कुछ लोगों का मानना है की शि.मि. sc में जीत जायेंगे क्योंकि --
-उनकी संख्या 1.70लाख है और उनका संगठन एक है जबकि बीएड टेट वाले विभिन्न गुटों में बटे हुए हैं
-उनके साथ सरकारी वकीलों की फौज के अलावा खुद के वकीलों की भी लम्बी कतार है
-उनकी 15 साल की सेवा को देखते हुए कोर्ट दया दृष्टी भी रख सकता है
कुछ लोग तो सलमान खान और संजय दत्त के केस का उदहारण भी देते है कि धनबल के आधार पर वो जीत गए
माना ये सारे बिंदु अपनी जगह सही हैं लेकिन अगर संख्या बल और धनबल के आधार पर ही sc में जीत होने लगती तो अशोक खेमका अमिताभ ठाकुर जैसे लोग ताकतबर शक्तियों और सरकारों को लोहे के चने चबाने में कामयाब नहीं होते-उनकी संख्या 1.70लाख है और उनका संगठन एक है जबकि बीएड टेट वाले विभिन्न गुटों में बटे हुए हैं
-उनके साथ सरकारी वकीलों की फौज के अलावा खुद के वकीलों की भी लम्बी कतार है
-उनकी 15 साल की सेवा को देखते हुए कोर्ट दया दृष्टी भी रख सकता है
कुछ लोग तो सलमान खान और संजय दत्त के केस का उदहारण भी देते है कि धनबल के आधार पर वो जीत गए
रही बात सलमान खान और संजय दत्त केस की तो वो मर्डर और आर्म्स एक्ट के केस थे जिसमे गवाह खरीदे जा सकते हैं जबकि यह सर्विस रूल का केस है जसमें गवाह इंसान नहीं ncte की वो गाइडलाइन है जो चीख चीख कर गवाही देगी कि शि.मि. समायोजन गलत है
एक बार फिर सत्य कसौटी पर है लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी यह साबित हो जायेगा की सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं...
मनीष कुमार
( टेट पास शिक्षक)