राज्य ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मान लिये जाने के बाद कर्मचारियों को वेतनवृद्धि के लिए साल भर से ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। वेतनवृद्धि के लिए कर्मचारियों के लंबे इंतजार का तोड़ निकालते हुए ही सातवें वेतन आयोग ने कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति, प्रोन्नति या वित्तीय स्तरोन्नयन के संदर्भ में पहली जनवरी या पहली जुलाई को वेतनवृद्धि का विकल्प चुनने की सुविधा दी है।
अब तक लागू व्यवस्था में कर्मचारियों को हर साल एक वेतनवृद्धि मिलती है। यह वेतनवृद्धि पहली जुलाई को मिलती है जो कि वेतन और ग्रेड पे के जोड़ का तीन फीसद होती है। साथ ही, कर्मचारियों की दो वेतनवृद्धियों के बीच कम से कम छह महीने का अंतराल होना चाहिए। मौजूदा व्यवस्था में यदि कोई कर्मचारी दो जनवरी से लेकर 30 जून तक प्रमोट होता या एसीपी का लाभ पाता है तो प्रमोशन/एसीपी लाभ के चलते हुई वेतनवृद्धि के बाद छह महीने की अवधि न पूरी हो पाने के कारण उसे पहली जुलाई को ड्यू वेतनवृद्धि का लाभ नहीं मिल पाता था। ऐसे कर्मचारी को एक साल से ज्यादा समय तक इंतजार के बाद अगले वर्ष पहली जुलाई को वेतनवृद्धि का लाभ मिलता था। सातवें वेतन आयोग की ओर से कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का विकल्प दिये जाने के बाद ऐसे कर्मचारी यदि चाहें तो पहली जुलाई को वेतनवृद्धि का विकल्प चुन सकते हैं।
वेतनवृद्धि के विकल्प का फायदा कर्मचारी दूसरे तरीके से भी ले सकते हैं। मान लीजिए कि कोई कर्मचारी मई महीने में रिटायर हो जाता है। उसकी पेंशन की गणना उसके आखिरी वेतन के आधार पर की जाएगी। चूंकि मौजूदा व्यवस्था में वेतनवृद्धि का लाभ सिर्फ पहली जुलाई को मिलता है, अत: उसके आखिरी वेतन में यह वेतनवृद्धि नहीं हो पाएगी। यदि कर्मचारी चाहे तो वह अपने रिटायरमेंट की तारीख को देखते हुए पहली जनवरी को वेतनवृद्धि का विकल्प दे सकता है। 1वित्त विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वेतनवृद्धि के इस विकल्प के जरिये कर्मचारी अपने प्रमोशन, वित्तीय स्तरोन्नयन आदि के आधार पर इनमें से जिस विकल्प को चुनना फायदेमंद हो, उसका चयन कर सकते हैं।
प्रमोशन के लिए अब करना होगा ‘बहुत अच्छा’
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को माने जाने पर राज्य कर्मचारियों और सहायताप्राप्त शिक्षण/प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं को सुनिश्चित वित्तीय स्तरोन्नयन (एसीपी) का लाभ पाने के लिए अब संतोषजनक सेवा से काम नहीं चलेगा। ‘संतोषजनक सेवा’ की बजाय अब उन्हें यह लाभ पाने के लिए ‘बहुत अच्छा’ की कसौटी पर खरा उतरना होगा। इसके अलावा राज्य के विभिन्न संवर्गों के उच्च पदों पर पदोन्नति के लिए वर्तमान में प्रभावी ‘संतोषजनक सेवा’ के मापदंड को बढ़ाकर ‘बहुत अच्छा’ तय किया गया है।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjwb1O0gtmY9U-SsJAWyT8Eaftdw-QWQCB3bISxFOCQmYWS6fqE8lH9yQLJCWj8Am_07pky3XONny58MUA_Y7OeHH7P2Qrt5w_klx77umMHRhyYLLYxqjisnv32LAzmgra1oE-MuF1i51Y/s640/7thcpc.jpg)