17.3.17
स्कूलों से शिक्षक गायब,सख्ती के बावजूद परिषदीय स्कूलों की हालत में सुधार नहीं
इलाहाबाद: सरकार एवं प्रशासन की सख्ती के बावजूद परिषदीय स्कूलों की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। शिक्षकों को भारी भरकम वेतन मिलने के बाद भी लापरवाही बरकरार है। शिक्षक समय से स्कूल भी नहीं पहुंच रहे हैं जिससे छात्र पढ़ाई की जगह घंटों शिक्षकों के आने का इंतजार करते हुए स्कूल परिसर में खेलकर बिता रहे हैं। 1विकास खंड चाका के घूरपुर क्षेत्र के बगबना गांव स्थित परिषदीय स्कूल में गुरुवार को दैनिक जागरण की
टीम 10 बजे पहुंची तो प्रधानाध्यापिका अन्नपूर्णा कुशवाहा रजिस्टर देखती मिलीं। वहीं स्कूल में उपस्थित पांच बच्चों ने बताया कि गुरुजी का इंतजार कर रहे हैं। मास्टर साहब के आने पर पढ़ेंगे। स्कूल में तैनात तीन शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे थे। इस संबंध में प्रधानाध्यापिका ने बताया कि सभी शिक्षक शहर से आते हैं, आज आने में देर हो गई। छात्रों की उपस्थिति के बारे में अभिभावकों को दोषी मानती हैं। वहीं स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। स्कूल का हैंडपंप भी खराब पड़ा है। शौचालय इतना गंदा था कि उसमें जाने लायक हीं नहीं है। रसोइया झाड़ लगाती पाई गई। इसी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 10:30 बजे जागरण की टीम पहुंची तो स्कूल के प्रधानाध्यापक हारून रशीद कार्यालय में बैठे मिले, लेकिन स्कूल में एक भी छात्र नहीं दिखा। स्कूल के अधिकतर कमरों में ताले लटके मिले। दो अध्यापिकाएं आई ही नहीं। स्कूल में पंजीकृत 23 छात्रों में एक भी छात्र स्कूल में उपस्थित नहीं रहा। इसके बाद टीम ग्राम पंचायत चंपतपुर के प्राथमिक विद्यालय में लगभग 11 बजे पहुंची। यहां के रजिस्टर में 109 छात्र पंजीकृत हैं लेकिन महज 15 बच्चे उपस्थित थे। स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। रसोइया झाड़ लगाकर परिसर को साफ कर रही थी। रसोई में भी गंदगी व्याप्त है। शिक्षिका तीन और सिर्फ 15 बच्चे उपस्थित हो रहे हैं। इस संबंध में प्रधानाध्यापक जीनत खान बताती हैं कि बच्चों को घर से बुलाया जा रहा है अभी संख्या और बढ़ जाएगी।घूरपुर के परिषदीय स्कूल बगबना में शिक्षक के नहीं आने पर खेलते बच्चे ’
टीम 10 बजे पहुंची तो प्रधानाध्यापिका अन्नपूर्णा कुशवाहा रजिस्टर देखती मिलीं। वहीं स्कूल में उपस्थित पांच बच्चों ने बताया कि गुरुजी का इंतजार कर रहे हैं। मास्टर साहब के आने पर पढ़ेंगे। स्कूल में तैनात तीन शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे थे। इस संबंध में प्रधानाध्यापिका ने बताया कि सभी शिक्षक शहर से आते हैं, आज आने में देर हो गई। छात्रों की उपस्थिति के बारे में अभिभावकों को दोषी मानती हैं। वहीं स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। स्कूल का हैंडपंप भी खराब पड़ा है। शौचालय इतना गंदा था कि उसमें जाने लायक हीं नहीं है। रसोइया झाड़ लगाती पाई गई। इसी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 10:30 बजे जागरण की टीम पहुंची तो स्कूल के प्रधानाध्यापक हारून रशीद कार्यालय में बैठे मिले, लेकिन स्कूल में एक भी छात्र नहीं दिखा। स्कूल के अधिकतर कमरों में ताले लटके मिले। दो अध्यापिकाएं आई ही नहीं। स्कूल में पंजीकृत 23 छात्रों में एक भी छात्र स्कूल में उपस्थित नहीं रहा। इसके बाद टीम ग्राम पंचायत चंपतपुर के प्राथमिक विद्यालय में लगभग 11 बजे पहुंची। यहां के रजिस्टर में 109 छात्र पंजीकृत हैं लेकिन महज 15 बच्चे उपस्थित थे। स्कूल परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। रसोइया झाड़ लगाकर परिसर को साफ कर रही थी। रसोई में भी गंदगी व्याप्त है। शिक्षिका तीन और सिर्फ 15 बच्चे उपस्थित हो रहे हैं। इस संबंध में प्रधानाध्यापक जीनत खान बताती हैं कि बच्चों को घर से बुलाया जा रहा है अभी संख्या और बढ़ जाएगी।घूरपुर के परिषदीय स्कूल बगबना में शिक्षक के नहीं आने पर खेलते बच्चे ’
उर्दू शिक्षक का विज्ञापन जारी, चार हजार उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को विज्ञापन जारी कर दिए
बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में चार हजार उर्दू सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को विज्ञापन जारी कर दिए हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह में इसकी काउंसिलिंग होगी।
अभ्यर्थियों ने जिन जिलों में पहली वरीयता के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया है, उन्हें वहां की काउंसिलिंग में शामिल होना होगा। परिषद मुख्यालय से जिला मुख्यालयों को इस संबंध में पहले ही निर्देश भेजे जा चुके हैं।
अभ्यर्थियों ने जिन जिलों में पहली वरीयता के आधार पर ऑनलाइन आवेदन किया है, उन्हें वहां की काउंसिलिंग में शामिल होना होगा। परिषद मुख्यालय से जिला मुख्यालयों को इस संबंध में पहले ही निर्देश भेजे जा चुके हैं।
29334 गणित-विज्ञान भर्ती के अवशेष रिक्त पद भरने को धरना जारी
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान व गणित शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने की मांग फिर तेज हो गई है। युवाओं का कहना है कि बीते जनवरी माह में दूसरे चरण की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी, उसे अब पूरा कराया जाए। दूसरे दिन परिषद मुख्यालय पर युवाओं ने धरना देकर अफसरों का ध्यान खींचा।
शासन ने 2013 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान व गणित के शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया था। जिसमें प्रथम से सप्तम चक्र व 82 अंक वालों की काउंसिलिंग कराने के बाद भी सीटें रिक्त रह गई थी। 1 कोर्ट ने 25 नवंबर 2016 को रिक्त पद भरने का आदेश दिया। शासन ने 30 दिसंबर को आदेश जारी किया। इसमें दो से 10 जनवरी तक प्रथम चरण व 11 से 15 जनवरी तक द्वितीय चरण को पूरा करना था। पहले चरण में उन अभ्यर्थियों को मौका दिया गया, जिनका अभ्यर्थन ही निरस्त हो गया था। यह प्रकरण उछलने पर परिषद ने दूसरे चरण की प्रक्रिया भी रोक दी थी। युवा उसी आदेश को पूरा कराने की मांग कर हैं। दिलीप कुमार, राजेंद्र प्रसाद, ऋषि राज, संजय ने रिक्त पद भरने की मांग की है।
शासन ने 2013 में उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान व गणित के शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया था। जिसमें प्रथम से सप्तम चक्र व 82 अंक वालों की काउंसिलिंग कराने के बाद भी सीटें रिक्त रह गई थी। 1 कोर्ट ने 25 नवंबर 2016 को रिक्त पद भरने का आदेश दिया। शासन ने 30 दिसंबर को आदेश जारी किया। इसमें दो से 10 जनवरी तक प्रथम चरण व 11 से 15 जनवरी तक द्वितीय चरण को पूरा करना था। पहले चरण में उन अभ्यर्थियों को मौका दिया गया, जिनका अभ्यर्थन ही निरस्त हो गया था। यह प्रकरण उछलने पर परिषद ने दूसरे चरण की प्रक्रिया भी रोक दी थी। युवा उसी आदेश को पूरा कराने की मांग कर हैं। दिलीप कुमार, राजेंद्र प्रसाद, ऋषि राज, संजय ने रिक्त पद भरने की मांग की है।
शिक्षकों की चाक डाउन हड़ताल से पढ़ाई बाधित, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप भुगतान न होने से खफा
इलाहाबाद :बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों ने चाक डाउन हड़ताल करके गुरुवार को पठन-पाठन बाधित रखा। वह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप भुगतान दिए जाने की मांग कर रहे हैं। अफसर हर माह वादा कर रहे हैं, लेकिन उस पर अमल नहीं हो रहा है। प्रदेश में फरवरी माह के वेतन का भुगतान अब तक नहीं हो सका है। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने सचिव, शिक्षा निदेशक व अन्य अफसरों को ज्ञापन भी सौंपा
है। 1शासन ने एक जनवरी 2017 से सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन वृद्धि करते हुए भुगतान का आदेश किया था। इसका भुगतान दूर विभाग ने आगणन के लिए तीन महीने बाद भी सॉफ्टवेयर तक तैयार नहीं किया है। इसीलिए फरवरी माह के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसी को लेकर शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारी आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के आह्वान पर करीब पांच लाख शिक्षकों ने गुरुवार को चाक डाउन हड़ताल करके भुगतान की मांग की है। इससे प्रदेश भर में पठन-पाठन चौपट रहा। संघ ने बेसिक शिक्षा सचिव से वेतन भुगतान के लिए ग्रांट उपलब्ध कराने की मांग की है। इसी तरह अवशेष शिक्षामित्रों का तीन माह से भुगतान नहीं हो सका है। प्रतिनिधिमंडल में संघ अध्यक्ष अनिल कुमार यादव, महामंत्री धर्मेद्र यादव, संदीप दत्त, उबैद अहमद सिद्दीकी आदि मौजूद थे।
है। 1शासन ने एक जनवरी 2017 से सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन वृद्धि करते हुए भुगतान का आदेश किया था। इसका भुगतान दूर विभाग ने आगणन के लिए तीन महीने बाद भी सॉफ्टवेयर तक तैयार नहीं किया है। इसीलिए फरवरी माह के वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसी को लेकर शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारी आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के आह्वान पर करीब पांच लाख शिक्षकों ने गुरुवार को चाक डाउन हड़ताल करके भुगतान की मांग की है। इससे प्रदेश भर में पठन-पाठन चौपट रहा। संघ ने बेसिक शिक्षा सचिव से वेतन भुगतान के लिए ग्रांट उपलब्ध कराने की मांग की है। इसी तरह अवशेष शिक्षामित्रों का तीन माह से भुगतान नहीं हो सका है। प्रतिनिधिमंडल में संघ अध्यक्ष अनिल कुमार यादव, महामंत्री धर्मेद्र यादव, संदीप दत्त, उबैद अहमद सिद्दीकी आदि मौजूद थे।
विज्ञान के अभ्यर्थियों को कटऑफ और अंक घोषित होने का इंतजार
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अभी अंग्रेजी का प्रकरण सुलझा नहीं पाया है, इसी बीच स्नातक शिक्षक यानी टीजीटी 2013 विज्ञान के रिजल्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा परिणाम जारी होने के 14 दिन बाद भी कटऑफ और अंक क्यों घोषित नहीं हो पा रहे हैं। साथ ही भर्ती
की विज्ञप्ति के समय घोषित हुए पद भी घट गए हैं। चयन बोर्ड ने बीते दो मार्च की देर रात टीजीटी 2013 विज्ञान विषय का अंतिम परिणाम जारी किया है। तमाम अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करके साक्षात्कार दिया था, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका है। ऐसे में वह अंक व कटऑफ देखने के लिए हर दिन वेबसाइट को निहार रहे हैं, लेकिन 14 दिन बाद भी कटऑफ जारी नहीं किया गया है। युवाओं का कहना है कि अन्य विषयों के अंक व कटऑफ चंद दिनों में जारी हुए हैं इस विषय के साथ इतनी देरी क्यों हो रही है। प्रतियोगियों का कहना है कि कटऑफ में अन्य विषयों के मुकाबले बड़ा अंतर होने के कारण वह बाहर हुए हैं। साथ ही एक क्षेत्र विशेष के लोगों का चयन हुआ है। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं दिव्यांग आदि के अभ्यर्थी मानक के विपरीत उत्तीर्ण हुए हैं। विज्ञान विषय में भी चयन होने तक करीब दो सौ से अधिक सीटें घट गई हैं। साथ ही जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों का विज्ञान में चयन किया जा रहा है। युवा रमाकांत, धर्मदेव, सुदीप सिंह व आनंद पाल आदि ने चयन बोर्ड में इस संबंध में प्रत्यावेदन भी दिया है। अफसरों ने जल्द ही कटऑफ जारी करने का आश्वासन दिया है।’>>परीक्षा परिणाम जारी होने के 14 दिन बाद भी नहीं जारी हो रहे अंक 1’>>जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों को भी विज्ञान में दिया गया मौका
की विज्ञप्ति के समय घोषित हुए पद भी घट गए हैं। चयन बोर्ड ने बीते दो मार्च की देर रात टीजीटी 2013 विज्ञान विषय का अंतिम परिणाम जारी किया है। तमाम अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करके साक्षात्कार दिया था, लेकिन उनका चयन नहीं हो सका है। ऐसे में वह अंक व कटऑफ देखने के लिए हर दिन वेबसाइट को निहार रहे हैं, लेकिन 14 दिन बाद भी कटऑफ जारी नहीं किया गया है। युवाओं का कहना है कि अन्य विषयों के अंक व कटऑफ चंद दिनों में जारी हुए हैं इस विषय के साथ इतनी देरी क्यों हो रही है। प्रतियोगियों का कहना है कि कटऑफ में अन्य विषयों के मुकाबले बड़ा अंतर होने के कारण वह बाहर हुए हैं। साथ ही एक क्षेत्र विशेष के लोगों का चयन हुआ है। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं दिव्यांग आदि के अभ्यर्थी मानक के विपरीत उत्तीर्ण हुए हैं। विज्ञान विषय में भी चयन होने तक करीब दो सौ से अधिक सीटें घट गई हैं। साथ ही जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों का विज्ञान में चयन किया जा रहा है। युवा रमाकांत, धर्मदेव, सुदीप सिंह व आनंद पाल आदि ने चयन बोर्ड में इस संबंध में प्रत्यावेदन भी दिया है। अफसरों ने जल्द ही कटऑफ जारी करने का आश्वासन दिया है।’>>परीक्षा परिणाम जारी होने के 14 दिन बाद भी नहीं जारी हो रहे अंक 1’>>जीव विज्ञान के अभ्यर्थियों को भी विज्ञान में दिया गया मौका
कर्मचारियों की पेंशन ग्रेच्युटी दबाए बैठे बाबू
इलाहाबाद : सिंचाई विभाग के नलकूप खंड प्रथम के बाबू अपने ही कर्मचारियों के भविष्य का पलीता लगा दिए हैं। बाबुओं ने कर्मचारियों का ईपीएफ और एनपीएस जमा ही नहीं किया। जब वह रिटायर हुए तो पेंशन और
ग्रेच्युटी नहीं मिली। परेशान होकर वह कर्मचारी कोर्ट गए तब भी सालों से रिकार्ड बैठे बाबू काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में रिटायर कर्मियों की परेशानी और बढ़ गई है।1नलकूप खंड प्रथम में कमला कांत उपाध्याय सर्वेयर के पद पर तैनात थे। वह सालों से कैजुअल काम करते लेकिन रिटायरमेंट से तीन साल पहले 2011 में वह स्थाई हो गए। ग्रुप सी पद स्थाई होने के बाद 2014 में रिटायर हो गए। जब रिटायर हुए तो न तो उन्हें पेंशन मिली और न ही ग्रेच्युटी या अन्य सुविधाएं। वह दो साल तक इंतजार करते रहे कि कुछ मिलेगा। दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद कुछ नहीं मिला तो वह हाईकोर्ट गए। अब हाईकोर्ट ने नलकूप खंड को उनका हिसाब करने को कहा तो अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है। अधिशासी अभियंता केबी सिंह कमला कांत का रिकार्ड निकलवाया तो पता चला उनका ईपीएफ या अन्य फंड जमा ही नहीं हुआ जबकि उनके वेतन से कटौती हुई थी। उन्होंने बताया कि यहां तैनात बाबुओं ने उनके वेतन से कटौती की लेकिन पैसा जमा नहीं किया। यह मामला अभी सुलझता कि कई और कर्मचारी ईपीएफ और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की कटौती न किए जाने की शिकायत की है। वहीं कमलेश सिंह भी फंड कटौती न किए जाने से कोर्ट में याचिका दायर की है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि बाबुओं की लापरवाही से कई कर्मचारी परेशान हैं। उन्होंने लापरवाह बाबुओं की फटकार लगाई।
ग्रेच्युटी नहीं मिली। परेशान होकर वह कर्मचारी कोर्ट गए तब भी सालों से रिकार्ड बैठे बाबू काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में रिटायर कर्मियों की परेशानी और बढ़ गई है।1नलकूप खंड प्रथम में कमला कांत उपाध्याय सर्वेयर के पद पर तैनात थे। वह सालों से कैजुअल काम करते लेकिन रिटायरमेंट से तीन साल पहले 2011 में वह स्थाई हो गए। ग्रुप सी पद स्थाई होने के बाद 2014 में रिटायर हो गए। जब रिटायर हुए तो न तो उन्हें पेंशन मिली और न ही ग्रेच्युटी या अन्य सुविधाएं। वह दो साल तक इंतजार करते रहे कि कुछ मिलेगा। दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद कुछ नहीं मिला तो वह हाईकोर्ट गए। अब हाईकोर्ट ने नलकूप खंड को उनका हिसाब करने को कहा तो अफसरों को जवाब देते नहीं बन रहा है। अधिशासी अभियंता केबी सिंह कमला कांत का रिकार्ड निकलवाया तो पता चला उनका ईपीएफ या अन्य फंड जमा ही नहीं हुआ जबकि उनके वेतन से कटौती हुई थी। उन्होंने बताया कि यहां तैनात बाबुओं ने उनके वेतन से कटौती की लेकिन पैसा जमा नहीं किया। यह मामला अभी सुलझता कि कई और कर्मचारी ईपीएफ और न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की कटौती न किए जाने की शिकायत की है। वहीं कमलेश सिंह भी फंड कटौती न किए जाने से कोर्ट में याचिका दायर की है। अधिशासी अभियंता ने बताया कि बाबुओं की लापरवाही से कई कर्मचारी परेशान हैं। उन्होंने लापरवाह बाबुओं की फटकार लगाई।
इलाहाबाद में एक केंद्र की परीक्षा निरस्त: यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन सत्ता परिवर्तन का असर
जासं, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन सत्ता परिवर्तन का असर दिखा। हर जगह सख्ती नजर आई। इलाहाबाद, कौशांबी व प्रतापगढ़ में 45 नकलची पकड़े गए। 26,317 परीक्षार्थियों ने परीक्षा ही छोड़ दी। इलाहाबाद में एक केंद्र की परीक्षा निरस्त कर काली सूची में डाल दिया गया। 1इलाहाबाद के करछना के
धरवारा स्थित लालबहादुर शास्त्री कालेज में इंटर की परीक्षा में अनियमितताएं मिलीं तो परीक्षा निरस्त कर दी गई। जिले में हाईस्कूल में 15, 218 छात्र-छात्रओं की गैरहाजिरी दर्ज की गई। प्रतापगढ़ में पट्टी स्थित कर्मा देवी कालेज भरोखन में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे अजय को सचल दल ने पकड़ लिया। वह यशोदा नंदन इंटर कालेज डम्मर नगर के हाईस्कूल छात्र रशीद के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। पहली पाली में हाईस्कूल के 7296 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। जिले में दो छात्रएं नकल करते पकड़ी गईं। कौशांबी में पहली पाली में 3803 विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी। यहां दो छात्र अनुचित संसाधन का प्रयोग करते पाए गए।
धरवारा स्थित लालबहादुर शास्त्री कालेज में इंटर की परीक्षा में अनियमितताएं मिलीं तो परीक्षा निरस्त कर दी गई। जिले में हाईस्कूल में 15, 218 छात्र-छात्रओं की गैरहाजिरी दर्ज की गई। प्रतापगढ़ में पट्टी स्थित कर्मा देवी कालेज भरोखन में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे अजय को सचल दल ने पकड़ लिया। वह यशोदा नंदन इंटर कालेज डम्मर नगर के हाईस्कूल छात्र रशीद के स्थान पर परीक्षा दे रहा था। पहली पाली में हाईस्कूल के 7296 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। जिले में दो छात्रएं नकल करते पकड़ी गईं। कौशांबी में पहली पाली में 3803 विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी। यहां दो छात्र अनुचित संसाधन का प्रयोग करते पाए गए।
ईसीसी में प्राचार्य व शिक्षक को बंधक बनाया, कॉलेज परिसर में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग को लेकर हंगामा
यूइंग क्रिश्चियन कालेज में गुरुवार को दिन भर हंगामा चला। कालेज में भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष गोपाल पांडेय व छात्रनेताओं ने प्रदर्शन कर प्राचार्य एम मैसी समेत अध्यापकों को
बंधक बना लिया। 1ईसीसी परिसर में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग कर कई दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कई दौर की बातचीत के बाद प्राचार्य ने मूर्ति स्थापित किए जाने से इन्कार कर दिया था। इसी मांग को लेकर गुरुवार को छात्रनेताओं ने हंगामा किया। अध्यक्ष गोपाल पांडेय के साथ इविवि छात्रसंघ समेत अन्य महाविद्यालयों के छात्रनेता भी ईसीसी पहुंच गए। मुख्य गेट का ताला बंद कर दिया। प्राचार्य समेत अन्य अध्यापकों के बंधक बनाए जाने से खलबली मच गई। देर रात तक मामले को लेकर हंगामा चलता रहा। आखिरकार एएसपी के आश्वासन के बाद प्राचार्य की छात्रनेताओं से बात हुई और तब मामला शांत हुआ। संबंधित पेज09।’>>कॉलेज परिसर में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग को लेकर हंगामा 1’ छात्रों ने सभी गेटों पर लगा दिया ताला, कॉलेज पहुंची पुलिस ने संभाले हालातईसीसी के गेट पर ताला लगाते छात्र।
बंधक बना लिया। 1ईसीसी परिसर में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग कर कई दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। कई दौर की बातचीत के बाद प्राचार्य ने मूर्ति स्थापित किए जाने से इन्कार कर दिया था। इसी मांग को लेकर गुरुवार को छात्रनेताओं ने हंगामा किया। अध्यक्ष गोपाल पांडेय के साथ इविवि छात्रसंघ समेत अन्य महाविद्यालयों के छात्रनेता भी ईसीसी पहुंच गए। मुख्य गेट का ताला बंद कर दिया। प्राचार्य समेत अन्य अध्यापकों के बंधक बनाए जाने से खलबली मच गई। देर रात तक मामले को लेकर हंगामा चलता रहा। आखिरकार एएसपी के आश्वासन के बाद प्राचार्य की छात्रनेताओं से बात हुई और तब मामला शांत हुआ। संबंधित पेज09।’>>कॉलेज परिसर में शहीद भगत सिंह की मूर्ति लगाने की मांग को लेकर हंगामा 1’ छात्रों ने सभी गेटों पर लगा दिया ताला, कॉलेज पहुंची पुलिस ने संभाले हालातईसीसी के गेट पर ताला लगाते छात्र।
Subscribe to:
Posts (Atom)