30.1.17

72825 केस के साथ सुने जायेंगे सभी शिक्षक भर्ती के केस

!! उत्तर प्रदेश शिक्षक भर्ती !!
👇
बिना किसी अंतरिम आदेश के एकेडमिक मैटर 
22 फरवरी को स्पेशल अपील 4347 में टैग,
अब 22 फरवरी को शिक्षा मित्र,
72825, एकेडमिक केस सब एक साथ सुने जायेंगे, 
22 फरवरी को पूरा दिन यही केस सुना जायेगा।

सुप्रीमकोर्ट अपडेट: बिना किसी अंतरिम आदेश को पारित किये मेटर 22 फरवरी से टैग, पढ़ें आज की सुनवाई का सार

हिमांशु राणा
बिना किसी अंतरिम आदेश को पारित किये मेटर 22 फरवरी से टैग कर दिया कि उस दिन ही सुना जाएगा सबकुछ , फुल डे बेंच है इस केस की |

हर हर महादेव

धन्यवाद

*सुप्रीम कोर्ट 30/01/2017*

*सुनवाई सार*


*कोई अंतरिम राहत नहीं दी जायेगी न ही अकैडमिक पक्ष को न ही टेट पक्ष को । ये
matter finalized होगा । सरकारी पक्ष को फटकार लगी साथ ही ये कहा गया कि भर्ती तो की जाएगी अन्यथा स्कूल कैसे चलेंगे । टेट पक्ष की तरफ से matter को अलग डेट में लगाया जाए लेकिन जज साब ने नहीं स्वीकार किया और मामले को 22/02/2017 को लगा दिया । ये लिबर्टी देते हुए कि अकैडमिक के पक्ष में कुछ भी अनसर्टेन होता है तो वो मेंशन करवा के कभी भी आ सकते हैं at any time* अब मामला 22 फरवरी को सुना जाएगा । बाकी आर्डर अपलोड होने के बाद ।

शिक्षक एकेडमिक भर्ती केस: सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई का आँखों देखा हाल

माननीय सुप्रीम कोर्ट में आज  कोर्ट नं०-२ पर आइटम नं०-५५ पर एकेडमिक (९००००) भर्ती केस की सुनवाई होगी। SLP नं० ११२१/२०१७ विक्रमादित्य सिंह।
१०५९/२०१७ अनिक कुमार मौर्य।

१७२५/२०१७ सीताराम।
१९८०/२०१७ कृष्ण मोहन सिंह।
१६५१/२०१७ अजय कुमार त्रिपाठी।
७४५/२०१७ पंकज सिंह कुशवाहा। (आइटम नं० ५७ पर)


‬: ४४ नं० चल रहा है।
‬: केश 51 चल रहा है।

*54 running in court no 2*

55 चालू हुआ।

हिमांशु राणा
बिना किसी अंतरिम आदेश को पारित किये मेटर 22 फरवरी से टैग कर दिया कि उस दिन ही सुना जाएगा सबकुछ , फुल डे बेंच है इस केस की |

TET मेरिट जरूरी नहीं, नियुक्ति हेतु

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17 अध्यापकों के दस्तावेज सत्यापन में मिले फर्जी, बीएसए ने जारी किया नोटिस।

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बीएसए का निर्देश को शिक्षकों ने दिखाया ठेंगा

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BTC प्रशिक्षुओं ने किया जागरूक

शिक्षकों की समस्याओं पर हुई चर्चा, संघर्ष से मिलेगी टीईटी अभ्यर्थियों को सुप्रीमकोर्ट में जीत

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शिक्षक भर्ती: टीईटी मेरिट जरुरी नहीं, शिक्षक भर्ती के लिए, एकेडमिक रिकॉर्ड पर हुयी शिक्षक भर्तियों को NCTE ने दी बड़ी राहत

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सुप्रीमकोर्ट में आज होगी शिक्षक भर्ती की सुनवाई: एकेडमिक रिकॉर्ड पर हुई भर्ती पर आज जोरदार बहस

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पुराने सत्र की बहाली की मांग हुई तेज, सीबीएसई की नकल करना पड़ा भारी

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नए नियमों से लगा हजारों अभ्यर्थियों को जोर का झटका

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9342 LT GRADE TEACHERS RECRUITMENT शिक्षक भर्ती को आवेदन का मौका देने की मांग, आवेदन की समयसीमा बढ़ाने की मांग

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परीक्षा में शिक्षकों का पड़ सकता है टोटा, बोर्ड परीक्षा में कम शिक्षक होने से होती हैं अनियमितताएं

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भारी कमी है। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान मानक अनुसार शिक्षकों की व्यवस्था किया जाना बेहद जरूरी है। पहले से शिक्षकों की व्यवस्था न किया जाना और ऐन वक्त पर कक्ष में एक निरीक्षक के बलबूते परीक्षा कराई जाती है। इससे परीक्षा के दौरान नकल माफिया के सफल होने की आशंका भी अधिक रहती है।1मालूम हो कि बीते वर्ष परीक्षा के दौरान अनियमितताएं सामने आईं थीं।
सुनियोजित तरीके से परीक्षा को लेकर विभाग द्वारा तैयारी नहीं की गई और अधिकांश विद्यालयों में मानक के विपरीत कक्ष निरीक्षक की संख्या के बलबूते परीक्षा कराई गई। इस दौरान नकल के भी कई मामले समाने आए। गंभीर बात है कि इस बार भी विभाग के जिम्मेदार ऐसे ही रवैये में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 1क्या हैं मानक : कक्ष में 30 छात्रों की क्षमता तक-दो निरीक्षक। कक्ष में 40 से अधिक छात्र होने पर तीन निरीक्षक।1ऐसे हो सकती है व्यवस्था : माध्यमिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों का टोटा, यूपी बोर्ड की होने वाली परीक्षाओं में देखने को मिलेगा। शिक्षकों के अभाव के चलते परीक्षा के लिए किराए पर शिक्षक लिए जा सकते हैं। होली के बाद से होने जा रही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिक्षक मांगे जा सकते हैं। 1’>>बोर्ड परीक्षा में कम शिक्षक होने से होती हैं अनियमितताएं1’>>परीक्षा के दौरान मानक अनुसार निरीक्षकों की नहीं होती तैनातीहमारे पास परीक्षा के लिए पर्याप्त शिक्षक हैं। कमी पड़ने पर बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षक लिए जा सकते हैं।1उमेश त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक

शिक्षकों की नियुक्ति की लड़ाई में फंसी पढ़ाई

जागरण संवाददाता,लखनऊ: लालबाग इंटर कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में खींचतान जारी है। साल भर से अधिक से चला आ रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को 18 जनवरी से इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कक्ष पर बंद ताले को तोड़कर दूसरे गुट द्वारा कक्ष में कब्जा जमाने की घटना से माहौल फिर बिगड़ गया। वर्तमान प्रधानाचार्य ने शिक्षा विभाग दोषी ठहराया है। 1क्रिश्चियन मेथोडिस्ट के तहत संचालित एडेड
संस्थान लालबाग इंटर कॉलेज में नियुक्तियों को लेकर दो गुटों में चल रही लड़ाई से कक्षाएं बाधित हैं। पठन-पाठन का काम प्रभावित हुआ है। शनिवार को प्रधानाचार्य कक्ष के ताले को तोड़ने व वर्तमान प्रधानाचार्य सपना लेवर्ण की पदनाम पट्टिका तोड़कर फेंकने की घटना ने फिर अशांति उत्पन्न कर दी। प्रधानाचार्य सपना का कहना है कि बीती 18 जनवरी को कक्ष में ताला लगा कर उसकी चाभी प्रबंध समिति के चेयरमैन व बिशप को सौंपी गई थी। मगर शनिवार को कुछ लोगों ने कालेज पहुंच कक्ष पर लग ताला तोड़ दिया और उनके स्थान पर पूर्व प्रबंधक जबरन काबिज हो गई। उन्होंने एसएसपी को पत्र लिख मामले की शिकायत की । उनका कहना है कि इस प्रकरण में उनके पास न्यायालय से प्राप्त स्टे आर्डर है। वहीं दूसरी ओर जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी ने नियुक्तियों को सही ठहराया है। 1मालूम हो कि लालबाग इंटर कालेज की प्रबंधक जे जे एबल द्वारा 19 जनवरी को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र में जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार क्षेत्रधिकारी कैसरबाग अवधेश कुमार पर घंटों बंधक बनाए रखने, शारीरीक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की गई थी। 1ऐसे में विद्यालय के लगातार बिगड़ते हालात से पठन-पाठन कार्य पूरी तरह प्रभावित है। वहीं दूसरी ओर पूर्व प्रबंधक ने आरोपों को खारिज करते हुए विपक्षी खेमे को भूमाफिया बताते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने 30 व 31 जनवरी को क्रिश्चियन मिशनरी द्वारा संचालित विद्यालयों के बंद का सक्रिय विरोध किए जाने का एलान किया है।

शिक्षक भर्ती : युवाओं में फिर खिंची तलवारें,कोर्ट में अपने को सही साबित करने की होड़ मची

इलाहाबाद : शिक्षक भर्ती में शामिल रहे युवा पहले से अलग-अलग खेमों में बंटे हैं। भर्ती मामले न्यायालय में पहुंचने पर चयनित और चयन से चूकने वालों के बीच अपने को सही साबित करने की होड़ मची है। इस बीच चुनावी माहौल में राजनीतिक दलों की जुबां से युवाओं के लिए निकली आवाज के मायने भी निकाले जा रहे हैं और उसी तहत समर्थन और विरोध का सिलसिला तेज हो गया है। महज चर्चा के आधार पर ही युवाओं में इन दिनों तलवारें खिंच गई हैं। 1युवाओं को रोजगार की बातें रास आती हैं। उनकी ख्वाहिश ज्यादा से ज्यादा नौकरियों के मौके मिले, लेकिन किसी खास की नौकरी को लेकर बात आए तो दूसरे पक्ष का विपक्षी बन जाना लाजिमी है। पिछले दिनों कुछ ही ऐसा ही हुआ। सूबे के एक दल ने शिक्षामित्रों के प्रकरण को उठा दिया।

बीटीसी परीक्षाओं पर संकट के बादल, BTC 2013 के तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं का मुहूर्त ही तय नहीं

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय बीटीसी 2013 के तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाओं का मुहूर्त ही तय नहीं कर पा रहा है। पिछले दिनों किसी तरह इम्तिहान की तारीखें घोषित हुईं, लेकिन चंद दिनों में ही उस पर भी रोक लगा दी गई है। अभ्यर्थी यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि आखिर विलंब से चल रहा सत्र पूरा होने का नाम क्यों नहीं ले रहा है। वहीं, जो अभ्यर्थी अभी तक चौथे सेमेस्टर में पहुंचे ही नहीं, उनका प्रशिक्षण शुरू करा दिया गया है। 1प्रदेश में बीटीसी 2013 प्रथम व द्वितीय काउंसिलिंग के युवाओं का प्रशिक्षण
पूरा हो चुका है। यह अभ्यर्थी शिक्षक बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं लेकिन तृतीय काउंसिलिंग के अभ्यर्थियों का हाल बुरा है। उनकी दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा अगस्त-सितंबर 2016 में हुई। दिसंबर 2016 में ही तीसरे सेमेस्टर का इम्तिहान होना था लेकिन काफी विलंब के बाद उसका कार्यक्रम पिछले दिनों जारी किया गया। दो दिन बाद ही उस पर रोक लगा दी गई है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने परीक्षाएं रोकने की स्पष्ट वजह बताने की जगह अपरिहार्य कारण गिनाया है। कई मर्तबा तृतीय सेमेस्टर के अभ्यर्थी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करके जल्द परीक्षा कराने की मांग कर चुके हैं। प्रदेश में ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या करीब तीन से चार हजार है। अभ्यर्थियों को चौथे सेमेस्टर में एक माह तक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाना होता है।

एलटी सवंर्ग के खाली पदों का ब्यौरा तलब: जिला विद्यालय निरीक्षकों को जारी किए निर्देश

संयुक्त शिक्षा निदेशक दीप चंद ने मंडल के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों से राजकीय हाईस्कूल एवं इंटर कॉलेजों में एलटी संवर्ग के रिक्त पदों का ब्यौरा मांगा है। उन्होंने पत्र जारी कर एक सप्ताह में यह विवरण 
उपलब्ध कराने केनिर्देश दिए हैं। जेडी के मुताबिक सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पुरुष व महिला सवंर्ग की अलग-अलग सूचनाएं अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) उप्र नियुक्ति एलटी अनुभाग, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय एवं जेडी कार्यालय में भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में जल्द ही सहायक अध्यापक स्नातक वेतन क्रम (महिला, पुरुष) में 9342 पदों पर शिक्षकों के लिए भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन 26 जनवरी तक मांगे गए थे।

स्कूल में एक पौधा लगाओ, प्रवेश पाओ, राजकीय इंटर कॉलेज में तीन माह से चल रही अनोखी मुहिम

राजकीय इंटर कॉलेज में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी शुरू हुई है। जो छात्र बिना किसी सूचना के कॉलेज से गैर हाजिर रहता है उसका नाम काट दिया जाता है। दोबारा प्रवेश पाने के लिए उसे एक पौधा लाकर कॉलेज परिसर में लगाना होता है। इसका उद्देश्य छात्र को गलती का एहसास करने के साथ ही उसे पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। 1विगत तीन माह से कॉलेज में यह मुहिम चल रही है। कक्षा 12 के छात्र
अभिषेक कुमार, दिनकर उपाध्याय, मिथिलेश सिंह, उबैद उल्ला सिद्दीकी, कक्षा नौ के छात्र अभय साहू, दिनेश कुमार, संजय मिश्र, फैजल खान, मोहम्मद परवीन व अवधेश प्रताप सिंह समेत कई कक्षाओं के छात्र बिना सूचना के छुट्टी पर चले गए थे। वापस आने पर छात्रों को बताया गया कि दोबारा प्रवेश पाने के लिए उन्हें कॉलेज में पौधा लगाना पड़ेगा। छात्रों ने पौधरोपण किया जिसके बाद उनको प्रवेश दिया गया। प्रधानाचार्य डीके सिंह का कहना है कि एक माह का अवकाश स्वीकृत करना तो प्रधानाचार्य के अधिकार में ही होता है। इस से उसका नाम कटने से बचेगा।राजकीय इंटर कालेज में छात्रों द्वारा लगाए गए पौधों को दिखाते प्रधानाचार्य डीके सिंह।
आसानी से नहीं मिलती छुट्टी
इलाहाबाद : छुट्टी लेने के  छात्र को अपने कक्ष निरीक्षक के पास कारण सहित प्रार्थना पत्र देना होता है। इसके बाद उसे छुट्टी दी जाती है। लंबी छुट्टी हासिल करने के लिए छात्र को प्रिंसिपल से स्वीकृत लेनी आवश्यक होती है। अगर विद्यार्थी बिना बताए स्कूल नहीं आ रहा तो उसका नाम काट दिया जाता है। प्रिंसिपल के संज्ञान में आने के बाद ही वह प्रवेश पा सकता है। 1रोज होती है हाजिरी की जांच 1इलाहाबाद : कक्षाओं में बच्चों की हाजिरी लग रही है या नहीं प्रिंसिपल प्रतिदिन हाजिरी रजिस्टर की जांच करते हैं। तीन दिन से अधिक कोई छात्र के नहीं आने पर उसके नहीं आने का कारण संबंधित कक्ष निरीक्षक से पूछताछ की जाती है।