👉 प्राथमिक शिक्षा में अब नहीं होगा बीएड वालों की नियुक्ति।
👉 बीएड बेरोजगारों का शोषण कर रहे है कुछ इनके नेता।
👉 टेट 2011 पास को पूर्ण समायोजन के नाम पर लाखों कमा रहे है है इनके नेता
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में अब बीएड वालों की नियुक्ति नहीं होगी। क्यों की RTE एक्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारक ही अध्यपक रखे जाएंगे।
जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश में पर्याप्त है। हर साल बीटीसी के 80 हज़ार अभ्यर्थी निकल रहे है। बीएड बेरोजगारों को इनके कुछ नेताओं ने पूर्ण समायोजन का लालच देकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं के माध्यम से लड़ रहे है कि यूपी में रिक्त पदों पर बीएड वालों की नियुक्ति की जाय जब की ऐसा राज्य सरकार करना नहीं चाहती है। क्यों की अभी बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी पर्याप्त है जिनको सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है। इधर बीएड बेरोजगारों के नेता शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त करवाके, इनके खाली पदों पे बीएड वालों की नियुक्ति की मांग कर रहे है। जब की इनको को ये पता नहीं है। की शिक्षामित्रों का पद कभी खाली नहीं होगा👉 बीएड बेरोजगारों का शोषण कर रहे है कुछ इनके नेता।
👉 टेट 2011 पास को पूर्ण समायोजन के नाम पर लाखों कमा रहे है है इनके नेता
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में अब बीएड वालों की नियुक्ति नहीं होगी। क्यों की RTE एक्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा धारक ही अध्यपक रखे जाएंगे।
ये पहले भी टीचर थे और हमेशा रहेंगे। इनको सुप्रीम कोर्ट भी इनके पद से हटा नहीं सकती है। क्यों की ये लोग 15 वर्षों से अपना योगदान बेसिक शिक्षा में दे रहे है। बीएड वालों के नेता बीएड बेरोजगारों को पूर्ण समायोजन का सपना दिखा कर अच्छा चंदा वसूल रहे है और इन नेताओं की अच्छी तरह से दुकान चल रही है।