परिषदीय स्कूल की दशा और दुर्दशा सुधारने के लिए गुरु मन्त्र -1- सभी विद्यालयों को मिड डे मील, निर्माण, छात्रवृति से मुक्ति दी जाए।
2- सभी अध्यापक समय से उपस्थित होकर केवल शिक्षण पर फोकस करेंगे।
3- प्रति बच्चा 10 rs प्रतिमाह फीस हो, ताकि बच्चों का फर्जीकरण रोका जा सके।
4-शिक्षकों की समस्या निस्तारण के लिए brc लेवल पर ऑनलाइन/ऑफलाइन शिकायत प्रकोष्ठ रखा जाए, जिसकी अपील 1 माह बाद Bsa से कर सकता है।
5- किसी भी शिक्षक नेता या संघठन के अधिकारी को स्कूल टाइम या बाद में भी ब्लाक या जनपद कार्यालय में घूमना वर्जित हो।
6-School की किसी भी समस्या के लिए Brc लेवल पर समिति गठित हो, जो बच्चों सहित सभी समस्याओं का निस्तारण करेंगे।
7- बच्चों को कक्षा 4 के बाद उत्तीर्ण/ अनिउत्तीर्ण करने का प्रविधान हो।
8- तीन माह में ग्राम स्तर पर अभिवावकों के साथ बैठक हो, जिसमे बच्चों के अभिवावकों को आना अनिवार्य हो। अपने बच्चे के प्रति अभिवावकों की जवाबदेही हो।
9- सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उत्तर प्रदेश के अधीन नौकरी में 30% आरक्षण दिया जाए।
10- किसी भी स्तर पर स्कूल लेवल पर धनराशि को न भेजा जाए, ताकि शिक्षको पर लगने वाले भ्रस्टाचार लेवल से मुक्ति मिल सके।
11- स्कूल न जाने वाले /पढ़ाने न वाले अध्यापक की शिकायत पुष्टी होने पर 6माह आधा वेत्तन ही दिया जाए।
12- बेसिक शिक्षा में व्याप्त भ्रस्टाचार की रोकथम के लिए एक स्वतंत्र संस्था का गठन हो।
13- रिश्वत की मांग करने वाले अधिकारी और कर्मचारी को पुष्टि होने पर टर्मिनेट सहित कठोर दंड करने का पूर्ण अधिकार स्वतंत्र संस्था को होना चाहिए।
14- स्कूलस्तर के वातावरण एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करे, अच्छे गुणवत्ता वाले स्कूल के अध्यापको की पदोन्नति की जाए।
15- बच्चों के शैक्षिक सुधार हेतु NPRC, BRC, District लेवल पर वर्ष में एक वार परीक्षा हो।
16-ड्रेस एवं अन्य धनराशि के उपयोग के लिए जनपदस्तर से टेंडर प्रक्रिया के तहत कारवाही की जाए, जिसमें केवल Pcs स्तर के अधिकारी शामिल हो। सामग्री की जांच SMC करे।
2- सभी अध्यापक समय से उपस्थित होकर केवल शिक्षण पर फोकस करेंगे।
3- प्रति बच्चा 10 rs प्रतिमाह फीस हो, ताकि बच्चों का फर्जीकरण रोका जा सके।
4-शिक्षकों की समस्या निस्तारण के लिए brc लेवल पर ऑनलाइन/ऑफलाइन शिकायत प्रकोष्ठ रखा जाए, जिसकी अपील 1 माह बाद Bsa से कर सकता है।
5- किसी भी शिक्षक नेता या संघठन के अधिकारी को स्कूल टाइम या बाद में भी ब्लाक या जनपद कार्यालय में घूमना वर्जित हो।
6-School की किसी भी समस्या के लिए Brc लेवल पर समिति गठित हो, जो बच्चों सहित सभी समस्याओं का निस्तारण करेंगे।
7- बच्चों को कक्षा 4 के बाद उत्तीर्ण/ अनिउत्तीर्ण करने का प्रविधान हो।
8- तीन माह में ग्राम स्तर पर अभिवावकों के साथ बैठक हो, जिसमे बच्चों के अभिवावकों को आना अनिवार्य हो। अपने बच्चे के प्रति अभिवावकों की जवाबदेही हो।
9- सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को उत्तर प्रदेश के अधीन नौकरी में 30% आरक्षण दिया जाए।
10- किसी भी स्तर पर स्कूल लेवल पर धनराशि को न भेजा जाए, ताकि शिक्षको पर लगने वाले भ्रस्टाचार लेवल से मुक्ति मिल सके।
11- स्कूल न जाने वाले /पढ़ाने न वाले अध्यापक की शिकायत पुष्टी होने पर 6माह आधा वेत्तन ही दिया जाए।
12- बेसिक शिक्षा में व्याप्त भ्रस्टाचार की रोकथम के लिए एक स्वतंत्र संस्था का गठन हो।
13- रिश्वत की मांग करने वाले अधिकारी और कर्मचारी को पुष्टि होने पर टर्मिनेट सहित कठोर दंड करने का पूर्ण अधिकार स्वतंत्र संस्था को होना चाहिए।
14- स्कूलस्तर के वातावरण एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए प्रोत्साहित करे, अच्छे गुणवत्ता वाले स्कूल के अध्यापको की पदोन्नति की जाए।
15- बच्चों के शैक्षिक सुधार हेतु NPRC, BRC, District लेवल पर वर्ष में एक वार परीक्षा हो।
16-ड्रेस एवं अन्य धनराशि के उपयोग के लिए जनपदस्तर से टेंडर प्रक्रिया के तहत कारवाही की जाए, जिसमें केवल Pcs स्तर के अधिकारी शामिल हो। सामग्री की जांच SMC करे।