3.1.17

खाना बनाएंगे रसोइए, मगर नहीं धोएंगे जूठे बर्तन, थाली-गिलास क्या बांटे स्कूलों में एक नई मुसीबत खड़ी

सुलतानपुर : बेसिक स्कूलों में सरकार ने थाली-गिलास क्या बांटे वहां एक नई मुसीबत खड़ी हो गई। क्योंकि पहले घर से बर्तन लाकर भोजन करने के बाद बच्चे उसे धो लेते थे। साथ ही घर जाते समय वापस लेकर चले जाते थे। अब स्कूल में ही स्कूली बर्तन में ही भोजन मिल जाता है। ऐसे में बच्चे जूठा बर्तन वहीं छोड़ देते हैं।
रसोइयों ने इन जूठे बर्तनों को मांजने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कहा है कि वे सिर्फ भोजन बनाएंगे, बर्तन नहीं साफ करेंगे। 1मध्याह्न् भोजन रसोइया मजदूर संघ ने सोमवार को कलेक्ट्रेट के सामने प्रदेश उपाध्यक्ष भोलेनाथ गौड़ की अध्यक्षता में बैठक की। जिसमें विभिन्न बिंदुओं पर विचार किया गया। 1बैठक में मौजूद जिला उपाध्यक्ष रजिया बेगम व दीपा, धर्मा आदि ने कहाकि अभी तक बच्चे घर से थाली-गिलास लाते थे। जिनमें भोजन परोसा जाता था। वे उसे खाना खाने के बाद खुद धो-पोछकर घर लेकर चले जाते थे। अब सरकार ने प्रत्येक बच्चों के लिए स्कूलों में थाली-गिलास-कटोरी बांट दी है। बच्चे भोजन के बाद उन्हें जूठा ही छोड़ देते हैं, जिसे मजबूरन रसोइयों को साफ करना पड़ रहा है। यह नियम-विरुद्ध है। माधुरी, प्रमिला ने कहाकि यह अतिरिक्त कार्य हम कतई नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी होगा। संगठन ने बीएसए को ज्ञापन प्रेषित कर मसले का ठोस हल निकालने और प्रभावी कार्रवाई करने की मांग की। रसोइयों का कहना है कि बच्चों को अपने झूठे बर्तन खुद साफ करने पड़ेंगे। यह हमारा काम नहीं है।