18.12.16

संगम तीरे इस बार कैंपों में प्राइमरी पाठशाला भी, एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की लगाई जाएगी डयूटी, प्रतिदिन दर्ज होगी बच्चों की हाजिरी

कल्पवास के दौरान इस बार बुजुगरे को अपने नाती-पोतों की पढ़ाई की चिंता करने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। दूर दराज के जिलों से आकर कल्पवास करने वाले लोगों के नाती पोतों की पढ़ाई मेला क्षेत्र में ही हो जाएगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग मेला क्षेत्र में ही कैंप लगाएगा। वहां एक दर्जन से अधिक सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी, यह शिक्षक मेला क्षेत्र में आने वाले बच्चों को पढ़ाएंगे। 1दरअसल माघ मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लोग कल्पवास करने के लिए आते हैं। अक्सर दादा दादी व नाना-नानी के साथ छोटे बच्चे भी उनके साथ आ जाते हैं। स्नेह वश बच्चे उन्हें छोड़कर घर नहीं जाते हैं और कई-कई दिन कैंप में ही रह जाते हैं। ऐसे में उनकी पढ़ाई बाधित होती है। बच्चे एक माह तक चलने वाले माघ मेले में अधिक समय व्यतीत कर देते हैं। 1स्कूल नहीं जाने से पढ़ाई में कमजोर हो जाते हैं। कल्पवासियों की इस चिंता को दूर करने 

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के लिए मेला क्षेत्र में पाठशाला लगाई जाएगी। बच्चों को उनके कोर्स के हिसाब से पढ़ाई कराई जाएगी। इतना ही नहीं बच्चों को पाठ्य पुस्तकें भी शिक्षा विभाग उपलब्ध कराएगा। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी अजरुन सिंह ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। संगम क्षेत्र में सुचारू रूप से पाठशाला लगाई जा सके इसके लिए एक दर्जन से अधिक शिक्षकों की डयूटी माघ मेला में लगाई जाएगी। 1पाठशाला में आने वाले बच्चों की प्रतिदिन उपस्थिति भी दर्ज कराई जाएगी। जो बच्चे पढ़ने के लिए किन्हीं कारणों से पाठशाला नहीं पहुंचेंगे उन्हें शिक्षक उनके कैंप से लाने का दायित्व भी निभाएंगे। बच्चों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है।