लखनऊ। राजधानी के परिषदीय, राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील के बिल भुगतान से पहले उसका सत्यापन किया जाएगा। जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने मिड-डे-मील वितरित करने वाले सभी एनजीओ के बिल सत्यापन के निर्देश बीएसए को दिए हैं।राजधानी के करीब 2029 परिषदीय, राजकीय, सहायता प्राप्त एवं मदरसों आदि में करीब दो लाख 38 हजार बच्चों को मिड-डे-दिए जाने की व्यवस्था है। इनमें अक्षयपात्र फाउंडेशन के पास नगर क्षेत्र के परिषदीय सहित काकोरी, चिनहट,
सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज ब्लॉक के एक लाख बच्चों को मिड-डे-मील देने की जिम्मेदारी है। वहीं सात एनजीओ के पास माध्यमिक राजकीय, एडेड विद्यालयों एवं मदरसों में खाने देने की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी एनजीओ के बिलों का भुगतान पिछले काफी महीने से नहीं हुआ है। लिहाजा इसका प्रस्ताव जब जिलाधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने पत्रावली पर बिलों के सत्यापन के आदेश जारी कर दिए। अब इन एनजीओ के भुगतान का मामला अटक गया है।
सरोजिनी नगर, मोहनलालगंज ब्लॉक के एक लाख बच्चों को मिड-डे-मील देने की जिम्मेदारी है। वहीं सात एनजीओ के पास माध्यमिक राजकीय, एडेड विद्यालयों एवं मदरसों में खाने देने की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी एनजीओ के बिलों का भुगतान पिछले काफी महीने से नहीं हुआ है। लिहाजा इसका प्रस्ताव जब जिलाधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने पत्रावली पर बिलों के सत्यापन के आदेश जारी कर दिए। अब इन एनजीओ के भुगतान का मामला अटक गया है।