31.12.16

बरेली में जिले के अन्दर स्थानांतरण की प्रक्रिया आज से शुरू👆👆 👆👆

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स्थानांतरण को एक जनवरी से काउन्सलिंग, डीएम ने जारी किया रोस्टर: गोंडा

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शिक्षामित्रों का बढ़ाएं मानदेय, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने किया प्रदर्शन: गोंडा

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UPTET 2016: टीईटी -16 में अंग्रेजी के 8 प्रश्नों पर आपत्ति

कक्षा आठ तक के सभी स्कूल सोमवार तक बंद: आगरा

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काउन्सलिंग तिथि न आई तो होगा आन्दोलन. संघर्ष मोर्चा ने दी आर-पार की चेतावनी

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खंड शिक्षा अधिकारी ने किया दर्जनों विद्यालयों का निरीक्षण: आजमगढ़

कंप्यूटर शिक्षक भर्ती के नियमों से अभ्यर्थी परेशान, बीएड की अनिवार्यता खत्म करने की मांग

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बीईओ व तीन शिक्षकों को निलंबित करने का आदेश जारी, BEO को नहीं पता अंतिम राज्य तो डीएम ने की कार्रवाही: सीतापुर

बीईओ सहित तीन शिक्षकों को निलंबित करने का आदेश जारी बीईओ सहित तीन शिक्षकों को निलंबित करने का आदेश जारी, BEO को नहीं पता अंतिम राज्य तो डीएम ने की कार्रवाही

चार शिक्षक निलंबित कई का वेतन रोका, लापरवाही मिलने पर बीईओ की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई: सीतापुर

सीतापुर : दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में एक शिक्षक तथा तीन शिक्षिकाओं को बीएसए ने निलंबित कर दिया है। इनमें से तीन मछरेहटा ब्लॉक तथा एक शिक्षिका खैराबाद ब्लॉक में तैनात थीं। खंड शिक्षाधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान खामियां पाए जाने पर कार्रवाई के लिए संस्तुति करते हुए बीएसए को अपनी रिपोर्ट दी थी। इसके अलावा दो अनुदेश तथा कई शिक्षकों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोक दिया गया है।1मछरेहटा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहंगपुर के सहायक अध्यापक उदित प्रताप सिंह पर
एसएमसी गठन, एसएमसी खाते का प्रभार और ड्रेस वितरण पंजिका सहित अन्य अभिलेख का प्रभार न देकर वेतन भुगतान करा लिया था। इसके अलावा शिक्षक पर कई ओर लापरवाही के गंभीर आरोप खंड शिक्षाधिकारी ने जांच के दौरान लगाए थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय रसलुवा की शिक्षिका मीनू सिंह पर विभागीय दायित्वों को निर्वहन न करने तथा अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप मिले थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहंगपुर की शिक्षिका आशा गौतम महीने में दो ही तीन बार विद्यालय आती थी। खैराबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नरही की शिक्षिका इफ्तआरा पर समय से विद्यालय न आने तथा फर्जी तरीके से अवकाश दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा था। बीईओ की संस्तुति पर बीएसए ने इन चारों शिक्षकों को निलंबित करते हुए बीआरसी से संबद्ध किया है। मछरेहटा ब्लॉक के अनुदेशक रेनू देवी व जयशंकर त्रिवेदी का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। 1कसमंडा ब्लॉक की उच्च प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर की शिक्षिका पुष्पिता यादव, यासमीन बेगम निरीक्षण में अनुपस्थित मिली थीं। प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर में प्रियंका राव व नवीउन्ननिशां अनुपस्थित पायी गयी थी। बीईओ की रिपोर्ट पर इन सभी का अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया गया है।

नियमों के फेर में फंस गया विद्यालय का निर्माण, विभागीय स्वीकृति में देरी से छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर: सीतापुर

सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग का विद्यालय दि सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां ने बनवाने का प्रस्ताव महकमे को दिया था। दरअसल मिल परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय जर्जर हो गया था। मिल प्रबंधन का प्रस्ताव विभागीय नियमों के मकड़ जाल में उलझ गया है। कई पत्रचार के बाद बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी से विद्यालय के बाबत अभिलेख मांगे है। सूत्रों की माने तो विभागीय स्वीकृति मिलने में अभी समय है, जिससे नौनिहाल जर्जर हो चुके
भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। 1बिसवां नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसको देखते हुए कई माह पहले मिल प्रबंधन ने विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें प्रबंधन अपने खर्चे से विद्यालय बनवाने को तैयार था। विभाग ने प्रस्ताव काफी हीला हवाली के बाद शासन भेजा। जहां से कई ¨बदुओं पर विभाग से जानकारी मांगी गई। कई माह की लंबी कवायदों के बाद शासन ने विद्यालय भवन के रंगीन फोटो व कई ¨बदुओं पर आख्या मांगी थी। जिसके क्रम में बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी बिसवां नगर क्षेत्र को पत्र लिख कर ¨बदुवार आख्या मांगी है। जर्जर विद्यालय की फोटोग्राफ के साथ भूमि का विवरण भी मांगा गया है। विद्यालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन अथवा विभाग की है। विद्यालय पर होने वाला खर्च किसके द्वारा वहन किया जा रहा है। विभागीय नियमों में फंसे विद्यालय को लेकर अफसरों का रवैया अभी तक नकारात्मक ही नजर आया है। ऐसे में जर्जर विद्यालय के स्थान पर नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा है।बिसवां चीनी मिल प्रबंधन ने जर्जर हो चुके प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया के निर्माण की बात कही थी। इसको लेकर खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 1- राजेंद्र सिंह, बीएसए

प्राथमिक विद्यालयों में नहीं पहुँचे शिक्षक, आदेश ताख में रखा: सीतापुर

क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में भीषण ठंड को लेकर अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन शिक्षकों को स्कूलों में उपस्थिति होकर गैर शैक्षिक कार्य निपटाने थे। इसके बाद भी क्षेत्र के स्कूलों में ताला लटकता देखा गया। अपवाद स्वरूप ही स्कूल खुले नजर आए। 11:50 बजे प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर में ताला पड़ा था। स्थानीय
लोगों ने बताया कि कोई नहीं आया है। 12:24 बजे प्राथमिक विद्यालय मोहारपुवा भी बंद मिला। वहां पर कुछ छात्र खेलते दिखे। बच्चों ने बताया कि मास्टर साहब आए तो थे, लेकिन थोड़ी देर पहले निकल गए। 12:30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक अजय कुमार उपस्थित थे। पूछने पर बताया कि प्रधानाध्यापक अवकाश पर हैं लेकिन रजिस्टर पर चढ़ा नहीं था। प्राथमिक विद्यालय गनेशपुर 12:52 पर बंद मिला। 13:14 बजे प्राथमिक विद्यालय बहरीमऊ में ताला बंद मिला। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद पटेल ने बताया कि इसकी जांच कराएंगे। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

कंप्यूटर से भी समय पर नहीं बने परीक्षा केंद्र, शासन की योजना धड़ाम तय तारीख से एक माह बाद भी केंद्र अधूरे

यूपी बोर्ड को एक साल के अंदर नई तकनीक का दूसरा बड़ा झटका लगा है। परीक्षा मोबाइल एप के बाद कंप्यूटर से परीक्षा केंद्र बनाने की योजना ने दम तोड़ दिया है। यह दोनों ही निर्णय शासन के वरिष्ठ अफसरों ने लिए जो कुछ कदम चलकर धड़ाम हो गए हैं। इधर कुछ वर्षो से परीक्षा केंद्र तय करने का काम जनवरी माह तक होता रहा है यह ढर्रा इस साल भी कायम रहा। लेटलतीफी वाले जिलों के केवल नाम बदल गए हैं कामकाज के तरीके में कहीं कोई बदलाव नहीं आया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व
इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 में केंद्रों का निर्धारण तय समय सीमा के एक माह बाद भी पूरा नहीं हो सका है। वरिष्ठ अफसरों की सख्ती के बाद कुछ जिलों ने तो तेजी दिखाई, लेकिन निर्देशों की अवहेलना करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों पर उसका कोई असर नहीं हुआ है। सूबे की राजधानी लखनऊ में समूची प्रदेश सरकार एवं सभी विभागों के आला अफसर रहते हैं, लेकिन वहां केंद्र निर्धारण का कार्य सबसे खराब है। वेबसाइट पर सभी परीक्षार्थियों का आवंटन एवं अन्य प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। यह काम कब तक पूरा होगा कोई बताने को तैयार नहीं है। इसी तरह प्रतापगढ़ जिला भी नियमों की अनदेखी कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि प्रतापगढ़ के डीआइओएस का तर्क है कि मंडलीय समिति की मुहर लगने के बाद ही वेबसाइट पर देने वाली सूचनाएं दुरुस्त करेंगे। मंडलीय समिति की बैठक हो चुकी है, फिर भी काम अधूरा है। वहां सबसे कम परीक्षार्थियों का आवंटन हो सका है। पूर्वाचल का गाजीपुर जिला केंद्र निर्धारण में काफी पीछे है। वैसे यहां हर साल देर से ही केंद्र तय होते रहे हैं, वह सिलसिला जारी है। इसी तरह फैजाबाद जिले ने भी वेबसाइट पर केंद्र निर्धारण का कार्य पूरा नहीं हुआ है। पिछले वर्षो में सबसे देर में केंद्र बनाने में हरदोई, बलिया एवं अन्य जिलों का नाम आता था, इस साल जिले के नामों में बदलाव हुआ है, लेकिन कार्यशैली में कोई अंतर नहीं आया है। शासन ने इस बार परीक्षा केंद्र नीति जारी करते हुए 28 नवंबर तक सारे केंद्र बनाने का निर्देश दिया था। पहली बार कंप्यूटर के जरिए केंद्र बनाए जाने का आदेश हुआ, ताकि वह समय पर बन जाएं। शासन ने इस प्रक्रिया पर बोर्ड सचिव, मंडलायुक्त, शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा तक को निगाह रखने के लिए लॉगिन व पासवर्ड तक आवंटित किए थे, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। कुछ दिन पहले सभी जेडी की बैठक बुलाकर जल्द कार्य पूरा कराने का आदेश भी बेअसर रहा है। उधर, परिषद सचिव शैल यादव का कहना है कि नियमित रूप से उन जिलों से संपर्क किया जा रहा है, जो केंद्र निर्धारण में पीछे हैं। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

सपा से निकाले गए मुख्यमंत्री, अखिलेश मांगे माफी तो कर सकता हूँ विचार : मुलायम

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यूपीटीईटी के प्रमाणपत्र वितरण के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी, देखे वितरण का कार्यक्रम

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शर्तें पूरी होने पर ही पति-पत्नी पा सकेंगे एचआरए (HRA), शासन ने दंपति को HRA देने सम्बंधित दिशानिर्देश जारी किए

शर्तें पूरी होने पर जी पति-पत्नी पा सकेंगे एचआरए (HRA), शासन ने दंपति को HRA देने सम्बंधित दिशानिर्देश जारी किए When the husband and wife will be able to fulfill the conditions HRA (HRA), the Government has issued guidelines relating to HRA couple

अवकाश तालिका: माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी

स्कूलों में साल भर पढ़ाई की बात अब भूल जाइये। वहां ‘आधे दिन’ पढ़ाई हो जाए तो इसे ही गनीमत मानिए, क्योंकि शिक्षा महकमा खुद पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। शायद इसीलिए प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी की गई है। इसमें वैसे तो 236 दिन पढ़ाई और
129 दिन की छुट्टी घोषित हैं, लेकिन अन्य अवकाश को घोषित छुट्टी में जोड़ दिया जाए तो वर्ष में आधे दिन से भी कम दिन ही मुश्किल से पढ़ाई हो पाएगी।
सरकारी विद्यालय वैसे ही बदनाम हैं कि यहां पढ़ाई नहीं होती। अध्यापक समय से विद्यालय नहीं आते। आते भी हैं तो पढ़ाने से जी चुराते हैं। ऐसे में जब स्कूलों में इतनी छुट्टियां रहेंगी तो समझा जा सकता है कि छात्र-छात्रओं का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा। कैलेंडर में घोषित 129 दिन की छुट्टियों के अलावा भी स्कूल में अन्य अवकाश होंगे। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवाचौथ व तीज का अवकाश रहेगा। अत्यधिक ठंड में शीतकालीन अवकाश होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। इन सबको जोड़ लिया जाए तो स्पष्ट है कि बच्चों को कितने दिन स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा। यही नहीं, यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर स्थिति और खराब हो जाएगी। शिक्षा विभाग को नौनिहालों की पढ़ाई के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं होती। मूलभूत संसाधन नहीं हैं। अध्यापक सिर्फ टाइमपास करके घर चले जाते हैं। ये सब समस्याएं बनी रहेंगी जब तक विद्यालयों में इतनी छुट्टियां होंगी। जब विद्यालय लगातार खुलेंगे ही नहीं तो समस्याओं का निस्तारण कैसे होगा। बच्चों का भविष्य चौपट न हो, यह सोचना शासन का दायित्व है। ऐसे में साल भर में इतनी छुट्टियां देना कैसी समझदारी है। इससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भले ही सुकून मिले, छात्र-छात्रओं का तो नुकसान ही है। सरकार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करती है लेकिन, दूसरी तरफ स्कूलों में इतनी छुट्टियां घोषित कर वह अपनी ही योजना को पलीता लगा रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि शासन छुट्टियों के बारे में पुनर्विचार करेगा ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न होने पाए।

अंतर्जनपदीय तबादले की तीसरी सूची के लिए धरना जारी

राब्यू, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की तीसरी अंतर जिला तबादला सूची जारी कराने की मांग तेज है। बेसिक वेलफेयर एजूकेशन के बैनर तले शिक्षक परिषद मुख्यालय के सामने अनवरत धरना दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव का कहना है कि साढ़े तीन हजार से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना
चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा। परिषद सचिव ने कहा है कि जिन शिक्षकों के तबादले की मांग हो रही है उनमें से अधिकांश के आवेदन ही निरस्त है, तब कैसे स्थानांतरण हो सकता है।

4000 उर्दू शिक्षक भर्ती का पंजीकरण शुरू, 13 तक किए जा सकेंगे आवेदन

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूल में एक और भर्ती के लिए शुक्रवार से पंजीकरण शुरू हो गया है। उर्दू के चार हजार सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के लिए 13 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए जा सकेंगे। दोपहर बाद से वेबसाइट खुल गई है। परिषदीय, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में इन दिनों भर्तियों की बहार है। दो दिन पहले ही 12460 सहायक शिक्षकों के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हुए हैं। 10 जनवरी की शाम पांच बजे तक युवा अपना पंजीकरण करा सकेंगे। आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम
तारीख 11 जनवरी है। ऑनलाइन आवेदन पत्र 13 जनवरी को शाम पांच बजे तक भरे जा सकेंगे। ई-आवेदनपत्र में त्रुटि संशोधन 16 से 18 जनवरी को शाम पांच बजे तक होगा। परिषद सचिव ने बताया कि सभी जिलों को सीटों का आवंटन एवं भर्ती के संबंध में अन्य निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं।

15 तक भरें 29334 गणित विज्ञान भर्ती के अवशेष पद,नियुक्ति पत्र पाने वालों को ज्वाइन करने का एक मौका और: सचिव ने आदेश किया जारी

इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की बारी आ गई है। सभी अवशेष पदों को हर हाल में 15 जनवरी तक भरा जाना है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। यही नहीं, जिन अभ्यर्थियों को सातवीं काउंसिलिंग में नियुक्ति पत्र मिल चुका है उन्हें भी कार्यभार ग्रहण करने का एक और मौका दिया जा रहा है।

बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 29334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का आदेश जुलाई 2013 में हुआ था। यह सीटें भरने के लिए 23 अगस्त 2013 से 23 फरवरी 2014 तक कई चरण की काउंसिलिंग कराई गई। इसके बाद भी कुछ जिलों में सभी सीटें भर नहीं सकी है। कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने भी कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए रिक्त सीटें भरने का आदेश जारी किया है। इस आदेश को मनवाने के लिए अभ्यर्थी कई दिन से परिषद मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। परिषद सचिव ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
15 तक मेरिट से सभी पद भरे जाएं
परिषद सचिव ने बीएसए को यह भी निर्देश दिया है कि जिले को आवंटित पदों के सापेक्ष वर्गवार व श्रेणीवार अवशेष रिक्तियों को उस समय की काउंसिलिंग में अर्ह पाए गए अभ्यर्थियों से जिन्हें कटऑफ मेरिट में न आने के कारण नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किया गया था। उनसे संबंधित वर्ग की मेरिट के अनुसार रिक्त पद भरने की कार्यवाही 15 जनवरी तक पूरी की जाए। सचिव ने इस कार्यवाही के बाद रिक्तियों का विवरण 23 जनवरी तक परिषद मुख्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।

Akhilesh Yadav steps out of his house post expulsion

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