डायनेमिक प्लेटफार्म पर पेश किया जाएगा। इस तरह कोई भी वेकेंसी की स्थिति कभी भी देख सकता है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे हर 15 दिन में इसे अपडेट करें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेबसाइट पर इसका लिंक होगा।’ इसी तरह शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि शिक्षक अगर रिटायर के बाद भी स्वस्थ हों तो 70 साल की उम्र तक उनकी सेवा ली जाए।
जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे रिटायरमेंट के बाद भी 70 साल की उम्र तक शिक्षकों की सेवा लें। साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी की सूचना नियमित रूप से एक वेबसाइट पर जारी की जाएगी। 1केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को स्पष्ट तौर पर माना कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षकों की कमी बहुत गंभीर मुद्दा है। देश में 41 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और इनमें 20 फीसद रिक्तियां हैं। हमने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे रिक्तियां भरने की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रखें। यह वाक इन इंटरव्यू हो और रिक्तियों को तुरंत दूर किया जाए।’ रिक्तियों से जुड़ी निगरानी व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि शिक्षकों की रिक्तियों को नियमित तौर पर डायनेमिक प्लेटफार्म पर पेश किया जाएगा। इस तरह कोई भी वेकेंसी की स्थिति कभी भी देख सकता है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे हर 15 दिन में इसे अपडेट करें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेबसाइट पर इसका लिंक होगा।’ इसी तरह शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि शिक्षक अगर रिटायर के बाद भी स्वस्थ हों तो 70 साल की उम्र तक उनकी सेवा ली जाए।
प्राथमिक सहायक शिक्षकों की भर्ती पर हाईकोर्ट की रोक
लखनऊ : हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के दूसरे चरण में खाली रह गई सीटों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आरक्षण संबंधी प्रावधानों में विरोधाभास पाते हुए यह रोक लगाई है। जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने आरती साहू व कई अन्य अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई
करते हुए यह आदेश दिया है। इस मामले में याचियों ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के दूसरे चरण में भरी न जा सकीं सीटों पर खुद की भर्ती की बाबत विचार करने का आदेश देने की प्रार्थना की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि भरी न जा सकीं सीटों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए उप्र लोक सेवा (अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 की धारा-3 की उपधारा-1, 2 व 3 में विरोधाभास है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को यह स्पष्ट करने का आदेश दिया था कि धारा-3 के अनुपालन के लिए क्या तरीका अपनाया जा रहा है। 10 मार्च को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया था कि मामले पर विधिक सलाह मांगी गई है और प्रकरण विचाराधीन है। इस पर कोर्ट ने प्रणाली के स्पष्ट न होने के कारण बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव के छह फरवरी के उस सकरुलर पर रोक लगा दी, जिसके द्वारा यह भर्तियां की जानी थीं।
करते हुए यह आदेश दिया है। इस मामले में याचियों ने प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के दूसरे चरण में भरी न जा सकीं सीटों पर खुद की भर्ती की बाबत विचार करने का आदेश देने की प्रार्थना की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि भरी न जा सकीं सीटों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए उप्र लोक सेवा (अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्गो के लिए आरक्षण) अधिनियम-1994 की धारा-3 की उपधारा-1, 2 व 3 में विरोधाभास है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को यह स्पष्ट करने का आदेश दिया था कि धारा-3 के अनुपालन के लिए क्या तरीका अपनाया जा रहा है। 10 मार्च को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया था कि मामले पर विधिक सलाह मांगी गई है और प्रकरण विचाराधीन है। इस पर कोर्ट ने प्रणाली के स्पष्ट न होने के कारण बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव के छह फरवरी के उस सकरुलर पर रोक लगा दी, जिसके द्वारा यह भर्तियां की जानी थीं।
16448 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया स्थगित
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में 16448 शिक्षकों की भर्ती में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के पदों को भरने के लिए बीते छह फरवरी 2017 को आदेश जारी हुआ था। इसी बीच हाईकोर्ट ने इन
नियुक्तियों पर स्थगनादेश जारी कर दिया है। ऐसे में सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दें और सभी कार्यवाही कोर्ट के अगले आदेश तक ठप रहेंगी।
नियुक्तियों पर स्थगनादेश जारी कर दिया है। ऐसे में सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दें और सभी कार्यवाही कोर्ट के अगले आदेश तक ठप रहेंगी।
शिक्षामित्रों को मिली राहत, पत्राचार से बीटीसी करने वाले भी दावेदारी के हकदार: शिक्षामित्र 12460 शिक्षक भर्ती में होंगे शामिल
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में इन दिनों शिक्षकों की चयन प्रक्रिया चल रही है। इसमें उन युवाओं ने भी आवेदन किया है जो पत्रचार से बीटीसी का द्विवर्षीय पाठ्यक्रम परीक्षा उत्तीर्ण हैं। बीएसए ने परिषद सचिव से
पूछा कि ऐसे अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित मानते हुए चयन प्रक्रिया में शामिल करा सकते हैं या नहीं। इस पर सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को पत्र भेजा है कि इस संबंध में 12 अगस्त 2016 को ही सभी जिलों में निर्देश भेजे जा चुके हैं और इस संबंध में न्यायालय से पारित आदेश का भी अनुपालन कराया गया है। इसलिए यह पूछताछ अनावश्यक हो रही है, पूर्व में जारी आदेश का अनुपालन करें। ऐसे में जिन शिक्षामित्रों को बीएसए ने चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया है उन्हें शामिल करना होगा। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने इस आदेश का स्वागत किया है।
पूछा कि ऐसे अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित मानते हुए चयन प्रक्रिया में शामिल करा सकते हैं या नहीं। इस पर सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को पत्र भेजा है कि इस संबंध में 12 अगस्त 2016 को ही सभी जिलों में निर्देश भेजे जा चुके हैं और इस संबंध में न्यायालय से पारित आदेश का भी अनुपालन कराया गया है। इसलिए यह पूछताछ अनावश्यक हो रही है, पूर्व में जारी आदेश का अनुपालन करें। ऐसे में जिन शिक्षामित्रों को बीएसए ने चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं किया है उन्हें शामिल करना होगा। दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने इस आदेश का स्वागत किया है।
इलाहाबाद में पढ़ाने के गुर सीख रहे दमन-दीव के शिक्षक
इलाहाबाद : प्रदेश भर के शिक्षकों की पाठशाला कहे जाने वाले इलाहाबाद का दायरा बढ़ता जा रहा है। यहां हजारों किलोमीटर दूर से दमन-दीव के शिक्षक पढ़ाने के गुर सीखने आए हैं। सुदूर प्रांत के 46 शिक्षक यहां दस दिन तक रहकर उम्दा तरीके से बच्चों को पढ़ाने की विधियां सीखेंगे और बाद में अपने प्रदेश के स्कूलों में उसे लागू करेंगे। 1राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) उप्र इलाहाबाद में दमन-दीव के टीजीटी-
पीजीटी शिक्षकों के दस दिवसीय सेवापूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को उद्घाटन हुआ। संस्थान के निदेशक संजय सिन्हा ने कहा कि शिक्षक व छात्र के मध्य बहुत ही आत्मीय संबंध होता है। बच्चों के सवार्ंगीण विकास में उनकी भूमिका अहम होती है। शिक्षक छात्र के लिए एक रोल मॉडल होता है। उनके व्यक्तित्व का प्रभाव छात्र के जीवन शैली पर दिखाई देता है। सिन्हा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा की पहचान करना तथा उसमें निखार लाना, यह अध्यापक का दायित्व ही नहीं है, बल्कि यह अध्यापक की प्रतिष्ठा भी बढ़ाता है। बच्चे अपना विकास कर जीवन में जिस भी स्थान पर पहुंचते हैं वे अपने अध्यापक को जरूर स्मरण करते हैं, विशेष रूप से उन अध्यापकों को जिसका योगदान उनके भविष्य निर्माण में रहा हो। दमन-दीव के सहायक राज्य परियोजना निदेशक नरेन्द्र के. भंडारी ने कहा कि पूर्व में सीमैट इलाहाबाद से मिले प्रशिक्षणों से प्रभावित होकर हम पुन: अपने अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए यहां आये हैं। उन्होंने शिक्षा सचिव सेजू पी. कुरुविला का आभार जताते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयासों से यह संभव हो पाया है। विभागाध्यक्ष डॉ. अमित खन्ना, पवन सावंत आदि यहां मौजूद रहे।
पीजीटी शिक्षकों के दस दिवसीय सेवापूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को उद्घाटन हुआ। संस्थान के निदेशक संजय सिन्हा ने कहा कि शिक्षक व छात्र के मध्य बहुत ही आत्मीय संबंध होता है। बच्चों के सवार्ंगीण विकास में उनकी भूमिका अहम होती है। शिक्षक छात्र के लिए एक रोल मॉडल होता है। उनके व्यक्तित्व का प्रभाव छात्र के जीवन शैली पर दिखाई देता है। सिन्हा ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा की पहचान करना तथा उसमें निखार लाना, यह अध्यापक का दायित्व ही नहीं है, बल्कि यह अध्यापक की प्रतिष्ठा भी बढ़ाता है। बच्चे अपना विकास कर जीवन में जिस भी स्थान पर पहुंचते हैं वे अपने अध्यापक को जरूर स्मरण करते हैं, विशेष रूप से उन अध्यापकों को जिसका योगदान उनके भविष्य निर्माण में रहा हो। दमन-दीव के सहायक राज्य परियोजना निदेशक नरेन्द्र के. भंडारी ने कहा कि पूर्व में सीमैट इलाहाबाद से मिले प्रशिक्षणों से प्रभावित होकर हम पुन: अपने अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए यहां आये हैं। उन्होंने शिक्षा सचिव सेजू पी. कुरुविला का आभार जताते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयासों से यह संभव हो पाया है। विभागाध्यक्ष डॉ. अमित खन्ना, पवन सावंत आदि यहां मौजूद रहे।
टीईटी-16 ओएमआर शीट का हो दोबारा मूल्यांकन, परीक्षा परिणाम में इनवैलिड करार दिए गए अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
इलाहाबाद : टीईटी 2016 में रिजल्ट महज 11 फीसद आने का ठीकरा युवाओं ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी पर फोड़ दिया है। युवाओं का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों के रिजल्ट में अनुक्रमांक के आगे इनवैलिड दर्ज है, क्योंकि ओएमआर शीट पर प्रविष्टियां पूर्ण नहीं थी। इसे पूरा कराकर ओएमआर शीट का फिर से मूल्यांकन
कराया जाए और घोषित रिजल्ट को रोका जाए। 1टीईटी 2016 का रिजल्ट रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने सोमवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज पर प्रदर्शन किया। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी का परिणाम इनवैलिड घोषित होने से नाराज अभ्यर्थी गुस्से में थे। 19 दिसंबर को आयोजित परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट पर विषय, भाषा व अन्य सीरीज के गोले भरने में इन अभ्यर्थियों से गलती हुई। साथ ही कक्ष निरीक्षकों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन नहीं किया गया और पिछले 17 मार्च को परिणाम घोषित हो गया। उसमें उनके रोल नंबर पर इनवैलिड रिजल्ट लिखकर आने लगा। इससे खफा प्रदेश भर से आए अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा ठीक रही, लेकिन परिणाम रोके जाने से सब चौपट हो गया है। परीक्षा में करीब दो हजार अभ्यर्थियों का परिणाम इनवैलिड श्रेणी में है। सचिव सुत्ता सिंह से अभ्यर्थी मुलाकात नहीं कर सके। सचिव ने बताया कि बाहर होने के कारण मेरी मुलाकात किसी से नहीं हो सकी। शासनादेश में स्पष्ट है कि ओएमआर शीट में समुचित सूचनाएं नहीं देने वाले अभ्यर्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं होगा। ऐसे में वह क्या कर सकती हैं। प्रदर्शन में पंकज कुमार पांडेय, दीपिका गुप्ता, अरविन्द पटेल, अर्पण सरोज, उदय प्रताप सिंह, वीर बहादुर सिंह, अनुष्का यादव, विनय त्यागी आदि रहे।परीक्षा नियामक कार्यालय पर प्रदर्शन करते अभ्यर्थी’ जागरण
कराया जाए और घोषित रिजल्ट को रोका जाए। 1टीईटी 2016 का रिजल्ट रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने सोमवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय एलनगंज पर प्रदर्शन किया। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी का परिणाम इनवैलिड घोषित होने से नाराज अभ्यर्थी गुस्से में थे। 19 दिसंबर को आयोजित परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट पर विषय, भाषा व अन्य सीरीज के गोले भरने में इन अभ्यर्थियों से गलती हुई। साथ ही कक्ष निरीक्षकों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन नहीं किया गया और पिछले 17 मार्च को परिणाम घोषित हो गया। उसमें उनके रोल नंबर पर इनवैलिड रिजल्ट लिखकर आने लगा। इससे खफा प्रदेश भर से आए अभ्यर्थियों का दावा है कि परीक्षा ठीक रही, लेकिन परिणाम रोके जाने से सब चौपट हो गया है। परीक्षा में करीब दो हजार अभ्यर्थियों का परिणाम इनवैलिड श्रेणी में है। सचिव सुत्ता सिंह से अभ्यर्थी मुलाकात नहीं कर सके। सचिव ने बताया कि बाहर होने के कारण मेरी मुलाकात किसी से नहीं हो सकी। शासनादेश में स्पष्ट है कि ओएमआर शीट में समुचित सूचनाएं नहीं देने वाले अभ्यर्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं होगा। ऐसे में वह क्या कर सकती हैं। प्रदर्शन में पंकज कुमार पांडेय, दीपिका गुप्ता, अरविन्द पटेल, अर्पण सरोज, उदय प्रताप सिंह, वीर बहादुर सिंह, अनुष्का यादव, विनय त्यागी आदि रहे।परीक्षा नियामक कार्यालय पर प्रदर्शन करते अभ्यर्थी’ जागरण
शिक्षामित्र समायोजन मामले की नयी दिशा
दोस्तों देश भर के संविदा/पैरा शिक्षकों के नियमितीकरण के प्रति केन्द्र सरकार की भूमिका अभी तक कुछ सही नही है। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अभी तक जितने केस सामने आये हैं उसमे सभी पक्षकारों द्वारा राजनीति के सिवा कुछ भी नही हुआ है...!!उत्तराखंड,दिल्ली,हिमाँचल प्रदेश ,झारखंड हो या सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश हो सभी जगह rte act 2009 मे निहित कानून ही लागू हुआ है !!..जो कूछ सपने दिखाये भी गये थे सब लॉलीपॉप निकले !!
वात up की करे यहाँ समायोजन तो हो गया है पर केस सुप्रीम कोर्ट गतिमान है....!! इसी शिक्षामित्रों के समतुल्य उत्तराखंड मे भी hc द्वारा बिना tet के नियुक्ति कॊ अवैध करार किया जा चुका है ।
यहाँ ये सवाल उठ रहा कि जब अन्यत्र राज्यों मे अभी तक कोई संविदा शिक्षक रेगुलर नही हो सकता न्यायालय के अनुसार तो up मे क्या होगा ???
ये सवाल गम्भीर भी है ,आखिर एक ही बात है जो हमे बलवती बना रहीं है ,वो है माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त ,, स्थगन आदेश ,, । परंतु एक विरोधाभास बिंदु उभर रहीं है...कि न्यायालय भी तो व्यवस्थापिका के अनुपालन मे ही ऑर्डर पारित करती हैं !..rte act ने अभी तक गले कि हड्डी बनकर...हमे बेचैन कर रखी है !!
1⃣क्या ये कानून संशोधित हो सकता है ?
2⃣क्या सहानूभूति के बलबूते हम सफल होगे कोर्ट से ?
3⃣क्या कोई कन्डिशनल ऑर्डर आयेगा ?
2⃣क्या सहानूभूति के बलबूते हम सफल होगे कोर्ट से ?
3⃣क्या कोई कन्डिशनल ऑर्डर आयेगा ?
कई ऐसे यक्ष प्रश्न है जो 172000 साथियों के मस्तिष्क मे दिन -रात रेंग रहे हैं !!!
*सूबे मे bjp सरकार बनने पर...एक नयी सोच शिक्षामित्रों मे लहर कि तरह हिलोरें मार रहीं है कि up मे भी केन्द्र की सत्ता होने पर हमारे भी अच्छे दिन आयेंगे*..
दिल्ली...की सल्तनत क्या करेगी ये भविष्य के गर्त मे है !!! नयी सरकार कॊ मेरी तरफ़ से हार्दिक शुभकामनाएँ....!!
, *शिक्षामित्र का विकास*, *शिक्षामित्र का साथ*
इसी अपेक्षा के साथ....!
इसी अपेक्षा के साथ....!
जय हिन्द..जय शिक्षामित्र
आशीष मिश्र
जनपद-इलाहाबाद ।
जनपद-इलाहाबाद ।
तो भरे जाएंगे अध्यापकों के 57 फीसद खाली पद: भाजपा की सरकार आने पर जागी उम्मीद की किरण
तो भरे जाएंगे अध्यापकों के 57 फीसद खाली पद: भाजपा की सरकार आने पर जागी उम्मीद की किरण
बागपत : प्रदेश में नई सरकार के गठन के साथ ही लोगों को उम्मीद जगी है कि अब माध्यमिक शिक्षा की भी तस्वीर बदलेगी। माध्यमिक स्कूलों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी और शिक्षण गुणवत्ता सुधरेगी। बागपत के माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों के 56 फीसद पद रिक्त हैं।
दरअसल, पिलाना में चुनावी जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के रिक्त पदों का मामला उछालकर भाजपा सरकार बनने पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार कराने का दावा किया था। अब योगी आदित्यनाथ के सीएम के पद की शपथ लेने पर शिक्षा से जुड़े लोगों को उनसे उम्मीद है कि शिक्षकों रिक्त पद भरे जाएंगे। बागपत में 71 माध्यमिक स्कूलों में 45 में प्रधानाचार्यों के पद रिक्त हैं।
प्रवक्ता 349 में 140 पद रिक्त हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों के 1309 में 778 पद रिक्त हैं। वहीं 19 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में 60 फीसद पद रिक्त हैं। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री वीरेंद्र ¨सह ने कहा कि अब नई सरकार से उम्मीद है कि माध्यमिक स्कूलों में रिक्त शिक्षकों की नियुक्ति कराकर शिक्षण गुणवत्ता में सुधार कराएगी। माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा बहुत जल्द ही उक्त रिक्त पदों की सूची सीएम को सौंपकर उन पर भर्ती कराने की मांग करेंगे।दरअसल, पिलाना में चुनावी जनसभा में योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के रिक्त पदों का मामला उछालकर भाजपा सरकार बनने पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार कराने का दावा किया था। अब योगी आदित्यनाथ के सीएम के पद की शपथ लेने पर शिक्षा से जुड़े लोगों को उनसे उम्मीद है कि शिक्षकों रिक्त पद भरे जाएंगे। बागपत में 71 माध्यमिक स्कूलों में 45 में प्रधानाचार्यों के पद रिक्त हैं।
याचियों को मानक से नीचे नियुक्ति वाले 72825 के याचियों तदर्थ को नियुक्ति देने व बलिया के बीएसए को हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका में नोटिस जारी किया
मानक से नीचे वाले 72825 के याचियों तदर्थ को नियुक्ति देने व जटिस मनोज कुमार गुप्ता के आदेश को न मानने पर सचिव संजय सिन्हा व बलिया के बीएसए को हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका में नोटिस जारी किया ।
आदेश की प्रति देखें
?Court No. - 33आदेश की प्रति देखें
Case :- CONTEMPT APPLICATION (CIVIL) No. - 1178 of 2017
Applicant :- Dinesh Kumar Yadav
Opposite Party :- Sri Sanjay Sinha, Secretary, Basic Shiksha Parishad & Anr.
Counsel for Applicant :- Manoj Kumar Srivastava,Prab
hakar Awasthi
Hon'ble Suneet Kumar,J.
Heard the learned counsel for the applicant.
It is alleged that the order dated 16.02.2017 passed by this Court in Writ-A-No. 2741 of 2017 (Arvind Kumar Singh and others vs. State of U.P. and others) has been violated.
From a perusal of the record, a prima facie case for contempt is made out.
Issue notice to opposite parties No. 1 & 2 returnable within a month.
The counter affidavit may be filed within the aforesaid period or else charges may be framed after summoning the noticee.
However, one more opportunity is granted to the opposite parties No. 1 & 2 to comply with the order within a month. In case by the next date fixed the directions of the Writ Court are not complied with and an affidavit to that effect is not filed, the opposite parties No. 1 & 2 shall remain present before this Court on the date fixed.
The office may send a copy of this order along with the notice.
List on the date mentioned in the notice.
Order Date :- 10.3.2017
Mukesh Kr.
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