16.12.16

पीएचडी प्रवेश परीक्षा में दोहरे मानकों का विरोध,पात्रता परीक्षा में दोहरे मानकों का विद्यार्थियों ने विरोध किया

लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) में पीएचडी में दाखिले के लिए आयोजित हुई पात्रता परीक्षा में दोहरे मानकों का विद्यार्थियों ने विरोध किया है। गुरुवार को छात्रों ने कुलपति प्रो. एसपी सिंह को ज्ञापन सौंपकर मामले में पुनर्विचार
करने की मांग की। छात्रों का कहना था कि लविवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा पीएचडी के नए नियम 2016 को अपने आर्डिनेंस में जल्दबाजी में लागू किया है। आर्डिनेंस में जब साफ लिखा है कि पात्रता परीक्षा में 50 प्रतिशत प्रश्न विषय के और 50 प्रतिशत प्रश्न शोध पद्धति के होंगे तथा प्रवेश परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक लाने वाला ही पास माना जाएगा। फिर आखिर लविवि ने अपनी सहूलियत के अनुसार नियम क्यों लागू किए।
लविवि के छात्रनेता विवेक सिंह मोनू का कहना है कि इस मामले की ढंग से जांच हो और विशेषज्ञों की देखरेख में नियमों को इस बार शिथिल करने पर विचार किया जाए। शोध पद्धति परास्नातक में न पढ़ाए जाने के कारण लविवि ने प्रश्नपत्र में इसके सवाल नहीं पूछे तो उसे इस बार पास होने के लिए 50 अंकों की अनिवार्यता भी लागू नहीं करनी चाहिए थी। आखिर आधे अधूरे नियमों को लागू कर परीक्षा क्यों करवाई गई? ट्रैवल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट विषय में पीएचडी की पात्रता परीक्षा देने वाले छात्र दानिश आजाद ने मांग की है कि ओएमआर शीट की कार्बन कापी दी गई थी लेकिन अभी तक आंसर की जारी नहीं की गई। आखिर फिर कार्बन कापी देने से क्या फायदा हुआ? रिजल्ट घोषित हो गए और इंटरव्यू शुरू हो गए हैं। ऐसे में लविवि प्रशासन को इस प्रकरण पर कोई ठोस निर्णय छात्रों के हित में लेना चाहिए।