24.1.17
UPTET 2011 उत्तीर्ण बनाम शिक्षामित्र केस: टेट मोर्चा का दावा यदि शिक्षामित्र अपनी ट्रेनिंग बचा ले भी जाते हैं फिर भी समायोजन बचा पाना असम्भव:
यूपी टेट 2011 पास बनाम शिक्षा मित्र : शिक्षा मित्र अपनी ट्रेनिंग बचा ले भी जाते हैं फिर भी समायोजन बचा पाना सम्भव नहीं है। सरकारी पदों पर स्थायी नियुक्ति केवल खुली चयन प्रक्रिया द्वारा ही सम्भव है जिसको स्वयं सुप्रीम कोर्ट अपने विभिन्न निर्णयों में सुना चुकी है।
संस्थागत बीटीसी के होते शिक्षा मित्र समायोजन का स्वप्न जो नेता जी ने देखा व दिखाया है, वह कभी पूर्ण नहीं हो सकता है।
7 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय पर स्टे पाकर शिक्षा मित्र जज्बाती न हों व अपने पाँव जमीन पर ही रखें। स्टे शिक्षा मित्रों के वकीलों की वजह से नहीं अपितु छात्रों की पढ़ाई को मद्देनजर रखते हुए दिया गया था। 12 सितम्बर 2015 के निर्णय से कम तबाही हुई थी, 12 का दोगुना होता है 24 और 22 फ़रवरी 2017 का निर्णय भी दोगुनी तबाही ही लेकर आएगा। जब तक भारतीय संविधान में आर्टिकल 14 व 16 रहेंगे, आपका समायोजन केवल एक स्वप्न ही रहेगा। मैं यह तो नहीं कहूँगा कि आपको नौकरी नहीं मिलेगी लेकिन मैं यह अवश्य कहूँगा कि आपका समायोजन नहीं होगा
संस्थागत बीटीसी के होते शिक्षा मित्र समायोजन का स्वप्न जो नेता जी ने देखा व दिखाया है, वह कभी पूर्ण नहीं हो सकता है।
7 दिसंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्णय पर स्टे पाकर शिक्षा मित्र जज्बाती न हों व अपने पाँव जमीन पर ही रखें। स्टे शिक्षा मित्रों के वकीलों की वजह से नहीं अपितु छात्रों की पढ़ाई को मद्देनजर रखते हुए दिया गया था। 12 सितम्बर 2015 के निर्णय से कम तबाही हुई थी, 12 का दोगुना होता है 24 और 22 फ़रवरी 2017 का निर्णय भी दोगुनी तबाही ही लेकर आएगा। जब तक भारतीय संविधान में आर्टिकल 14 व 16 रहेंगे, आपका समायोजन केवल एक स्वप्न ही रहेगा। मैं यह तो नहीं कहूँगा कि आपको नौकरी नहीं मिलेगी लेकिन मैं यह अवश्य कहूँगा कि आपका समायोजन नहीं होगा
अव्यवस्था देख भड़के बीएसए, मेला बीच में ही छोडा, बीएसए के जाते ही आपस में भिड़ गए जिम्मेदार, बीईओ, सह समन्वयक और संबंधित शिक्षक आपस में भिड़े: गोरखपुर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों की छात्रों के भविष्य पर भी भारी पड़ने लगी है। अब तो वह विभाग के कार्यक्रमों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे। सोमवार को ही पिपराइच के ब्लाक संसाधन केंद्र (बीआरसी) पर आयोजित आरटीई (राइट टू एजुकेशन) मेला में जब बीएसए पहुंचे, तो लापरवाही की पोल खुल गई। मेले में अव्यवस्था देख बीएसए भड़क उठे। उन्होंने जिम्मेदार लोगों को फटकार लगाई और कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर चले गए।
पिपराइच संवाददाता के अनुसार मेला के आयोजकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। मुख्य अतिथि दोपहर 12.45 बजे के आसपास बीआरसी पहुंचे। उद्घाटन आदि की औपचारिकताओं के बाद जब वह विज्ञान प्रदर्शनी में पहुंचे, तो उनके भी कान खड़े हो गए। ब्लाक स्तरीय प्रदर्शनी में सिर्फ दो टेबल पर ही मॉडल प्रस्तुत किए गए थे।
टेबलों पर छात्र नहीं बल्कि अध्यापक खड़े थे। यह देख बीएसए नाराज हो उठे और मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारी और समन्वयकों को फटकार लगाने लगे। उनका कहना था कि आयोजन के नाम पर खानापूरी नहीं करनी है। छात्रों को तैयार कीजिए, इसके बाद प्रदर्शनी लगाइये। नहीं चलेगी।
उन्होंने कहा कि दोबारा ठीक ढंग से मेला आयोजित होने पर ही वह यहां आएंगे। इसके बाद वह कार्यक्रम से चले गए। हालांकि, शिक्षक संघ के कुछ पदाधिकारियों ने बीएसए को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी और सह समन्वयक आदि कमियां छिपाते नजर आए।
पिपराइच बीआरसी पर जिम्मेदारों को फटकार लगाते बीएसए। जागरण’ मेले में अव्यवस्था देखकर भड़के, लगाई जिम्मेदारों को फटकार’ दो ही टेबल पर लगी थी प्रदर्शनी, छात्रों की जगह खड़े थे अध्यापक
पिपराइच संवाददाता के अनुसार मेला के आयोजकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश यादव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। मुख्य अतिथि दोपहर 12.45 बजे के आसपास बीआरसी पहुंचे। उद्घाटन आदि की औपचारिकताओं के बाद जब वह विज्ञान प्रदर्शनी में पहुंचे, तो उनके भी कान खड़े हो गए। ब्लाक स्तरीय प्रदर्शनी में सिर्फ दो टेबल पर ही मॉडल प्रस्तुत किए गए थे।
टेबलों पर छात्र नहीं बल्कि अध्यापक खड़े थे। यह देख बीएसए नाराज हो उठे और मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारी और समन्वयकों को फटकार लगाने लगे। उनका कहना था कि आयोजन के नाम पर खानापूरी नहीं करनी है। छात्रों को तैयार कीजिए, इसके बाद प्रदर्शनी लगाइये। नहीं चलेगी।
उन्होंने कहा कि दोबारा ठीक ढंग से मेला आयोजित होने पर ही वह यहां आएंगे। इसके बाद वह कार्यक्रम से चले गए। हालांकि, शिक्षक संघ के कुछ पदाधिकारियों ने बीएसए को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। इस दौरान खंड शिक्षा अधिकारी और सह समन्वयक आदि कमियां छिपाते नजर आए।
पिपराइच बीआरसी पर जिम्मेदारों को फटकार लगाते बीएसए। जागरण’ मेले में अव्यवस्था देखकर भड़के, लगाई जिम्मेदारों को फटकार’ दो ही टेबल पर लगी थी प्रदर्शनी, छात्रों की जगह खड़े थे अध्यापक
कल से सुबह नौ बजे से खुलेंगे स्कूल: लखनऊ
जासं, लखनऊ : राजधानी में अब नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के स्कूल 25 जनवरी से सुबह नौ बजे से खोले जा सकेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि शनिवार को जो आदेश जारी किया
गया था उसमें गलती से स्कूलों को अपने निर्धारित समय पर खोलने का जिक्र था। ऐसे में कई स्कूल सुबह आठ बजे से ही खुलने लगे। ठंड कम हुई है, लेकिन अभी उसका असर बरकरार है। उन्होंने बताया कि स्कूल सुबह नौ बजे से ही खोले जाएं इसे सख्ती से लागू करवाया जाएगा और जो स्कूल इसे नहीं मानेंगे उन पर कार्रवाई होगी।
गया था उसमें गलती से स्कूलों को अपने निर्धारित समय पर खोलने का जिक्र था। ऐसे में कई स्कूल सुबह आठ बजे से ही खुलने लगे। ठंड कम हुई है, लेकिन अभी उसका असर बरकरार है। उन्होंने बताया कि स्कूल सुबह नौ बजे से ही खोले जाएं इसे सख्ती से लागू करवाया जाएगा और जो स्कूल इसे नहीं मानेंगे उन पर कार्रवाई होगी।
90 लाख रुपये ले चुके फर्जी शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा
मैनपुरी: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा। 2014 में हुई 149 शिक्षकों की भर्ती में भी नियम-कायदे ताख पर रख दिए गए। बगैर प्रमाण पत्र जांचे न केवल शिक्षकों का वेतन निकाल दिया गया, बल्कि उनका एरियर भी जारी कर दिया गया। 28 माह तक शिक्षकों ने वेतन लिया। शिकायत पर जांच हुई, तो 13 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र ही फर्जी मिले। बगैर प्रमाण पत्र जांचे वेतन और एरियर निर्गत करने पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर ही शक की सुई घूम रही है। मामला सामने आने के बाद विभाग में
खलबली मच गई है। फिलहाल जांच जारी है और कई अन्य शिक्षक भी इस फर्जीवाड़े में सामने आ सकते हैं। 1 वर्ष 2014 में जिले में दस हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत 149 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। तत्कालीन बीएसए प्रदीप कुमार ने 12 अगस्त 2014 को इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। 1वेतन लगने से पहले इन शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच विभागीय अधिकारी करते हैं। बिना जांच किए वेतन नहीं लगाया जा सकता, लेकिन तब जांच के नाम पर महज खानापूरी ही की गई। हाल ये हुआ कि बगैर प्रमाण पत्रों की जांच किए ही वेतन जारी कर दिया गया।
खलबली मच गई है। फिलहाल जांच जारी है और कई अन्य शिक्षक भी इस फर्जीवाड़े में सामने आ सकते हैं। 1 वर्ष 2014 में जिले में दस हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत 149 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। तत्कालीन बीएसए प्रदीप कुमार ने 12 अगस्त 2014 को इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। 1वेतन लगने से पहले इन शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच विभागीय अधिकारी करते हैं। बिना जांच किए वेतन नहीं लगाया जा सकता, लेकिन तब जांच के नाम पर महज खानापूरी ही की गई। हाल ये हुआ कि बगैर प्रमाण पत्रों की जांच किए ही वेतन जारी कर दिया गया।
निजी स्कूलों को झटका, फीस वृद्धि से पहले लेनी होगी अनुमति
नई दिल्ली, प्रेट्र : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से आवंटित जमीनों पर स्थित मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों (गैर सहायता प्राप्त) की कार्यसमिति की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। समिति ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें अदालत ने उनसे फीस वृद्धि से पहले सरकार की अनुमति हासिल करने के लिए कहा था।1प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर, जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार करते हुए कहा कि इन स्कूलों को फीस वृद्धि से पहले सरकार की अनुमति लेनी ही होगी क्योंकि वे डीडीए की ओर से आवंटित जमीन पर स्थित हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने
पिछले साल 19 जनवरी को दिए अपने आदेश में कहा था कि डीडीए की आवंटित जमीन पर स्थित गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल लाभार्जन और शिक्षा के व्यवसायीकरण में शामिल नहीं हो सकते। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को यह निर्देश दिया था कि वह डीडीए की ओर से आवंटित जमीन पर स्थित मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों (गैर सहायता प्राप्त) में फीस वृद्धि से जुड़ी आवंटन पत्र की शर्तो का पालन सुनिश्चित करे। हाई कोर्ट ने डीडीए को भी निर्देश दिए थे कि वह ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करे जो फीस वृद्धि से संबंधित आवंटन पत्र की शर्तो का उल्लंघन करते हों। हाई कोर्ट ने यह फैसला एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की जनहित याचिका पर सुनाया था।
पिछले साल 19 जनवरी को दिए अपने आदेश में कहा था कि डीडीए की आवंटित जमीन पर स्थित गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल लाभार्जन और शिक्षा के व्यवसायीकरण में शामिल नहीं हो सकते। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को यह निर्देश दिया था कि वह डीडीए की ओर से आवंटित जमीन पर स्थित मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों (गैर सहायता प्राप्त) में फीस वृद्धि से जुड़ी आवंटन पत्र की शर्तो का पालन सुनिश्चित करे। हाई कोर्ट ने डीडीए को भी निर्देश दिए थे कि वह ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई करे जो फीस वृद्धि से संबंधित आवंटन पत्र की शर्तो का उल्लंघन करते हों। हाई कोर्ट ने यह फैसला एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) की जनहित याचिका पर सुनाया था।
एलटी ग्रेड शिक्षक को साढ़े चार लाख पंजीकरण
इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में पंजीकरण का नया रिकॉर्ड बन गया है। अब तक चार लाख 46 हजार 203 पंजीकरण हो चुके हैं। इसमें दिव्यांगों की तादाद 31
हजार 227 है। इस आकड़े में अभी और बढ़ोतरी होने के आसार हैं, क्योंकि आगामी 26 जनवरी की मध्यरात्रि तक आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद ही पंजीकरण एवं आवेदन करने वालों की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी।
हजार 227 है। इस आकड़े में अभी और बढ़ोतरी होने के आसार हैं, क्योंकि आगामी 26 जनवरी की मध्यरात्रि तक आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद ही पंजीकरण एवं आवेदन करने वालों की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी।
मनचाहे स्कूल में संबद्ध हजारों शिक्षक, शिक्षा निदेशक बेसिक एवं परिषद सचिव का आदेश नहीं मान रहे बीएसए, स्कूलों में सिर्फ हाजिरी लगाने जाने से पठन-पाठन हो रहा प्रभावित
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : तमाम निर्देशों को धता बताकर शिक्षकों ने मनचाहे स्कूल व कार्यालयों से संबद्ध हैं। उन स्कूलों में यह संबद्ध शिक्षक सिर्फ हाजिरी लगाने जाते हैं वहीं शिक्षा विभाग के कार्यालय में वह लिपिकों के जैसा कार्य कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्हें विद्यालयों में भेजने के बजाए नए-नए शिक्षकों को संबद्ध करते जा रहे हैं। इसका असर स्कूलों के पठन-पाठन पर पड़ रहा है। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च
प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक अपना तबादला न करा पाने की स्थिति में मनचाहे स्कूल या फिर विभागीय कार्यालय से संबद्ध हो जाते हैं, ताकि उन्हें हर दिन जाना नहीं पड़ेगा। इसकी शिकायतें शासन को मिलने पर शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने बीते 26 मई, 2016 को यह आदेश जारी किया कि तत्काल शिक्षकों का संबद्धीकरण खत्म कर दिया जाए और जुलाई से कोई भी शिक्षक दूसरे स्कूल या फिर कार्यालय से संबद्ध नहीं रहेगा। यदि जुलाई, 2016 के बाद शिक्षक संबद्ध मिलते हैं तो बीएसए जिम्मेदार होंगे। इसके आदेश के बाद कुछ हड़कंप तो मचा और कुछ शिक्षकों को वापस स्कूलों में भी भेजा गया, लेकिन कुछ माह बाद ही स्थिति पहले से भी विकट हो गई है। हालत यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों को छोड़िए बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में दर्जनों शिक्षक बाकायदे संबद्ध हैं। उनमें से कुछ को छोड़कर ज्यादातर मुफ्त में ही वेतन ले रहे हैं। ऐसा ही हाल सड़क किनारे के स्कूलों व ब्लाक एवं तहसील के केंद्रीय स्कूलों का है, वहां संबद्ध होने के लिए लंबी फेहरिश्त है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने 13 मार्च, 2014 को ही इस संबंध में कड़ा आदेश जारी किया था, लेकिन अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। यह भी कहा जा रहा है कि शिक्षक जिले के अफसरों को खुश करके मनचाहा संबद्धीकरण करा रहे हैं। इधर, जिले में तबादलों की नकेल जिलाधिकारी के पास होने के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। परिषद बार-बार निर्देश भेज रहा है और बेसिक शिक्षा अधिकारी पर उतारू हैं। इन दिनों विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से बीएसए की तेज हो गई है।’ शिक्षा निदेशक बेसिक एवं परिषद सचिव का आदेश नहीं मान रहे बीएसए 1’ स्कूलों में सिर्फ हाजिरी लगाने जाने से पठन-पाठन हो रहा प्रभावित
प्राथमिक विद्यालयों में तैनात शिक्षक अपना तबादला न करा पाने की स्थिति में मनचाहे स्कूल या फिर विभागीय कार्यालय से संबद्ध हो जाते हैं, ताकि उन्हें हर दिन जाना नहीं पड़ेगा। इसकी शिकायतें शासन को मिलने पर शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा ने बीते 26 मई, 2016 को यह आदेश जारी किया कि तत्काल शिक्षकों का संबद्धीकरण खत्म कर दिया जाए और जुलाई से कोई भी शिक्षक दूसरे स्कूल या फिर कार्यालय से संबद्ध नहीं रहेगा। यदि जुलाई, 2016 के बाद शिक्षक संबद्ध मिलते हैं तो बीएसए जिम्मेदार होंगे। इसके आदेश के बाद कुछ हड़कंप तो मचा और कुछ शिक्षकों को वापस स्कूलों में भी भेजा गया, लेकिन कुछ माह बाद ही स्थिति पहले से भी विकट हो गई है। हालत यह है कि खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालयों को छोड़िए बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में दर्जनों शिक्षक बाकायदे संबद्ध हैं। उनमें से कुछ को छोड़कर ज्यादातर मुफ्त में ही वेतन ले रहे हैं। ऐसा ही हाल सड़क किनारे के स्कूलों व ब्लाक एवं तहसील के केंद्रीय स्कूलों का है, वहां संबद्ध होने के लिए लंबी फेहरिश्त है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने 13 मार्च, 2014 को ही इस संबंध में कड़ा आदेश जारी किया था, लेकिन अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। यह भी कहा जा रहा है कि शिक्षक जिले के अफसरों को खुश करके मनचाहा संबद्धीकरण करा रहे हैं। इधर, जिले में तबादलों की नकेल जिलाधिकारी के पास होने के बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग रहा है। परिषद बार-बार निर्देश भेज रहा है और बेसिक शिक्षा अधिकारी पर उतारू हैं। इन दिनों विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद से बीएसए की तेज हो गई है।’ शिक्षा निदेशक बेसिक एवं परिषद सचिव का आदेश नहीं मान रहे बीएसए 1’ स्कूलों में सिर्फ हाजिरी लगाने जाने से पठन-पाठन हो रहा प्रभावित
असिस्टेंट प्रोफेसर के चार विषयों का परिणाम जारी, साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का विवरण 15 दिन में
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की ओर से असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के अंतिम परिणाम तेजी से जारी हो रहे हैं। आयोग ने सोमवार को चार विषयों का और परिणाम जारी कर दिया है। इसमें गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र एवं भूमि संरक्षण विषय शामिल हैं। इसे अभ्यर्थी मंगलवार को आयोग के पोर्टल पर देख सकेंगे। 1आयोग इसके पहले करीब एक दर्जन से अधिक विषयों का परिणाम घोषित कर चुका
है। चयनित अभ्यर्थियों का विवरण आयोग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के प्राप्तांक आयोग के पोर्टल पर 15 दिन में उपलब्ध होंगे। इसे वह अनुक्रमांक एवं जन्मतिथि के माध्यम से देख पाएंगे। सचिव की ओर से कहा गया है कि अंतिम परिणाम तेजी से तैयार हो रहे हैं। अन्य विषयों के रिजल्ट भी जल्द ही जारी होंगे।’ साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का विवरण 15 दिन में 1’ अन्य विषयों के रिजल्ट भी जल्द जारी होंगे
है। चयनित अभ्यर्थियों का विवरण आयोग के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। इन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार के प्राप्तांक आयोग के पोर्टल पर 15 दिन में उपलब्ध होंगे। इसे वह अनुक्रमांक एवं जन्मतिथि के माध्यम से देख पाएंगे। सचिव की ओर से कहा गया है कि अंतिम परिणाम तेजी से तैयार हो रहे हैं। अन्य विषयों के रिजल्ट भी जल्द ही जारी होंगे।’ साक्षात्कार व लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का विवरण 15 दिन में 1’ अन्य विषयों के रिजल्ट भी जल्द जारी होंगे
छात्र पर चली छड़ी तो प्रबंधन की होगी खाट खड़ी
जासं, इलाहाबाद : सीबीएसई के स्कूलों में अब छात्र की पिटाई किए जाने को बोर्ड गंभीरता से लेगा। ऐसी शिकायत मिलने पर बोर्ड संबंधित शिक्षक के साथ उस स्कूल के प्रबंधन पर भी सख्त कार्रवाई करेगा। विद्यार्थी को पीटने पर स्कूल प्रबंधन को अर्थदंड के रूप में 25 हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है और अगर यह साबित हो गया कि बच्चे को जानबूझकर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया है तो ऐसा करने वाले शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। 1सीबीएसई बोर्ड ने इस तरह की शिकायतों के लिए टोल फ्री
नंबर जारी किया है। दरअसल विभिन्न जिलों से प्राप्त हो रही शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया है। इस संबंध में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंधित स्कूलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। 1गंगा गुरुकुलम की प्रिंसिपल अल्पना डे ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के हित में आए दिन कुछ न कुछ नया कदम उठाता है।
नंबर जारी किया है। दरअसल विभिन्न जिलों से प्राप्त हो रही शिकायतों के मद्देनजर यह कदम उठाया है। इस संबंध में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबंधित स्कूलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। 1गंगा गुरुकुलम की प्रिंसिपल अल्पना डे ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों के हित में आए दिन कुछ न कुछ नया कदम उठाता है।
BTC: बीटीसी 2013 बैच की परीक्षाएं दो फरवरी से
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग यानी बीटीसी 2013 बैच की लंबित परीक्षा कार्यक्रम का एलान हो गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा का एक साथ कार्यक्रम जारी किया है। यह परीक्षाएं दो फरवरी से शुरू होकर आठ फरवरी तक चलेंगी। 1सचिव ने बताया कि बीटीसी 2013 तृतीय सेमेस्टर, सेवारत उर्दू मृतक आश्रित अभ्यर्थियों की परीक्षा दो फरवरी से होगी। प्रथम प्रश्नपत्र
(शैक्षिक मूल्यांकन क्रियात्मक शोध) सुबह 10 से 12 बजे तक, द्वितीय प्रश्नपत्र (समावेशी शिक्षा) अपराह्न् दो से चार बजे तक होगी। तीन फरवरी को तृतीय प्रश्नपत्र विज्ञान सुबह 10 से 11 बजे तक, चतुर्थ प्रश्नपत्र गणित 12.30 से 1.30 बजे तक व पंचम प्रश्नपत्र सामाजिक अध्ययन तीन से पांच बजे तक होगा। चार फरवरी को षष्टम प्रश्नपत्र हंिदूी सुबह 10 से 11 बजे तक, सप्तम प्रश्नपत्र संस्कृत या उर्दू 12.30 से 1.30 बजे तक एवं अष्टम प्रश्नपत्र कंप्यूटर शिक्षा तीन से चार बजे तक होगा। 1इसी तरह चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में छह फरवरी को प्रथम प्रश्नपत्र आरंभिक स्तर पर भाषा एवं गणित के पठन लेखन क्षमता का विकास सुबह 10 से 12 बजे, द्वितीय प्रश्नपत्र शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन अपराह्न् दो से चार बजे तक, सात फरवरी को तृतीय प्रश्नपत्र विज्ञान सुबह 10 से 11 बजे तक, चतुर्थ प्रश्नपत्र गणित 12.30 से 1.30 बजे तक व पंचम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन तीन से चार बजे तक होगा। 1आठ फरवरी को षष्टम प्रश्नपत्र हंिदूी सुबह 10 से 11 बजे तक, सप्तम प्रश्नपत्र अंग्रेजी 12.30 से 1.30 बजे तक व अष्टम प्रश्नपत्र शांति शिक्षा एवं सतत विकास तीन से चार बजे तक होगा।
(शैक्षिक मूल्यांकन क्रियात्मक शोध) सुबह 10 से 12 बजे तक, द्वितीय प्रश्नपत्र (समावेशी शिक्षा) अपराह्न् दो से चार बजे तक होगी। तीन फरवरी को तृतीय प्रश्नपत्र विज्ञान सुबह 10 से 11 बजे तक, चतुर्थ प्रश्नपत्र गणित 12.30 से 1.30 बजे तक व पंचम प्रश्नपत्र सामाजिक अध्ययन तीन से पांच बजे तक होगा। चार फरवरी को षष्टम प्रश्नपत्र हंिदूी सुबह 10 से 11 बजे तक, सप्तम प्रश्नपत्र संस्कृत या उर्दू 12.30 से 1.30 बजे तक एवं अष्टम प्रश्नपत्र कंप्यूटर शिक्षा तीन से चार बजे तक होगा। 1इसी तरह चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में छह फरवरी को प्रथम प्रश्नपत्र आरंभिक स्तर पर भाषा एवं गणित के पठन लेखन क्षमता का विकास सुबह 10 से 12 बजे, द्वितीय प्रश्नपत्र शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन अपराह्न् दो से चार बजे तक, सात फरवरी को तृतीय प्रश्नपत्र विज्ञान सुबह 10 से 11 बजे तक, चतुर्थ प्रश्नपत्र गणित 12.30 से 1.30 बजे तक व पंचम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन तीन से चार बजे तक होगा। 1आठ फरवरी को षष्टम प्रश्नपत्र हंिदूी सुबह 10 से 11 बजे तक, सप्तम प्रश्नपत्र अंग्रेजी 12.30 से 1.30 बजे तक व अष्टम प्रश्नपत्र शांति शिक्षा एवं सतत विकास तीन से चार बजे तक होगा।
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