आश्रम पद्धति शिक्षक कल्याण समिति के आह्वान पर जुटे शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से उनका मामला शासन स्तर पर विचाराधीन है। समिति की प्रदेश अध्यक्ष मंजूलता सिंह का कहना है कि समाज कल्याण विभाग की ओर से राजधानी समेत प्रदेश में 776 संविदा शिक्षकों की तैनाती की गई। प्रवक्ता, एलटी ग्रेड व प्राथमिक सहायक अध्यापक समेत अन्य कर्मचारियों को विनियमित करने के लिए 27 जुलाई 2015 को निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था।
सीबीएसई बोर्ड ने तीन महीने के अंदर 21 विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की तैनाती का निर्देश भी दिया था।
शिक्षकों को नहीं मिला रहा वेतन 1वर्ष 2006 में अनुदानित एक हजार जूनियर हाईस्कूलों में तैनात 322 शिक्षकों को वेतन न मिलने से शिक्षक भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष अरविंद कुमार दुबे की ओर से मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में शिक्षकों को बकाया वेतन देने की मांग की गई। उनका कहना है कि 29 नवंबर 2015 को बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से वेतन का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। इसके बावजूद विभाग की ओर से निर्णय नहीं लिया गया। पिछले 10 वर्ष से वेतन न मिलने से शिक्षक परेशान हैं।