डाक विभाग के लिए देरी से आवेदन पहुंचाना महंगा साबित हुआ है। राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने राजस्थान निवासी गजानंद शर्मा द्वारा सिविल जज के पद के लिए भेजा गया आवेदन देरी से पहुंचाने के लिए डाक विभाग
को 25000 रुपये हर्जाना भरने को कहा है। इसके साथ ही डाक विभाग को 10000 रुपये मामले पर हुए खर्च का भुगतान भी करना होगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने राज्य आयोग के फैसले को बहाल रखा। राज्य आयोग ने डाक विभाग मुआवजा और मुकदमा खर्च देने का निर्देश दिया था। शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने कहा, ‘डाक विभाग का इस तरह का व्यवहार निर्विवाद निष्कर्ष दे रहा है कि उसके संबंधित कर्मचारी जानबूझ कर ऐसा करते हैं।
को 25000 रुपये हर्जाना भरने को कहा है। इसके साथ ही डाक विभाग को 10000 रुपये मामले पर हुए खर्च का भुगतान भी करना होगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग ने राज्य आयोग के फैसले को बहाल रखा। राज्य आयोग ने डाक विभाग मुआवजा और मुकदमा खर्च देने का निर्देश दिया था। शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने कहा, ‘डाक विभाग का इस तरह का व्यवहार निर्विवाद निष्कर्ष दे रहा है कि उसके संबंधित कर्मचारी जानबूझ कर ऐसा करते हैं।