लखनऊ : प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों, राजकीय शिक्षकों, सहायताप्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों तथा राज्य के पेंशनर व पारिवारिक पेंशनरों, नगरीय स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों, जल संस्थानों, विकास प्राधिकरणों और स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को सातवें वेतन का लाभ देने के लिए शुक्रवार को तीन अलग-अलग शासनादेश जारी कर दिए। बीते 12 दिसंबर को राज्य
सरकार ने कर्मचारियों व पेंशनरों को सातवें वेतन देने के बारे में राज्य वेतन समिति की पहली रिपोर्ट पर मुहर लगा दी थी।राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों व पेंशनरों को सातवें वेतन का लाभ देने के बारे में जारी शासनादेश में कहा गया है कि पुनरीक्षित वेतन मैटिक्स में वेतन निर्धारण, वेतन समिति की सिफारिशों के अनुसार किया जाएगा। कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार जनवरी 2017 के वेतन का नकद भुगतान फरवरी में किया जाएगा। वहीं जनवरी से दिसंबर 2016 तक सातवें वेतन के एरियर का भुगतान आगामी दो वित्तीय वर्षों के दौरान दो समान वार्षिक किस्तों में किया जाएगा। एरियर की 80 फीसद राशि कार्मिक के जीपीएफ खाते में डाली जाएगी और 20 फीसद भाग में आयकर कटौती के बाद शेष का नकद भुगतान किया जाएगा। पेंशनरों को आगामी दो वर्षों में दिये जाने वाले एरियर का भुगतान नकद किया जाएगा। 80 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पेंशनरों को एरियर का भुगतान चालू वित्तीय वर्ष में किया जाएगा। नई पेंशन योजना से आच्छादित कार्मिकों को एरियर की रकम की 10 फीसद के बराबर धनराशि कार्मिक के टियर-1 पेंशन खाते में जमा की जाएगी तथा राज्य सरकार या नियोक्ता द्वारा समतुल्य अंशदान टियर-1 पेंशन खाते में जमा किया जाएगा। बची हुई 90 फीसद राशि कार्मिक को उसके विकल्प के आधार पर राष्ट्रीय बचत पत्र के रूप में या उसके पीपीएफ खाते में जमा कर दी जाएगी।