19.12.16
अब देश भर में वित्तीय साक्षरता को लगेंगी कक्षाएं
जासं, इलाहाबाद : देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में अब विद्यार्थी भ्रष्टाचार से लड़ाई का पाठ भी पढ़ेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की कोशिशों को आगे बढ़ाते हुए सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों व कालेजों को कहा कि वे विद्यार्थियों को बताएं कि भ्रष्टाचार क्या है। इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। इसके अंतर्गत कौन-कौन सी गतिविधियां आती हैं और इनके खिलाफ कैसे आवाज उठाई जा सकती है। इलाहाबाद में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इस संबंध में कक्षाएं शुरु हो चुकी हैं। नैतिकता के पतन को रोकने के लिए भ्रष्टाचार और इसके कारण को जानने के लिए वर्तमान यूजीसी नया प्रयोग कर रही है। उच्च शिक्षण संस्थान यानि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों आदि के पाठयक्रमों में ऐसे पाठयक्रम समाहित किए जाएंगे, जिसके आधार पर छात्र भ्रष्टाचार का कारण और निवारण के बारे में जान सकेंगे। यूजीसी
; सचिव प्रोफेसर जसपाल एस संधू ने देशभर के कुलपतियों और निदेशकों को लिखे पत्र में निर्देश दिया है। बीते दिनों भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित जागरूकता सप्ताह में सीवीसी ने पाया कि न सिर्फ स्कूली बल्कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थी भ्रष्टाचार की समस्या से अनभिज्ञ थे। उन्हें न तो इस समस्या के संबंध में स्पष्ट जानकारी थी और न ही उन्हें यह पता था कि इससे कैसे निपटा जाए। विद्यार्थियों के स्तर पर नजर आई इसी कमी को दूर करने के लिए सीवीसी ने सलाह दी थी कि स्कूल व विश्वविद्यालय स्तर पर विद्यार्थियों को नैतिकता, सतर्कता व एंटी करप्शन के विषय में पाठयक्रम, कार्यशाला व अन्य माध्यमों से अवगत कराए जाए। एमएनएनआइटी एनएसएस कॉर्डिनेटर डा. राजेश शास्त्री ने बताया कि विभिन्न कक्षाओं में वित्तीय साक्षरता का अभियान शुरू है।