27.12.16
UPTET 2016 परीक्षा की उत्तर पुस्तिका 28 दिसंबर को अपराह्न से: काउन्सलर कार्नर उमेश कुमार, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश
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UPTET 2016 परीक्षा की उत्तर पुस्तिका 28 दिसंबर को अपराह्न से प्रकाशित की जायेगी। इच्छुक व्यक्ति 2 जनवरी 2017 को 6 बजे शाम तक अपनी आपत्ति uptethelpline@gmail.com के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं.
काउन्सलर कार्नर उमेश कुमार > उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश
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काउन्सलर कार्नर उमेश कुमार > उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश
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UPTET 2016 परीक्षा की उत्तर पुस्तिका 28 दिसंबर को अपराह्न से प्रकाशित की जायेगी।इच्छुक व्यक्ति 2 जनवरी 2017 को 6बजे शाम तक अपनी आपत्ति uptethelpline@gmail.com के माध्यम से दर्ज करा सकते हैं ।
नोट: अभी इस खबर की कोई भी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है. जैसे ही पुष्टि होती है आपको सूचित किया जायेगा.
आचार संहिता के पहले हो शिक्षकों का स्थानांतरण, शासन के निर्देशों अनुरूप शिक्षकों को उनके ब्लाकों मे स्थानांतरण न होने के कारण शिक्षा निदेशक को उक्त आदेश निर्गत किया
इंदारा (मऊ) : परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण व समायोजन न होने के चलते शिक्षा निदेशक व बेसिक शिक्षा सचिव इलाहाबाद ने चुनाव आचार संहिता के निर्गत होने से पहले ही स्थानांतरण करने का फरमान जारी किया है। शासन के निर्देशों अनुरूप शिक्षकों को उनके ब्लाकों मे स्थानांतरण न होने के कारण शिक्षा निदेशक को उक्त आदेश निर्गत किया गया है।
विशेष सचिव देव प्रकाश ¨सह ने 22 दिसंबर 2016 को उक्त आदेश जारी करते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले शिक्षकों को उनके ब्लाकों में स्थानान्तरित कर दिया जाए। ताकि किसी की हकतल्फी न हो सके। गौरतलब है कि शासन ने 30 अगस्त 2016 को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया था कि शिक्षकों का समायोजन कार्य अति शीघ्र किया जाए। इस बाबत शिक्षकों के स्थानांतरण फार्म भरवाए गए ¨कतु उन्हें स्थानांतरित नहीं किया गया। विभाग ने प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों का परमोशन तो किया पर ब्लाकों मे शिक्षकों का समायोजन नहीं हो सका। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के अध्यापकों मे निराशा का आलम रहा।
समायोजन कार्य किए जाएंगे
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश के अनुसार शिक्षा निदेशक का कोई निर्देश उन्हें अभी नहीं मिला है वैसे ब्लाक वाइज स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है।
विशेष सचिव देव प्रकाश ¨सह ने 22 दिसंबर 2016 को उक्त आदेश जारी करते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के पहले शिक्षकों को उनके ब्लाकों में स्थानान्तरित कर दिया जाए। ताकि किसी की हकतल्फी न हो सके। गौरतलब है कि शासन ने 30 अगस्त 2016 को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेशित किया था कि शिक्षकों का समायोजन कार्य अति शीघ्र किया जाए। इस बाबत शिक्षकों के स्थानांतरण फार्म भरवाए गए ¨कतु उन्हें स्थानांतरित नहीं किया गया। विभाग ने प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों का परमोशन तो किया पर ब्लाकों मे शिक्षकों का समायोजन नहीं हो सका। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के अध्यापकों मे निराशा का आलम रहा।
समायोजन कार्य किए जाएंगे
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश के अनुसार शिक्षा निदेशक का कोई निर्देश उन्हें अभी नहीं मिला है वैसे ब्लाक वाइज स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही है।
एनजीओ के भुगतान में होगी कटौती, फल के नाम पर मात्र एक-एक केला बांटने को विभाग ने लिया गंभीरता से
फीरोजाबाद: चार रुपये के फल के नाम पर मात्र एक-एक केला बांटने को विभाग ने गंभीरता से लिया है। शहर में एडीएम बांटने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है। वहीं बीएसए ने जिला कोआर्डिनेटर मध्याह्न भोजन सोनू शर्मा को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की पड़ताल करें। केले की कीमत के आधार पर ही सोमवार को फल वितरण का मांगपत्र स्वीकारें। अगर विभाग ने ईमानदारी से पड़ताल की तो सोमवार को बंटे केले के बजट में 50 से 60 फीसद की कटौती संभावित है।
ऑपरेशन एमडीएम के तहत 'जागरण' ने सोमवार के अंक में स्कूलों में बच्चों को एक-एक केला बांटने की खबर प्रकाशित की थी। इन केलों की कीमत बाजार में 18 से 20 रुपये दर्जन है। ऐसे में चार रुपये में डेढ़-पौने दो रुपये का केला बांटने की खबर छपने पर मध्याह्न भोजन बांटने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं में खलबली मच गई। संस्था ने अपने कर्मचारियों को मंगलवार सुबह ही केले थमाकर बीएसए को दिखाने के लिए भेजा। संस्थाकर्मी बीएसए के पास पहुंचे तो बीएसए डॉ. सच्चिदानंद यादव ने डांटते हुए कहा 'हमें तो क्यों दिखाने आए हो? हम नोटिस देंगे, जवाब देना। जांच कराई जाएगी। शिक्षक जो बताएंगे, वो माना जाएगा। आप बस अपना भोजन सुधारिए। अन्यथा कार्रवाई होगी।'
बीएसए ने जिला कोआर्डिनेटर सोनू शर्मा को नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अपने स्तर से केले की रेट की जांच की जाए। इसके हिसाब से आंकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि रेट के हिसाब से ही संस्था को 26 दिसंबर को बांटे गए फलों का भुगतान किया जाएगा। अगर एमडीएम प्रभारी गंभीरता से जांच करते हैं तो 26 दिसंबर को स्कूलों में बंटने वाले फलों के भुगतान में 50 से 60 फीसद की कटौती की संभावना है।
स्कूल में निकले बर्तन, शिक्षकों को भेजा नोटिस
प्राथमिक स्कूल माता वाला बाग व रोशन गंज में मंगलवार को बर्तन अलमारी से निकल आए। 'जागरण' में खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षकों ने सुबह ही अलमारी से पुराने बर्तन निकाल लिए। मंगलवार को खाना भी बर्तन में दिया। इधर विभाग ने दोनों शिक्षकों को नोटिस देते हुए स्पष्टीकरण तलब किया है। बीएसए डॉ. यादव ने कहा कि इन शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी बर्तन तो निकाले ही नहीं : (फोटो नंबर आठ)
रोशन गंज व माता वाला बाग स्कूल में सोमवार को बच्चों को हाथ में खाना दिया था, जबकि इन स्कूलों में सरकारी बर्तन बांटे गए हैं वो अभी तक इस्तेमाल नहीं हुए। मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम ने पड़ताल की तो इन बर्तनों पर सरकारी योजनाओं का लगा स्टीकर इनकी पोल खोल गया। शिक्षकों ने भी स्वीकारा कि बर्तनों का प्रयोग नहीं हुआ है। स्कूल में पहले जो बर्तन खरीदे थे, उनमें ही बच्चों को खाना खिलाया जा रहा है।
शिक्षामित्रों ने शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना, बीएसए कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू
हापुड़ : आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सैकड़ों शिक्षामित्रों ने समायोजन व समान काम व समान वेतन का नियम लागू किए जाने की मांग को लेकर मंगलवार से बीएसए कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। शिक्षामित्रों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की।
डीएम कार्यालय पर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया है कि जिले के 310 शिक्षामित्र समायोजन से वंचित हैं। इस महंगाई के दौर में मात्र 35 सौ रुपये प्रतिमाह मानदेय में अपना गुजारा करने के लिए मजबूर हैं। लंबे समय से शिक्षामित्र अपने हक के लिए अनवरत प्रयासरत है। पिछले दो साल में जिले के 358 शिक्षामित्रों का समायोजन किया जा चुका है, परन्तु न्याय प्रणाली के अवरोध के कारण जनपद के शेष बचे शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो सका है। वर्तमान में उच्चतम न्यायालय ने समान काम, समान वेतन का आदेश दिया था। इस आदेश से शिक्षामित्रों को उम्मीद जागी थी। इस आदेश के बाद कुछ राज्यों में यह नियम राज्य सरकार द्वारा लागू कर दिया गया, लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे अभी तक लागू नहीं किया है। जिसके चलते शिक्षामित्र अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर हैं। अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वे आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होंगे।
शिक्षक भर्ती के बचे पदों पर नियुक्ति की मांग,उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला
शिक्षक भर्ती के बचे पदों पर नियुक्ति की मांग,उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती का मामला
उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में बचे हुए पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना दिया। एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त सचिव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने भी बचे पदों पर नियुक्ति का निर्देश दिया है। लिहाजा विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से
पहले काउंसिलिंग कराई जाए तो हजारों बेरोजगारों का भला हो जाएगा। 29,334 शिक्षक भर्ती जुलाई 2013 में शुरू हुई थी। अब तक सात राउंड की काउंसिलिंग हो चुकी है। लेकिन बड़ी संख्या में पद खाली है। कम मेरिट वाले अभ्यर्थी आठवीं काउंसिलिंग के लिए दबाव बना रहे हैं।
उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान गणित विषय के 29,334 सहायक अध्यापकों की भर्ती में बचे हुए पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण धरना दिया। एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त सचिव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। अभ्यर्थियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने भी बचे पदों पर नियुक्ति का निर्देश दिया है। लिहाजा विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से
पहले काउंसिलिंग कराई जाए तो हजारों बेरोजगारों का भला हो जाएगा। 29,334 शिक्षक भर्ती जुलाई 2013 में शुरू हुई थी। अब तक सात राउंड की काउंसिलिंग हो चुकी है। लेकिन बड़ी संख्या में पद खाली है। कम मेरिट वाले अभ्यर्थी आठवीं काउंसिलिंग के लिए दबाव बना रहे हैं।
32 हजार शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाए जाने के मामले ने पकड़ा तूल, शिक्षामित्र चले अनशन की राह पर
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्रों का प्रकरण फिर सतह पर आ गया है। सहायक अध्यापक के रूप में समायोजन न होने के बाद अब मानदेय वृद्धि भी नहीं की जा रही है। इसको लेकर सूबे में शिक्षामित्र अनशन कर रहे हैं। कई जिलों में उनकी हालत खराब हो रही है। अब 27 दिसंबर से शिक्षामित्रों ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट का मामला विचाराधीन है। महंगाई के युग में प्रशिक्षित होकर भी उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है। इसके लिए दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कई बार मुख्यमंत्री से मांग की है, लेकिन समायोजन न होने तक उनका मानदेय बढ़ाने की अनसुनी हुई। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपने हक के लिए अनशन के रास्ते पर चल पड़े हैं। बलिया, बनारस, इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए दो दिन से कर रहे हैं।
बलिया में अवशेष शिक्षामित्र गीता पाठक, सुशीला वर्मा की हालत नाजुक बनी हुई और दोनों को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। ऐसे में दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने प्रदेश के समायोजित एवं असमायोजित शिक्षामित्रों से अवशेष शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि के समर्थन में 27 दिसंबर से कार्य बहिष्कार का एलान किया है।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन सुप्रीम कोर्ट का मामला विचाराधीन है। महंगाई के युग में प्रशिक्षित होकर भी उन्हें 3500 रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर कार्य करना पड़ रहा है। इसके लिए दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने कई बार मुख्यमंत्री से मांग की है, लेकिन समायोजन न होने तक उनका मानदेय बढ़ाने की अनसुनी हुई। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपने हक के लिए अनशन के रास्ते पर चल पड़े हैं। बलिया, बनारस, इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए दो दिन से कर रहे हैं।
बलिया में अवशेष शिक्षामित्र गीता पाठक, सुशीला वर्मा की हालत नाजुक बनी हुई और दोनों को अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। ऐसे में दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने प्रदेश के समायोजित एवं असमायोजित शिक्षामित्रों से अवशेष शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि के समर्थन में 27 दिसंबर से कार्य बहिष्कार का एलान किया है।
यूपी में आज और कल बंद रहेंगे स्कूल व कॉलेज न्यूज़ चैनल की यह पोस्ट हो रही वायरल, जबकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है
यूपी में आज और कल बंद रहेंगे स्कूल व कॉलेज न्यूज़ चैनल की यह पोस्ट हो रही वायरल, जबकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कृपया भ्रामक न्यूज़ पर विश्वास न करें। कृपया भ्रामक न्यूज़ पर विश्वास न करें समय से स्कूल जाएं।
जिन जिलों में छुट्टी की गयी है उनकी सुचना साइट पर मैजूद है
न्यूज़ चैनल पर दिखाई जा रही india 24×7 की न्यूज़ भ्रामक है ।
छुट्टी का आदेश इलाहाबाद मण्डल के लिए हुआ है जिसे उक्त चैनल ने पूरी यूपी का बना दिया ।
इलाहबाद मंडल यूपी में ही आता है, इसलिए न्यूज़ में यूपी में दो दिन के लिए स्कूल बंद ही लिखा आ रहा है।
अतः न्यूज़ वाले इसी तरह हेडलाइंस चलाते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनका चैनल लगाकर उत्सुक होकर बैठ जाएँ। इसलिए अफवाहों पर ध्यान न दें।
अत: उठो और स्कूल चलो
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जिन जिलों में छुट्टी की गयी है उनकी सुचना साइट पर मैजूद है
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इलाहबाद मंडल यूपी में ही आता है, इसलिए न्यूज़ में यूपी में दो दिन के लिए स्कूल बंद ही लिखा आ रहा है।
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अत: उठो और स्कूल चलो
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फिर भी तबादलों पर असंतोष बरकरार, परिषद में दिन भर गहमागहमी, बेसिक शिक्षा परिषद में 17 हजार से अधिक शिक्षकों का तबादला. 3606 शिक्षकों का स्थानांतरण करने को निदेशालय में प्रदर्शन
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का इधर बड़े पैमाने पर तबादला हुआ है। इसके बाद भी प्राथमिक शिक्षकों में असंतोष बरकरार है। यही वजह है कि अवशेष शिक्षकों का स्थानांतरण करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। उधर, परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि जो भी फेरबदल हुए हैं, उनमें पारदर्शिता बरती गई है। किसी भी अर्ह शिक्षक को निराश नहीं किया गया है। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के तबादलों की इन दिनों मानों बयार चल पड़ी है। अंतर जिला तबादलों की दूसरी सूची में भी 1870 शिक्षकों को अपने घर लौटने का मौका दिया गया है। इसके पहले 15087
शिक्षकों का पहली सूची में तबादला हुआ था। यही नहीं, शासन की ओर से दो लिस्ट अलग से जारी की गई हैं। इसमें अफसरों का यही प्रयास रहा कि अधिकाधिक शिक्षकों को तबादले का लाभ मिल जाए। दूसरी सूची में शिक्षकों को उन जिलों में भी जाने का रास्ता सुलभ हुआ, जहां पहले तबादले की मनाही थी। परिषद को मिले प्रत्यावेदनों की पिछले दिनों नए सिरे से छानबीन हुई थी। उसमें अर्ह मिलने वालों को मौका मिला है। 1बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र जैसे संगठन दूसरी सूची जारी कराने के लिए तीन महीने से आंदोलन कर रहे थे, इसके लिए शिक्षकों ने गोमती में छलांग तक लगाई थी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने कहा कि दूसरी सूची जारी होना संघर्ष का परिणाम है, लेकिन वह निराश भी हैं सभी अवशेष शिक्षकों को तबादले का मौका नहीं मिला है। 3606 शिक्षक अब भी राह देख रहे हैं। इसीलिए शिक्षा निदेशालय में सोमवार से भूख हड़ताल शुरू की है। इसमें प्रदेश के तमाम जिलों के शिक्षक आंदोलन में शामिल हैं और यह संख्या और बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि अंतर जिला तबादले का आवेदन करने वाले अधिकांश शिक्षक सारे नियम व शर्तो को पूरा करते हैं। इससे शासन को अवगत कराया जाएगा।
परिषद में दिन भर गहमागहमी : शिक्षा निदेशालय के परिषद मुख्यालय पर सोमवार को दिन भर गहमागहमी रही। बड़ी संख्या में शिक्षक तबादले की पैरवी कर रहे थे। उनका कहना था कि दूसरी सूची जारी होना इसका अनुमान नहीं था इसलिए प्रत्यावेदन नहीं दे सके। वहीं, उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित शिक्षकों की नियुक्ति की शेष सीटों पर जल्द नियुक्तियां करने के लिए परिषद सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा है। ऐसे ही अन्य संगठन भी सक्रिय रहे।
शिक्षकों का पहली सूची में तबादला हुआ था। यही नहीं, शासन की ओर से दो लिस्ट अलग से जारी की गई हैं। इसमें अफसरों का यही प्रयास रहा कि अधिकाधिक शिक्षकों को तबादले का लाभ मिल जाए। दूसरी सूची में शिक्षकों को उन जिलों में भी जाने का रास्ता सुलभ हुआ, जहां पहले तबादले की मनाही थी। परिषद को मिले प्रत्यावेदनों की पिछले दिनों नए सिरे से छानबीन हुई थी। उसमें अर्ह मिलने वालों को मौका मिला है। 1बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र जैसे संगठन दूसरी सूची जारी कराने के लिए तीन महीने से आंदोलन कर रहे थे, इसके लिए शिक्षकों ने गोमती में छलांग तक लगाई थी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव ने कहा कि दूसरी सूची जारी होना संघर्ष का परिणाम है, लेकिन वह निराश भी हैं सभी अवशेष शिक्षकों को तबादले का मौका नहीं मिला है। 3606 शिक्षक अब भी राह देख रहे हैं। इसीलिए शिक्षा निदेशालय में सोमवार से भूख हड़ताल शुरू की है। इसमें प्रदेश के तमाम जिलों के शिक्षक आंदोलन में शामिल हैं और यह संख्या और बढ़ने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि अंतर जिला तबादले का आवेदन करने वाले अधिकांश शिक्षक सारे नियम व शर्तो को पूरा करते हैं। इससे शासन को अवगत कराया जाएगा।
परिषद में दिन भर गहमागहमी : शिक्षा निदेशालय के परिषद मुख्यालय पर सोमवार को दिन भर गहमागहमी रही। बड़ी संख्या में शिक्षक तबादले की पैरवी कर रहे थे। उनका कहना था कि दूसरी सूची जारी होना इसका अनुमान नहीं था इसलिए प्रत्यावेदन नहीं दे सके। वहीं, उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित शिक्षकों की नियुक्ति की शेष सीटों पर जल्द नियुक्तियां करने के लिए परिषद सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा है। ऐसे ही अन्य संगठन भी सक्रिय रहे।
विरोध के बीच शिक्षक भर्ती में पंजीकरण हुआ शुरू, शासन ने नियमावली में चयन मेरिट से ही करने पर लगाई मुहर
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है। पहले दिन गिने-चुने अभ्यर्थियों ने ही पंजीकरण कराया है, जिनकी तादाद इकाई में बताई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर प्रतियोगी शिक्षकों का चयन मेरिट के बजाए परीक्षा के जरिए कराने पर अब भी अड़े हैं। युवाओं का प्रदर्शन जारी है। राजकीय कॉलेजों में स्नातक शिक्षकों की भर्ती के लिए इस बार नियमावली में बदलाव हुआ है। अब मंडल के बजाए राज्य स्तर पर शिक्षकों का चयन होगा। इससे वरिष्ठता आदि के विवादों में कमी आएगी।
शासन ने नियमावली में चयन मेरिट से ही करने पर मुहर लगाई है। उसी के अनुरूप कुछ दिन पहले विभाग ने विज्ञापन निकाला और सोमवार से पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। अफसरों की मानें तो पहले दिन की स्थिति उत्साहजनक नहीं थी। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि पहले दिन महज कुछ
युवाओं ने ही पंजीकरण कराया है, जिनकी संख्या इकाई में है। इसे प्रतियोगियों की मांग से भी जोड़ा जा रहा है जिसमें वह चयन के लिए परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट यानी आइपीएफ ने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। जिला प्रभारी राजेश सचान, प्रतियोगी मोर्चा के अमर बहादुर, अनुराग वर्मा व सुनील यादव आदि ने मांग की है कि मेरिट के बजाए परीक्षा के जरिए ही चयन किया जाए। उनका तर्क है कि अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का स्तर अलग है।
ऐसे में मेरिट से चयन करना मेधावी युवाओं के हित में नहीं है। साथ ही बीएड कॉलेजों में भी शैक्षिक गुणवत्ता नहीं है। वहां जुगाड़ से अच्छे अंक मिल जाते हैं। वहीं कुछ युवाओं ने कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बीटेक आदि की डिग्री ही पर्याप्त है। ऐसे में बीएड की मांग कहीं से जायज नहीं है। इसमें बदलाव किया जाए। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि भर्ती में हस्तक्षेप करके चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के जरिए कराया जाए। यहां बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे।
शासन ने नियमावली में चयन मेरिट से ही करने पर मुहर लगाई है। उसी के अनुरूप कुछ दिन पहले विभाग ने विज्ञापन निकाला और सोमवार से पंजीकरण का कार्य शुरू हो गया है। अफसरों की मानें तो पहले दिन की स्थिति उत्साहजनक नहीं थी। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि पहले दिन महज कुछ
युवाओं ने ही पंजीकरण कराया है, जिनकी संख्या इकाई में है। इसे प्रतियोगियों की मांग से भी जोड़ा जा रहा है जिसमें वह चयन के लिए परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट यानी आइपीएफ ने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। जिला प्रभारी राजेश सचान, प्रतियोगी मोर्चा के अमर बहादुर, अनुराग वर्मा व सुनील यादव आदि ने मांग की है कि मेरिट के बजाए परीक्षा के जरिए ही चयन किया जाए। उनका तर्क है कि अलग-अलग विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का स्तर अलग है।
ऐसे में मेरिट से चयन करना मेधावी युवाओं के हित में नहीं है। साथ ही बीएड कॉलेजों में भी शैक्षिक गुणवत्ता नहीं है। वहां जुगाड़ से अच्छे अंक मिल जाते हैं। वहीं कुछ युवाओं ने कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बीटेक आदि की डिग्री ही पर्याप्त है। ऐसे में बीएड की मांग कहीं से जायज नहीं है। इसमें बदलाव किया जाए। मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि भर्ती में हस्तक्षेप करके चयन लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के जरिए कराया जाए। यहां बड़ी संख्या में युवा मौजूद रहे।
एलटी ग्रेड में पुरुष संवर्ग फिर से दरकिनार
इलाहाबाद : आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदेशा था। राजकीय माध्यमिक कॉलेजों के एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग को फिर पदोन्नति से दरकिनार कर दिया गया है। ‘दैनिक जागरण’ ने ‘शिक्षक सूची में खामियां’ खबर में प्रमुखता से वरिष्ठता सूची की त्रुटियां उजागर की थी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने इसे स्वीकार करते हुए गड़बड़ियों का ठीकरा मंडलों में तैनात संयुक्त शिक्षा निदेशकों (जेडी) के सिर फोड़ा है और जल्द नई वरिष्ठता सूची बनाने का आदेश जारी किया है। 1विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर हर महकमा अपने मातहतों को सुविधाओं की सौगात देने में जुटा है, वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग अन्य विभागों से उलट एक संवर्ग को हाशिए पर धकेलने में जुटा है। यही वजह है कि राजकीय माध्यमिक कॉलेजों में तैनात एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग को इस बार भी पदोन्नति से वंचित होना पड़ा है। इसकी वजह विभाग में लंबे समय से इस संवर्ग की वरिष्ठता सूची दुरुस्त न होना है। शासन ने भी पिछले दिनों एलटी ग्रेड पुरुष शिक्षकों को प्रमोशन देने का आदेश जारी किया था, उस
पर भी अमल नहीं हो सका है। हालांकि विभाग ने पुरानी वरिष्ठता के सूची के आधार पर प्रमोशन करने की तैयारी की थी। इसीलिए प्रवक्ता पुरुष में 120, एलटी पुरुष में 325, महिला एलटी में 190 एवं महिला प्रवक्ता में 113 यानी कुल 748 शिक्षकों के प्रमोशन करने की सूची बनी थी। यही नहीं सभी की गोपनीय आख्या भी मंडलों से मंगा ली गई थी, लेकिन जागरण ने वरिष्ठता सूची का ‘रागमाला’ उजागर किया तो अफसरों ने प्रमोशन से हाथ खींच लिए हैं। 1अब महिला प्रवक्ता के 113 में से 108, एलटी महिला के 190 में से 154 एवं प्रवक्ता पुरुष के 129 में से 98 यानी कुल 432 में से 360 पदों पर प्रमोशन किए गए हैं। प्रमोशन पाने वाले शिक्षक/शिक्षिकाएं अब हाईस्कूल कॉलेज में प्रधानाध्यापक या फिर इंटर कालेज में उप प्रधानाचार्य बन सकेंगे। सभी शिक्षकों को कालेजों का आवंटन भी कर दिया है और जल्द कार्यभार ग्रहण का आदेश हुआ है। 1उधर, शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने एलटी संवर्ग की वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी होने का आरोप जेडी पर मढ़ा है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया है कि वर्ष 1991 से 2016 तक की वरिष्ठता सूची जल्द बनाकर 10 जनवरी तक शिक्षा निदेशालय भेजी जाए। इसके लिए उन्होंने प्रोफार्मा भी जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि एलटी ग्रेड महिला एवं प्रवक्ताओं के प्रमोशन हुए हैं, जबकि एलटी ग्रेड पुरुष की पदोन्नति बाद में होगी।
पर भी अमल नहीं हो सका है। हालांकि विभाग ने पुरानी वरिष्ठता के सूची के आधार पर प्रमोशन करने की तैयारी की थी। इसीलिए प्रवक्ता पुरुष में 120, एलटी पुरुष में 325, महिला एलटी में 190 एवं महिला प्रवक्ता में 113 यानी कुल 748 शिक्षकों के प्रमोशन करने की सूची बनी थी। यही नहीं सभी की गोपनीय आख्या भी मंडलों से मंगा ली गई थी, लेकिन जागरण ने वरिष्ठता सूची का ‘रागमाला’ उजागर किया तो अफसरों ने प्रमोशन से हाथ खींच लिए हैं। 1अब महिला प्रवक्ता के 113 में से 108, एलटी महिला के 190 में से 154 एवं प्रवक्ता पुरुष के 129 में से 98 यानी कुल 432 में से 360 पदों पर प्रमोशन किए गए हैं। प्रमोशन पाने वाले शिक्षक/शिक्षिकाएं अब हाईस्कूल कॉलेज में प्रधानाध्यापक या फिर इंटर कालेज में उप प्रधानाचार्य बन सकेंगे। सभी शिक्षकों को कालेजों का आवंटन भी कर दिया है और जल्द कार्यभार ग्रहण का आदेश हुआ है। 1उधर, शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने एलटी संवर्ग की वरिष्ठता सूची में गड़बड़ी होने का आरोप जेडी पर मढ़ा है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया है कि वर्ष 1991 से 2016 तक की वरिष्ठता सूची जल्द बनाकर 10 जनवरी तक शिक्षा निदेशालय भेजी जाए। इसके लिए उन्होंने प्रोफार्मा भी जारी किया है। माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने बताया कि एलटी ग्रेड महिला एवं प्रवक्ताओं के प्रमोशन हुए हैं, जबकि एलटी ग्रेड पुरुष की पदोन्नति बाद में होगी।
अब चार घंटे में एक लाख बच्चों का भोजन, अक्षय पात्र फाउंडेशन के माध्यम से बच्चों का खाना होगा तैयार, मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन
इलाहाबाद : मिड डे मील में गुणवत्ता के साथ ताजा भोजन की परिकल्पना अब साकार होने जा रही है। आधुनिक केंद्रीय किचन के माध्यम से एक साथ एक लाख बच्चों का भोजन तैयार होगा। इतना ही नहीं विशेष इंसुलेटेड वैन के माध्यम से गर्म खाना नगर और अंचल के क्षेत्र में निर्धारित समय पहुंचा भी दिया जाएगा। अक्षयपात्र फाउंडेशन के माध्यम इस योजना को साकार रूप दिया जाएगा। किचन की स्थापना के बाद इलाहाबाद सहित प्रदेश के 11 शहरों में यह योजना अगले वर्ष के अंत तक शुरू हो जाएंगी। सोमवार को
लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस योजना का शिलान्यास किया। मिड डे मील योजना के अंतर्गत एक लाख बच्चों का खाना मात्र चार घंटे में तैयार करने की योजना का अमली जामा पहना दिया गया है। 1प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजना के अंतर्गत प्रदेश के 11 जिलों में आधुनिक किचन घर स्थापित किये जाएंगे। किचन की खास बात होगी कि इसमें तीन घंटे में एक लाख बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जा सकेगा। 1सबसे पहले बच्चे करेंगे स्वाद 1 आधुनिक तकनीक से तैयार भोजन की एक खासियत ये होगी कि स्कूलों में बच्चे ही चखेंगे। भोजन बनने की प्रक्रिया सुबह तीन बजे से शुरू हो जाएगी। सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के मध्य स्कूलों में वैन पहंच जाएगी। हाइजेनिक भोजन का स्वाद सीधा बच्चे ही ले सकेंगे। कुक, रसोइया, बवार्ची सहित सभी बीच की कड़ी खत्म कर दी जाएगी। 1स्वच्छता का प्रतीक 1इलाहाबाद में मिड डे मील समन्वयक राजीव त्रिपाठी का कहना है कि यह किचन स्वच्छता का प्रतीक होगा। बच्चों को समय से गुणवत्ता परक और गर्म खाना मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों में यह किचन स्थापित होंगे। 1झूंसी में लगेगा प्लांट 1 इलाहाबाद में इस योजना का प्लांट झूंसी में लगेगा। शुरूआत में यहां एक लाख बच्चों के लिए खाना बनेगा। 1वितरण 50 हजार अंचल और 50 हजार शहरी क्षेत्रों में वितरण होगा। नगर में एमडीएम के लिए पांच लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं।
एक घंटे में 25 हजार रोटियां
आधुनिक किचन घर की परिकल्पना के अंतर्गत हाइटेक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। इसमें रोटी मेकर से एक घंटे में 25 हजार रोटियां तैयार होंगी। आटा गूथने के लिए वृहद संयत्र, दाल-चावल के लिए ब्वायलर और सब्जी-खीर आदि के लिए काफी अधिक क्षमता वाले कुकर आदि का प्रयोग होगा। चार घंटे के अंदर एक लाख बच्चों के लिए खाना तैयार किया जा सकेगा।
ये होंगी खासियत
अक्षयपात्र फाउंडेशन किचन का संचालन अधिकतर मानव रहित होगा। प्रमुख इंपुट प्वाइंट की बात छोड़ दे तो किचन का समस्त मेकेनिकज्म आटोमेटिक होगा। जो भी मैनपावर होगा उन्हें विधिवत प्रशिक्षण दिया जाएगा। भोजन पकने के बाद बड़े बड़े डब्बों में पैक कराकर स्कूलों में भेज दिया जाएगा।
लखनऊ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस योजना का शिलान्यास किया। मिड डे मील योजना के अंतर्गत एक लाख बच्चों का खाना मात्र चार घंटे में तैयार करने की योजना का अमली जामा पहना दिया गया है। 1प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजना के अंतर्गत प्रदेश के 11 जिलों में आधुनिक किचन घर स्थापित किये जाएंगे। किचन की खास बात होगी कि इसमें तीन घंटे में एक लाख बच्चों के लिए भोजन तैयार किया जा सकेगा। 1सबसे पहले बच्चे करेंगे स्वाद 1 आधुनिक तकनीक से तैयार भोजन की एक खासियत ये होगी कि स्कूलों में बच्चे ही चखेंगे। भोजन बनने की प्रक्रिया सुबह तीन बजे से शुरू हो जाएगी। सुबह नौ से साढ़े नौ बजे के मध्य स्कूलों में वैन पहंच जाएगी। हाइजेनिक भोजन का स्वाद सीधा बच्चे ही ले सकेंगे। कुक, रसोइया, बवार्ची सहित सभी बीच की कड़ी खत्म कर दी जाएगी। 1स्वच्छता का प्रतीक 1इलाहाबाद में मिड डे मील समन्वयक राजीव त्रिपाठी का कहना है कि यह किचन स्वच्छता का प्रतीक होगा। बच्चों को समय से गुणवत्ता परक और गर्म खाना मिलेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 11 जिलों में यह किचन स्थापित होंगे। 1झूंसी में लगेगा प्लांट 1 इलाहाबाद में इस योजना का प्लांट झूंसी में लगेगा। शुरूआत में यहां एक लाख बच्चों के लिए खाना बनेगा। 1वितरण 50 हजार अंचल और 50 हजार शहरी क्षेत्रों में वितरण होगा। नगर में एमडीएम के लिए पांच लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं।
एक घंटे में 25 हजार रोटियां
आधुनिक किचन घर की परिकल्पना के अंतर्गत हाइटेक मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। इसमें रोटी मेकर से एक घंटे में 25 हजार रोटियां तैयार होंगी। आटा गूथने के लिए वृहद संयत्र, दाल-चावल के लिए ब्वायलर और सब्जी-खीर आदि के लिए काफी अधिक क्षमता वाले कुकर आदि का प्रयोग होगा। चार घंटे के अंदर एक लाख बच्चों के लिए खाना तैयार किया जा सकेगा।
ये होंगी खासियत
अक्षयपात्र फाउंडेशन किचन का संचालन अधिकतर मानव रहित होगा। प्रमुख इंपुट प्वाइंट की बात छोड़ दे तो किचन का समस्त मेकेनिकज्म आटोमेटिक होगा। जो भी मैनपावर होगा उन्हें विधिवत प्रशिक्षण दिया जाएगा। भोजन पकने के बाद बड़े बड़े डब्बों में पैक कराकर स्कूलों में भेज दिया जाएगा।
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