नई दिल्ली : अपने 81वें जन्मदिवस के अवसर पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के ‘100 मिलियन फोर 100 मिलियन’ कैंपेन की शुरुआत की। उन्होंने देश दुनिया
से आए नोबल पुरस्कार विजेताओं और बुद्धिजीवियों के बीच कहा कि विश्व में 100 मिलियन बच्चे आज स्कूलों से बाहर हैं वह अपनी पढ़ाई छोड़ शोषण ङोल रहे हैं। ऐसे में 100 मिलियन युवाओं को आगे आकर उनकी मदद करने की जरूरत है। बिना बच्चों की सुरक्षा व शिक्षा के विश्व आगे नहीं बढ़ सकता। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सबको आगे आना होगा।1इस अवसर पर नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि इतिहास में पहली बार दुनिया के गरीब देशों में बच्चों को बचाने की कोशिश की गई है और इसके लिए दुनियाभर के नोबल पुरस्कार विजेता और नेता एक मंच पर आए हैं। राष्ट्रपति भवन में चल रही लॉरिएट एंड लीडर्स समिट-2016 की समाप्ति के बाद उन्होंने कहा कि यहां पर देश विदेश से आए लोगों ने बच्चों की आवाज को सुना उनकी समस्याओं पर गौर किया। सबने साथ मिलकर काम करने का वादा किया है। पनामा के राष्ट्रपति की पत्नी लॉरेना कैस्टिलो द वेरेला ने कहा कि हम भविष्य की चुनौतियों के निर्णय के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। हमें बच्चों की तस्करी, बाल मजदूरी और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए सोचना है। 2011 में शांति के लिए नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं तवक्कोल करमान ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की की रक्षा के लिए विचार करना होगा। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के महासचिव एंजेल गुरिया ने कहा कि कोई भी बच्चा दासता, अशिक्षा सहित किसी तरह के शोषण का शिकार न हो इसके लिए विश्व के देशों को प्रतिबद्धता दिखानी होगी। ऑस्ट्रेलिया की पूर्व प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करना सबका कर्तव्य है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके 81वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी है। मोदी ने कहा कि देश को विद्वान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर गर्व है। प्रणब दा का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में हुआ था। उनके जन्म दिवस पर रविवार को राष्ट्रपति भवन में ‘100 मिलियन फॉर 100 मिलियन कैंपेन’ शुरू किया गया। तीन किताबों का विमोचन भी हुआ। मोदी ने बधाई संदेश में ट्वीट किया, ‘प्रणब दा ने भारत के हित को हमेशा सबसे ऊपर रखा।
से आए नोबल पुरस्कार विजेताओं और बुद्धिजीवियों के बीच कहा कि विश्व में 100 मिलियन बच्चे आज स्कूलों से बाहर हैं वह अपनी पढ़ाई छोड़ शोषण ङोल रहे हैं। ऐसे में 100 मिलियन युवाओं को आगे आकर उनकी मदद करने की जरूरत है। बिना बच्चों की सुरक्षा व शिक्षा के विश्व आगे नहीं बढ़ सकता। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सबको आगे आना होगा।1इस अवसर पर नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि इतिहास में पहली बार दुनिया के गरीब देशों में बच्चों को बचाने की कोशिश की गई है और इसके लिए दुनियाभर के नोबल पुरस्कार विजेता और नेता एक मंच पर आए हैं। राष्ट्रपति भवन में चल रही लॉरिएट एंड लीडर्स समिट-2016 की समाप्ति के बाद उन्होंने कहा कि यहां पर देश विदेश से आए लोगों ने बच्चों की आवाज को सुना उनकी समस्याओं पर गौर किया। सबने साथ मिलकर काम करने का वादा किया है। पनामा के राष्ट्रपति की पत्नी लॉरेना कैस्टिलो द वेरेला ने कहा कि हम भविष्य की चुनौतियों के निर्णय के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। हमें बच्चों की तस्करी, बाल मजदूरी और अन्य समस्याओं के समाधान के लिए सोचना है। 2011 में शांति के लिए नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं तवक्कोल करमान ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की की रक्षा के लिए विचार करना होगा। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकोनोमिक कोऑपरेशन एंड डेवलपमेंट के महासचिव एंजेल गुरिया ने कहा कि कोई भी बच्चा दासता, अशिक्षा सहित किसी तरह के शोषण का शिकार न हो इसके लिए विश्व के देशों को प्रतिबद्धता दिखानी होगी। ऑस्ट्रेलिया की पूर्व प्रधानमंत्री जुलिया गिलार्ड ने कहा कि बच्चों को शिक्षित करना सबका कर्तव्य है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके 81वें जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बधाई दी है। मोदी ने कहा कि देश को विद्वान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर गर्व है। प्रणब दा का जन्म 11 दिसंबर, 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में हुआ था। उनके जन्म दिवस पर रविवार को राष्ट्रपति भवन में ‘100 मिलियन फॉर 100 मिलियन कैंपेन’ शुरू किया गया। तीन किताबों का विमोचन भी हुआ। मोदी ने बधाई संदेश में ट्वीट किया, ‘प्रणब दा ने भारत के हित को हमेशा सबसे ऊपर रखा।