14.12.16
शिक्षामित्रों के जीवन का संछिप्त इतिहास🌷(1999 से 2016 तक)
उत्तर प्रदेश में 1999 के दौरान वेसिक प्रॉयमरी में शिक्षकों की घोर कमी होने लगी। तथा तत्कालीन सरकार शिक्षकों की कमी से शिक्षा व्यवस्था चलना दुर्लभ हो गया ।इस स्तिथि में तत्कालीन सरकार ने केंद्र सरकार से डी0 पी0 इ0 पी0.एक योजना के रूप में छात्र अनुपात शिक्षक के श्रेणी को ध्यान में रखते हुये प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक की कमी दूर करने के लिए N.C.T.E. से अनुमति लेकर शिक्षामित्र पद का विद्यालयों पद सृजन किया तथा नियमानुसार इसका चयन ग्राम शिक्षा समिति के माध्यम से जिला समिति के अनुमोदन करवा करके प्राथमिक विद्यालयों में 30 दिवशीय प्रशिक्षण के बाद विद्यालयों में शिक्षण कार्य करने लगे।तत्पश्चात 2001 में N.C.T.E.द्वारा एक आदेश पारित किया गया कि reglestion 3 सितम्बर 2001जो शिक्षामित्र स्नातक का अहर्ता रखते हुये वेसिक प्रॉयमरी विद्यालयों में शिक्षण कार्य करते है।वह सभी untrend siksha mitra.undrend shikshak के श्रेणी में आते है।परन्तु 2005 व् 2006 में शिक्षामित्र का व्योरा राज्य सरकार से N.C.T.E.ने मांगी तथा 2008 व् 2009 में भी व्योरा मांगी।समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा N.C.T.E.को व्योरा प्राप्त कराया गया तथा N.C.T.E.का स्पष्ट निर्देश प्राप्त होने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा पालन नही करवाया जाता था।
ततपश्चात इस समाज में विषम परिस्थित में एक युवा पीढ़ी तथा कथित शिक्षामित्र के पद प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश के नौनिहालो को आगे बढ़ाने का कार्य अल्प मानदेय स्वीकार किया परन्तु लगभग 11-12 वर्ष के बाद समाज के लोग यह कहते थे कि प्राथमिक शिक्षा का नैया शिक्षा मित्र के सहारे चल रहा है।परन्तु हम बड़ी बिडम्बना समाज के लिए तब बने जब 01-08-2014 को प्रथम बैच के शिक्षामित्रों को trained वेतनमान देने के लिए सरकार ने अपना फरमान जारी किया।तब से समाज व् तथा कथित लोगों द्वारा शिक्षामित्रों के अहर्ता पर आने लगा। यहाँ तक कि किसान,मजदूर,रिक्सा चालक फुटपात पर दुकान लगाने वाला यह नही स्वीकार करने तैयार की इनकी नियुक्ति trained शिक्षक पद पर हुआ है। N.C.T.E.के मानक अनुसार इनका पद सृजित हुआ है।
शिक्षामित्रों के साथ घोर अन्याय हुआ,और इनका सरकार द्वारा शोषण,अपमान अपने हाथों का कठपुतलियां समझकर घुमाने का कार्य करने में राजनैतिक लाभ लेने के लिए सरकार तत्पर रही।
एक तरफ भारतीय सम्बिधान के अनुच्छेद-14,21,39,43 तथा 162 में भारतीय कर्मचारियों का शोषण तथा अपमान जीवन जीने का मौलिक अधिकार समानता का अधिकार वर्णित किया गया है।
स्वतंत्र भारत में स्वतंत्रत्ता भी छीनने का मनमानी तरीके से शोषण किया जाता है। जो उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के साथ हो रहा है।
उपरोक्त विवरणों से यह परिलछित होता है कि भारतीय संविधान की व्यवस्थायें शिक्षामित्रों के लिए लागू नही है।..केन्द्र तथा राज्य का आदेश एक कागज का टुकड़ा है।... शासनादेश होते रहे है।..समय-समय पर नौकरशाह मनमानी करते है.....इस क्रम में 170000 शिक्षामित्र का शोषण,अपमान का शिकार पूरे समाज में बनना पड़ा तथा उसका जबाब आज शिक्षामित्र उच्चतम न्यायालय में देने के लिए तैयार है।
🌷अनिल कुमार सिंह🌷
(स्0अ0)
👉ब्लॉक-खुनियांव
👉जनपद-सिद्धार्थनगर
प्राइमरी स्कूलों में 9 लाख और माध्यमिक में 1 लाख शिक्षकों की है कमी
प्रदेश के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू किया जाने के सम्बन्ध में शासनादेश जारी
PENSIONER : प्रदेश के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू किया जाने के सम्बन्ध में शासनादेश
जारी-*वित्त विभाग*
*वित्त (लेखा) अनुभाग-1*
19/2016/ए-1-907/दस-2016
14/12/2016
*पेंशन संबंधी नीतिगत निर्णय*
*प्रदेश के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू किया जाना*
शासनादेश देखे
जारी-*वित्त विभाग*
*वित्त (लेखा) अनुभाग-1*
19/2016/ए-1-907/दस-2016
14/12/2016
*पेंशन संबंधी नीतिगत निर्णय*
*प्रदेश के पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र की व्यवस्था लागू किया जाना*
शासनादेश देखे
लखनऊ-बीटीसी अभ्यार्थियो पर फिर हुआ लाठी चार्ज,अपनी मांगों को लेकर GPO पर कर रहे थे प्रदर्शन,विधान सभा के सामने अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज.
192 शिक्षकों को मिला दोहरा तोहफा
जागरण संवाददाता, एटा : नए साल से पहले भले ही सभी शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा मिला हो, लेकिन इसके साथ ही 192 शिक्षक-शिक्षिकाएं ऐसे हैं, जिन्हें एक नहीं दो तोहफे मिले हैं। इन शिक्षकों को सातवें वेतनमान के साथ ही विभाग ने पदोन्नति दी है। दोहरे लाभ से इन शिक्षकों की खुशी भी दोगुनी हुई है।
बेसिक शिक्षा विभाग में तीन साल से अधिक समय की सेवाओं तथा दूसरे जिलों से स्थानांतरित होकर आए शिक्षक पदोन्नति के लिए राह देख रहे थे। पिछले दो महीने से शिक्षकों की पदोन्नति की प्रक्रिया विभाग द्वारा संचालित की जा रहीं थीं, लेकिन शिक्षकों को पदोन्नति पत्र मिलने में लगातार देरी होती रही। पदोन्नति सूची में शामिल शिक्षकों का इंतजार विभाग ने अंतत: पूरा कर दिया। 192 प्राथमिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों को अब पदोन्नति देकर प्राथमिक स्कूलों का प्रधानाध्यापक या फिर विकल्प के आधार पर कइयों को जूनियर स्कूलों में सहायक शिक्षक के रूप में पदोन्नति का लाभ दिया है। विभाग द्वारा सभी पदोन्नत शिक्षकों को नए तैनाती स्थलों पर एक सप्ताह में कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। एक साथ दो तोहफे पाने वाले शिक्षक आखिर पदोन्नति पत्र मिलते ही नए तैनाती स्थलों पर तेजी से पदभार ग्रहण करने में जुट गए हैं। अब उन्हें उम्मीद यह है कि नए साल का वेतन भी पदोन्नति सहित प्राप्त हो सकेगा। उधर बीएसए एसएस यादव ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह पदोन्नत शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने के संबंध में आख्या विभाग को उपलब्ध करा दें।
30000 पदों की मांग को लेकर पुलिस व बीटीसी अभ्यर्थियों के हल्की झड़प, 115 दिन से धरने पर बैठे बीटीसी टेट पास: देखें तस्वीरों में
हिमाचल प्रदेश संविदा शिक्षक मामले की सुनवाई की नेक्स्ट डेट लगी
हिमाचल प्रदेश के संविदा शिक्षकों के केस की सुनवाई आज 14/12/2016 को दो बजे से होने की पूर्ण सम्भावना थी किंतु बेंच ने
समयाभाव के कारण सुनवाई स्थगित कर दी।
*आज ये केस 51 नंबर पर कोर्ट न० 4 में जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस प्रफुल्ल सी पन्त की कोर्ट में लगा था। केस की अगली सुनवाई की अगली तारीख कॉज़ लिस्ट आने पर सूचित की जायेगी।*समयाभाव के कारण सुनवाई स्थगित कर दी।
*_राममूर्ति शर्मा एन्ड टीम ने केस की पूरी तैयारी की थी किंतु मामला दुर्भाग्य से सुनवाई तक नहीं पहुंच सका। यदि ये मामला यूपी शिक्षामित्रों के समायोजन केस से पहले निस्तारित होता है तो इस सीधा असर यूपी के शिक्षामित्रों पर पड़ेगा।_*
मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप हिमाचल के पैरवीकार राम मूर्ति शर्मा जिन्होंने आजीविका और मान सम्मान की लड़ाई के लिए अपनी खून पसीने की कमाई शिमला हाई कोर्ट में जीत हासिल करने में लगा दी और मात्र 47 लोगों के भरोसे सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हैं। मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप उत्तर प्रदेश के वर्किंग ग्रुप मेंबरस से राममूर्ति शर्मा अपनी टीम के साथ मुलाक़ात की। मुलाक़ात में केस के संबंध में चर्चा की गई। हिमाचल के इन वीरों को एमएससी ग्रुप उनकी जिजीविषा के लिए सलाम करता है। मिशन की ओर से उन्हें पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया जा रहा है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
वर्तमान शिक्षामित्र प्रशिक्षण और टीईटी प्रतिभाग केस की सच्चाई
पिछले दो दिन से बीएड धारक याची के साथी सरगना की पोस्ट देखी। गज़ब का दम्भ दिखा उन सभी की पोस्ट
में। बिल्ली के भागों छींका जो टूट गया। हम अपने सहयोगियों को वर्तमान शिक्षामित्र प्रशिक्षण और टेट प्रतिभाग केस की सच्चाई से रु बा रु करा दें।
में। बिल्ली के भागों छींका जो टूट गया। हम अपने सहयोगियों को वर्तमान शिक्षामित्र प्रशिक्षण और टेट प्रतिभाग केस की सच्चाई से रु बा रु करा दें।
हम चूँकि अभी तक सिर्फ बचाव पक्ष से लड़ रहे हैं इसलिए इनकी हर बात पर मज़बूती से विरोध तो कर रहे हैं लेकिन अपनी बात कोर्ट को समझा नहीं पा रहे।
इसलिए हमने अलग रास्ता चुना है और यदि हम 9जनवरी से पहले आर्थिक रूप से सक्षम हो गए तो इनकी समस्त याचिकाओं का वो हाल करेंगे जिसकी किसी बीएड बीटीसी याचिकाकर्ता ने कल्पना भी नहीं की होगी। ये सब हमारे मान सम्मान से जुड़ा है
72825 भर्ती में पूर्णतया टीईटी मेरिट नहीं बन सकती, उसका कुछ ना कुछ वेटेज जोड़ना अनिवार्य: शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील खरे साहब
72825 भर्ती में पूर्णतया टीईटी मेरिट नहीं बन सकती, उसका कुछ ना कुछ वेटेज जोड़ना अनिवार्य: शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील खरे साहब
72825 में चयनित मेरे अजीज दोस्तों
उत्तर प्रदेश में चल रही प्राथमिक भर्तियों के एक मात्र मसीहा याची श्री शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री खरे साहब का एक और कारनामा आज आये जूनियर स्पेशल अपीलों के आदेश के पेज संख्या 32 पर पढें जो निम्न है:
Sri Khare has clarified that it is not the contention of the petitioner that TET marks alone form the basis for selecting a particular candidate. He submits that the use of the word "weightage" in Para 9(b) clearly mandates some credence and weight being attached and accorded to marks obtained in the TET Examination. Referring to the Appendix to the 1981 Rules as it existed prior to the 12th Amendment, Sri Khare submits that the said Appendix came into play only in a case where there were candidates who had passed the training course in the same year.उत्तर प्रदेश में चल रही प्राथमिक भर्तियों के एक मात्र मसीहा याची श्री शिव कुमार पाठक जी और उनके वकील श्री खरे साहब का एक और कारनामा आज आये जूनियर स्पेशल अपीलों के आदेश के पेज संख्या 32 पर पढें जो निम्न है:
UPTET 2016: शिक्षक बनने के सपना पूरा करने के लिए टीईटी एग्जाम दो पालियों में 19 दिसंबर को
शिक्षक बनने के सपना पूरा करने के लिए करीब 14 हजार कैंडिडेट्स की भीड़ आगामी 19 दिसंबर को शहर में उमड़ेगी। कैंडिडेट्स यूपी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट 'टीईटी' एग्जाम में अपनी किस्मत
आजमाएंगे। एग्जाम के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 11 सीबीएसई और छह यूपी बोर्ड के कॉलेजेज को सेंटर बनाए हैं। वहीं, 16 जोनल मजिस्ट्रेट को परीक्षा की सुचिता की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आजमाएंगे। एग्जाम के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 11 सीबीएसई और छह यूपी बोर्ड के कॉलेजेज को सेंटर बनाए हैं। वहीं, 16 जोनल मजिस्ट्रेट को परीक्षा की सुचिता की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
19 दिसंबर को होगा एग्जाम
टीईटी एग्जाम दो पालियों में 19 दिसंबर को होगा। पहली पाली का एग्जाम सुबह 10 से दोपहर 12.30 बजे तक चलेगा। इसमें जूनियर वर्ग में आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स एग्जाम देंगे। वहीं, दूसरी पाली का एग्जाम दोपहर ढाई बजे शुरू होगा। जो शाम को साढ़े पांच बजे खत्म होगा। जिसमें प्राइमरी वर्ग में आवेदन करने वाले कैंडिडेट्स बैठेंगे। परीक्षा में कोई चूक न रहे, इसलिए जिला प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। डीएम पंकज यादव के आदेश पर डीआईओएस मुन्ने अली खां ने गुलाबराय मांटेसरी इंटर कॉलेज, एमबी इंटर कॉलेज, जीआईसी, जीजीआईसी और एसवी इंटर कॉलेज और सीबीएसई के 11 स्कूल समेत 17 सेंटर्स बनाए हैं। जिन पर एक मजिस्ट्रेट और एक पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। इसके अलावा एसडीएम रैंक के 16 जोनल मजिस्ट्रेट बनाए हैं, डीआईओएस ने बताया सभी कैंडिडेट्स प्रवेश पत्र के साथ पहचान पत्र लेकर सेंटर पर पहुंचे।
हिमाचल प्रदेश संविदा शिक्षक मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
हिमाचल प्रदेश संविदा शिक्षक मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज।।*
हिमाचल प्रदेश के संविदा शिक्षकों के केस की सुनवाई आज 14/12/2016 को दो बजे से होने की पूर्ण सम्भावना है। ये मामला 2015 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। *आज ये केस 51 नंबर पर कोर्ट न० 4 में जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस प्रफुल्ल सी पन्त की कोर्ट में लगा है। केस का स्टेटस नोटिस के उपरांत पूर्ण मैटर के रूप में शो हो रहा है। जिसका अर्थ है इस मामले पर बहस होगी।*
*_यदि ये मामला यूपी शिक्षामित्रों के समायोजन केस से पहले निस्तारित होता है तो इस का सीधा असर यूपी के शिक्षामित्रों पर पड़ेगा।_*
मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप हिमाचल के पैरवीकार राम मूर्ति शर्मा जिन्होंने आजीविका और मान सम्मान की लड़ाई के लिए अपनी खून पसीने की कमाई शिमला हाई कोर्ट में जीत हासिल करने में लगा दी और मात्र 47 लोगों के भरोसे सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हैं। मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप उत्तर प्रदेश के वर्किंग ग्रुप मेंबरस से राममूर्ति शर्मा अपनी टीम के साथ मुलाक़ात की। मुलाक़ात में केस के संबंध में चर्चा की गई। हिमाचल के इन वीरों को एमएससी ग्रुप उनकी जिजीविषा के लिए सलाम करता है। मिशन की ओर से उन्हें पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया जा रहा है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
हिमाचल प्रदेश के संविदा शिक्षकों के केस की सुनवाई आज 14/12/2016 को दो बजे से होने की पूर्ण सम्भावना है। ये मामला 2015 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। *आज ये केस 51 नंबर पर कोर्ट न० 4 में जस्टिस जे चेलमेश्वर और जस्टिस प्रफुल्ल सी पन्त की कोर्ट में लगा है। केस का स्टेटस नोटिस के उपरांत पूर्ण मैटर के रूप में शो हो रहा है। जिसका अर्थ है इस मामले पर बहस होगी।*
*_यदि ये मामला यूपी शिक्षामित्रों के समायोजन केस से पहले निस्तारित होता है तो इस का सीधा असर यूपी के शिक्षामित्रों पर पड़ेगा।_*
मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप हिमाचल के पैरवीकार राम मूर्ति शर्मा जिन्होंने आजीविका और मान सम्मान की लड़ाई के लिए अपनी खून पसीने की कमाई शिमला हाई कोर्ट में जीत हासिल करने में लगा दी और मात्र 47 लोगों के भरोसे सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हैं। मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप उत्तर प्रदेश के वर्किंग ग्रुप मेंबरस से राममूर्ति शर्मा अपनी टीम के साथ मुलाक़ात की। मुलाक़ात में केस के संबंध में चर्चा की गई। हिमाचल के इन वीरों को एमएससी ग्रुप उनकी जिजीविषा के लिए सलाम करता है। मिशन की ओर से उन्हें पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया जा रहा है।
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।
इनकम टैक्स रिटर्न संशोधन फॉर्म भरने से पहले जान लें ये जरूरी बात, नहीं तो...
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आईटी रिटर्न में संशोधन के प्रावधान के दुरूपयोग की कोशिश को लेकर करदाताओं को कड़ी चेतावानी दी है। उसने कहा कि जो लोग आय में संशोधन के लिये फॉर्म में भारी बदलाव
करते हैं, उन्हें जांच और दंडनीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
करते हैं, उन्हें जांच और दंडनीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि रिटर्न में संशोधन का प्रावधान मूल रिटर्न में कोई भूल-चूक या गलत जानकारी में सुधार के लिये किया गया है न कि पूर्व की अघोषित आय को दिखाने के लिये शुरू में घोषित आय में व्यापक रूप से बदलाव के लिये।
बयान के अनुसार अगर विभाग के नोटिस में पिछले साल के आईटीआर (आयकर रिटर्न) में आय की मात्रा, नकदी, लाभ आदि तथा खातों में किसी प्रकार की गड़बड़ी सामने आती है तो उसकी जांच की जाएगी ताकि सही आय का पता लगाया जा सके। ऐसे मामलों में कानून के प्रावधानों के अनुसार जुमार्ना तथा अभियोजन चलाया जा सकता है। आयकर कानून की धारा 139 (5) के तहत संशोधित आईटीआर तभी भरा जा सकता है जब संबंधित व्यक्ति को कोई भूल-चूक या गलत बात का पता चलता है।
कालीपट्टी बांधकर लाठीचार्ज का जताया विरोध, पुलिसिया बर्बरता को लेकर शिक्षकों का गुस्सा नहीं हो रहा ठंडा
शिक्षकों के लिए सातवाँ वेतन आयोग (मूल रिपोर्ट से पढ़कर): जानिए कितना होगा शिक्षक का वेतन
शिक्षकों के लिए सातवाँ वेतन आयोग
(मूल रिपोर्ट से पढ़कर)
(1) वेतन आयोग ने शिक्षकों की उच्चीकृत वेतन की मांग को ख़ारिज किया | (पेजb b VII 1,2 ।
(2) ग्रेड पे का सिस्टम समाप्त | वार्षिक वेतन वृधि 3% |
(3) नयी भर्ती या वेतन निर्धारण पर आरम्भिक/न्यूनतम वेतन (पेज VII 3) -
* प्राइमरी ग्रेड * (ग्रेड पे-4200) का ~
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन - --35400 ।
* एल0टी0 ग्रेड *
(ग्रेड पे-4600 ) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन-- -44900 ।
* प्रवक्ता ग्रेड *
(ग्रेड पे-4800) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन-- -47600 ।
* प्रधानाध्यापक *
(ग्रेड पे-5400 ) का आरम्भिक/न्यूनतम वेतन- --56100 ।
* प्रधानाचार्य *
(ग्रेड पे-7600) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन- --78800 ।
(4) वेतन निर्धारण फार्मूला –
(पेज VII 4 से 7)
01 / 01 / 2016 को छठे वेतनमान में बेसिक पे × 2.57 = A (माना) पूर्ण रूपये में | अब A को संबधित पद की FITMENT टेबल (पेज VII 8,9) में सम्बंधित पद (ग्रेड पे की) के कॉलम में A के मान से अगला मान रखे | यही आपकी नयी बेसिक पे होगी |
, * उदाहरण के लिए *
(पेज VII 4 से 7 तथा 10)
* उदाहरण *
01/01/2016 को किसी प्रवक्ता
(4800 ग्रेड पे) का मूल वेतन = 23750
NEW BASIC PAY = 23750 × 2.57 = 61037.5 ≈ 61037 ।
अब फिटमेंट टेबल (पेज VII 8) के कॉलम 8(4800 ग्रेड पे) में देखे कि Rs 61037 से अगला मान Rs 62200 है |
यही Rs 62200 दिनांक 01/01/2016 को किसी प्रवक्ता (4800 ग्रेड पे) का नया मूल वेतन होगा |!
(मूल रिपोर्ट से पढ़कर)
(1) वेतन आयोग ने शिक्षकों की उच्चीकृत वेतन की मांग को ख़ारिज किया | (पेजb b VII 1,2 ।
(2) ग्रेड पे का सिस्टम समाप्त | वार्षिक वेतन वृधि 3% |
(3) नयी भर्ती या वेतन निर्धारण पर आरम्भिक/न्यूनतम वेतन (पेज VII 3) -
* प्राइमरी ग्रेड * (ग्रेड पे-4200) का ~
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन - --35400 ।
* एल0टी0 ग्रेड *
(ग्रेड पे-4600 ) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन-- -44900 ।
* प्रवक्ता ग्रेड *
(ग्रेड पे-4800) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन-- -47600 ।
* प्रधानाध्यापक *
(ग्रेड पे-5400 ) का आरम्भिक/न्यूनतम वेतन- --56100 ।
* प्रधानाचार्य *
(ग्रेड पे-7600) का
आरम्भिक/न्यूनतम वेतन- --78800 ।
(4) वेतन निर्धारण फार्मूला –
(पेज VII 4 से 7)
01 / 01 / 2016 को छठे वेतनमान में बेसिक पे × 2.57 = A (माना) पूर्ण रूपये में | अब A को संबधित पद की FITMENT टेबल (पेज VII 8,9) में सम्बंधित पद (ग्रेड पे की) के कॉलम में A के मान से अगला मान रखे | यही आपकी नयी बेसिक पे होगी |
, * उदाहरण के लिए *
(पेज VII 4 से 7 तथा 10)
* उदाहरण *
01/01/2016 को किसी प्रवक्ता
(4800 ग्रेड पे) का मूल वेतन = 23750
NEW BASIC PAY = 23750 × 2.57 = 61037.5 ≈ 61037 ।
अब फिटमेंट टेबल (पेज VII 8) के कॉलम 8(4800 ग्रेड पे) में देखे कि Rs 61037 से अगला मान Rs 62200 है |
यही Rs 62200 दिनांक 01/01/2016 को किसी प्रवक्ता (4800 ग्रेड पे) का नया मूल वेतन होगा |!
7 TH PAY COMMISSION PRESS NOTE : सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के संदर्भ में राज्य में गठित वेतन समिति की संस्तुतियों के आधार पर विज्ञप्ति जारी
LAPTOP : वर्ष 2015-16 में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट उत्तीर्ण मेधावी छात्र/छात्राओं के लैपटॉप योजना के सम्बन्ध में आदेश जारी
जूनियर भर्ती केस के निर्णय पर क्या कहते हैं एस के पाठक...
S.k. Pathak
जूनियर का निर्णय आने के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन्हें ही हो रही है जो फैसला पढ़ने के बाद कमरा बंद करके तालियां बजा रहे थे और जिनके चेहरों पर फैसले से चमक बिखरी थी वास्तव में संघर्ष करने वाले तो
हमेशा सम और संत भाव में रहते हैं ।कारणों की विवेचना आप पर ही छोड़ रहा हूँ ।लीगल सर्जिकल स्ट्राइक होनी थी सो हो गयी ।
मैंने कुछ दिन पहले लखनऊ आंदोलन में बोलते समय इसका संकेत भी दे दिया था की हमारे 60000 योग्य लोग सड़कों पर हैं तो कुछ न कुछ तो उलट फेर जरूर होगा ठीक उसी तरह जिस तरह सितम्बर 2015 में हुया था ।यह साल 2016 व्यर्थ नहीं जाएगा ।जूनियर का निर्णय आने के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन्हें ही हो रही है जो फैसला पढ़ने के बाद कमरा बंद करके तालियां बजा रहे थे और जिनके चेहरों पर फैसले से चमक बिखरी थी वास्तव में संघर्ष करने वाले तो
हमेशा सम और संत भाव में रहते हैं ।कारणों की विवेचना आप पर ही छोड़ रहा हूँ ।लीगल सर्जिकल स्ट्राइक होनी थी सो हो गयी ।
और जो लोग सर्वाधिक विलाप कर रहें हैं उनको संकेत मिल गया था कि एस के पाठक बोल रहा है तो कुछ न कुछ होगा जरूर । उनकी बेचैनी मैं समझ सकता हूँ .....
इसमें कोई संदेह नहीं है कि ....
आजकल या परसों या फिर युगों युगों बाद जीत सत्य की होगी ।
जो सत्य होगा वह खुद ही देश की सबसे बड़ी अदालत से छन कर ऊपर आ जाएगा ।
लेकिन इतना तो तय है कि इस फैसले ने हर बेरोजगार साथी एक नया सम्बल दिया है कि सच आखिर सच ही होता है ।
और आपके देश की सबसे बड़ी अदालत एक बार फिर देखेगी की उनके अंतरिम आदेशों की धज्जियां उत्तरप्रदेश में कैसे उड़ाई गयी हैं ।
खैर इस मुद्दे का विस्तार अगली पोष्ट में जारी रखूंगा और आप सभी को सादर अवगत कराना है कि jrt के सन्दर्भ में कल एक मीटिंग मारुति मंदिर जौनपुर तथा झांसी में रविवार दिनांक 18 /12/2016 को रानी लक्ष्मी बाई पार्क में सुनिश्चित है ।
आप सभी के आशीर्वाद एवं सहयोग का आकांक्षी
आपका
शिक्षक हाजिरी व शैक्षिक गुणवत्ता का होगा आकलन
इलाहाबाद : सरकारी स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों की हाजिरी व बच्चों के शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान प्राप्त होने वाली सूचना की रिपोर्ट बीएसए कार्यालय में जमा करानी होगी। परिषदीय स्कूलों की शैक्षिक गाड़ी पटरी से उतरी हुई है। शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं। इस संबंध में लगातार बीएसए कार्यालय को ग्रामीण अंचल से शिकायत प्राप्त हो रही है।
शिकायतों की हकीकत की पड़ताल करने के लिए बीएसए ने बीस ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण कर शैक्षिक गुणवत्ता की जांच और शिक्षक हाजिरी रजिस्टर की जांच करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया कि दो दिन से अधिक शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। वह कारण बताए कि किन कारणों से स्कूल नहीं आ रहे हैं। जवाब सही नहीं देने वाले शिक्षक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की जाए। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी अजरुन सिंह ने बताया कि सरकार पठन पाठन पर फोकस कर रही है। लखनऊ में होने वाली बैठक में उच्च अधिकारियों द्वारा पठन पाठन की रिपोर्ट मांगी जाती है। शैक्षिक गुणवत्ता की जांच करने के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जिन स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता खराब पाई जाती है। ऐसे स्कूल चिह्न्ति करने को कहा गया है। साथ ही उनकी प्रगति रिपोर्ट की आख्या बीएसए कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है।
शिकायतों की हकीकत की पड़ताल करने के लिए बीएसए ने बीस ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारियों को स्कूल निरीक्षण कर शैक्षिक गुणवत्ता की जांच और शिक्षक हाजिरी रजिस्टर की जांच करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश में कहा गया कि दो दिन से अधिक शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाए। वह कारण बताए कि किन कारणों से स्कूल नहीं आ रहे हैं। जवाब सही नहीं देने वाले शिक्षक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की जाए। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी अजरुन सिंह ने बताया कि सरकार पठन पाठन पर फोकस कर रही है। लखनऊ में होने वाली बैठक में उच्च अधिकारियों द्वारा पठन पाठन की रिपोर्ट मांगी जाती है। शैक्षिक गुणवत्ता की जांच करने के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जिन स्कूलों की शैक्षिक गुणवत्ता खराब पाई जाती है। ऐसे स्कूल चिह्न्ति करने को कहा गया है। साथ ही उनकी प्रगति रिपोर्ट की आख्या बीएसए कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है।
वेतनमान नहीं..धोखा दिया है, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को चिढ़ा रही 555 रुपये की वृद्धि, कर्मचारी संगठनों ने कहा, अफसरों को 21.07 और कर्मियों को दी 3.68 से 6.64 फीसद वृद्धि
लखनऊ : विधानसभा चुनाव से पहले सातवें वेतनमान की संस्तुतियों का तोहफा देकर सरकार भले ही कर्मचारियों को खुश मान लेने की खुशफहमी पाले हो, लेकिन वेतनमान का फामरूला देखकर कर्मचारी संगठन
उखड़ गए हैं। इस वेतनमान को उन्होंने अधिकारियों को लाभ और तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों को धोखा देने वाला कदम करार दिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कर्मचारियों के बीच पूरी बात रख कर दूध का दूध और पानी का पानी करने की चेतावनी दी है।
परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि सातवें वेतनमान के मौजूदा फामरूले से तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में 6.64 फीसद और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में महज 3.48 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि इसी फामरूले से अधिकारियों का वेतन 21.07 फीसद तक बढ़ जाएगा। तिवारी ने कहा कि वेतनमान देने में आने वाले व्यय भार का बड़ा हिस्सा अधिकारियों पर खर्च होने के बावजूद पूरा व्यय तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर दिखा कर जनमानस में कर्मचारियों के प्रति दुष्प्रचार किया जा रहा है। परिषद के जेएन तिवारी गुट ने सातवां वेतनमान लागू करने पर तो मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व वेतन समिति के अध्यक्ष के प्रति आभार जताया, साथ ही लंबित निर्णय पर असंतोष भी जताया। परिषद के इस गुट के महामंत्री जेएन तिवारी ने कहा कि वेतन समिति ने केवल रिप्सेलमेंट वेतनमान देने में ही छह महीने का समय लगा दिया, जबकि विभागवार, संवर्गवार व पदवार विसंगतियों पर अभी निर्णय आना बाकी है। परिषद ने वेतन निर्धारण में 2.57 के गुणांक को परिवर्तित कर 2.62 करने तथा संवर्गवार व पदवार विसंगतियों पर जल्द निर्णय कराने की अपील मुख्यमंत्री से की है। उधर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का स्वागत करते हुए ऊर्जा निगमों में अभियंताओं को पहले की तरह प्रारंभिक वेतन वृद्धियां देकर तत्काल वेतन पुनरीक्षण लागू करने की मांग की है। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे व उप्र राज्य विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष जीके मिश्र ने कहा कि सातवें वेतन आयोग में अब तक के वेतन पुनरीक्षणों में सबसे कम वेतन वृद्धि दी गई है। कहा कि वेतन के साथ भत्ताें के भी पुनरीक्षण का आदेश जारी किए बिना प्रदेश सरकार का सातवां वेतनमान लागू करने का दावा सही नहीं है। केंद्र की तरह यहां भी भत्ताें को लागू किया जाए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एसपी तिवारी गुट ने नए वेतनमान में प्रथम श्रेणी अधिकारियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन का अंतर और बढ़ने पर असंतोष जताया है।राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सातवें वेतनमान को लेकर अगर तीसरे और चौथे दर्जे के कर्मचारियों की बात करें तो एक शेर सटीक बैठता है- ‘बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का, जो चीरा तो एक कतरा-ए-खूं न निकला..’। दरअसल इन कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सातवें वेतनमान की बदौलत तनख्वाह कम से कम इतनी बढ़ जाएगी कि महंगाई की आंच में झुलसे बिना गुजारा चलता रहेगा, लेकिन वेतन वृद्धि के नाम पर अब नजर आ रहे महज 555 रुपये कर्मचारियों को चिढ़ा रहे हैं।
उखड़ गए हैं। इस वेतनमान को उन्होंने अधिकारियों को लाभ और तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों को धोखा देने वाला कदम करार दिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस पर कड़ा विरोध जताते हुए कर्मचारियों के बीच पूरी बात रख कर दूध का दूध और पानी का पानी करने की चेतावनी दी है।
परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि सातवें वेतनमान के मौजूदा फामरूले से तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में 6.64 फीसद और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन में महज 3.48 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जबकि इसी फामरूले से अधिकारियों का वेतन 21.07 फीसद तक बढ़ जाएगा। तिवारी ने कहा कि वेतनमान देने में आने वाले व्यय भार का बड़ा हिस्सा अधिकारियों पर खर्च होने के बावजूद पूरा व्यय तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर दिखा कर जनमानस में कर्मचारियों के प्रति दुष्प्रचार किया जा रहा है। परिषद के जेएन तिवारी गुट ने सातवां वेतनमान लागू करने पर तो मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व वेतन समिति के अध्यक्ष के प्रति आभार जताया, साथ ही लंबित निर्णय पर असंतोष भी जताया। परिषद के इस गुट के महामंत्री जेएन तिवारी ने कहा कि वेतन समिति ने केवल रिप्सेलमेंट वेतनमान देने में ही छह महीने का समय लगा दिया, जबकि विभागवार, संवर्गवार व पदवार विसंगतियों पर अभी निर्णय आना बाकी है। परिषद ने वेतन निर्धारण में 2.57 के गुणांक को परिवर्तित कर 2.62 करने तथा संवर्गवार व पदवार विसंगतियों पर जल्द निर्णय कराने की अपील मुख्यमंत्री से की है। उधर ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का स्वागत करते हुए ऊर्जा निगमों में अभियंताओं को पहले की तरह प्रारंभिक वेतन वृद्धियां देकर तत्काल वेतन पुनरीक्षण लागू करने की मांग की है। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे व उप्र राज्य विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष जीके मिश्र ने कहा कि सातवें वेतन आयोग में अब तक के वेतन पुनरीक्षणों में सबसे कम वेतन वृद्धि दी गई है। कहा कि वेतन के साथ भत्ताें के भी पुनरीक्षण का आदेश जारी किए बिना प्रदेश सरकार का सातवां वेतनमान लागू करने का दावा सही नहीं है। केंद्र की तरह यहां भी भत्ताें को लागू किया जाए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के एसपी तिवारी गुट ने नए वेतनमान में प्रथम श्रेणी अधिकारियों व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन का अंतर और बढ़ने पर असंतोष जताया है।राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सातवें वेतनमान को लेकर अगर तीसरे और चौथे दर्जे के कर्मचारियों की बात करें तो एक शेर सटीक बैठता है- ‘बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का, जो चीरा तो एक कतरा-ए-खूं न निकला..’। दरअसल इन कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सातवें वेतनमान की बदौलत तनख्वाह कम से कम इतनी बढ़ जाएगी कि महंगाई की आंच में झुलसे बिना गुजारा चलता रहेगा, लेकिन वेतन वृद्धि के नाम पर अब नजर आ रहे महज 555 रुपये कर्मचारियों को चिढ़ा रहे हैं।
7th pay commission: राज्य कर्मियों को चुनावी गिफ्ट अगले साल फरवरी में मिलेगा नया वेतनमान, जनवरी से दिसंबर 2016 तक के एरियर का भुगतान दो किस्तों में
लखनऊ : राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर अखिलेश सरकार ने प्रदेश के 27 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों को पहली जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ देने का फैसला किया है। सातवें वेतनमान में
कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन उच्च वेतनमानों में यह इजाफा 20 फीसद तक है। यह बात और है कि कर्मचारियों को नये साल में सातवें वेतन का लाभ पाने के लिए फरवरी तक इंतजार करना होगा। कर्मचारियों को नये वेतनमान के मुताबिक जनवरी के वेतन का भुगतान फरवरी में होगा। केंद्र की तरह राज्य कर्मचारियों/पेंशनरों को पहली जुलाई 2016 से ही दो प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता/महंगाई राहत देय होगा लेकिन इसका भुगतान भी फरवरी में मिलने वाले वेतन/पेंशन के साथ होगा।
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार के लिए गठित राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई। राज्य कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर लिये गए निर्णय के आधार पर लागू वेतन मैटिक्स, वेतन निर्धारण, पदोन्नति पर वेतन निर्धारण और वार्षिक वेनतवृद्धियों की व्यवस्था लागू की जाएगी। बैठक के बाद कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव वित्त डॉअनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि सातवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में विभिन्न वर्गो के 16.5 लाख कर्मचारियों और 10.5 लाख पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को मिलेगा। इस फैसले से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी, शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मचारी, नगरीय निकायों, जल संस्थानों, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी शामिल हैं। डीए के अलावा कर्मचारियों को वर्तमान में मिल रहे विभिन्न प्रकार के भत्ते व सुविधाएं पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में पूर्व दरों पर दिये जाते रहेंगे।
कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन उच्च वेतनमानों में यह इजाफा 20 फीसद तक है। यह बात और है कि कर्मचारियों को नये साल में सातवें वेतन का लाभ पाने के लिए फरवरी तक इंतजार करना होगा। कर्मचारियों को नये वेतनमान के मुताबिक जनवरी के वेतन का भुगतान फरवरी में होगा। केंद्र की तरह राज्य कर्मचारियों/पेंशनरों को पहली जुलाई 2016 से ही दो प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता/महंगाई राहत देय होगा लेकिन इसका भुगतान भी फरवरी में मिलने वाले वेतन/पेंशन के साथ होगा।
सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर विचार के लिए गठित राज्य वेतन समिति की रिपोर्ट पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मुहर लग गई। राज्य कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर लिये गए निर्णय के आधार पर लागू वेतन मैटिक्स, वेतन निर्धारण, पदोन्नति पर वेतन निर्धारण और वार्षिक वेनतवृद्धियों की व्यवस्था लागू की जाएगी। बैठक के बाद कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव वित्त डॉअनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि सातवें वेतनमान का लाभ प्रदेश में विभिन्न वर्गो के 16.5 लाख कर्मचारियों और 10.5 लाख पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को मिलेगा। इस फैसले से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों में राज्य कर्मचारी, शिक्षक व शिक्षणोतर कर्मचारी, नगरीय निकायों, जल संस्थानों, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी शामिल हैं। डीए के अलावा कर्मचारियों को वर्तमान में मिल रहे विभिन्न प्रकार के भत्ते व सुविधाएं पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में पूर्व दरों पर दिये जाते रहेंगे।
लिखित परीक्षा से हो एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती, शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती लिखित परीक्षा से कराने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। अभ्यर्थियों ने मंगलवार को इसके लिए शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया।
उनकी मांग थी कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तरह ही इन शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए ताकि प्रतियोगियों को एक समान अवसर हासिल हो सके।
गौरतलब है कि राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता पद की परीक्षा लोक सेवा आयोग आयोजित करता है जबकि एलडी ग्रेड शिक्षक विभागीय भर्ती के माध्यम से नियुक्त होते हैं। अभ्यर्थियों का तर्क है कि 1990के दशक और आज के समय की एकेडेमिक मेरिट में काफी अंतर है। राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, दिल्ली आदि राज्यों में यह भर्ती परीक्षा के जरिए होती है, इसलिए उत्तर प्रदेश में भी होनी चाहिए। इस मांग के साथ टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के अध्यक्ष रिंकू सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों अभ्यर्थी मंगलवार सुबह शिक्षा निदेशालय पहुंचे और नारेबाजी करते हुए अपर निदेशक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन किया जाना चाहिए जैसा कि प्रवक्ता परीक्षा के लिए किया जा चुका है। अपर निदेशक रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन लेकर अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि इस बाबत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। प्रदर्शन में छात्रनेता अजीत यादव, शर्मा गुट के कार्यकारिणी सदस्य अजय सिंह, जितेंद्र यादव, मोहन सिंह, अखिलेश यादव आदि शामिल रहे।
चयन बोर्ड पर प्रदर्शन आज : टीजीटी पीजीटी-2016 की परीक्षा जल्द कराने को लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रतियोगी मोर्चा बुधवार को चयन बोर्ड पर धरना देगा। मोर्चा के अध्यक्ष पीएन वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। मोर्चा की मांग है कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाए, 2011 की लिखित परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित किया जाए और सभी लंबित परिणाम जल्द जारी किए जाएं।
उनकी मांग थी कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तरह ही इन शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए ताकि प्रतियोगियों को एक समान अवसर हासिल हो सके।
गौरतलब है कि राजकीय इंटर कालेजों में प्रवक्ता पद की परीक्षा लोक सेवा आयोग आयोजित करता है जबकि एलडी ग्रेड शिक्षक विभागीय भर्ती के माध्यम से नियुक्त होते हैं। अभ्यर्थियों का तर्क है कि 1990के दशक और आज के समय की एकेडेमिक मेरिट में काफी अंतर है। राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, दिल्ली आदि राज्यों में यह भर्ती परीक्षा के जरिए होती है, इसलिए उत्तर प्रदेश में भी होनी चाहिए। इस मांग के साथ टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा के अध्यक्ष रिंकू सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों अभ्यर्थी मंगलवार सुबह शिक्षा निदेशालय पहुंचे और नारेबाजी करते हुए अपर निदेशक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस मामले को विधानसभा में उठाया जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन किया जाना चाहिए जैसा कि प्रवक्ता परीक्षा के लिए किया जा चुका है। अपर निदेशक रमेश कुमार ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन लेकर अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि इस बाबत प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा। प्रदर्शन में छात्रनेता अजीत यादव, शर्मा गुट के कार्यकारिणी सदस्य अजय सिंह, जितेंद्र यादव, मोहन सिंह, अखिलेश यादव आदि शामिल रहे।
चयन बोर्ड पर प्रदर्शन आज : टीजीटी पीजीटी-2016 की परीक्षा जल्द कराने को लेकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रतियोगी मोर्चा बुधवार को चयन बोर्ड पर धरना देगा। मोर्चा के अध्यक्ष पीएन वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। मोर्चा की मांग है कि टीजीटी-पीजीटी परीक्षा की तिथि जल्द घोषित की जाए, 2011 की लिखित परीक्षा का परिणाम जल्द घोषित किया जाए और सभी लंबित परिणाम जल्द जारी किए जाएं।
जिले में शिक्षकों के सैकड़ों पदों पर कब हो पाएगी भर्ती, शिक्षकों की भर्ती अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी
बदायूं जिले के बेसिक स्कूलों में चार भर्ती प्रक्रियों के तहत शुरू हुई शिक्षकों की भर्ती अपने मुकाम तक नहीं पहुंच पाई है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कलों में शिक्षकों के ढाई सौ के करीब पद अब भी रिक्त हैं। इस संबंध में
कईबार शासन भी सूचनाएं तलब कर चुका है। इसके बाद भी अभ्यर्थियों को सहूलियत नहीं मिल पाई है।
जिले के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए वर्ष 2011 में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का शासनादेश जारी हुआ था। लेकिन विवादों के चलते भर्ती अटक गई। अगस्त 2014 में टीईटी के नंबरों के आधार पर भर्ती को शुरू किया गया था। लेकिन दो साल 1600 पदों में 1553 पद ही भर पाए। जबकि 47 पद अब भी खाली पड़े हैं। कुछ ऐसा ही हाल 15 हजार और 16 हजार शिक्षक भर्ती का है। 15 हजार भर्ती में 400 में 50 और 16 हजार भर्ती में 84 में 18 पद खाली रहे गए हैं। उच्च प्राथमिक स्कूलों में शुरू हुई गणित विज्ञान के पदों पर भर्ती भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है। गणित विज्ञान शिक्षकों के 498 में 423 पद ही भरे गए हैं। इधर, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सभी भर्तियों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र जारी करने के निर्देश के बाद अपने चयन के इंतजार में बैठे अभ्यर्थियों को आंखों में थोड़ी चमक देखने को मिली है। इनको उम्मीद है कि मुख्यमंत्री आचार सहिता लगने से पहले भर्ती प्रक्रिया भी पूरी करने के निर्देश जारी करेंगे।
कईबार शासन भी सूचनाएं तलब कर चुका है। इसके बाद भी अभ्यर्थियों को सहूलियत नहीं मिल पाई है।
जिले के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए वर्ष 2011 में प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का शासनादेश जारी हुआ था। लेकिन विवादों के चलते भर्ती अटक गई। अगस्त 2014 में टीईटी के नंबरों के आधार पर भर्ती को शुरू किया गया था। लेकिन दो साल 1600 पदों में 1553 पद ही भर पाए। जबकि 47 पद अब भी खाली पड़े हैं। कुछ ऐसा ही हाल 15 हजार और 16 हजार शिक्षक भर्ती का है। 15 हजार भर्ती में 400 में 50 और 16 हजार भर्ती में 84 में 18 पद खाली रहे गए हैं। उच्च प्राथमिक स्कूलों में शुरू हुई गणित विज्ञान के पदों पर भर्ती भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है। गणित विज्ञान शिक्षकों के 498 में 423 पद ही भरे गए हैं। इधर, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सभी भर्तियों के चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र जारी करने के निर्देश के बाद अपने चयन के इंतजार में बैठे अभ्यर्थियों को आंखों में थोड़ी चमक देखने को मिली है। इनको उम्मीद है कि मुख्यमंत्री आचार सहिता लगने से पहले भर्ती प्रक्रिया भी पूरी करने के निर्देश जारी करेंगे।
27 लाख कर्मचारी, शिक्षकों और पेंशनरों को सातवें वेतन का तोहफा
- जनवरी 2017 के वेतन के साथ फरवरी से मिलेगा बढ़ा हुआ
- कैबिनेट फैसले का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया ऐलान
- पहली जनवरी 2016 से लागू माना जाएगा सातवां वेतन
- एरियर 50 फीसदी 2017-18 और 50 फीसदी 2018-19 में मिलेगा
- बढ़ा हुआ वेतन देने से सरकार पर पड़ेगा 17,958.20 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट के फैसले का किया ऐलान
- फायदे वाले लाखों कर्मचारी ही सपा की बहुमत की सरकार दोबारा बनवाएंगे विशेष संवाददाता- कैबिनेट फैसले का मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया ऐलान
- पहली जनवरी 2016 से लागू माना जाएगा सातवां वेतन
- एरियर 50 फीसदी 2017-18 और 50 फीसदी 2018-19 में मिलेगा
- बढ़ा हुआ वेतन देने से सरकार पर पड़ेगा 17,958.20 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट के फैसले का किया ऐलान
प्रदेश के करीब 27 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों, शिक्षकों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समान सातवें वेतन का तोहफा दिया है। सातवां वेतन जनवरी 2017 के वेतन के साथ फरवरी से मिलेगा। इस फैसले से सरकार पर 17,958.20 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में किया गया है। कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री ने खुद इस फैसले का ऐलान किया। साथ ही कहा कि इससे जिन लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलेगा, वही सपा की बहुमत की सरकार दोबारा बनवाएंगे। कैबिनेट ने जी. पटनायक कमेटी की इस रिपोर्ट को पूरी तरह स्वीकार कर लिया है कि राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के समान राज्य के कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार बढ़ा हुआ वेतन दिया जाए। साथ ही पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को बढ़ी हुई पेंशन दी जाए। इस फैसले से राज्य के 16.52 लाख कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों तथा 10.50 लाख पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को लाभ मिलेगा। सातवां वेतन पहली जनवरी 2016 से लागू माना जाएगा, इसलिए इसका एक साल का एरियर मिलेगा। एरियर दो किस्तों में 50 फीसदी यानी आधा वर्ष 2017-18 और बाकी 50 फीसदी वर्ष 2018-19 में दिया जाएगा। इनको मिलेगा सातवें वेतन का लाभ सभी राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों (यूजीसी वेतनमान वालों को छोड़कर), शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, नगरीय स्थानीय निकायों, जल संस्थान, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों के कर्मियों को। वेतन के साथ ही मिलेगा दो फीसदी डीए बढ़े हुए वेतन के साथ ही कर्मचारियों और शिक्षकों को दो फीसदी बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा। पेंशनरों व पारिवारिक पेंशनरों को पुनरीक्षित पेंशन के हिसाब से दो फीसदी महंगाई राहत दी जाएगी। यह डीए पहली जुलाई 2016 से देय है। इसका एरियर अलग से दिया जाएगा। 10, 16 और 26 पर दिया जाएगा एसीपी का लाभ कर्मचारियों को एश्योर्ड करियर प्रमोशन (एसीपी) का 10, 16 और 26 साल की सेवा पर दिया जाएगा। भत्तों में कोई बदलाव नहीं केंद्र सरकार ने अभी भत्तों में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए वर्तमान में मिल रहे विभिन्न प्रकार के भत्ते और सुविधाएं नए वेतन में पूर्व की दरों पर ही देय होंगे। लाभ वाले निगमों के लिए डीए देने की शर्त शिथिल होगी लाभ में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों और निगमों के कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों के समान डीए देने के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा लगाई गई शर्त को शिथिल किया जाएगा।
Subscribe to:
Posts (Atom)