आज झारखण्ड पारा शिक्षकों के नियमितिकरण से सम्बन्धित केस ३९१/२०१६ का केस रांची हाईकोर्ट में लगा है, जिस पर यूनियन ऑफ इण्डिया (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) की ओर से ड्यूप्टि सेक्रेटरी अनामिका सिंह उपस्थित है और
उन्होने १८ पेज का एडिशनल काउंटर कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
*काउंटर में केंद्र सरकार ने साफ़ कहा है कि पारा शिक्षक नियमित नहीं किये जा सकते हैं, राज्य की बीजेपी सरकार पहले ही नियमितीकरण से इंकार कर चुकी है।*उन्होने १८ पेज का एडिशनल काउंटर कोर्ट में प्रस्तुत किया है।
दूसरी तरफ....*उत्तर प्रदेश में*
*भारी प्रसन्नता का विषय है कि अब शिक्षामित्र संघो और टीमो के कंधे से एक बड़ा बोझ उतर गया, राज्य और केंद्र सरकार शिक्षमित्र हितैषी निकली। अब कोर्ट पैरवी में ख़ास मेहनत की कोई ज़रूरत नहीं है।* क्योंकि नवगठित सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही शिक्षा मित्र हितैषी हैं। ये तथ्य सभी संघो और टीमों द्वारा उद्घाटित किया गया है, सभी के द्वारा इसके प्रमाण भी सोशल मीडिया पर प्रचुर मात्रा में प्रसारित प्रचारित भी किये जा चुके हैं। *अतैव अब 7 अप्रैल को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ही नहीं आने वाली सुनवाइयों के लिए भी काफी हद तक निश्चिन्त हुआ जा सकता है।*
यदि कुछ लोग जो इन जीते जागते प्रमाणों से संतुष्ट न हों और सिर्फ कोर्ट और साक्ष्यों पर भरोसा करते हों वे अविलंब
★आजीविका और मान सम्मान से कोई समझौता नहीं।।
©मिशन सुप्रीम कोर्ट।