23.12.16

शिक्षकों की पोस्टिंग में नियमों का ट्रांसफर, बीएसए ऑफिस में हो रहा खेल, NIC पर जानकारी दिए बिना CDO को भेज दी सूचना

शिक्षकों की पोस्टिंग में नियमों का ट्रांसफर, बीएसए ऑफिस में हो रहा खेल, NIC पर जानकारी दिए बिना CDO को भेज दी सूचना

परिषदीय स्कूलों में कम हुए 34 हजार छात्र, अफसरों की लापरवाही के चलते सर्व शिक्षा अभियान पर सवालिया निशान

परिषदीय स्कूलों में कम हुए 34 हजार छात्र, अफसरों की लापरवाही के चलते सर्व शिक्षा अभियान पर सवालिया निशान

शिक्षामित्रों के समायोजन हेतु बीएसए ने सचिव मांगे दिशा निर्देश: देखें कॉपी

शिक्षामित्रों के समायोजन हेतु बीएसए ने सचिव मांगे दिशा निर्देश: देखें कॉपी

अब टीचर बनेंगे बीईओ, 15 फीसदी पद शिक्षकों की पदोन्नति से भरे जाएंगे, BEO चयन नियमावली में शामिल होगा प्रस्ताव

टीचर बनेंगे बीईओ, 15 फीसदी पद शिक्षकों की पदोन्नति से भरे जाएंगे, BEO चयन नियमावली में शामिल होगा प्रस्ताव।
अब शिक्षक बनेंगे खण्ड शिक्षाधिकारी, 15 फीसदी पद शिक्षकों की पदोन्नति से भरे जाएंगे, BEO चयन नियमावली में शामिल होगा प्रस्ताव
😢😢यह न्यूज़ आज से डेढ़ साल पुरानी है। लेकिन आज तक विभाग के कान पर जूं नहीं रेंगी।

यह ओल्ड न्यूज़ इस लिए डाली गई क्योंकि शीट होते हुए भी सरकार beo की भर्ती नही कर रही है। इसलिये हमारे नेताओं को जगाने यह ओल्ड लिखी गयी। अब हमें मिलकर अपने हक़ के लिए लड़ना होगा। क्योंकि सरकार हमारा कोटा खत्म कर रही है।


7th Pay Commission: अब इस तालिका के आधार पर होगा सातवें वेतन का निर्धारण,यह होगा गुणांक अब मूल वेतन में 2.57 से गुणा करके निकल सकेगा आपका वेतन।

7th Pay Commission: अब इस तालिका के आधार पर होगा सातवें वेतन का निर्धारण,यह होगा गुणांक
अब मूल वेतन में 2.57 से गुणा करके निकल सकेगा आपका वेतन। 

सरकारी स्कूलों में बढ़ाएं बच्चों का पंजीकरण, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार न होने पर कार्रवाही की चेतावनी

श्री जितेन्द्र कुमार, खण्ड शिक्षा अधिकारी जनपद एटा का स्थानान्तरण जनपद मुजफ्फरनगर में , आदेश की प्रति देखें


बच्चों को भाये फल, परिषदीय स्कूलों में 20 फीसद तक बढ़ी उपस्थिति

फरुखाबादजिन विद्यालयों में सोमवार को विधिवत फलों का वितरण किया जाता है, वहां उस दिन लगभग 20 फीसद छात्र उपस्थिति बढ़ जाती है। सेवायोजन अधिकारी ने शमसाबाद के आठ विद्यालयों की फल वितरण रिपोर्ट भेजी है। 1कई विद्यालयों के हेडमास्टरों ने अब फल वितरण योजना से किनारा कर लिया है। जबकि जिन स्कूलों में फल बांटे जाते हैं, वहां छात्रों की हाजिरी बढ़ जाती है। शमसाबाद की न्याय पंचायत अजीजाबाद के स्कूलों की औसत उपस्थिति आईवीआरएस डाटा के अनुसार 55 फीसद रहती है। जबकि सोमवार को फल वितरण दिवस पर जिला सेवा योजन अधिकारी को निरीक्षण में 74 फीसद बच्चे उपस्थित मिले। हालांकि रिपोर्ट में यह उल्लेख नहीं
किया गया कि कौन सा फल बांटा गया। छिछौनापुर, फरीदपुर मंगलीपुर, दिलावरगंज, पहाड़पुर बैरागर, बेला सरायगजा के स्कूलों के निरीक्षण की रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी गई।1 बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि दूध और फल वितरण के नियमित निरीक्षण के निर्देश बीईओ को दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट )द्वारा माननीय ओ.पी.शर्मा जी (अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ,एम.एल.सी., नेता शिक्षक दल विधान परिषद)जी व समस्त संघठन के सम्मनित शिक्षक विधायकों के नेत्रत्व में विधान परिषद कार्यवाही व सरकार से प्रश्न ?????

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट )द्वारा माननीय ओ.पी.शर्मा जी (अध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ,एम.एल.सी., नेता शिक्षक दल विधान परिषद)जी व समस्त संघठन के सम्मनित शिक्षक विधायकों के नेत्रत्व में विधान परिषद कार्यवाही व सरकार से प्रश्न ?????




स्कूलों में बच्चे कितने सेफ, बताएगा NCPCR सर्वे, राज्य सरकारों को 6 महीने में पूरा करना है यह सर्वे, यह होगा तरीका

नई दिल्ली :बच्चे स्कूल में कितना सेफ फील करते हैं, ये जानने के लिए नैशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) राष्ट्रव्यापी सर्वे करा रहा है। कमिशन इसके जरिए स्कूल में बच्चों की स्थिति और सुरक्षा की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट तैयार करेगा। महिला और बाल विकास मंत्रालय के तहत आने वाला एनसीपीसीआर अलग-अलग राज्यों के बाल आयोग के जरिए यह स्टडी करवा रहा है, जिसके बाद नैशनल रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को सौंपी जाएगी।

सर्वे टूल्स तैयार

इस सर्वे को एनुअल स्टूडेंट रिपोर्ट ऑन सेफ एंड सिक्योर स्कूल एनवॉयरमेंट इन इंडिया नाम दिया गया है। एनसीपीसीआर के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि सर्वे टूल्स तैयार कर लिए गए हैं और सभी राज्यों को भेज दिए गए हैं। सभी राज्यों में स्टेट कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एससीपीसीआर) इस सर्वे को करवाएंगे। सर्वे के लिए 6 इंडिकेटर तय किए गए हैं, जिसके आधार पर प्रश्नावली तैयार की गई है। पहले इस प्रश्नावली को राज्य अपनी क्षेत्रीय भाषा में तैयार कर रहे हैं। सर्वे इस तरह किया जाना है, जिससे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे इसमें शामिल हो सकें। सभी राज्य सरकारों से कहा गया है कि सर्वे हर जिले में किए जाएं। इसमें जिले में आने वाले सभी सरकारी स्कूलों में से कम से कम 5 पर्सेंट और सभी प्राइवेट स्कूलों में से कम से कम 5 पर्सेंट स्कूलों के स्टूडेंट्स कवर हो सकें। इस तरह देश भर के करीब 80 हजार स्कूलों के करीब 8 लाख स्टूडेंट्स इस सर्वे का हिस्सा बनेंगे।

जेंडर के आधार पर

भेदभाव नहीं होगा

इसमें इमोशनल सेफ्टी, सेक्सुअल सेफ्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर सेफ्टी, हेल्थ और डिजास्टर मैनेजमेंट के साथ ही न्यू एजुकेशन पॉलिसी भी शामिल है। स्टूडेंट्स से सर्वे से जाना जाएगा कि स्कूल में वह इमोशनली कितना सेफ फील करते हैं। इसके साथ ही जेंडर के आधार पर कोई भेदभाव तो नहीं होता। प्रश्नावली के माध्यम से छात्रों से यह भी पूछा जाएगा कि क्या वह न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर कुछ सुझाव देना चाहते हैं। मोदी सरकार का एचआरडी मंत्रालय न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर काम कर रहा है।

जल्द ही पॉलिसी के लिए ड्राफ्टिंग कमिटी बनने वाली है। सभी राज्य  सरकारों को 6 महीने में यह सर्वे पूरा करना है। यह सर्वे एनसीपीसीआर के पास आएगा।

सातवें वेतन के निर्धारण का शासनादेश जारी, यह होगा नया गुणांक, 3 महीने के अंदर लिखित रूप से देना होगा विकल्प

लखनऊ : शासन ने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण का शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया है। शासनादेश में पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण की प्रक्रिया तय कर दी गई है। 1प्रत्येक कर्मचारी जो पहली जनवरी, 2016 को राज्य सरकार की पूर्णकालिक सेवा में था, उसका पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण इस शासनादेश के अनुसार किया जाएगा। हालांकि कोई सरकारी सेवक मौजूदा वेतनमान में उसकी अगली वेतनवृद्धि या किसी अनुवर्ती वेतनवृद्धि की तिथि तक या उसके पद रिक्त करने तक या उस वेतनमान में वेतन आहरण छोड़ने तक वर्तमान वेतनबैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमान में वेतन पाने का विकल्प चुन सकता है। वर्तमान वेतन बैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमान में बने रहने का विकल्प केवल
एक मौजूदा वेतनबैंड और ग्रेड वेतन/वेतनमानों में ही स्वीकार किया जाएगा। विकल्प की सुविधा पहली जनवरी 2016 को या उसके बाद सरकारी सेवा में किसी पद पर पहले नियुक्त होने वाले कार्मिक या किसी अन्य पद से स्थानांतरण द्वारा नियुक्त किये गए किसी कार्मिक के लिए स्वीकार नहीं होंगे। उसे केवल पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में ही वेतन प्राप्त करने की अनुमति होगी।
कार्मिक को अपना विकल्प लिखित रूप से तय प्रारूप पर देना होगा। यह विकल्प संबंधित कार्मिक के कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष/नियुक्ति प्राधिकारी/वेतन पर्ची जारी करने वाले अधिकारी को इस शासनादेश यारी होने की तारीख से तीन महीने के अंदर देना होगा। इसके लिए कर्मचारी को अपने कार्यालय प्रमुख को एक वचनबंध भी देना होगा। वचनबंध प्राप्त किये बिना संबंधित कार्मिक का वेतन निर्धारण नहीं होगा। यदि कर्मचारी तीन महीने के अंदर विकल्प नहीं देता है तो मान लिया जाएगा कि उसने पहली जनवरी 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स अपनाये जाने का विकल्प चुन लिया है।
ऐसे चिकित्सा अधिकारी जिन्हें प्रैक्टिस बंदी भत्ता मिल रहा है, पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में उनके वेतन निर्धारण के लिए वर्तमान मूल वेतन को 2.57 से गुणा किया जाएगा और संशोधन पूर्व प्राप्त हो रहे प्रैक्टिस बंदी भत्ते पर महंगाई भत्ते के बराबर राशि जोड़ी जाएगी। इस प्रकार प्राप्त राशि वेतन मैटिक्स में उसी लेवल में तलाशी जाएगी। यदि वेतन मैटिक्स में प्रयोज्य लेवल की किसी कोष्ठिका में समरूप राशि विद्यमान है तो वही राशि उसका पुनरीक्षित मूल वेतन होगी। यदि प्रयोज्य लेवल में ऐसी कोई राशि कोष्ठिका में मौजूद न हो तो उसके मूल वेतन का निर्धारण वेतन मैटिक्स के उस प्रयोज्य लेवल में उससे ठीक अगली उच्चतर कोष्ठिका की राशि के स्तर पर किया जाएगा।

RTE: शिक्षा पर छह नहीं, 3.8 फीसदी बजट हो रहा है खर्च

नई मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण का आदेश जारी, इस नई वेतन मैट्रिक्स की यह हैं मुख्य बातें, इस तरह होगी वेतन वृद्धि

7th Pay Commission: नई मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण का आदेश जारी, इस नई वेतन मैट्रिक्स की यह हैं मुख्य बातें 7th Pay Commission: नई मैट्रिक्स में वेतन निर्धारण का आदेश जारी, इस नई वेतन मैट्रिक्स की यह हैं मुख्य बातें, इस तरह होगी वेतन वृद्धि


मदरसों में वाद्य यंत्र के साथ राष्ट्रगान गाना नाजायज, मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने जारी किया फतवा

मुसलमानों के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर मदरसों में वाद्य यंत्रों के साथ राष्ट्रगान गाने को नाजायज बताया है। साथ ही मदरसों के छात्रों के टाई पहनने को भी गलत बताया है।1मुरादनगर के दारुल उलूम सादिया नामक मदरसे में अरबी, उर्दू, हदीस के साथ ही कक्षा पांच तक की हंिदूी माध्यम में तालीम दी जाती है। मदरसे में छात्रों के लिए कुर्ता-पायजामा के स्थान पर पैंट-शर्ट के रूप में सफेद रंग की ड्रेस निर्धारित की गई है। च्च्चे पैंट-शर्ट पहनकर आते हैं, मगर टाई लगाने पर पाबंदी है। मदरसे में आधुनिक
शिक्षा प्रणाली के तहत छात्र-छात्रएं एक साथ शिक्षा प्राप्त करते हैं। मदरसे के प्रधानाचार्य फैजान अली ने आगामी गणतंत्र दिवस पर बैंड व ड्रम की धुन के साथ राष्ट्रगान का आयोजन करने के लिए मदरसा दारुल उलूम देवबंद से सवाल किया था। इसके अलावा उन्होंने मदरसे के छात्रों के टाई पहनने को लेकर भी सवाल किया था।1इस संबंध में दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी कर मदरसों में वाद्य यंत्रों के साथ राष्ट्रगान गाने को नाजायज बताया है। दारुल उलूम ने फतवे में मदरसे के छात्रों को टाई लगाने से बचने की हिदायत दी है।

आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी करें तबादला प्रक्रिया, शासन ने भेजा निर्देश

आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी करें तबादला प्रक्रिया, शासन ने भेजा निर्देश


सूबे के 8 जिलों में मिड-डे मील के लिए बनेगी केन्द्रीय रसोईघर, बजट हुआ जारी

सूबे के 8 जिलों में मिड-डे मील के लिए बनेगी केन्द्रीय रसोईघर, बजट हुआ जारी MDM: सूबे के 8 जिलों में मिड-डे मील के लिए बनेगी केन्द्रीय रसोईघर, बजट हुआ जारी

सीधे हाईकोर्ट नहीं जा सकेंगे शिक्षक, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण अधिनियम, 2016 को मिली मंजूरी, अब यहीं निपटेंगे विवाद

लखनऊ : प्रदेश के परिषदीय स्कूलों, सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों और माध्यमिक संस्कृत शिक्षा संस्थानों के शिक्षक और शिक्षणोत्तर कर्मचारी अब अपनी सेवा संबंधी शिकायतों को लेकर सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा पाएंगे। उनके सेवा संबंधी विवादों के निपटारे के लिए कैबिनेट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण अधिनियम, 2016 को मंजूरी दे दी है। अधिकरण में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष (न्यायिक) और एक उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) होंगे।

कर्मचारियों, पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा, इन चिकित्सालयों में हो सकेगा फ्री इलाज

लखनऊ : प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों, पेंशनरों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने का अहम फैसला किया है। इलाज के लिए अग्रिम राशि सीमा 75 से बढ़ाकर 95 फीसद तक कर दी गई है। कर्मचारी अब पीजीआइ, लोहिया, रिम्स सैफई, सरकारी मेडिकल कालेजों के अलावा राज्य के बाहर के सूचीबद्ध चिकित्सालयों में भी इलाज करा सकेंगे।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट ने उप्र सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) (द्वितीय संशोधन) नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी। इससे राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनभोगी पीजीआइ, डा.राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) सैफई व
इन जैसे अन्य राजकीय अस्पताल, राजकीय धन से पोषित चिकित्सा संस्थान में इलाज कराने पर उनके चिकित्सा अधीक्षकों द्वारा हस्ताक्षरित, सत्यापित बिल की पांच फीसद राशि का भुगतान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा और 95 प्रतिशत राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। अब चिकित्सा बिल सीएमओ या अन्य किसी अधिकारी से सत्यापित कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि लाभार्थी 05 प्रतिशत राशि वहन करने को सहमत नहीं है, उस स्थिति में चिकित्सा बिल का पूर्व में लागू व्यवस्था केअनुसार स्वास्थ्य अधिकारियों से बिल सत्यापित एवं प्रतिहस्ताक्षरित कराने के बाद भुगतान किया जाएगा।

BTC: बीटीसी 2013 बैच की परीक्षाएं जनवरी में: परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अनुसार माह अंत में होंगी यह परीक्षाएं

इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी 2013 तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा नए साल में होंगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की मानें तो इम्तिहान जनवरी माह के अंत तक संभावित है। औपचारिक एलान इसी माह किया जाएगा। उधर, प्रशिक्षुओं का कहना है कि इम्तिहान पूरा न होने से सत्र की मियाद लगातार बढ़ती जा रही है। बीटीसी 2013 बैच तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण बीते 30 सितंबर को ही पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक सेमेस्टर परीक्षाएं नहीं कराई गई हैं। हालांकि परीक्षा नियामक कार्यालय ने सभी प्रशिक्षुओं के परीक्षा फार्म भरवा लिए हैं। प्रशिक्षुओं ने बीते अक्टूबर माह में ही सेमेस्टर परीक्षा
कराने की मांग की थी, उस समय यह इम्तिहान दिसंबर में कराने का वादा हुआ, लेकिन टीईटी-16 के कारण वह नहीं हो सका। गुरुवार को बड़ी संख्या में युवाओं ने परीक्षा नियामक कार्यालय का घेराव किया। युवाओं ने कहा कि जब तक परीक्षा कराने की घोषणा नहीं होगी वह वापस नहीं जाएंगे। दोपहर बाद युवाओं का प्रतिनिधिमंडल परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव नीना श्रीवास्तव से मिला। उन्होंने प्रशिक्षुओं से कहा कि जनवरी में इम्तिहान कराए जाएंगे। रजिस्ट्रार नवल किशोर ने बताया कि इसकी तारीखें इसी माह घोषित कर दी जाएंगी। तब प्रशिक्षु वापस लौटे। यहां कौशांबी के अभिषेक त्रिपाठी, अंबेडकर नगर के निशांत त्रिपाठी, रायबरेली के नितिन सिंह, आजमगढ़ के प्रशांत पांडेय और इलाहाबाद के अंकित तिवारी आदि मौजूद थे।

जीवंत कक्षा से ही बच्चों की बेहतरी: सीमैट उप्र इलाहाबाद के निदेशक संजय सिन्हा

इलाहाबाद :>>कक्षा में अध्ययन-अध्यापन के लिए यह आवश्यक है कि कक्षा अनुशासित हो। आमतौर पर अनुशासन का अर्थ यह निकाला जाता है कि कक्षा कितनी शांत है। अगर बच्चे कक्षा में है और अध्यापक से सहज प्रश्नोत्तर कर रहे है तो इसे जीवंत कक्षा कहा जाना चाहिए। यह बात राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) उप्र इलाहाबाद के निदेशक संजय सिन्हा ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत वार्डेन के सुरक्षा एवं संरक्षा से संबंधित चार दिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम चक्र की समाप्ति पर कह रहे थे। सिन्हा ने कहा कि दंड बच्चों के कोमल मन में नकारात्मक मनोविकार पैदा करता है जो बच्चों को चिड़चिड़ा बना
देता है।समापन अवसर पर प्रवक्ता पवन सावंत ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 90 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

शिक्षक सूची में खामियां, राजकीय स्नातक शिक्षकों (एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग) को तीन साल पीछे किया

प्रदेश के राजकीय स्नातक शिक्षकों (एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग) को तीन साल पीछे कर दिया गया है। शिक्षकों का हक मारने का काम किसी और ने नहीं, बल्कि विभागीय अफसरों ने ही किया है। इन शिक्षकों को जिस वरिष्ठता सूची के नाम पर पदोन्नति से रोका गया, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। सूची में कई खामियां होने के बाद भी उसी के आधार पर प्रमोशन होने जा रहा है।1प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में इन दिनों नियुक्ति और पदोन्नतियां हो रही हैं। एलटी ग्रेड महिला संवर्ग व प्रवक्ताओं का प्रमोशन होने के बाद अब एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग का भी प्रमोशन होने जा रहा है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने खाका तैयार कर लिया है, लेकिन खामियां दुरुस्त करने की ओर उसका ध्यान नहीं है। असल में तीन वर्ष पहले यानी 2013 में पदोन्नति प्रक्रिया एकाएक रोक दी गई थी। उस समय शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद गहराने पर प्रकरण हाईकोर्ट तक पहुंचा और
तत्कालीन शिक्षा निदेशक माध्यमिक अवध नरेश शर्मा ने खुद को घिरता देखकर कोर्ट में हलफनामा दिया कि वह वरिष्ठता सूची दुरुस्त होने तक इस संवर्ग की कोई पदोन्नति नहीं करेंगे। उस समय तक न्यायालय ने वरिष्ठता सूची अनुपालन पर कोई रोक भी नहीं लगाई थी। तीन साल से यह नियुक्तियां इसी हलफनामे का शिकार थी।1बीते पांच दिसंबर को शिक्षा निदेशक के हलफनामे का प्रकरण कोर्ट ने बंद कर दिया। इसी बीच राजकीय शिक्षक संघ ने भी शासन को अफसरों की मनमानी से अवगत कराया। शासन ने भी एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग को प्रमोशन देने का निर्देश दिया। इसीलिए पदोन्नति होने जा रही हैं, लेकिन प्रांतीय स्तर पर कोई संशोधित नवीन ज्येष्ठता सूची का प्रकाशन अब तक नहीं किया गया है और न ही शिक्षकों से कोई आपत्ति मांगी गई। यही नहीं प्रमोशन के लिए 389 शिक्षकों की गोपनीय आख्या सभी मंडलों से मांगी गई है। जिसका ज्येष्ठता क्रमांक 3310 से लेकर 4050 तक है। इस सूची में बीच-बीच में ज्येष्ठता के क्रमांक तक गायब हैं।1विभागीय अफसर पदोन्नतियां तीन साल रोकने का स्पष्ट कारण नहीं बता पा रहे हैं और न ही ज्येष्ठता सूची को संशोधित करना चाहते हैं, बल्कि यह भी तय नहीं है कि आखिर 389 शिक्षकों की ही गोपनीय आख्या क्यों मांगी गई है। 1यह किस कोटे के तहत तय हुई है? सूची में अध्यापकों के पदभार ग्रहण करने की तारीख एवं वर्ष आदि का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। उधर माध्यमिक शिक्षा के अपर शिक्षा निदेशक रमेश ने बताया कि शिक्षकों की डीपीसी अब शुक्रवार को होने के आसार हैं। तैयारियां पूरी करने में विलंब हुआ है।




क्रिसमस का अवकाश 24 को, 25 के स्थान पर 24 को रहेगा अवकाश: चित्रकूट

क्रिसमस का अवकाश 24 को, 25 के स्थान पर 24 को रहेगा अवकाश: चित्रकूट
नोट: खबर की पुष्टि कर लें। अभी आधिकारिक पुष्टि नही मिली है

जनपद के अंदर स्थानांतरण का पुनः आदेश जारी, चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए जल्द पूरी करें प्रक्रिया

जनपद के अंदर स्थानांतरण का पुनः आदेश,
जनपद के अंदर स्थानांतरण का पुनः आदेश जारी, देखें सचिव का आदेश TRANSFER :ORDER :जिले के अन्दर ट्रांसफर/समायोजन शीघ्र पूरी किया जाने का विशेष सचिव ने दिया आदेश,चुनाव आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए जल्द पूरी करें प्रक्रिया, आदेश की प्रति