18.8.17

मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने किया प्रदर्शन: शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर, पठन-पाठन ठप

इलाहाबाद : शासन को दी हुई अवधि बीतने के बाद जनपद एवं अंचल के हजारों शिक्षामित्रों ने गुरुवार से प्रदर्शन किया। सुबह दस बजे सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर जुटे शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन प्रेषित किया। 
संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू हुए कार्यक्रम में जनपद के हजारों शिक्षामित्रों ने हाथ में तिरंगा व स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। इसमें 21 शिक्षा खंड शिक्षा से जुड़े तीन हजार से अधिक शिक्षामित्र शामिल हुए। जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि किसी भी सूरत में ‘शिक्षक’ पदनाम से समझौता नही किया जाएगा। दोपहर बजे सभी शिक्षामित्र सर्वशिक्षा अभियान से कतारबद्ध होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां पर शिक्षामित्रों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्रों की मांगों में प्रदेश के 1.70 लाख से अधिक लोगों के भविष्य को संरक्षण शामिल है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में नया अध्यादेश लाए जाने तक समायोजित शिक्षकों, शिक्षामित्रों के बराबर कार्य एवं वेतन दिए जाने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाकर कानून बनाया जाए। जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षामित्रों को समायोजन रद्द होने के कारण हजारों शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। अधिकतर शिक्षामित्र स्नातक बीटीसी योग्यताधारी हैं। शिक्षामित्र संघ के जिला संरक्षक सुरेंद्र पांडेय ने शिक्षामित्रों में जोश भरने का काम किया। शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को भी आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। संचालन जनार्दन पांडेय ने किया।अरुण सिंह पटेल, शिवपूजन सिंह, विनय कुमार सिंह, कमलाकर सिंह, दशरथ भारतीय, प्रतिमा मिश्र, वंदना सरोज, विनय पांडेय, सुनील तिवारी, शरद शुक्ल शामिल रहे।
मम्फोर्डगंज स्थित सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते शिक्षामित्र ’ जागरण
इलाहाबाद : शीर्ष कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद प्रदेश सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद लगाए शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। जिला मुख्यालयों पर दिन पर प्रदर्शन, मौन जुलूस और घेराव के साथ सड़क जाम करने की सूचनाएं हैं। शिक्षामित्र अब सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगा रहे हैं, साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। सुलतानपुर में शिक्षामित्र सड़क पर उतर पड़े। वाराणसी क्षेत्र के बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही, चंदौली, वाराणसी व सोनभद्र में समायोजन रद होने के बाद बीच का रास्ता निकालने की मांग को लेकर शिक्षामित्र आंदोलन की राह पर आ गए हैं। जौनपुर में बीएसए कार्यालय परिसर में झाड़ू लगाकर विरोध जताया गया।

शिक्षामित्रों से वार्ता विफल, गतिरोध बरकरार
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों और शासन के बीच गुरुवार को दो चक्रों में हुई वार्ता के बाद भी गतिरोध बरकरार है। कुछ मांगों पर शासन की ओर से सकारात्मक रुख दिखाने पर तय हुआ कि लिखित आश्वासन मिलने तक आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से गुरुवार को हुई वार्ता विफल रहने के बाद शिक्षामित्रों ने शाम को फिर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर करे और शिक्षक बनाने के लिए सरकार नया अध्यादेश लाए। अपर मुख्य सचिव का कहना था कि ऐसे अध्यादेश के बारे में फैसला मुख्यमंत्री ही ले सकते हैं। शिक्षक के लिए टीजीटी की अनिवार्यता से छूट दिलाने के लिए वह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यापक परिषद को पत्र लिखेंगे। किसी भी निर्णय पर पहुंचने में आठ से दस दिन का समय लगेगा।