21.4.17

एक विद्यालय ऐसा भी जिसने मुख्यमंत्री जी के सभी प्रश्नों का दिया उत्तर: अब मीडिया नही दिखायेगा

एक विद्यालय ऐसा भी जिसने मुख्यमंत्री जी के सभी प्रश्नों का दिया उत्तर
अब मीडिया नही दिखायेगा
जब सीएम योगी ने बच्चों से पूछा- प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है?
झांसी। मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार बुंदेलखंड दौरे पर आए योगी आदित्यनाथ ने झांसी जिले के बड़ागांव ब्लाक स्थित टांकोरी प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान वह सीधे बच्चों की क्लास में पहुंच गए। वहां उन्होंने बच्चों से कई सवाल किए। किसी से वर्णमाला सुनी, तो किसी से किताब पढ़वाई। एक बालिका से पूछा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है? इसका सही जवाब मिलने पर योगी गदगद हो गए और बच्ची को शाबाशी दी।
बच्ची को सिर पर हाथ रखकर दिया आशीर्वाद
टांकोरी तालाब का निरीक्षण करने के बाद सीएम योगी का काफिला प्राथमिक पाठशाला पर पहुंचा। यहां सीएम ने हर क्लास में जाकर बच्चों से पूछताछ की और व्यवस्थाएं देखीं। कक्षा 6 के ऋग्वेद कुशवाहा से वर्णमाला सुनी। एक बच्चे से किताब पढ़वाई, जो उसने पढ़ दी। कक्षा 8 की भावना कुशवाहा से योगी ने पूछा कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है? इस पर छात्रा ने तत्काल सही जवाब दे दिया। इसी दौरान मंडलायुक्त के. राममोहन ने सीएम की ओर इशारा करते हुए छात्रा से पूछा कि ये कौन हैं, तो बच्ची ने कहा-योगी आदित्यनाथ। भावना के इस जवाब से सीएम खुश हो गए और उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया।
फर्नीचर खरीदने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान दो कक्षाओं के बच्चों को जमीन पर बैठे देखकर सीएम ने प्रधानाध्यापिका ससे फर्नीचर की जानकारी ली, तो उन्होंने बजट न होने की बात कही। इस पर सीएम ने फर्नीचर की खरीद करने निर्देश दिए।
काम कर गया होम वर्क
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री का कार्यक्रम फाइनल होने के बाद अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के लिए विद्यालय का चयन कर लिया गया था। इसकी जानकारी भी टीचर्स को दे दी गई थी। उन्होंने बच्चों को एक दिन पहले ही तैयारी भी कराई। पढ़ाई के साथ जनरल नॉलेज के सवाल-जवाब याद कराए गए। इस होमवर्क का बेहतर नतीजा सामने आया।

क्या महिला शिक्षिकाओं का मोबाइल नंबर स्कूल की दीवार पर लिखवाना उचित कदम है ?

क्या महिला शिक्षिकाओं का मोबाइल नंबर स्कूल की  दीवार पर लिखवाना उचित कदम  है ?

बेसिक शिक्षा विभाग लाएगा स्थानांतरण की नई नीति, शिक्षिकाओं को नजदीक स्कूल में मिलेगी तैनाती

बेसिक शिक्षा विभाग लाएगा स्थानांतरण की नई नीति,
शिक्षिकाओं को नजदीक स्कूल में मिलेगी तैनाती
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने ईटीवी से बातचीत में कहा 

१.बेसिक शिक्षा विभाग में गड़बड़ियों की होगी जांच
२. किताबों के टेंडर से बांटे गए बर्तनों की होगी जांच 
३.बेसिक शिक्षा विभाग लाएगा स्थानांतरण की नई नीति 
४.लंबे समय से जमे शिक्षकों का जल्द होगा तबादला 
५.शिक्षिकाओं को नजदीक के स्कूल में मिलेगी तैनाती 
६.जुलाई तक सभी बच्चों को मिल जाएंगी किताबें और स्कूल ड्रेस
 ७.मानक_के_अनुरूप_होगी_शिक्षकों_की_स्कूलों_में तैनाती
 ८.बेसिक शिक्षा विभाग को जल्द मिलेगा पूर्णकालिक निदेशक 
९. जांच के दौरान जर्जर हालत में मिला बेसिक शिक्षा विभाग अगले 100 दिन में होगा सुधार


उत्तर प्रदेश की बड़ी खबर: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने दिए निर्देश, अस्पताल में डॉक्टरों व स्कूल में अध्यापको के फोटो व फोन नम्बर लगाए जाएं

उत्तर प्रदेश की बड़ी खबर: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी ने दिए निर्देश, अस्पताल में डॉक्टरों व स्कूल में अध्यापको के फोटो व फोन नम्बर लगाए जाएं प्राइमरी स्कूलों में चस्पा होगी तैनात शिक्षकों की फोटो, फोटो के साथ शिक्षकों के मोबाइल नंबर भी होंगे दर्ज, बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए योगी सरकार का फैसला, स्कूल के हर कमरे में संबंधित शिक्षकों के फोटो-नबर लगेंगे, सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों के फोटो-नंबर लगेंगे, फोटो देख मरीज कर सकेंगे नियुक्त डॉक्टर की पहचान, डॉक्टर के न होने पर मोबाइल नंबर देख कर सकते हैं फोन, बुंदेलखंड की समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने दिए निर्देश, चिकित्सा और शिक्षक विभाग के अफसरों को CM के सख्त निर्देश।

योगी सरकार का बड़ा फैसला, अब प्रवेश के नाम कोई भी स्कूल नहीं लेगा एडमिशन फीस

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने स्कूलों पर
पूरी तरह से नकेल कस दी है।खबर है कि सूबे के शिक्षा विभाग ने मनमानी करने वाले स्कूलों को सील करने कि तैयारी कर ली है और आज इसी क्रम मे बड़ा ऐलान किया।शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि प्रदेश में कोई भी स्कूल अब एडमिशन फीस नहीं लेगा। आदेश ना मानने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले राजधानी लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक ने दो स्कूलों राजकुमार एकेडमी और एग्जॉन मांटेसरी इंटर कॉलेज के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन पर एफआईआर दर्ज कराई है।

लखनऊ-प्राइमरी स्कूलो मे लगेंगे तैनात शिक्षको की मोबाइल नं और फोटो,बेसिक शिक्षा सुधार के लिए CM yogiadityanath का फैसला

लखनऊ-प्राइमरी स्कूलो मे लगेंगे तैनात शिक्षको की मोबाइल नं और फोटो,बेसिक शिक्षा सुधार के लिए CM
yogiadityanath का फैसला




उत्तर प्रदेश में 2011 से 2017 तक बेसिक शिक्षा परिषद् में हुई सभी शिक्षक भर्तियाँ: सुप्रीम कोर्ट के परिदृश्य में:- एक विश्लेषण

*उत्तर प्रदेश में 2011 से 2017 तक बेसिक शिक्षा परिषद् में हुई सभी शिक्षक भर्तियाँ,* सुप्रीम कोर्ट के परिदृश्य में:-
*एक विश्लेषण*

ब स पा की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी के शाशन काल 2011 से आरम्भ 72825 बी एड प्राइमरी अध्यापकों भर्ती की प्रक्रिया आरम्भ हुए अब लगभग ६ वर्ष हो चुके हैं मामला अब भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. मुख्य विवाद भर्ती प्रक्रिया में चयन सूची का निर्धारण सर्विस नियम १४ के अंतर्गत होने वाली प्रक्रिया में हैं, जो कि मुख्यतः दो संशोधनों ( 12वा और 15वा जिसके अंतर्गत चयन सूची का निर्धारण क्रमशा टेट अंको के प्राप्तांक के आधार पर और अकादमिक अंको के आधार पर संशोधित हैं). 72825 प्राइमरी टीचर्स जो कि माननीय उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश के अंतर्गत  टेट प्राप्तांको ( 12 वा शंशोधन में ) अंतरिम राहत के तौर पर नियुक्ति पाए हुए हैं इनके अतिरिक्त 29,334 गणित/विज्ञान जूनियर शिक्षक भर्ती माननीय उच्च न्यायालय Allahabad के विभिन्न आदेशों के अंतर्गत, इसके साथ  प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न उर्दू भर्ती, अलग- बी टी सी भर्तियाँ मिलाकर लगभग 1,00,000  शिक्षकों कि भर्तियाँ अकादमिक अंको के आधार ( 15वा शंशोधन में) नियुक्ति पाए हैं,
                      लेकिन प्रदेश में कुछ असफल आवेदकों और बेनामी धन अर्जित करने वालों को इस मुद्दे में बेरोजगारों से धन कमाने की असीमित संभावनाएं दिखी और प्रदेश के अचयनित बेरोजगारों को भ्रमित करते हुए टेट मोर्चा का गठन किया और उन साथियों को भ्रमित करते हुए उनको सुनहरे भविष्य का सपना दिखाया और आर्थिक शोषण करते हुए इन सभी भर्तियों को माननीय सुप्रीम कोर्ट की अंतिम दहलीज़ पर ला दिया. इनके साथ ही प्रदेश की सपा सरकार द्वारा एक विशेष नियत के अंतर्गत प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 1,50,000 शिक्षा मित्रों को दूरस्थ बी टी सी कराते हुए उन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित कर दिया जिसमे इन सभी शिक्षा मित्रों द्वारा टेट का उत्तीर्ण न होना सबसे अहम् बिंदु समझते हुए Allahabad उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली वाली पूर्ण पीठ ने दिनांक 12 सितम्बर 2015 को इनके समायोजन को अवैध मानते हुए इस प्रकार के समायोजन को निरस्त कर कर दिया परिणामस्वरूप राज्य सरकार और कई शिक्षा मित्र अध्यापक संगठनो ने  उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल किया इस तरह माननीय सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों की प्रदेश में हुई ६ साल में लगभग 3.25 लाख भर्तियाँ विवादित हैं और इनका परिणाम वर्तमान में न्यायमूर्ति आदर्श गोयल जी और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता जी कि बेंच में आगामी २६ अप्रैल में संभावित हैं है. उपरोक्त शिक्षक भर्तियों को उनके impugned order के आधार पर मुख्यतः 3 केटेगरी में विभाजित किया जा सकता है
1. 72825 टेट के द्वारा अंतरिम राहत पाए हुए बी एड धारको की प्राइमरी में नियुक्ति (12 वें संशोधन के अंतर्गत टेट प्राप्तांक के आधार पर)
.
2. 29,334 गणित/विज्ञान जूनियर अध्यापक समेत लगभग 1,00,000 शिक्षको कि अकादमिक आधार पर नियुक्ति ( 15 वें शंशोधन के अंतर्गत अकादमिक अंको के आधार पर ).
3. लगभग 1,50,000 शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक पद पर प्राइमरी स्कूल में समायोजित ( बिना टेट पास किये समायोजन )
   *  उपरोक्त शिक्षक भर्तियों के निर्णय में प्रभाव छोड़ने वाले कारक
उपरोक्त भर्तियों में सभी अध्यापकों का भविष्य माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर करेगा. आइये भूतकाल से लेकर वर्तमान और भविष्य की परिस्थितयों को देखते हुए सभी भर्तियों के अलग अलग कमज़ोर और मजबूत पहलुओं के साथ साथ अन्य सामान्य बिन्दुओं पर प्रकाश डालें जो इन भर्तियों के परिणाम में निर्णायक और प्रभावशाली हो सकते हैं.
1. चूँकि 72825 प्राइमरी शिक्षकों कि अंतरिम नियुक्ति माननीय न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्र जी के अंतरिम आदेश पर बी एड धारको को दिलाई गयी गयी जो कि प्रदेश सरकार के द्वारा दाखिल सिविल अपील संख्या 4347-4375/2014 के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगी अतः इस भर्ती का परिणाम पूरी तरह अनिश्चित और पूरी तरह खुला है साथ ही नयी बेंच के द्वारा इस केस का सुना जाना भी इस केस के संभावित परिणाम के बारे में अधिक अनिश्चितता उत्पन्न करता है.
2. लगभग 1,00,000 अकादमिक भर्तियाँ चूँकि जिस संशोधन के आधार पर हुई है वो रूल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण भर्तियों का परिणाम पूरी तरह खुला  हैं.
3. लगभग 1,50,000 शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक समायोजन कई बिन्दुओं मसलन शिक्षा मित्रों द्वारा टेट का क्वालीफाई न होना, उनके प्रक्षिशण की  वैधता का अनिश्चित होना इत्यादि के कारण इनका भी परिणाम पूरी तरह अनिश्चित और खुला है.
4. चूँकि माननीय न्यायमूर्ति श्री आदर्श कुमार गोयल जी केसेस के expidite disposal के लिए जाने जाते है और पिछले कुछ दिनों के रिकॉर्ड के अधर पर यह साबित भी होता है इसलिए ऐसे में केस का परिणाम आना तो निश्चित है परिणाम क्या होगा ये पूरी तरह अनिश्चित है.
5. पिछले कुछ समय में माननीय उच्चतम न्यायालय में अन्य कुछ कैसो में  आये हुए  फैसलों का अवलोकन करने पर यह प्रतीत होता है कि केसों के तथ्य और नियमों और पारंपरिक व्याख्याओं के अतिरिक्त भी माननीय न्यायालय और judges ने न्याय रूप में अपने विवेक का अधिक से अधिक उपयोग किया है ऐसे स्थिति में परिणाम संभावित होने की बजाय कुछ भी अप्रत्याशित हो सकता है जिसके लिए हम सभी अध्यापक साथियों को मानसिक दृढ़ता के साथ उसे स्वीकारने औरउसका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए.
6. तथ्यों के आधार पर उपरोक्त सभी भर्तियों में 29,334 गणित/विज्ञानं भर्ती निश्चित रूप से एक अपवाद है क्योंकि ये भर्ती एकमात्र ऐसी भर्ती है जो पूरी तरह बी. एड. अभ्यर्थियों के लिए है और इस भर्ती कि पूरी प्रक्रिया माननीय उच्च न्यायालय Allahabad के आदेशानुसार हुई है साथ ही इस भर्ती में अभ्यर्थियों का चयन विवाद किसी भी अन्य भर्ती के अभ्यर्थियों के बहिष्करण से उत्पन्न नहीं होता है और न ही इस भर्ती के पुष्टि होने से किन्ही अन्य अभ्यर्थियों का हित प्रभावित होगा. ऐसा पूरी तरह न्यायोचित है और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के अनुपालन में है.                सभी शिक्षकों की नियुक्ति का परिणाम पूरी तरह खुला है वर्तमान बेंच में केस चलने पर बहुत ही जल्द निष्कर्ष निकलने की संभावना प्रबल हो गयी है, सबसे अधिक विशेष ये होगा कि अब अधिकतर शिक्षक नेताओं कि 2011 से आरम्भ हुई नेतागिरी की चमक ख़त्म हो जाएगी, चमक फीकी होनी पहले ही शुरू हो चुकी है जिसकी झलक सुप्रीम कोर्ट में आने वाली प्रत्येक तारीख की पूर्वसंध्या पर मिल जाती है जब मिल बैठते हैं ये सब अलग अलग रंग के कुर्ते वाले शिक्षक नेता और उसके बाद शुरू होने वाली वाद विवाद कि सीमा उनके कुर्ते की क्रीज़ हटने और सिलाई टूटने पर ख़त्म होती है. बहरहाल जल्दी ही इनके कुर्ता पैजामा पर ब्रेक लग जायेगा. उक्त परिस्थितियों में मेरी ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना है कि परिणाम जो भी आये सभी मेरे शिक्षक साथियों के लिए न्यायपूर्ण हो, उचित हो और हम सभी कि उसमे भलाई निहित हो.प्रदेश में कोई भी शिक्षक साथी आपस में द्वेष भावना का त्याग करें तथा आपस शिक्षक साथियों में समरसता और मित्रता का उदहारण दें.
*®मिशन सुप्रीम कोर्ट & संघ टीम*

शिक्षकों के निशाने पर भाजपा विधायक, निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से अशोभनीय व्यवहार का मामला

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BSA का आदेश न मानने वाले शिक्षकों को हटाया

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अब गर्मियों की छुट्टियों में शिक्षकों को करना होगा होमवर्क: DM ने फरमान किया जारी

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शिक्षामित्र का कारनामा: समायोजन के लिए शिक्षामित्र ने लगाए फर्जी प्रमाणपत्र, समायोजन और चयन के समय अलग-अलग लगाए थे दस्तावेज

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अब एक घंटा पहले बंद स्कूल, जिला प्रशासन ने आदेश किया जारी

अब एक घंटा पहले बंद स्कूल, जिला प्रशासन ने आदेश किया जारी

बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए डीएम ने संभाली कमान, टीचरों को मिला होमवर्क

बेसिक शिक्षा में सुधार के लिए डीएम ने संभाली कमान, टीचरों को मिला होमवर्क

प्राइमरी स्कूल पहुंचे योगी, बच्चों से पूछा 'मिड- डे- मील' और पढ़ाई का हाल

बुंदेलखंड के प्राइमरी स्कूल पहुंचे योगी, बच्चों से पूछा 'मिड- डे- मील' का हाल


उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज
बुंदेलखंड पहुंच गए हैं। सीएम योगी ने झांसी पहुंचते ही सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। यही नहीं इसके बाद योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंल के एक प्राईमरी स्कूल में पहुंचे। यही नहीं, अस्पताल और गेंहू क्रय केंद्र के निरीक्षण के बाद सीएम योगी एक प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे। सीएम ने यहां मिड-डे मील की जानकारी ली और क्लास में पीने के पानी का जायजा लिया। योगी ने वहां मौजूद बच्चों से भी बात की। बता दें कि सीएम योगी के इस दौरे के दौरान उनसे किसानों का समूह से मिल सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि पिछले 22 महीने में लगभग 850 किसानों से खुदखुशी की है, जिसमें से 178 को मुआवजा मिल पाया है। किसानों के अनुसार उन्हें बिजली के बिल में छूट नहीं मिल रही है, किसानों ने कहा कि क्योंकि उनकी भूमि अभी उपजाऊ नहीं है तो इसी कारण से उन्हें कर्ज माफी का लाभ नहीं मिल पाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी रैली में कहा था कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो विकास का 14 साल का वनवास खत्म होगा और यूपी को देश के विकास का इंजन बनाया जाएगा। योगी सरकार ने बुंदेलखंड के लिए पेयजल परियोजना का ऐलान किया है। इसके साथ ही योगी सरकार ने बुंदेलखंड को 20 घंटे बिजली देने का ऐलान भी किया है। गौरतलब है कि बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश का सबसे पिछड़ा और गरीब इलाका माना जाता है, बुंदेलखंड में किसानों की आत्महत्या बढ़े दर्जे पर होती है। चुनाव के दौरान भी बुंदेलखंड का विकास काफी अहम मुद्दा था। केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार इसलिये बुंदेलखंड पर विशेष ध्यान दे रही है।


अब 7.30 से 11.30 तक खुलेंगे जिले के समस्त स्कूल: कन्नौज डीएम

अब 7.30 से 11.30 तक खुलेंगे जिले के समस्त स्कूल: कन्नौज डीएम

खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों में की जांच, महीनों से गायब चल रहे शिक्षकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

खंड शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों में की जांच, महीनों से गायब चल रहे शिक्षकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

पीलीभीत : अमरिया ब्लाक क्षेत्र के दो प्राथमिक विद्यालयों में सहायक शिक्षकों के गैर हाजिर मामले की जांच पड़ताल की गई। खंड शिक्षा अधिकारी ने दोनों विद्यालयों में पहुंचकर हेडमास्टर और प्रधान से पूछताछ की। हाजिरी रजिस्टर की फोटो प्रति ली। 1अमरिया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भगा मोहम्मदगंज के सहायक अध्यापक लालाराम वर्मा के तीन महीने और प्राथमिक विद्यालय भिकारीपुर के सहायक अध्यापक दुर्गा प्रसाद के एक माह से गैर हाजिर रहने की ग्रामीणों ने बीएसए से शिकायत की थी। इस पर खंड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीनारायन ने प्राथमिक विद्यालय भगा मोहम्मदगंज पहुंचकर पूछताछ की और उपस्थिति रजिस्टर की फोटो प्रति ली। इस दौरान हेडमास्टर मुजीब अहमद, लालाराम वर्मा, सलीम अहमद से भी पूछताछ की। प्रधान कमला देवी से भी जानकारी ली। इसके बाद प्राथमिक विद्यालय भिकारीपुर पहुंचे, जहां पर सहायक अध्यापक भुवनेश्वरी देवी, फकीरेलाल, निकहत जहां और बच्चों से पूछा। उपस्थिति रजिस्टर की फोटो कापी ली।

समय से विद्यालय न आने पर प्रधानाध्यापिका के खिलाफ प्रदर्शन: पीलीभीत

बीसलपुर: ग्राम अभयपुर चैना नकटी स्थित प्राथमिक विद्यालय की मुख्य अध्यापिका व अन्य शिक्षकों द्वारा समय से विद्यालय न आने से प्रभावित हो रहे शिक्षण कार्य को लेकर गांव के ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों के
खिलाफ प्रदर्शन कर विरोध जताया।1गुरूवार को क्षेत्र के ग्राम अभयपुर चैना नकटी के ग्रामीण गांव सिथत प्राथमिक विद्यालय परिसर में एकत्र हुए और उन्होंने आरोप लगाया कि विद्यालय की मुख्य अध्यापिका संगीता समय से विद्यालय नहीं आ रही है और जल्दी विद्यालय बंद करके चली जाती है। इसी कारण विद्यालय में तैनात अन्य शिक्षक भी सही तरीके से कार्य नहीं कर रहे है। विद्यालय में अध्यापन का कार्य प्रभावित चल रहा है।

बीआरसी से चार सह समन्वयक किए गए रिलीव:पीलीभीत

बरखेड़ा (पीलीभीत) : ब्लाक संसाधन केंद्र पर तैनाती चार सह समन्वयकों को मूल विद्यालयों के लिए रिलीव कर दिया गया। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए। फर्नीचर कक्ष में जरूरी कागज मामले में 21 अप्रैल को
सह समन्वयक से पूछताछ की जाएगी। 1सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रत्येक ब्लाक संसाधन केंद्रों पर हंिदूी, अंग्रेजी, गणित, सामाजिक विषय, विज्ञान आदि विषयों के सह समन्वयक तैनात किए गए थे। ब्लाक संसाधन केंद्रों पर तैनात सह समन्वयकों का छह साल का कार्यकाल पूरा हो गया। सर्व शिक्षा अभियान से आदेश आने के बाद हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई। ब्लाक ससाधन केंद्र बरखेड़ा पर तैनात सह समन्वयक बुद्धसेन भारती, महेंद्र प्रताप सिंह, शिवओम मिश्र, रामरतन लाल को मूल विद्यालयों में रिलीव कर दिया गया है। अब ये सभी सह समनवयक सहायक अध्यापक के रूप में शिक्षण कार्य करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी डीएल राणा ने बताया कि चारों सह समन्वयकों को रिलीव कर दिया गया है। 1बीआरसी के फर्नीचर कक्ष में कुछ कागज रखे हुए थे, जो नहीं दिखाई दिए। पूछने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इस पर सह समन्वयक को फोन करके बुलाया गया। आने में असमर्थता व्यक्त की। इस पर 21 अप्रैल को पूछताछ की जाएगी।

शिक्षकों ने जगाई साक्षरता की अलख: जंगल में काम कर रहे लोगों को किया साक्षरता के लिए प्रेरित, पूर्व माध्यमिक विद्यालय ने छेड़ा अभियान

बदायूं : परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षक-शिक्षिकाएं गांव-गांव जाकर अभिभावकों को जागरूक कर रहे हैं। बच्चों से बात की जा रही है। विद्यालयों में दी जानी वाली सुविधाओं की जानकारी दी जा रही है। वहीं विकास क्षेत्र कादरचौक के एक विद्यालय ने खेत व सड़क का रूख किया है।खेत
पर बच्चों को काम कराते अभिभावकों को शिक्षा प्रति जागरूक किया जा रहा है व बच्चों को भी विद्यालय आने को प्रेरित किया जा रहा है।1मुफ्त किताबें मुफ्त में खाना, पर शिक्षा में देर है, स्कूल खुले गांव-गांव में फिर भी क्यों अंधेर है। यह लाइनें अभिभावकों को सुनाकर शिक्षा की जोत जगाई जा रही है। गांव गंगपुर पुख्ता के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक खेतों में पहुंच रहे हैं। गेहूं काट रहे अभिभावकों को तब तक समझा रहे हैं, जब तक वह अपने बच्चों को विद्यालय भेजने को तैयार न हो जाएं। इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार शिक्षकों संग विद्यालय प्रबंध समिति व कुछ बच्चों को लेकर घर-घर भी जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। जिसके चलते माता-पिता उन्हें विद्यालय भेजने की जगह खेत पर भेज देते हैं। जो उनके भविष्य के लिए घातक है। उन्होंने बताया कि यह जागरूकता अभियान जुलाई महीने तक चलेगा। कम आबादी के कारण बच्चों का नामांकन विद्यालय में नहीं हो पाता। जिसके लिए पास के गांवों में भी संपर्क किया जा रहा है। ग्रामीण भी जागरूक हो रहे हैं। योजनाओं की जानकारी देने के लिए पंपलेट भी बंटवाए जा रहे हैं।बैलगाड़ी चलाते बच्चे को शिक्षा के प्रति जागरूक करते शिक्षक ’ जागरण

वाट्सएप पर नहीं, पत्र से भेजें शिक्षको को सूचना, हर शिक्षक के पास एंड्रायड फोन न होने से शिक्षकों को समय पर नहीं मिलतीं हैं सूचनाएं

अलीगढ़ : शिक्षा से संबंधित सूचनाएं मोबाइल पर वाट्सएप के जरिये शिक्षकों तक पहुंचती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क न होने से सूचना नहीं मिल पातीं। हर शिक्षक के पास एंड्रायड फोन भी नहीं है। सूचना पत्र के जरिये शिक्षकों तक भेजी जाएं। ये मांग उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत शर्मा ने
उठाई। गुरुवार को स्कूल का समय बढ़ाने व शिक्षकों की समस्याओं के संबंध में संघ पदाधिकारियों ने बीएसए को ज्ञापन सौंपा। अध्यक्ष ने कहा कि भीषण गर्मी के चलते बच्चों को काफी समस्याएं हो रही हैं। स्कूल का समय सुबह सात से 11 बजे तक किया जाए। उन्होंने शिक्षकों की समस्याएं भी अधिकारी के समक्ष रखीं। खंड शिक्षा अधिकारियों की संस्तुति पर शिक्षकों पर कार्रवाई करने से पहले शिक्षकों से स्पष्टीकरण लिया जाए। डेस के 25 प्रतिशत अवशेष का भुगतान तत्काल कराया जाए। महामंत्री इंद्रजीत सिंह ने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी सीएल की सूचना व्हाट्सएप पर मांगते हैं, पत्र व्यवहार रजिस्टर मे सीएल चढ़ी होने के बाद भी मनमानी कार्रवाई करते हैं इस पर अंकुश लगे। खंड शिक्षा अधिकारियों के प्राइवेट आफिसों में शिक्षक अटैच हैं उनको हटाकर विद्यालयों में लगाया जाए।
वाट्सएप पर नहीं, पत्र से भेजें शिक्षको को सूचनाशिक्षकों ने समस्याएं बताई हैं, जो न्यायसंगत व तर्कसंगत मांग होगी जरूरी पूरी होगी। खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्याओं के बारे में चर्चा करेंगे।
धीरेंद्र कुमार, बीएसए

परिषदीय स्कूलों में रिक्त पदो पर शीघ्र शुरू हो पदोन्नति, शिक्षकों ने एकजुट होकर BSA को सौंपा ज्ञापन

बांदा : यूनाईटेड टीचर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन कर मांगों को उठाया। जिसमें कहा गया है कि जो भी पद रिक्त हैं उन पर शीघ्र पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कराई जाए। विशेष परिस्थिति पर अध्यापकों का स्थानान्तरण/समायोजन शुरू हो। 1गुरुवार को यूनाईटेड टीचर्स एसोसिएशन से जुड़े शिक्षकों ने अपना ज्ञापन बीएसए को सौंपा। जिसमें
चार सूत्रीय मांगों को रखा गया है और शीघ्र उनके निस्तारण की मांग की गई है। अध्यक्ष जयनारायन श्रीवास के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जिन नवनियुक्त अध्यापकों के सत्यापन अपूर्ण हों उनका सत्यापन पारदर्शी तरीके से पूरा हो।1 नवनियुक्त सहायक अध्यापकों का वेतन अवशेष (एरियर) का सामूहिक रूप से भुगतान हो। जो पद खाली हैं उन पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कराई जाए एवं विशेष परिस्थिति पर स्थानान्तरण/समायोजन शुरू हो। इस दौरान महामंत्री निरंजन चक्रवर्ती, उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार, महेश गर्ग, राहुल त्रिपाठी, सुनील वर्मा, दयानिधान, सुनीलदत्त, अनुराग आदि मौजूद रहे।मांगों को लेकर बेसिक शिक्षा कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते यूनाइटेड टीचर एसोसियेशन के पदाधिकारी

CM योगी की अधिकारियों को नसीहत, प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की उपस्थिति हो अनिवार्य, डीएम, बीएसए करें औचक निरीक्षण, एमडीएम की गुणवत्ता में हो सुधार

CM योगी की अधिकारियों को नसीहत, प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की उपस्थिति हो अनिवार्य, डीएम, बीएसए करें औचक निरीक्षण, एमडीएम की गुणवत्ता में हो सुधार

बच्चे निजी स्कूल में पढाए तो बीपीएल से नाम कटेगा, ऐसे लोगों को सरकारी सुविधाओं से करेंगे महरूम

बच्चे निजी स्कूल में पढाए तो बीपीएल से नाम कटेगा, ऐसे लोगों को सरकारी सुविधाओं से करेंगे महरूम

परिषदीय स्कूल की दशा और दुर्दशा सुधारने के लिए गुरु मन्त्र

परिषदीय स्कूल की दशा और दुर्दशा सुधारने के लिए गुरु मन्त्र -1- सभी विद्यालयों को मिड डे मील, निर्माण, छात्रवृति से मुक्ति दी जाए।
2- सभी अध्यापक समय से उपस्थित होकर केवल शिक्षण पर फोकस करेंगे।
3- प्रति बच्चा 10 rs प्रतिमाह फीस हो, ताकि बच्चों का फर्जीकरण रोका जा सके।
4-शिक्षकों की समस्या निस्तारण के लिए brc लेवल पर ऑनलाइन/ऑफलाइन शिकायत प्रकोष्ठ रखा जाए, जिसकी अपील 1 माह बाद Bsa से कर सकता है।
5- किसी भी शिक्षक नेता या संघठन के अधिकारी को स्कूल टाइम या बाद में भी ब्लाक या जनपद कार्यालय में घूमना वर्जित हो।
6-School की किसी भी समस्या के लिए Brc लेवल पर समिति गठित हो, जो बच्चों सहित सभी समस्याओं का निस्तारण करेंगे।
7- बच्चों को कक्षा 4 के बाद उत्तीर्ण/ अनिउत्तीर्ण करने का प्रविधान हो।
8- तीन माह में ग्राम स्तर पर अभिवावकों के साथ बैठक हो, जिसमे बच्चों के अभिवावकों को आना अनिवार्य हो। अपने बच्चे के प्रति अभिवावकों की जवाबदेही हो।
9- सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उत्तर प्रदेश के अधीन नौकरी में 30% आरक्षण दिया जाए।
10- किसी भी स्तर पर स्कूल लेवल पर धनराशि को न भेजा जाए, ताकि शिक्षको पर लगने वाले भ्रस्टाचार लेवल से मुक्ति मिल सके।
11- स्कूल न जाने वाले /पढ़ाने न वाले अध्यापक की शिकायत पुष्टी होने पर 6माह आधा वेत्तन ही दिया जाए।
12- बेसिक शिक्षा में व्याप्त भ्रस्टाचार की रोकथम के लिए एक स्वतंत्र संस्था का गठन हो।
13- रिश्वत की मांग करने वाले अधिकारी और कर्मचारी को पुष्टि होने पर टर्मिनेट सहित कठोर दंड करने का पूर्ण अधिकार स्वतंत्र संस्था को होना चाहिए।
14- स्कूलस्तर के वातावरण एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करे, अच्छे गुणवत्ता वाले स्कूल के अध्यापको की पदोन्नति की जाए।
15- बच्चों के शैक्षिक सुधार हेतु NPRC, BRC, District लेवल पर वर्ष में एक वार परीक्षा हो।
16-ड्रेस एवं अन्य धनराशि के उपयोग के लिए जनपदस्तर से टेंडर प्रक्रिया के तहत कारवाही की जाए, जिसमें केवल Pcs स्तर के अधिकारी शामिल हो। सामग्री की जांच SMC करे।

सीधे स्कूल खातों में पहुचेंगा मिड डे मील का पैसा

सीधे स्कूल खातों में पहुचेंगा मिड डे मील का पैसा

तपती धूप में धरने पर बैठे रहे प्रशिक्षु शिक्षक, UPTET-2011 के तहत 72825 शिक्षक भर्ती का मामला

तपती धूप में धरने पर बैठे रहे प्रशिक्षु शिक्षक, UPTET-2011 के तहत 72825 भर्ती का मामला

स्कूलों में नहीं बेची जा सकती ड्रेस और किताबें : सीबीएसई

 नई दिल्ली : .केंद्रीय .माध्यमिक .शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वह अपने परिसर में व्यावसायिक तरीके से किताबें, स्टेशनरी और ड्रेस की ब्रिकी न करें। साथ ही स्कूलों को 
एनसीईआरटी की किताबों को अपने यहां लागू कराने का निर्देश दिया है। बोर्ड ने जारी सकरुलर में कहा है कि अभिभावकों की ओर से कई शिकायतें मिल रही हैं। स्कूल अपने यहां किताबें, स्टेशनरी व ड्रेस की बिक्री कर रहे हैं। निजी स्कूल बोर्ड की संबद्धता के नियमों एवं प्रावधानों का पालन करें और अपने परिसर में ड्रेस, किताबें, नोटबुक व स्टेशनरी सामग्रियों की ब्रिकी नहीं करें। उससे संबद्ध सभी स्कूलों को 12 अप्रैल 2016 के उस सकरुलर का पालन करना चाहिए जिसमें एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग करने को कहा गया है। स्कूलों को समझना होगा कि वह शैक्षणिक संस्थान हैं, व्यावसायिक प्रतिष्ठान नहीं।.

छुट्टियों की छुट्टी करने का समय: राष्ट्र को अवकाश नहीं कर्शीलता का नया आकाश चाहिए इसीलिए बेवजह की छुट्टियों का कोई औचित्य नहीं

महापुरुष भी साधारण नुष्य होते हैं। वे अपने सतत श्र-तप के बल पर असाधारण बनते हैं। सत्य, शिव और सुंदर के नए प्रतीक-प्रतिान गढ़ते हैं। इतिहास की गति का संवर्धन करते हैं। इतिहास ें हस्तक्षेप करते हैं। इतिहास उन्हें
अपने हृदय ें विशेष स्थान देता है। वे असाधारण होकर भी साधारण बने रहते हैं। असाधरण होकर साधारण बने रहने के लिए अतिरिक्त परिश्र और साधना की आवश्यकता है। सो उनका यशगान होता है, लेकिन उनके यशस्वी होने का ुख्य कारण तपस्वी होना ही है। तपस्वी ही यशस्वी होते हैं। वे ह सभी को प्रेरित करते हैं। ह उन्हें याद करते हैं, लेकिन उनकी जन्तिथि या पुण्यतिथि पर अवकाश चाहते हैं। अतिरिक्त श्र कर् करने वाले पूर्वजों की स्ृति ें नियित कर् से छुट्टी दिलचस्प उलटबांसी है। प्रेरणा स्नोत कर्शील हैं, लेकिन प्रेरणा की तिथि पर छुट्टी। कायदे से उनकी स्ृति ें रोजर्रा के बजाय ज्यादा का करना चाहिए। परिश्र को उत्सव बनाना चाहिए और उत्सव को सृजन का अवसर, लेकिन ह छुट्टी चाहते हैं। हापुरुषों के बहाने कर् विुखता का आलस्य आत् विरोधी है और गंभीर रूप ें विचारणीय। उत्तर प्रदेश के ुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी छुट्टियों की ओर सूचे देश का ध्यानाकर्षण किया है। उनके विचार पर स्वाभाविक ही बहस चली है। रविवार की छुट्टी अंग्रेज लाए थे, लेकिन रविवार उनके चर्च कर्कांड का दिन है। श्रीरा र्यादा पुरुषोत्त हैं और श्रीकृष्ण प्रीति प्रे और भारतीय दर्शन के हानायक। इनके जन्ोत्सव साज ें आनंद और र्यादा रस का आच्छादन करते हैं और बुद्ध से जुड़े उत्सव भी। गांधी भूले बिसरे नायक हैं। गांधी जयंती अब उत्सव नहीं रही। उत्सव होती तो और अच्छा होता। डॉ.अंबेडकर की जन्तिथि पर बेशक जनआलोड़न होता है, गर ऐसी तिथियां छुट्टी नहीं सााजिक उत्सवधर्िता, सरसता और राष्ट्रीय एकता का अवसर हैं। प्रकृति सतत कर्रत है। प्रत्येक अणु पराणु गतिशील है। सूर्य और चंद्र भी छुट्टी पर नहीं जाते, वे प्रतिपल कर्रत हैं। ऋग्वेद के अनुषंगी ‘ऐतरेय ब्राह्ण’ ें सतत् कर् का संदेश है। बताते हैं कि सोने वाला कलियुग का, जाग्रत द्वापर का, खड़ा हुआ त्रेता का और सतत कर्रत व्यक्ति सतयुग का प्रतिनिधि है इसलिए चलते रहो-चरैवेति, चरैवेति। यहां युगबोध की नई धारणा है और अवकाश भोग की प्रवृत्ति को सीधी चुनौती भी। 1भारत अति प्राचीन राष्ट्र है। सहस्रों पूर्वजों ने सतत कर् किए। दर्शन और विज्ञान का बोध-शोध किया। कीट-पतंगे और नदी, पर्वत, वनस्पति के प्रति भी संवेदनशील संस्कृति का विकास उनकी ही देन है। आज का भारत पूर्वजों के ही सचेत और अचेत कर्ो का परिणा है। प्लेटो की किताब ‘रिपब्लिक’ के हजारों बरस पहले यहां वैदिक काल ें भी सभा सिति जैसी गणतांत्रिक संस्थाओं का उल्लेख है। राष्ट्रगान का ‘जनगणन’ उसी स्ृति का पुनर्सृजन है। हापुरुषों की सूची लंबी है। विश्व पटल पर सीजर, सिकंदर, फ्रेडरिक द ग्रेट वीर कहे जाते हैं, लेकिन वैदिक ंत्र द्रष्टा विश्वाित्र, वशिष्ठ, अथर्वा, ऐतरेय और कालांतर ें बुद्ध, पतंजलि, शंकराचार्य, नानक, कबीर, रविदास और तुलसी वीर नहीं कुछ और हैं। स्कॉटलैंड के राजा राबर्ट यहूदियों की ोसेस जैसी वीरता भारत ें राणा प्रताप की है। वीरता की बात अलग है। नीत्शे का ‘सुपरैन’ और कार्लाइल का ‘हीरो’ एक जैसे नहीं हैं। योगी अरविंद की धारणा का ‘भावी ानव’ दुनिया के अन्य चिंतकों से भिन्न है। भारत के हापुरुष ार्गदर्शक हैं। युधिष्ठिर ने यक्ष को बताया था, ‘वेद वचन भिन्न-भिन्न। ऋषि अनेक। धर् तत्व गुह्य है। हापुरुषों का ार्ग सतत् कर्शीलता ही है। अवकाशभोगी नहीं। इसलिए छुट्टी के आकर्षण से छुट्टी लेना ही राष्ट्रीय कर्तव्य है। बेशक अवकाश का अपना आनंद है, लेकिन यह अवकाशभोगियों को नहीं िलता। अवकाश का आनंद कठिन परिश्र का पुरस्कार है। 1ऋग्वेद ें देवों की प्रीति को र्य बताया गया है। कहा गया है कि यह सुख परिश्री को ही उपलब्ध है। तब भी भारत ें सर्वाधिक छुट्टियां हैं। अेरिकी संघ सरकार ें सिर्फ 10 छुट्टियां हैं। पुर्तगाल, यूक्रेन, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड की संख्या भी ऐसी ही है। संयुक्त अरब अीरात ें इससे भी क अवकाश हैं। भारत ें 21 सार्वजनिक छुट्टियां हैं और पाकिस्तान, तुर्की और थाईलैंड ें लगभग 16 अवकाश ही हैं। जापान, वियतना, स्वीडन ें भी सिर्फ 15 दिन ही अवकाश हैं। फिनलैंड ें 15, स्पेन ें 14, लेकिन ब्रिटेन ें लगभग 8-9 ही छुट्टियां हैं। भारत उत्सव प्रिय देश है, लेकिन विकास ें अग्रणी होने को तत्पर देश ें छुट्टियों की संख्या काफी है। छुट्टी राष्ट्रीय उत्पादकता ें सेंधारी है। नोवैज्ञानिक विश्लेषणों के अनुसार का न करना स्वाभाविक प्रवृत्ति है। वेतन आदि सुविधाएं कर्प्रेरणा हैं, लेकिन रुचिपूर्ण का सभी को अच्छे लगते हैं। पूर्वजों ने सभी काों को प्रेय और श्रेय ें बांटा है। प्रेय कार्य प्रिय है, लेकिन श्रेय कार्य लोकप्रिय हैं और राष्ट्रीय कर्तव्य भी हैं। राष्ट्र संपदा ें वृद्धि का भाग सबको िलता है इसलिए बेवजह के अवकाश का कोई औचित्य नहीं। 1भारत ें हापुरुषों की संख्या बड़ी है। राजनीतिक कारणों से इस सूची ें लगातार वृद्धि हो रही है। उत्तर प्रदेश ें 36 से ज्यादा सरकारी छुट्टियां हैं। शिक्षा क्षेत्र ें और ज्यादा। अन्य राज्यों ें भी कोबेश ऐसी ही स्थिति है। छुट्टी के औचित्य पर बहस नहीं होती। राजनीति ही निर्णायक है। आ आदी का छुट्टी ें कोई रस नहीं है। उसे बैंक आदि सरकारी दफ्तरों ें जाने पर ही छुट्टी का पता चलता है। हत्वपूर्ण सााजिक राष्ट्रीय उत्सवों की बात दूसरी है। होली, ईद, रक्षा बंधन या यीशु से जुड़े अवकाश परस्पर िलन का अवसर होते हैं। स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस इतिहास बोध देते हैं, लेकिन उन्हें अवकाश रूप नहीं उत्सवरूप ें ही नाया जाना चाहिए। होली रक्षा बंधन या ईद का अवकाश बढ़ाने ें भी कोई हर्ज नहीं। इन अवसरों पर दूरदराज का कर रह लोग घर आते हैं, वे दूर यात्रएं भी करते हैं। हापुरुषों से जुड़े अवकाशांे को उत्सव बनाना चाहिए। कार्यस्थल पर उनके व्यक्तित्व-कृतित्व की चर्चा और फिर नियित का। ऐसे अवसरों पर शिक्षण संस्थाओं ें छुट्टी से राष्ट्रीय क्षति होती है। भारत ें विशेष कार्यसंस्कृति की आवश्यकता है। राष्ट्रजीवन के सभी क्षेत्रों ें कठोर परिश्र की दरकार है। ह विकासशील देश कहे जाते हैं। पूर्ण विकसित हो जाने को बेताब भी हैं। सतत कर्शीलता का कोई विकल्प नहीं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने कार्यक्षेत्र ें स्वयं के सवरेत्त को प्रकट करना ही चाहिए। राष्ट्र को अवकाश नहीं कर्शीलता का नया आकाश चाहिए। वापंथी ानते रहे हैं कि कला, साहित्य और विज्ञान का विकास अवकाशभोगियों ने किया है। अतिरिक्त उत्पादन के कारण िले अवकाश के कारण सभ्यता-संस्कृति के विकास का विचार झूठा है। भारतीय दर्शन, संस्कृति, सभ्यता, साहित्य और आचार शास्त्र का विकास अतिरिक्त उत्पादन से नहीं, अपितु अतिरिक्त जिज्ञासा और अतिरिक्त श्र कर् से ही संभव हुआ है। यहां सतत कर्निष्ठा से ही कर्योग खिला है। गीता प्रबोधन ें श्रीकृष्ण ने अजरुन को बताया है कि सतत कर् से ही जनक आदि ने सिद्धि पाई। ुङो कोई अभाव नहीं और न कोई आवश्यकता तो भी ैं प्रतिपल कर्रत रहता हूं, लेकिन आज ह छुट्टी चाहते हैं किसी न किसी बहाने।1(लेखक उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं)
चूंकि राष्ट्र को अवकाश नहीं कर्शीलता का नया आकाश चाहिए इसीलिए बेवजह की छुट्टियों का कोई औचित्य नहींहृदयनारायण दीक्षितअवधेश राजपूत

शिक्षिका पर कार्रवाई मामले में शिक्षक संगठन खफा

इलाहाबाद : लखीमपुर जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली को लेकर शिक्षक संगठनों में नाराजगी है। बीएसए लखीमपुर खीरी संजय शुक्ला ने एक प्राथमिक स्कूल के निरीक्षण में बच्चे को स्तनपान करा रही शिक्षिका का फोटो सोशल मीडिया पर जारी किया। उसके बाद शिक्षिका पर कक्षा में सोने का आरोप लगाकर उसे
निलंबित कर दिया। इस प्रकरण पर शिक्षक संगठनों के खफा होने पर बीएसए ने शिक्षिका को बहाल कर दिया और बीएसए कार्यालय के लिपिक ने लिखित माफी मांगी है। इसके बाद भी शिक्षक शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उप्र के प्रदेश प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी देश दीपक पांडेय ने कहा है कि यदि शिक्षिका सो रही थी तो उसका फोटो क्यों खींचा गया। यदि साक्ष्य जुटाने के लिए ऐसा किया गया तो उसे सार्वजनिक क्यों किया? इस कृत्य को वायरल करने वाले के खिलाफ शिक्षामंत्री से कार्रवाई की मांग की गई है। ऐसे ही दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

'आधार' से जुड़ेंगे परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राएं : 30 जून तक पूरी की जानी है प्रक्रिया, निर्देश जारी

इलाहाबाद: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दाखिला पाने वाले छात्र व छात्रएं आधार से जोड़े जाएंगे। यह प्रक्रिया वैसे तो 30 जून तक पूरी किए जाने के हैं, लेकिन विद्यालय 20 मई को ही बंद हो जाएंगे। यह कार्य स्कूल खुलने के दौरान ही पूरा कराना होगा।

बेसिक शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने विद्यालयों में आधार नामांकन का कार्य देख रहे दो राज्य रजिस्ट्रार यूपी डेस्को व यूपीएलसी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आठ दिन तक बैठक करके कार्ययोजना तैयार की है। दोनों रजिस्ट्रारों को प्रदेश भर के सभी जिले जिले बांटे गए हैं। सचिव ने जिलाधिकारी को भेजे में कहा है कि उनमें से जिस रजिस्ट्रार के पास फलां जिला हो उससे संपर्क करके विकासखंड स्तर पर पंजीयन की कार्ययोजना बनाई जाए। ब्लाक पर संबंधित एजेंसियों से समन्वय स्थापित करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को नोडल नामित किया गया है। साथ ही यदि किसी जिले में खंड शिक्षा अधिकारी के पास दूसरे ब्लाक का भी प्रभार है तो वहां पर बेसिक शिक्षा अधिकारी वरिष्ठ एबीआरसी या फिर अन्य उचित व्यक्ति को नोडल नामित किया जाए।
सचिव ने बीएसए को दिया है कि विकासखंड स्तर पर विद्यालयवार पंजीयन को देखते हुए रोस्टर तैयार किया जाए, जिसमें विद्यालय का नाम, छात्र संख्या, प्रधानाध्यापक का नाम व मोबाइल नंबर अंकित हो, कार्यदायी संस्था को उपलब्ध करा दिया जाए। आधार पंजीयन के लिए निर्धारित दिवस पर विद्यालय में कम से कम 50 छात्र-छात्रओं की उपस्थिति का रोडमैप तैयार कराया जाए। यदि किसी विद्यालय में पंजीकृत छात्र संख्या 100 है तो वहां आधार का पंजीयन दो दिवस में होगा। सचिव ने यह भी कहा है कि सभी विद्यालय 20 मई को ग्रीष्मावकाश में बंद हो जाएंगे इसलिए जिलाधिकारी नोडल एजेंसी व शिक्षा विभाग के अफसरों के साथ बैठक करके 20 मई तक आधार नामांकन की कार्यवाही पूरी करने के लिए तारीखवार कार्य योजना तैयार करा लें।’बेसिक शिक्षा सचिव ने तैयार की कार्ययोजना 1’ ब्लाक में खंड शिक्षाधिकारी होगा नोडल, बीएसए कार्य पूरा कराएं

9342 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पर अफसर मौन: राज्य स्तर पर पहली बार होनी है भर्ती, मेरिट से नियुक्ति का आदेश, ऑनलाइन आवेदन लिए जा चुके हैं काउंसिलिंग होने का इंतजार

इलाहाबाद : प्रदेश के राजकीय माध्यमिक कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती अधर में अटकी है। तय समय में ऑनलाइन आवेदन लिए जा चुके हैं। हालांकि जनवरी में वेबसाइट में गड़बड़ी होने से तमाम अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर सके हैं। यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा है। राज्य स्तर पर पहली बार हो रही इस भर्ती में भी चयन
मेरिट से किया जाना है। प्रतियोगियों का एक वर्ग परीक्षा कराने पर अड़ा है। इस भर्ती में कई विवाद होने से पूरा प्रकरण अफसरों ने शासन को सौंप दिया है, अब वहां से आदेश मिलने पर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
सूबे के राजकीय माध्यमिक कालेजों में 9342 एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया बीते वर्ष शुरू हुई। शासनादेश जारी होने के बाद 26 दिसंबर 2016 से ऑनलाइन आवेदन लिए गए, यह प्रक्रिया 26 जनवरी की मध्यरात्रि तक जारी रही। शिक्षा निदेशालय पहली बार प्रदेश स्तर पर यह भर्ती करा रहा है। इसके पहले यह भर्ती मंडल स्तर पर होती रही है। शासन ने भर्ती का स्तर का बदलने के अलावा कोई अन्य बदलाव नहीं किया। मसलन, अब भी नियुक्तियां मेरिट के आधार पर होंगी। निदेशालय ने ऑनलाइन आवेदन लेने का काम एनआइसी के बजाए यूपी डेस्को को सौंपा।
युवाओं का कहना है कि वेबसाइट में गड़बड़ी के कारण ऑनलाइन आवेदन करने में बहुत कठिनाई हुई। पहले कई दिनों तक पंजीकरण व आवेदन नहीं हो पा रहा था। शिकायत करने पर उसे दुरुस्त किया गया। सबसे अधिक समस्या आवेदन की अंतिम तारीखों में सामने आई। कई जिलों में वेबसाइट खुल ही नहीं सकी। इसकी शिकायत निदेशालय में की गई, लेकिन उसकी अनसुनी हुई। इसीलिए आवेदन पूरे होने के एक सप्ताह बाद यूपी डेस्को ने विभाग को पूरी रिपोर्ट सौंपी है।
इसमें कुल पांच लाख 91 हजार 625 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है। विषयवार रिपोर्ट में सामाजिक विज्ञान में ही एक लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इसके बाद हंिदूी और अंग्रेजी में भी ऐसा ही हाल है। हर विषय की हर सीट पर साठ से अधिक दावेदार हैं। 1वेबसाइट ठीक से न चलने के कारण आवेदन न कर पाने वाले अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस वजह से अफसरों के दोबारा वेबसाइट खोलने पर चर्चा शुरू हुई। वहीं, कुछ अफसर काउंसिलिंग कराने के लिए मेरिट बनवाने में लगे रहे।
इसी बीच नई सरकार के निर्देश पर सभी विभागों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई। उसी परिपेक्ष्य में एलटी ग्रेड भर्ती भी अटकी है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक रमेश ने बताया कि दोबारा वेबसाइट खोलने, मेरिट या फिर परीक्षा कराने जैसे प्रकरण अब शासन को तय करना है। भर्ती का पूरा मामला सौंप दिया गया है। शासन के निर्देश के बाद ही आगे की प्रक्रिया बढ़ेगी।

मदरसों में शिक्षण अवधि में मोबाइल हुआ प्रतिबंधित: अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ बोर्ड की बैठक में लिया गया अहम फैसला

उत्तर प्रदेश अरबी-फारसी मदरसा बोर्ड ने सूबे के सभी मदरसों के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। शिक्षण अवधि में कक्षा में मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत मदरसा परिसर में
स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पानी की सफाई पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा के स्तर एवं गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। छात्र-छात्रओं के नाखून साफ होने चाहिए।1सर्वाधिक महत्वपूर्ण निर्णय में परिसर में धूम्रपान पर पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्राचार्य, प्रबंधक, शिक्षक, कर्मचारी और छात्र ध्रूमपान का प्रयोग करता पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शिक्षणकार्य अवधि में शिक्षक और कर्मचारी को किसी अन्य कार्य के लिए न भेजा जाए। मिड डे मील के क्रियान्वयन की व्यवस्था सुव्यवस्थित ढंग से लागू किया जाए। मेड डे मील का मेन्यू पेंट द्वारा मदरसा के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए। 2012 के बाद नियुक्त लिपिक को कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक है। मदरसे में नियुक्त प्रत्येक शिक्षक, कर्मचारी और प्रधानाचार्य को उनके पद के अनुसार अर्हता होनी चाहिए। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी एसपी तिवारी ने बताया कि उक्त निर्देश गत दिनों अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री के साथ हुई बैठक में लिया गया।’>>अनियमितता पाए जाने वाले मदरसों पर होगी कार्रवाई1’>>परिसर में स्वच्छता पर दिया जाएगा विशेष ध्यान

मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 25 अप्रैल से शुरू होंगी
सत्र 2016-17 के लिए उत्तर प्रदेश अरबी फारसी मदरसा बोर्ड की विभिन्न परीक्षाओं की घोषणा कर दी है। परीक्षाएं राज्य स्तर पर 25 अप्रैल शुरू होगी। परीक्षाओं का क्रम 8 मई तक जारी रहेगा। इलाहाबाद में परीक्षा के लिए 17 केंद्र बनाए गए हैं। इसमें तीन इंटर कालेज और बाकी मदरसे हैं। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एससी तिवारी ने बताया कि परीक्षा के लिए व्यापक तैयारियां कर ली गई हैं।

काफी गहरी हैं बीएसए आफिस में भ्रष्टाचार की जड़ें: अब तक लेखा विभाग का काम संभाले था एक सेवानिवृत्त शिक्षक

लखीमपुर (लखीमपुर) : जिले में बड़ी संख्या में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों की पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के मामले लटके हुए हैं। भ्रष्टाचार के चलते सेवानिवृत्त शिक्षकों को जीपीएफ का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। मामले का खुलासा डीएम के औचक निरीक्षण में हुआ। चार साल पहले रिटायर हुए एक शिक्षक के ही हाथों में पेंशन और जीपीएफ के मामलों का निस्तारण करते पाया गया।

जब खुद जिलाधिकारी को ही सेवानिवृत्त शिक्षक ने काम कराने के लिए दूर खड़े रहने का आदेश दे डाला। इस सीट पर सैकड़ों ऐसे मामले लटके पड़े हैं, जिसमें कई साल पहले सेवा से मुक्त हो चुके शिक्षकों के लाखों के देयक बाबुओं के कारस्तानी के चलते लटके पड़े हैं। मार्च माह में सेवानिवृत्त 158 बेसिक शिक्षकों को पेंशन और जीपीएफ का भुगतान तो दूर अभी तक उनकी फाइलें ही लखनऊ निदेशालय को नहीं भेजी जा सकीं। सेवानिवृत्त शिक्षक पेंशन और जीपीएफ के भुगतान के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। बड़ी संख्या में सहायक अध्यापक बने शिक्षकों के एरियर तक नहीं बन पाए हैं। एरियर पाने के लिए नवनियुक्त शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं। 1बेसिक शिक्षा विभाग के लेखा विभाग ने एक करामाती शिक्षक को सेवानिवृत्त के बाद लेखा संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों की जिम्मेदारी सौंप दी। पिछले चार वर्षों से पेंशन और वेतन संबंधी मामलों के भुगतान का काम इन्हीं शिक्षक के हाथों होता था। यहां तक कि यह सेवानिवृत्त शिक्षक लेखाधिकारी के लीगल एडवाइजर भी बताए जाते हैं। तमाम शिक्षकों की पासबुकें तक अपडेट नहीं हैं। जबकि इसकी जिम्मेदारी लेखा विभाग की है। वर्ष 2016 में रिटायर हुए शिक्षकों का बढ़े हुए वेतन का एरियर अभी तक नहीं मिला है। इसके लिए वे लगातार चक्कर काट रहे हैं। जिलाधिकारी के मामला संज्ञान में आने के बाद इस भ्रष्ट महकमे में हलचल तो जरूर मची है, लेकिन इसका भविष्य में शिक्षकों को कितना फायदा मिल पाता है यह तो आने वाला समय बताएगा। इस विभाग में बिना सुविधाशुल्क दिए लेखा विभाग में काम करा पाना अब तक किसी मुसीबत से कम नहीं रहा है। लेखाधिकारी र¨वद्र शर्मा ने बताया कि वह न्यायालय में हैं इसलिए बात संभव नहीं है। देरशाम उनसे दोबारा बात नहीं हो पाई। उधर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय शुक्ला ने बताया कि उनके यहां कोई भी प्रकरण पेंशन आदि के नहीं लटके हैं। लेखा विभाग के स्तर पर ही मामले लंबित हैं।

सोती शिक्षिका के फोटो पर घिरे बीएसए: शिक्षक संगठनों के विरोध में आने पर बीएसए बैकफुट पर: बोले, निलंबन नहीं, स्टेनो ने भी शिक्षिका से मांगी माफी

लखीमपुर: कक्षा में सोती शिक्षिका का फोटो खिंचवाकर वाहवाही लूट रहे बीएसए फोटो को लेकर खुद घिर गए । शिक्षिका का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर शिक्षक संगठनों ने बीएसए को कठघरे में खड़ा कर
दिया। साथ ही अन्य लोगों ने भी निंदा की। अब बीएसए शिक्षिका को निलंबित किए जाने की बात को भी खारिज कर रहे हैं। इतना ही नहीं महिला का फोटो वायरल करने वाला स्टेनो अब लिखित में माफी मांगता फिर रहा है। 1 बीएसए से मिले संघ के जिलाध्यक्ष संजीव त्रिपाठी ने इसे निजता के हनन का मामला बताया है। कई अन्य संगठनों ने भी इस मामले पर अपनी नाराजगी जताई है। उनका कहनाहै कि इस तरह फोटो खिंचाना और व्हाट्स ग्रुप पर वायरल करना शिक्षिका का अपमान है।इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ये था मामला
बुधवार को बीएसए संजय शुक्ला ने उन्नीस स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। यहां बीएसए को अजब-गजब मामले दिखाई दिए। ऐसे ही सिकंदराबाद के एक स्कूल में महिला टीचर अपनी बच्ची को गोद में लेकर सोती हुई मिली। साहब के स्टेनो ने उसका फोटो खींच लिया। अगले ही पल वह शिक्षा विभाग के एक व्हाटसएप ग्रुप से बाईपास होते हुए जिले के कई ग्रुपों में वायरल हो गई। उनके आफिस से बाकायदा इस बात की पुष्टि की जाने लगी कि ये घटना हुई है और उस टीचर को निलंबित किया गया है।
रातोंरात बदले हालात
बुधवार दोपहर बाद से वायरल होने लगी उस फोटो को लेकर गुरुवार सुबह तक हालात बदल चुके थे। न जाने कितने खबरिया चैनल बीएसए की बाइट लेने उनके दफ्तर के बाहर जमा हो गए। शिक्षक नेता लासमबंद होकर दफ्तर पहुंच गए मामला उल्टा पड़ता देख बीएसए साहब ने ये तक कह दिया कि उस टीचर को निलंबित ही नहीं किया गया। इतना ही बीएसए के स्टेनो ने बाकायदा लिखित में ग्रुप पर अपना माफीनाम भी डाला और टीचर से माफी मांग ली। इधर भाजपा नेता व जिला पंचायत सदस्य अनूप शुक्ला ने इसे नारी के अपमान का मुददा बताया और बीएसए के इस्तीफे की मांग कर डाली। हंिदूू जागरण मंच ने भी इस घटना की निंदा करते हुए बीएसए पर कार्रवाई की मांग की है। मंच के अध्यक्ष राहुल तिवारी व मंत्री संजीव सनातन ने ऐसी घटनाओं को रोकने की भी मांग की है।’>>शिक्षक संगठनों के विरोध में आने पर बीएसए बैकफुट पर 1’>>बोले, निलंबन नहीं, स्टेनो ने भी शिक्षिका से मांगी माफी

CM Yogi eeached the Primary School