21.3.17

छात्रों को अध्यापन के लिए आकर्षित करेगी सरकार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए व्यापक रणनीति पर काम शुरू किया है। इसके तहत एक ओर एमफिल और पीएचडी कर रहे छात्रों को अध्यापन की ओर आकर्षित किया
जाएगा। वहीं, विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे रिटायरमेंट के बाद भी 70 साल की उम्र तक शिक्षकों की सेवा लें। साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी की सूचना नियमित रूप से एक वेबसाइट पर जारी की जाएगी। 1केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को स्पष्ट तौर पर माना कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा, ‘शिक्षकों की कमी बहुत गंभीर मुद्दा है। देश में 41 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और इनमें 20 फीसद रिक्तियां हैं। हमने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे रिक्तियां भरने की प्रक्रिया नियमित रूप से जारी रखें। यह वाक इन इंटरव्यू हो और रिक्तियों को तुरंत दूर किया जाए।’ रिक्तियों से जुड़ी निगरानी व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमने तय किया है कि शिक्षकों की रिक्तियों को नियमित तौर पर डायनेमिक प्लेटफार्म पर पेश किया जाएगा। इस तरह कोई भी वेकेंसी की स्थिति कभी भी देख सकता है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे हर 15 दिन में इसे अपडेट करें। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेबसाइट पर इसका लिंक होगा।’ इसी तरह शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि शिक्षक अगर रिटायर के बाद भी स्वस्थ हों तो 70 साल की उम्र तक उनकी सेवा ली जाए।