1.12.16

कोई भी लक्ष्य बड़ा नही

*कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं ,*
*जीता वही जो डरा नहीं |*

*सभी साथियो को नमस्कार*
साथियो  धरने में संख्या देखकर बहुत निराशा हुई।धरने के शुरू होने से पहले हमारे बहुत से साथी ग्रुप पर सक्रिय दिख रहे थे बहुत हल्ला बोला जा रहा था पर जब जमीनी स्तर पर लड़ने की बारी आई तो सभी शांत होकर घरो में बैठ गए। साथियो आज मैं आप सभी से बस एक बात पूछना चाहता हूँ संगठन जो अनुदेशक हित के लिए अपना घर छोड़कर लखनऊ में अनुदेशक हित के लिए लड़ रहा है उसका फायदा क्या सिर्फ पदाधिकारियो को होगा  आप लोगो का क्या कोई लाभ नही या आप सभी ने एक मानसिकता बना ली है कि हमे तो धरने में नही जाना जब कुछ भला होगा तो हमारा भी हो जायेगा। साथियो लड़ाई कभी भी अकेले नही जीती जाती लड़ाई को जीतने के लिए आवश्यक है संख्या बल पर हमारा संख्या बल तो घरो में बैठा हुआ है और व्हटसप और फेसबुक के जरिये धरने पर नजर बनाये हुए है। साथियो ये वक़्त ऐसा है जिस भी संगठन ने अपना संख्या बल दिखया है उसे कुछ न कुछ मिला जरूर है। साथियो क्या हम अनुदेशक इतने सक्षम नही की एक बार संख्या बल का एहसास करा कर शासन को मजबूर कर दे अपनी मांगो को मनवाने के लिए साथियो अब कायरता छोड़ो अब घरो में बैठकर कुछ भी हासिल नही होने वालाआइये हम सब साथ मिलकर इस अनुदेशक हित की लड़ाई को लड़े और दिखा दे अनुदेशको की ताक़त को और छीन ले अपना हक़ और सम्मान। क्योंकि ये इस चुनावी वर्ष की अंतिम लड़ाई है और अगर हम सबने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर दिया तो सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी। इसलिए सभी साथियो से मेरा विनम्र निवेदन हैं आप सभी धरना स्थल पर जरूर पहुंचे।

*हौसले बुलन्द कर रास्तो पर चल दे,*
*तुझे तेरा मुकाम मिल जायेगा,*
*अकेला तू पहल कर,*
*काफिला खुद ब खुद बन जायेगा!!!*

*निवेदक*
*मुकेश सिंह तोमर*
*प्रदेश मंत्री*