31.12.16
चार शिक्षक निलंबित कई का वेतन रोका, लापरवाही मिलने पर बीईओ की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई: सीतापुर
सीतापुर : दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में एक शिक्षक तथा तीन शिक्षिकाओं को बीएसए ने निलंबित कर दिया है। इनमें से तीन मछरेहटा ब्लॉक तथा एक शिक्षिका खैराबाद ब्लॉक में तैनात थीं। खंड शिक्षाधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान खामियां पाए जाने पर कार्रवाई के लिए संस्तुति करते हुए बीएसए को अपनी रिपोर्ट दी थी। इसके अलावा दो अनुदेश तथा कई शिक्षकों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोक दिया गया है।1मछरेहटा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहंगपुर के सहायक अध्यापक उदित प्रताप सिंह पर
एसएमसी गठन, एसएमसी खाते का प्रभार और ड्रेस वितरण पंजिका सहित अन्य अभिलेख का प्रभार न देकर वेतन भुगतान करा लिया था। इसके अलावा शिक्षक पर कई ओर लापरवाही के गंभीर आरोप खंड शिक्षाधिकारी ने जांच के दौरान लगाए थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय रसलुवा की शिक्षिका मीनू सिंह पर विभागीय दायित्वों को निर्वहन न करने तथा अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप मिले थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहंगपुर की शिक्षिका आशा गौतम महीने में दो ही तीन बार विद्यालय आती थी। खैराबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नरही की शिक्षिका इफ्तआरा पर समय से विद्यालय न आने तथा फर्जी तरीके से अवकाश दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा था। बीईओ की संस्तुति पर बीएसए ने इन चारों शिक्षकों को निलंबित करते हुए बीआरसी से संबद्ध किया है। मछरेहटा ब्लॉक के अनुदेशक रेनू देवी व जयशंकर त्रिवेदी का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। 1कसमंडा ब्लॉक की उच्च प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर की शिक्षिका पुष्पिता यादव, यासमीन बेगम निरीक्षण में अनुपस्थित मिली थीं। प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर में प्रियंका राव व नवीउन्ननिशां अनुपस्थित पायी गयी थी। बीईओ की रिपोर्ट पर इन सभी का अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया गया है।
एसएमसी गठन, एसएमसी खाते का प्रभार और ड्रेस वितरण पंजिका सहित अन्य अभिलेख का प्रभार न देकर वेतन भुगतान करा लिया था। इसके अलावा शिक्षक पर कई ओर लापरवाही के गंभीर आरोप खंड शिक्षाधिकारी ने जांच के दौरान लगाए थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय रसलुवा की शिक्षिका मीनू सिंह पर विभागीय दायित्वों को निर्वहन न करने तथा अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप मिले थे। इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय लोहंगपुर की शिक्षिका आशा गौतम महीने में दो ही तीन बार विद्यालय आती थी। खैराबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नरही की शिक्षिका इफ्तआरा पर समय से विद्यालय न आने तथा फर्जी तरीके से अवकाश दिए जाने का दबाव बनाया जा रहा था। बीईओ की संस्तुति पर बीएसए ने इन चारों शिक्षकों को निलंबित करते हुए बीआरसी से संबद्ध किया है। मछरेहटा ब्लॉक के अनुदेशक रेनू देवी व जयशंकर त्रिवेदी का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। 1कसमंडा ब्लॉक की उच्च प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर की शिक्षिका पुष्पिता यादव, यासमीन बेगम निरीक्षण में अनुपस्थित मिली थीं। प्राथमिक विद्यालय दाउदपुर में प्रियंका राव व नवीउन्ननिशां अनुपस्थित पायी गयी थी। बीईओ की रिपोर्ट पर इन सभी का अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया गया है।
नियमों के फेर में फंस गया विद्यालय का निर्माण, विभागीय स्वीकृति में देरी से छात्र जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर: सीतापुर
सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग का विद्यालय दि सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां ने बनवाने का प्रस्ताव महकमे को दिया था। दरअसल मिल परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय जर्जर हो गया था। मिल प्रबंधन का प्रस्ताव विभागीय नियमों के मकड़ जाल में उलझ गया है। कई पत्रचार के बाद बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी से विद्यालय के बाबत अभिलेख मांगे है। सूत्रों की माने तो विभागीय स्वीकृति मिलने में अभी समय है, जिससे नौनिहाल जर्जर हो चुके
भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। 1बिसवां नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसको देखते हुए कई माह पहले मिल प्रबंधन ने विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें प्रबंधन अपने खर्चे से विद्यालय बनवाने को तैयार था। विभाग ने प्रस्ताव काफी हीला हवाली के बाद शासन भेजा। जहां से कई ¨बदुओं पर विभाग से जानकारी मांगी गई। कई माह की लंबी कवायदों के बाद शासन ने विद्यालय भवन के रंगीन फोटो व कई ¨बदुओं पर आख्या मांगी थी। जिसके क्रम में बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी बिसवां नगर क्षेत्र को पत्र लिख कर ¨बदुवार आख्या मांगी है। जर्जर विद्यालय की फोटोग्राफ के साथ भूमि का विवरण भी मांगा गया है। विद्यालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन अथवा विभाग की है। विद्यालय पर होने वाला खर्च किसके द्वारा वहन किया जा रहा है। विभागीय नियमों में फंसे विद्यालय को लेकर अफसरों का रवैया अभी तक नकारात्मक ही नजर आया है। ऐसे में जर्जर विद्यालय के स्थान पर नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा है।बिसवां चीनी मिल प्रबंधन ने जर्जर हो चुके प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया के निर्माण की बात कही थी। इसको लेकर खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 1- राजेंद्र सिंह, बीएसए
भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर है। 1बिसवां नगर क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इसको देखते हुए कई माह पहले मिल प्रबंधन ने विभाग को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें प्रबंधन अपने खर्चे से विद्यालय बनवाने को तैयार था। विभाग ने प्रस्ताव काफी हीला हवाली के बाद शासन भेजा। जहां से कई ¨बदुओं पर विभाग से जानकारी मांगी गई। कई माह की लंबी कवायदों के बाद शासन ने विद्यालय भवन के रंगीन फोटो व कई ¨बदुओं पर आख्या मांगी थी। जिसके क्रम में बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारी बिसवां नगर क्षेत्र को पत्र लिख कर ¨बदुवार आख्या मांगी है। जर्जर विद्यालय की फोटोग्राफ के साथ भूमि का विवरण भी मांगा गया है। विद्यालय के रख-रखाव की जिम्मेदारी मिल प्रबंधन अथवा विभाग की है। विद्यालय पर होने वाला खर्च किसके द्वारा वहन किया जा रहा है। विभागीय नियमों में फंसे विद्यालय को लेकर अफसरों का रवैया अभी तक नकारात्मक ही नजर आया है। ऐसे में जर्जर विद्यालय के स्थान पर नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा है।बिसवां चीनी मिल प्रबंधन ने जर्जर हो चुके प्राथमिक विद्यालय सेक्सरिया के निर्माण की बात कही थी। इसको लेकर खंड शिक्षाधिकारी नगर क्षेत्र से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। 1- राजेंद्र सिंह, बीएसए
प्राथमिक विद्यालयों में नहीं पहुँचे शिक्षक, आदेश ताख में रखा: सीतापुर
क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में भीषण ठंड को लेकर अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन शिक्षकों को स्कूलों में उपस्थिति होकर गैर शैक्षिक कार्य निपटाने थे। इसके बाद भी क्षेत्र के स्कूलों में ताला लटकता देखा गया। अपवाद स्वरूप ही स्कूल खुले नजर आए। 11:50 बजे प्राथमिक विद्यालय मोहनपुर में ताला पड़ा था। स्थानीय
लोगों ने बताया कि कोई नहीं आया है। 12:24 बजे प्राथमिक विद्यालय मोहारपुवा भी बंद मिला। वहां पर कुछ छात्र खेलते दिखे। बच्चों ने बताया कि मास्टर साहब आए तो थे, लेकिन थोड़ी देर पहले निकल गए। 12:30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक अजय कुमार उपस्थित थे। पूछने पर बताया कि प्रधानाध्यापक अवकाश पर हैं लेकिन रजिस्टर पर चढ़ा नहीं था। प्राथमिक विद्यालय गनेशपुर 12:52 पर बंद मिला। 13:14 बजे प्राथमिक विद्यालय बहरीमऊ में ताला बंद मिला। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद पटेल ने बताया कि इसकी जांच कराएंगे। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
लोगों ने बताया कि कोई नहीं आया है। 12:24 बजे प्राथमिक विद्यालय मोहारपुवा भी बंद मिला। वहां पर कुछ छात्र खेलते दिखे। बच्चों ने बताया कि मास्टर साहब आए तो थे, लेकिन थोड़ी देर पहले निकल गए। 12:30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक अजय कुमार उपस्थित थे। पूछने पर बताया कि प्रधानाध्यापक अवकाश पर हैं लेकिन रजिस्टर पर चढ़ा नहीं था। प्राथमिक विद्यालय गनेशपुर 12:52 पर बंद मिला। 13:14 बजे प्राथमिक विद्यालय बहरीमऊ में ताला बंद मिला। खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद पटेल ने बताया कि इसकी जांच कराएंगे। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
कंप्यूटर से भी समय पर नहीं बने परीक्षा केंद्र, शासन की योजना धड़ाम तय तारीख से एक माह बाद भी केंद्र अधूरे
यूपी बोर्ड को एक साल के अंदर नई तकनीक का दूसरा बड़ा झटका लगा है। परीक्षा मोबाइल एप के बाद कंप्यूटर से परीक्षा केंद्र बनाने की योजना ने दम तोड़ दिया है। यह दोनों ही निर्णय शासन के वरिष्ठ अफसरों ने लिए जो कुछ कदम चलकर धड़ाम हो गए हैं। इधर कुछ वर्षो से परीक्षा केंद्र तय करने का काम जनवरी माह तक होता रहा है यह ढर्रा इस साल भी कायम रहा। लेटलतीफी वाले जिलों के केवल नाम बदल गए हैं कामकाज के तरीके में कहीं कोई बदलाव नहीं आया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व
इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 में केंद्रों का निर्धारण तय समय सीमा के एक माह बाद भी पूरा नहीं हो सका है। वरिष्ठ अफसरों की सख्ती के बाद कुछ जिलों ने तो तेजी दिखाई, लेकिन निर्देशों की अवहेलना करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों पर उसका कोई असर नहीं हुआ है। सूबे की राजधानी लखनऊ में समूची प्रदेश सरकार एवं सभी विभागों के आला अफसर रहते हैं, लेकिन वहां केंद्र निर्धारण का कार्य सबसे खराब है। वेबसाइट पर सभी परीक्षार्थियों का आवंटन एवं अन्य प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। यह काम कब तक पूरा होगा कोई बताने को तैयार नहीं है। इसी तरह प्रतापगढ़ जिला भी नियमों की अनदेखी कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि प्रतापगढ़ के डीआइओएस का तर्क है कि मंडलीय समिति की मुहर लगने के बाद ही वेबसाइट पर देने वाली सूचनाएं दुरुस्त करेंगे। मंडलीय समिति की बैठक हो चुकी है, फिर भी काम अधूरा है। वहां सबसे कम परीक्षार्थियों का आवंटन हो सका है। पूर्वाचल का गाजीपुर जिला केंद्र निर्धारण में काफी पीछे है। वैसे यहां हर साल देर से ही केंद्र तय होते रहे हैं, वह सिलसिला जारी है। इसी तरह फैजाबाद जिले ने भी वेबसाइट पर केंद्र निर्धारण का कार्य पूरा नहीं हुआ है। पिछले वर्षो में सबसे देर में केंद्र बनाने में हरदोई, बलिया एवं अन्य जिलों का नाम आता था, इस साल जिले के नामों में बदलाव हुआ है, लेकिन कार्यशैली में कोई अंतर नहीं आया है। शासन ने इस बार परीक्षा केंद्र नीति जारी करते हुए 28 नवंबर तक सारे केंद्र बनाने का निर्देश दिया था। पहली बार कंप्यूटर के जरिए केंद्र बनाए जाने का आदेश हुआ, ताकि वह समय पर बन जाएं। शासन ने इस प्रक्रिया पर बोर्ड सचिव, मंडलायुक्त, शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा तक को निगाह रखने के लिए लॉगिन व पासवर्ड तक आवंटित किए थे, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। कुछ दिन पहले सभी जेडी की बैठक बुलाकर जल्द कार्य पूरा कराने का आदेश भी बेअसर रहा है। उधर, परिषद सचिव शैल यादव का कहना है कि नियमित रूप से उन जिलों से संपर्क किया जा रहा है, जो केंद्र निर्धारण में पीछे हैं। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इंटरमीडिएट परीक्षा 2017 में केंद्रों का निर्धारण तय समय सीमा के एक माह बाद भी पूरा नहीं हो सका है। वरिष्ठ अफसरों की सख्ती के बाद कुछ जिलों ने तो तेजी दिखाई, लेकिन निर्देशों की अवहेलना करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों पर उसका कोई असर नहीं हुआ है। सूबे की राजधानी लखनऊ में समूची प्रदेश सरकार एवं सभी विभागों के आला अफसर रहते हैं, लेकिन वहां केंद्र निर्धारण का कार्य सबसे खराब है। वेबसाइट पर सभी परीक्षार्थियों का आवंटन एवं अन्य प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। यह काम कब तक पूरा होगा कोई बताने को तैयार नहीं है। इसी तरह प्रतापगढ़ जिला भी नियमों की अनदेखी कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि प्रतापगढ़ के डीआइओएस का तर्क है कि मंडलीय समिति की मुहर लगने के बाद ही वेबसाइट पर देने वाली सूचनाएं दुरुस्त करेंगे। मंडलीय समिति की बैठक हो चुकी है, फिर भी काम अधूरा है। वहां सबसे कम परीक्षार्थियों का आवंटन हो सका है। पूर्वाचल का गाजीपुर जिला केंद्र निर्धारण में काफी पीछे है। वैसे यहां हर साल देर से ही केंद्र तय होते रहे हैं, वह सिलसिला जारी है। इसी तरह फैजाबाद जिले ने भी वेबसाइट पर केंद्र निर्धारण का कार्य पूरा नहीं हुआ है। पिछले वर्षो में सबसे देर में केंद्र बनाने में हरदोई, बलिया एवं अन्य जिलों का नाम आता था, इस साल जिले के नामों में बदलाव हुआ है, लेकिन कार्यशैली में कोई अंतर नहीं आया है। शासन ने इस बार परीक्षा केंद्र नीति जारी करते हुए 28 नवंबर तक सारे केंद्र बनाने का निर्देश दिया था। पहली बार कंप्यूटर के जरिए केंद्र बनाए जाने का आदेश हुआ, ताकि वह समय पर बन जाएं। शासन ने इस प्रक्रिया पर बोर्ड सचिव, मंडलायुक्त, शिक्षा निदेशक माध्यमिक एवं प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा तक को निगाह रखने के लिए लॉगिन व पासवर्ड तक आवंटित किए थे, लेकिन उसका भी कोई असर नहीं हुआ। कुछ दिन पहले सभी जेडी की बैठक बुलाकर जल्द कार्य पूरा कराने का आदेश भी बेअसर रहा है। उधर, परिषद सचिव शैल यादव का कहना है कि नियमित रूप से उन जिलों से संपर्क किया जा रहा है, जो केंद्र निर्धारण में पीछे हैं। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
अवकाश तालिका: माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी
स्कूलों में साल भर पढ़ाई की बात अब भूल जाइये। वहां ‘आधे दिन’ पढ़ाई हो जाए तो इसे ही गनीमत मानिए, क्योंकि शिक्षा महकमा खुद पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। शायद इसीलिए प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी की गई है। इसमें वैसे तो 236 दिन पढ़ाई और
129 दिन की छुट्टी घोषित हैं, लेकिन अन्य अवकाश को घोषित छुट्टी में जोड़ दिया जाए तो वर्ष में आधे दिन से भी कम दिन ही मुश्किल से पढ़ाई हो पाएगी।
सरकारी विद्यालय वैसे ही बदनाम हैं कि यहां पढ़ाई नहीं होती। अध्यापक समय से विद्यालय नहीं आते। आते भी हैं तो पढ़ाने से जी चुराते हैं। ऐसे में जब स्कूलों में इतनी छुट्टियां रहेंगी तो समझा जा सकता है कि छात्र-छात्रओं का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा। कैलेंडर में घोषित 129 दिन की छुट्टियों के अलावा भी स्कूल में अन्य अवकाश होंगे। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवाचौथ व तीज का अवकाश रहेगा। अत्यधिक ठंड में शीतकालीन अवकाश होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। इन सबको जोड़ लिया जाए तो स्पष्ट है कि बच्चों को कितने दिन स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा। यही नहीं, यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर स्थिति और खराब हो जाएगी। शिक्षा विभाग को नौनिहालों की पढ़ाई के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं होती। मूलभूत संसाधन नहीं हैं। अध्यापक सिर्फ टाइमपास करके घर चले जाते हैं। ये सब समस्याएं बनी रहेंगी जब तक विद्यालयों में इतनी छुट्टियां होंगी। जब विद्यालय लगातार खुलेंगे ही नहीं तो समस्याओं का निस्तारण कैसे होगा। बच्चों का भविष्य चौपट न हो, यह सोचना शासन का दायित्व है। ऐसे में साल भर में इतनी छुट्टियां देना कैसी समझदारी है। इससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भले ही सुकून मिले, छात्र-छात्रओं का तो नुकसान ही है। सरकार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करती है लेकिन, दूसरी तरफ स्कूलों में इतनी छुट्टियां घोषित कर वह अपनी ही योजना को पलीता लगा रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि शासन छुट्टियों के बारे में पुनर्विचार करेगा ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न होने पाए।
129 दिन की छुट्टी घोषित हैं, लेकिन अन्य अवकाश को घोषित छुट्टी में जोड़ दिया जाए तो वर्ष में आधे दिन से भी कम दिन ही मुश्किल से पढ़ाई हो पाएगी।
सरकारी विद्यालय वैसे ही बदनाम हैं कि यहां पढ़ाई नहीं होती। अध्यापक समय से विद्यालय नहीं आते। आते भी हैं तो पढ़ाने से जी चुराते हैं। ऐसे में जब स्कूलों में इतनी छुट्टियां रहेंगी तो समझा जा सकता है कि छात्र-छात्रओं का भविष्य कितना उज्ज्वल होगा। कैलेंडर में घोषित 129 दिन की छुट्टियों के अलावा भी स्कूल में अन्य अवकाश होंगे। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवाचौथ व तीज का अवकाश रहेगा। अत्यधिक ठंड में शीतकालीन अवकाश होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। इन सबको जोड़ लिया जाए तो स्पष्ट है कि बच्चों को कितने दिन स्कूल में पढ़ने का मौका मिलेगा। यही नहीं, यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर स्थिति और खराब हो जाएगी। शिक्षा विभाग को नौनिहालों की पढ़ाई के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं होती। मूलभूत संसाधन नहीं हैं। अध्यापक सिर्फ टाइमपास करके घर चले जाते हैं। ये सब समस्याएं बनी रहेंगी जब तक विद्यालयों में इतनी छुट्टियां होंगी। जब विद्यालय लगातार खुलेंगे ही नहीं तो समस्याओं का निस्तारण कैसे होगा। बच्चों का भविष्य चौपट न हो, यह सोचना शासन का दायित्व है। ऐसे में साल भर में इतनी छुट्टियां देना कैसी समझदारी है। इससे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को भले ही सुकून मिले, छात्र-छात्रओं का तो नुकसान ही है। सरकार प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को जागरूक करती है लेकिन, दूसरी तरफ स्कूलों में इतनी छुट्टियां घोषित कर वह अपनी ही योजना को पलीता लगा रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि शासन छुट्टियों के बारे में पुनर्विचार करेगा ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न होने पाए।
अंतर्जनपदीय तबादले की तीसरी सूची के लिए धरना जारी
राब्यू, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की तीसरी अंतर जिला तबादला सूची जारी कराने की मांग तेज है। बेसिक वेलफेयर एजूकेशन के बैनर तले शिक्षक परिषद मुख्यालय के सामने अनवरत धरना दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव का कहना है कि साढ़े तीन हजार से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना
चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा। परिषद सचिव ने कहा है कि जिन शिक्षकों के तबादले की मांग हो रही है उनमें से अधिकांश के आवेदन ही निरस्त है, तब कैसे स्थानांतरण हो सकता है।
चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा। परिषद सचिव ने कहा है कि जिन शिक्षकों के तबादले की मांग हो रही है उनमें से अधिकांश के आवेदन ही निरस्त है, तब कैसे स्थानांतरण हो सकता है।
4000 उर्दू शिक्षक भर्ती का पंजीकरण शुरू, 13 तक किए जा सकेंगे आवेदन
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूल में एक और भर्ती के लिए शुक्रवार से पंजीकरण शुरू हो गया है। उर्दू के चार हजार सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति पाने के लिए 13 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन लिए जा सकेंगे। दोपहर बाद से वेबसाइट खुल गई है। परिषदीय, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में इन दिनों भर्तियों की बहार है। दो दिन पहले ही 12460 सहायक शिक्षकों के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हुए हैं। 10 जनवरी की शाम पांच बजे तक युवा अपना पंजीकरण करा सकेंगे। आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम
तारीख 11 जनवरी है। ऑनलाइन आवेदन पत्र 13 जनवरी को शाम पांच बजे तक भरे जा सकेंगे। ई-आवेदनपत्र में त्रुटि संशोधन 16 से 18 जनवरी को शाम पांच बजे तक होगा। परिषद सचिव ने बताया कि सभी जिलों को सीटों का आवंटन एवं भर्ती के संबंध में अन्य निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं।
तारीख 11 जनवरी है। ऑनलाइन आवेदन पत्र 13 जनवरी को शाम पांच बजे तक भरे जा सकेंगे। ई-आवेदनपत्र में त्रुटि संशोधन 16 से 18 जनवरी को शाम पांच बजे तक होगा। परिषद सचिव ने बताया कि सभी जिलों को सीटों का आवंटन एवं भर्ती के संबंध में अन्य निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं।
15 तक भरें 29334 गणित विज्ञान भर्ती के अवशेष पद,नियुक्ति पत्र पाने वालों को ज्वाइन करने का एक मौका और: सचिव ने आदेश किया जारी
इलाहाबाद : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की बारी आ गई है। सभी अवशेष पदों को हर हाल में 15 जनवरी तक भरा जाना है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। यही नहीं, जिन अभ्यर्थियों को सातवीं काउंसिलिंग में नियुक्ति पत्र मिल चुका है उन्हें भी कार्यभार ग्रहण करने का एक और मौका दिया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 29334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का आदेश जुलाई 2013 में हुआ था। यह सीटें भरने के लिए 23 अगस्त 2013 से 23 फरवरी 2014 तक कई चरण की काउंसिलिंग कराई गई। इसके बाद भी कुछ जिलों में सभी सीटें भर नहीं सकी है। कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने भी कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए रिक्त सीटें भरने का आदेश जारी किया है। इस आदेश को मनवाने के लिए अभ्यर्थी कई दिन से परिषद मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। परिषद सचिव ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
15 तक मेरिट से सभी पद भरे जाएं
परिषद सचिव ने बीएसए को यह भी निर्देश दिया है कि जिले को आवंटित पदों के सापेक्ष वर्गवार व श्रेणीवार अवशेष रिक्तियों को उस समय की काउंसिलिंग में अर्ह पाए गए अभ्यर्थियों से जिन्हें कटऑफ मेरिट में न आने के कारण नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किया गया था। उनसे संबंधित वर्ग की मेरिट के अनुसार रिक्त पद भरने की कार्यवाही 15 जनवरी तक पूरी की जाए। सचिव ने इस कार्यवाही के बाद रिक्तियों का विवरण 23 जनवरी तक परिषद मुख्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 29334 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का आदेश जुलाई 2013 में हुआ था। यह सीटें भरने के लिए 23 अगस्त 2013 से 23 फरवरी 2014 तक कई चरण की काउंसिलिंग कराई गई। इसके बाद भी कुछ जिलों में सभी सीटें भर नहीं सकी है। कुछ दिन पहले ही हाईकोर्ट ने भी कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए रिक्त सीटें भरने का आदेश जारी किया है। इस आदेश को मनवाने के लिए अभ्यर्थी कई दिन से परिषद मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। परिषद सचिव ने शुक्रवार को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
15 तक मेरिट से सभी पद भरे जाएं
परिषद सचिव ने बीएसए को यह भी निर्देश दिया है कि जिले को आवंटित पदों के सापेक्ष वर्गवार व श्रेणीवार अवशेष रिक्तियों को उस समय की काउंसिलिंग में अर्ह पाए गए अभ्यर्थियों से जिन्हें कटऑफ मेरिट में न आने के कारण नियुक्ति पत्र निर्गत नहीं किया गया था। उनसे संबंधित वर्ग की मेरिट के अनुसार रिक्त पद भरने की कार्यवाही 15 जनवरी तक पूरी की जाए। सचिव ने इस कार्यवाही के बाद रिक्तियों का विवरण 23 जनवरी तक परिषद मुख्यालय को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
30.12.16
असमायोजित शिक्षामित्रों का मानदेय 15 हज़ार होगा : अखिलेश यादव जी ने दिया आश्वासन
लखनऊ।
आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने असमायोजित शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की
जिसमे बलिया जनपद के शिक्षामित्रों ने अपने अनवरत अनशन के माध्यम से राज्य सभा सांसद नीरज शेखर और बलिया बेसिक शिक्षा अधिकारी का सफल योगदान रहा।
मुलाकात के दौरान अखिलेश यादव जी ने मानदेय 15 हज़ार करने का वादा किया जिसका आदेश बहुत जल्द
कर दिया जायेगा।
सूत्र।
सीएम अखिलेश यादव 6 साल के लिए पार्टी से निकाला- मुलायम सिंह यादव
#BIGNEWS सीएम अखिलेश यादव 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए- मुलायम सिंह यादव
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,गलती स्वीकार करने पर पार्टी में वापस लिया था-मुलायम
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,गलती स्वीकार करने पर पार्टी में वापस लिया था-मुलायम
#BigNews अनुशासन हीनता के चलेत अखिलेश यादव को पार्टी से निकाला गया-मुलायम सिंह यादव
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाला-मुलायम
मुलायम का चला डंडा, सम्मेलन बुलाने पर सीएम अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव 6 साल के लिए पार्टी से बाहर
लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है. दूसरा कोई नहीं बना सकता है.
रामगोपाल द्वारा सम्मेलन बुलाने पर मुलायम सिंह ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है.
गौरतलब है कि अलग लिस्ट जारी करने से सपा मुखिया मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव से बेहद नाराज हैं. उन्होंने दोनों को कारण बताओ नोटिस भेजा है. इनपर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. सपा मुखिया बयानबाजी को लेकर रामगोपाल पर नाराज बताए जा रहे हैं. गुरुवार को अखिलेश यादव ने 235 उम्मीदवारों की अपनी अलग लिस्ट जारी की. जिसके बाद शिवपाल यादव ने 68 और नाम घोषित कर 403 में से 393 उम्मीदवारों के नाम के नाम का ऐलान कर दिया.
#BigNews अनुशासन हीनता के चलेत अखिलेश यादव को पार्टी से निकाला गया-मुलायम सिंह यादव
#BIGNEWS सीएम अखिलेश यादव 6 साल के लिए पार्टी से निकाले गए- मुलायम सिंह यादव
लखनऊ-सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस,रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाला-मुलायम
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए 12460 शिक्षक भर्ती में गुणांक निर्धारण तरीका
■ परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के लिए 12460 नई शिक्षक भर्ती की घोषणा होते ही उसमें शामिल होने वालों के गुणांक निर्धारण को लेकर मंथन तेज हो गया है।
■ बीटीसी 2012 तक गुणांक की गणना अलग तरीके से होती रही है, जबकि 2013 से ग्रेडिंग शुरू हो गई।
■ इससे यह अंतर आया है कि बीटीसी प्रशिक्षण प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण करने वालों को तय मानक के अनुरूप अंक मिलते थे, जबकि ग्रेडिंग में 60 प्रतिशत से कम अंक पाना वाला फेल हो जाता है।
■ यही नहीं ग्रेडिंग के अंक व पुरानी प्रणाली के अंकों में भी अंतर है। नई प्रणाली में ए ग्रेड को 10, बी को 8 व सी को 6 अंक दिए जाने हैं क्योंकि बीटीसी 13 के अंकपत्र और प्रमाण पत्र में मात्र ग्रेड्स ही अंकित हैं श्रेणी नहीं।
■ इस सम्बन्ध में ग्रेड के सापेक्ष गुणांक के निर्धारण को लेकर अभिषेक शर्मा पीलीभीत को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह जानकारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से पत्र संख्या गोप०/बी०टी०सी०2013/6300-02/2016-2017 दिनांक 07.06.2016 द्वारा प्राप्त हुई थी।
■ 2013 बैच ग्रेडिंग सिस्टम
लिखित/ THEORY
A - 80%+
B - 65 - 80%
C - 50 - 65%
D - 50 से नीचे
प्रयोगात्मक / PRACTICAL
A - 85%+
B - 70 - 85%
C - 60 - 70%
D - 60 से नीचे
और सबसे महत्वपूर्ण
गुणांक
A - 10
B - 08
C - 06
D - FAIL
■ वहीं पुरानी प्रणाली से प्रथम श्रेणी को 12, द्वितीय को 9 एवं तृतीय श्रेणी को 3 अंक दिए जाते रहे हैं।
■ अब असली पेच यह है कि बीटीसी 2012 बैच तक के गुणांक निर्धारण सम्बन्धित विवरण को तो 12,460 भर्ती की गाइडलाइन्स के क्लॉज़ 9(क) में उल्लेखित किया गया है जो उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के रदद् संशोधनों के परिशिष्ट ' क' के अनुसार है,
परन्तु बीटीसी 2013 के सम्बन्ध में कुछ भी नहीं दिया गया है।
■ नहीं तो जिस प्रकार बी एल एड को 16448 में शामिल किया गया था और उनका गुणांक निर्धारण की प्रक्रिया को गाइडलाइन्स में उल्लेखित कर दिया गया था उसी प्रकार यहां भी 2013 बैच की ग्रेडिंग सिस्टम को भी दर्ज करना चाहिए था।
■ साथ ही साथ 12460 में आवेदन करते समय भी 2013 बीटीसी प्रशिक्षण के ग्रेड्स दर्ज करने के लिए भी कॉलम दिया जाना चाहिए था लेकिन केवल उनके मार्क्स ही दर्ज किये जा रहे हैं।
■ अतः यदि बीटीसी 2012 बैच तक के सभी टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को अपनी दावेदारी सुनिश्चित करनी है तो
1) डॉक्टर सुत्ता सिंह जी, सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी से मिलकर उनसे बीटीसी 2013 की ग्रेडिंग प्रणाली के तहत इस आशय का पत्र ले लेना चाहिए जिसमें लिखा हो कि--
बीटीसी 2013 व उसके आगे के बीटीसी बैच का ग्रेडिंग - डिवीज़न व गुणांक निर्धारण इस प्रकार है
लिखित एवं मौखिक/आंतरिक
A ग्रेड - प्रथम श्रेणी - 10 अंक
B ग्रेड - द्वितीय श्रेणी - 8 अंक
C ग्रेड - तृतीय श्रेणी - 6 अंक
D ग्रेड - अनुत्तीर्ण
और
2) इस पत्र को लेकर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद से मिला जाये और उन से कहा जाये की वो सचिव, पी एन पी की इस आख्या के अनुसार 12460 की गाइडलाइन्स के क्लाज़ 9(क) में संशोधन करें।
और इस को nic को जल्द से जल्द भिजवाएं ताकि nic मदर लिस्ट बनाने से पूर्व अपने सॉफ्टवेयर में ऐसे संशोधन शीघ्रातिशीघ्र कर ले जिसमे 2016 में बीटीसी उत्तीर्ण के मार्क्स जो कि
लिखित में 1475 में से है
और
आंतरिक में 1725 में से है
उनको परसेंटेज निकालकर उसी अनुसार ग्रेड में परिवर्तित कर दें और ग्रेड से फिर उक्त अनुसार ही गुणांक दर्ज हों।
■ नहीं तो यह भर्ती भी कोर्ट में फंस जायेगी जिसका खामियाजा 12460 में 2013 बैच के नियुक्त अभ्यर्थियों को उठाना पड़ेगा और नियुक्ति देर से मिलेगी सो अलग।
कुछ सालों में बाबू बन गया लखपति, आय और खर्च के बारे में तर्कसंगत जवाब नहीं दे सका लिपिक, मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद हुई जांच में खुलासा
बरेली : बेसिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ लिपिक भूपेंद्र पाल सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा बारादरी थाने में दर्ज करवाया है। जांच में सामने आया कि वरिष्ठ लिपिक पद पर रहते हुए कुछ साल में वह लखपति हो गया। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में की गई थी।1बेसिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ लिपिक भूपेंद्र, राजेंद्रनगर स्थित पीडब्लूडी कॉलोनी के 17/1 मकान में रहते हैं। जबकि गांव
फुलासी तहसील आंवला में उनका एक और निजी मकान है। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति राजेंद्र नगर के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री वीके गुप्ता की तरफ से 22 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसमें बाबू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी। शशिकांत कनौजिया अनु सचिव गृह (गोपन) ने 22 अप्रैल में प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि भूपेंद्र पाल वामसेफ के मंडलीय उपाध्यक्ष पद पर थे। पिछले बसपा शासनकाल में वामसेफ का रुतबा दिखाकर सहकर्मियों को परेशान करना, प}ी को जिला पंचायत सदस्य बनाने संबंधित आरोप भी उन पर लगे थे। हालांकि जांच में यह निराधार साबित हुए थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में पता चला कि पहली नवंबर 2006 से मार्च 2012 तक उन्होंने वैध आय के स्रोत से 23 लाख 74 हजार 528 रुपये कमाए। जबकि इस अवधि में करीब 28 लाख 99 हजार 205 रुपया का व्यय किया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को जांच में करीब पांच लाख 24 हजार 677 की अतिरिक्त आय पता चली। इस रकम पर भूपेंद्र तर्क संगत जवाब और आय का स्रोत उजागर नहीं कर सके।
फुलासी तहसील आंवला में उनका एक और निजी मकान है। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति राजेंद्र नगर के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री वीके गुप्ता की तरफ से 22 अप्रैल 2012 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था। इसमें बाबू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत की गई थी। शशिकांत कनौजिया अनु सचिव गृह (गोपन) ने 22 अप्रैल में प्रकरण की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सौंप दी थी। जांच में सामने आया कि भूपेंद्र पाल वामसेफ के मंडलीय उपाध्यक्ष पद पर थे। पिछले बसपा शासनकाल में वामसेफ का रुतबा दिखाकर सहकर्मियों को परेशान करना, प}ी को जिला पंचायत सदस्य बनाने संबंधित आरोप भी उन पर लगे थे। हालांकि जांच में यह निराधार साबित हुए थे। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की जांच में पता चला कि पहली नवंबर 2006 से मार्च 2012 तक उन्होंने वैध आय के स्रोत से 23 लाख 74 हजार 528 रुपये कमाए। जबकि इस अवधि में करीब 28 लाख 99 हजार 205 रुपया का व्यय किया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन को जांच में करीब पांच लाख 24 हजार 677 की अतिरिक्त आय पता चली। इस रकम पर भूपेंद्र तर्क संगत जवाब और आय का स्रोत उजागर नहीं कर सके।
अंतर जिला तबादला तीसरी सूची के लिए शिक्षक दे रहे धरना
राब्यू, इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षकों की तीसरी अंतर जिला तबादला सूची जारी कराने की मांग जोर पकड़ रही है। बेसिक वेलफेयर एजूकेशन के बैनर तले शिक्षक परिषद मुख्यालय के सामने अनवरत धरना दे रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र कुमार यादव का कहना है कि साढ़े तीन हजार
से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।
से अधिक शिक्षकों का अब भी तबादला नहीं हुआ है। यह शिक्षकों के साथ न्याय नहीं है। सभी को तबादले का लाभ मिलना चाहिए, जब तक तीसरी सूची जारी नहीं होती आंदोलन जारी रहेगा।
भूखे रहकर धरने पर डटे शिक्षामित्र, 32 हजार शिक्षामित्र सम्मानजनक भुगतान की कर रहे हैं मांग
राब्यू, इलाहाबाद : प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 32 हजार शिक्षामित्र सम्मानजनक भुगतान की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार मानदेय बढ़ाने का एलान नहीं करती वह स्कूलों में शिक्षण कार्य नहीं करेंगे। सभी जिलों में शिक्षामित्र कार्य बहिष्कार करके बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने अब भूखे रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षामित्र अपना हक लेकर रहेंगे। बलिया, बनारस,
इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से आंदोलन जारी है।
इलाहाबाद, कानपुर देहात, लखनऊ, सीतापुर, सहारनपुर, बुलंदशहर सहित कई जिलों में अवशेष शिक्षामित्र मानदेय बढ़ाने के लिए तीन दिन से आंदोलन जारी है।
शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जारी की 2017 की अवकाश तालिका, 236 दिन पढ़ाई व 129 दिन छुट्टी, अन्य अवकाश भी भरपूर
इलाहाबाद : स्कूलों में साल भर पढ़ाई की बात अब भूल जाइये। वहां ‘आधे दिन’ पढ़ाई हो जाये इसे ही गनीमत मानिए, क्योंकि शिक्षा महकमा खुद पढ़ाई के प्रति गंभीर नहीं है। शायद इसीलिए प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाई का कैलेंडर जारी होने के बजाए 2017 की अवकाश तालिका जारी की गई है। इसमें वैसे तो 236 दिन पढ़ाई और 129 दिन की छुट्टी घोषित की गई है, लेकिन अन्य अवकाश को घोषित छुट्टी में जोड़ दिया जाए तो वर्ष में आधे दिन से भी कम दिन ही मुश्किल से पढ़ाई हो पाएगी।
नया साल आने से पहले ही शासकीय अवकाश की लिस्ट दिसंबर माह के पहले सप्ताह में जारी हो चुकी है। उस सूची को देखकर अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश का गुणा-भाग कर रहे थे। अब प्रदेश भर के माध्यमिक विद्यालयों के अवकाश का लेखा-जोखा जारी हुआ है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर 2017 की छुट्टियों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। साथ ही साल भर में कितने दिन पढ़ाई होगी इसका भी ब्योरा दिया गया है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से जारी अवकाश तालिका के हिसाब से 236 दिन स्कूलों में पढ़ाई होगी और 129 दिन विद्यालय बंद रहेंगे। इसी अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी।
नया साल आने से पहले ही शासकीय अवकाश की लिस्ट दिसंबर माह के पहले सप्ताह में जारी हो चुकी है। उस सूची को देखकर अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश का गुणा-भाग कर रहे थे। अब प्रदेश भर के माध्यमिक विद्यालयों के अवकाश का लेखा-जोखा जारी हुआ है। इसमें जनवरी से लेकर दिसंबर 2017 की छुट्टियों को प्रमुखता से दर्शाया गया है। साथ ही साल भर में कितने दिन पढ़ाई होगी इसका भी ब्योरा दिया गया है। शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से जारी अवकाश तालिका के हिसाब से 236 दिन स्कूलों में पढ़ाई होगी और 129 दिन विद्यालय बंद रहेंगे। इसी अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी।
परिषदीय विद्यालयों में अवकाश तालिका में छह और महत्वपूर्ण बिंदु शामिल: जानिए कौन से हैं वो बिंदु जिससे बढ़तीं हैं छुट्टियाँ
इलाहाबाद : परिषदीय विद्यालयों में अवकाश तालिका में छह और बिंदु दिये गए हैं। मसलन, स्थानीय अवकाश जिलाधिकारी के निर्णय के अनुरूप होंगे, महिला शिक्षिकाओं को करवा चौथ व तीज का अवकाश रहेगा। शीतकालीन अवकाश अत्यधिक ठंड में होगा। प्रधानाचार्य अपने विवेक से तीन दिन अवकाश कर सकते हैं। विद्यालय के शिक्षक या कर्मचारी के निधन पर शोकसभा कर सकते हैं आदि-आदि। यह सब अवकाश घोषित
छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही यह भी जानिए कि छात्र-छात्रओं की वार्षिक हो या फिर अर्धवार्षिक परीक्षा, इसका भी पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि दोनों परीक्षाएं शैक्षिक सत्र के तय समय पर कराई जाती है। यानी जो परीक्षा छह माह बाद हो वह अर्धवार्षिक और जो साल भर पर हो वह वार्षिक है, भले ही उस समय तक पाठ्यक्रम पूरा हुआ हो या नहीं। सहायक शिक्षा निदेशक खेल डा. मुकेश कुमार सिंह की ओर से अवकाश तालिका सभी जिलों में भेज दी गई है।
छुट्टियों में जोड़ दिए जाएं तो साल भर में मुश्किल से आधे दिन ही पढ़ाई हो पाने के आसार हैं। यही नहीं यूपी बोर्ड की करीब एक माह तक चलने वाली परीक्षा, वार्षिक व अर्धवार्षिक परीक्षाएं एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में शिक्षकों के लगने पर पढ़ाई कितने हो पाएगी। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। साथ ही यह भी जानिए कि छात्र-छात्रओं की वार्षिक हो या फिर अर्धवार्षिक परीक्षा, इसका भी पढ़ाई से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि दोनों परीक्षाएं शैक्षिक सत्र के तय समय पर कराई जाती है। यानी जो परीक्षा छह माह बाद हो वह अर्धवार्षिक और जो साल भर पर हो वह वार्षिक है, भले ही उस समय तक पाठ्यक्रम पूरा हुआ हो या नहीं। सहायक शिक्षा निदेशक खेल डा. मुकेश कुमार सिंह की ओर से अवकाश तालिका सभी जिलों में भेज दी गई है।
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