18.8.17

सत्याग्रही शिक्षामित्र शिक्षा सहायक पद को अड़े

जागरण संवाददाता, आगरा: डायट परिसर में (बीएसए कार्यालय) पर शिक्षामित्रों ने गुरुवार को सत्याग्रह किया। वीरेंद्र छौंकर और प्रदीप उपाध्याय समेत 21 शिक्षामित्र क्रमिक अनशन पर बैठे। शिक्षामित्रों ने सभा कर प्रदेश सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि सरकार उनका अध्यादेश के तहत शिक्षा सहायक पद पर समायोजन करे। साथ ही शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर सुप्रीमकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की है।
जुलाई के आखिरी सप्ताह में सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया था। इसके बाद शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन और विधायक व सांसदों, मंत्री का आवास घेरा था। तब शिक्षामित्रों को भरोसा दिया गया कि सरकार उनके हित में कोई राह खोजेगी। इसके बाद शिक्षामित्रों ने आठ दिन चले आंदोलन को स्थगित कर दिया। शिक्षामित्रों को उम्मीद थी कि सरकार उनके लिए कोई इंतजाम करने में सफल हो जाएगी। लेकिन 15 दिन बाद भी सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने का निर्णय नहीं ले सकी। अब शिक्षामित्र सरकार से भरोसा नहीं निर्णय चाहते हैं। वे सरकार से इस संबंध में अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार शिक्षामित्रों ने टोपी पहन प्रदर्शन किया, जिस पर लिखा था कि अध्यादेश लाओ, शिक्षामित्र बचाओ। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर ने कहा कि भविष्य में शिक्षामित्रों से वार्ता में सरकार अपर सचिव को अलग रखे। क्योंकि उनकी वजह से ही वार्ता विफल हो रही हैं। वे गलत बयानबाजी कर रहे हैं। वार्ता की जिम्मेदारी किसी अन्य अफसर को सौंपी जाए। शुक्रवार को अनशन जारी रहेगा। अनशन पर बैठे शिक्षामित्रों की सूची डीएम को प्रेषित की गई है। प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में शिक्षा सहायक पद पर शिक्षामित्रों को समायोजित करने, आंदोलन के दौरान मृत शिक्षामित्रों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई।
ज्ञापन एसीएम तृतीय सुनील कुमार को सौंपा। अशोक शर्मा, शिशुपाल चाहर, सुधीश शर्मा, सीपी तौमर, करतार यादव, भूपेंद्र, नंदकिशोर, राजभान गुर्जर, ओमवीर, मुकेश भदौरिया, हरीशंकर शर्मा, रघुवीर, रामनरेश, रामपाल,माध्वी सोलंकी, मुक्ता रावत, अर्चना, रीना, सचिन, सतेंद्र मीनू, मधू शर्मा आदि मौजूद रहे।
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-स्कूलों की पढ़ाई पर संकट
शिक्षामित्रों के सत्याग्रह से एक बार फिर स्कूलों में पढ़ाई पर संकट आ गया है। गुरुवार को करीब 400 एकल विद्यालय नहीं खुले और अन्य विद्यालयों में भी पढ़ाई प्रभावित रही।