13.12.16

15वे संशोधन से हुई भर्तियों को बचाने के लिए क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं और कैसे करेंगे इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए जरुर पढ़ें

15वे संशोधन से हुई भर्तियों को बचाने के लिए क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं और कैसे करेंगे इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए जरुर पढ़ें 


दोस्तों, 15वे संशोधन से हुई भर्तियों को बचाने के लिए क्या कर रहे हैं, क्यों कर रहे हैं और कैसे करेंगे इन सब सवालों के जवाब दिए जायेंगे।
संक्षेप में यही कहूँगा कि जिसको जितना कोर्ट का ज्ञान हो वो ज्ञान सही दिशा में लगाये। बहुत हुआ विरोध। अगर हमारे काम करने से किसी को कोई समस्या है तो वो बर्दाश्त करना सीख ले और जहाँ तक कोर्ट मामलों और पैरवी का ज्ञान की बात है तो वो भी वक्त आने पर परखा जायेगा।
सभी से इतना कहूँगा कि आज तक जितना भी भरोसा आपका जीत पाया हूँ। उसका रत्ती भर भी कम नहीं होगा। किसी को लग रहा है कि मैं तोड़ रहा हूँ तो सरासर गलत है। आज हमने 29 हजार 10 हजार, 9800, 15000 और 16448 लगभग 90 हजार लोगों को एक साथ जोड़ा है। और जहाँ तक विधिक ज्ञान की बात है हमारे साथ कोर्ट के ऐसे महारथी खड़े हैं जिनके पास 8 साल का सुप्रीम कोर्ट का अनुभव है। जो कहता है हमारे पास कोर्ट के आर्डर नहीं है उससे यह कहना है जिसकी RTE आप इधर उधर शेयर होते देखते होंगे वो खुद हमारे साथ खड़े हैं। आपको लगता होगा कि हमारे पास वकीलों की जानकारी कम है तो बताना चाहता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट के सबसे बड़े वकीलों का पैनल हमारे साथ होगा। बाकी अंत में जो कहते हैं कि हमारे पास ठोस प्लान नहीं है तो उनका जवाब जल्द ही मिल जायेगा।
किसी से कोई द्वेष नहीं। हमें लगता है कि हम बेहतर काम कर सकते हैं इसलिये आगे आये हैं। अगर किसी के पास भर्तियों में अतिक्रमण करके फंसाने का इतिहास है तो हमारे पास भर्ती लाने और उसे पूरी कराने का इतिहास है। अगर जनाधार की बात है तो इसका जवाब आप देंगे। मैं खुद आपसे संपर्क नहीं कर पाता कॉल नहीं कर पाता आपसे जुड़ नहीं पाता उसका कारण यह नहीं कि मैं घमंडी हूँ। उसका कारण यह है कि मैं बहुत व्यस्त रहता हूँ। मगर यह विश्वास दिलाता हूँ कि आपके साथ बिताया एक एक पल यादों में सहेज कर रखा है।
यह सब इसलिए मुझे खुद बोलना पड़ रहा है क्योंकि मेरे पास कोई नहीं जो मेरी तारीफों के कसीदे पढ़े अपनी पोस्ट में। मेरे साथ कोई नहीं जो मेरे साथ घर से निकले। आज तक जहाँ गया हूँ जब निकला हूँ अकेला गया हूँ और अकेला ही वापस घर आया हूँ। जब जहाँ जितना खर्च किया है अपना पैसा खर्च किया है। खुद ही सारा काम करता हूँ। दूसरों को अगर कोई काम करने को कहता हूँ तो रात-दिन एक करके उसके कार्य करने के लिए परिस्थितियां सुगम बनाता हूँ। आप मुझपर इल्जाम लगाने से पहले मेरे आपके हम सबके अतीत की तरफ जरूर झाँक लेना।
साथियों मैं अगर गलत हूँ तो आप खुलकर मेरी गलतियों पर मुझको टोकें मेरी मुखालफत करें। लेकिन मैं किसी को यह अधिकार नहीं देता कि वो घर बैठके अपनी पोस्ट में मेरे बारे में गलत शब्दावली और भाषा का प्रयोग करे। जिसे प्रतिस्पर्धा करनी है या साथ देना है खुल कर सामने आये। ये जितनी भी दोयम दर्जे की बातें हो रही हैं सब बंद होनी चाहिए। सब बस अपने काम पर फोकस करें। हमें 15वें संशोधन के रद्द होने का दाग हमारी भर्ती से मिलकर हटाना है। जो भी आगे आकर काम करे सबका स्वागत है।
अब मेरी बैटरी जा रही है घर पहुंचकर विस्तार से। मीटिंग के सभी पहलुओं और निर्णय से अवगत कराउंगा। मुझे पूर्ण विश्वास है एक दिन परिस्थितियां जरूर बदलेंगी। धन्यवाद।
- प्रेम वर्मा (श्रावस्ती)
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