लखनऊ : प्रदेश के परिषदीय स्कूलों, सहायता प्राप्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों और माध्यमिक संस्कृत शिक्षा संस्थानों के शिक्षक और शिक्षणोत्तर कर्मचारी अब अपनी सेवा संबंधी शिकायतों को लेकर सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा पाएंगे। उनके सेवा संबंधी विवादों के निपटारे के लिए कैबिनेट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण अधिनियम, 2016 को मंजूरी दे दी है। अधिकरण में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष (न्यायिक) और एक उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) होंगे।