18.8.17

एडेड स्कूलों की शिक्षक भर्ती से जुड़ी फाइलें गायब

हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ
- नियुक्ति फर्जीवाड़े के खुलासे पर शुरू हुई जांच, पूर्व डीआईओएस टू को नोटिस लखनऊ।
कार्यालय संवाददाता लालबाग गर्ल्स कॉलेज में 10 से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती हुई। कई महीने इन शिक्षकों का वेतन जारी किया गया। लेकिन, नियुक्तियों की जांच शुरू हुई तो शिक्षा विभाग से इन शिक्षकों की फाइलें ही गायब हो गई। यह एक मामला नहीं है। राजधानी के कई सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े तो दबाने के लिए फाइलें ही गायब कर दी गई है। इसका खुलासा विभागीय स्तर पर शुरू की गई जांच में हुआ है। जिसके बाद फाइलें की तलाश शुरू की गई है। फिलहाल, लालबाग गर्ल्स कॉलेज प्रकरण में माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर फाइल उपलब्ध कराने को कहा है। इस संबंध में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय धीरेन्द्र नाथ सिंह को भी नोटिस भेजा गया है। इस अल्पसंख्यक विद्यालय में 10 से ज्यादा पदों पर हुई नियुक्तियों को लेकर विवाद हैं। इन नियुक्तियों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय धीरेन्द्र नाथ सिंह के रिश्तेदार से लेकर कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के करीबियों की नियुक्तियां हुई है। आरोप है कि नियुक्तियों में खेल किया गया है। नियमों को अनदेखा कर नौकरी बांट दी गई। फाइलें गायब, कई बड़े शामिल : सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्ति के इस खेल को अंजाम देने के बाद कई संस्थानों के दस्तावेज गायब कर दिए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ.मुकेश कुमार सिंह के कार्यालय से लेकर डीआईओएस टू के कार्यालय तक में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। जिसके बाद इनकी तलाश शुरू की गई है। संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र तिवारी का कहना है कि फाइलें तलाशी जा रही हैं।

6 जिलों को नए मिले नए बीएसए

राज्य मुख्यालय। प्रदेश सरकार ने 6 जिलों में नए बीएसए की तैनाती की है। वहीं चंदौली के बीएसए संतोष कुमार सिंह को निदेशालय से सम्बद्ध कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी हो गए हैं। नाम कहां थे कहां गए गौतम प्रसाद प्रा, राजकीय इंटर कॉलेज, बिधूना, कानपुर बीएसए, अमरोहा अनिल कुमार प्रा., सुरूआदलापुर, इलाहाबाद बीएसए, फर्रुखाबाद वीरेन्द्र प्रताप सिंह व.प्र., डायट, बलरामपुर बीएसए, बांदा संजीव कुमार सिंह एडी, मिड डे मील, लखनऊ बीएसए, मथुरा भोलेन्द्र प्रताप सिंह एडीआईओएस, वाराणसी बीएसए, चंदौली ब्रजभूषण चौधरी व.प्र., डायट, फतेहपुर बीएसए, वाराणसी संतोष कुमार सिंह बीएसए, चंदौली सम्बद्ध बेसिक शिक्षा निदेशालय, लखनऊ

सत्याग्रही शिक्षामित्र शिक्षा सहायक पद को अड़े

जागरण संवाददाता, आगरा: डायट परिसर में (बीएसए कार्यालय) पर शिक्षामित्रों ने गुरुवार को सत्याग्रह किया। वीरेंद्र छौंकर और प्रदीप उपाध्याय समेत 21 शिक्षामित्र क्रमिक अनशन पर बैठे। शिक्षामित्रों ने सभा कर प्रदेश सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि सरकार उनका अध्यादेश के तहत शिक्षा सहायक पद पर समायोजन करे। साथ ही शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर सुप्रीमकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की मांग की है।
जुलाई के आखिरी सप्ताह में सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया था। इसके बाद शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन और विधायक व सांसदों, मंत्री का आवास घेरा था। तब शिक्षामित्रों को भरोसा दिया गया कि सरकार उनके हित में कोई राह खोजेगी। इसके बाद शिक्षामित्रों ने आठ दिन चले आंदोलन को स्थगित कर दिया। शिक्षामित्रों को उम्मीद थी कि सरकार उनके लिए कोई इंतजाम करने में सफल हो जाएगी। लेकिन 15 दिन बाद भी सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने का निर्णय नहीं ले सकी। अब शिक्षामित्र सरकार से भरोसा नहीं निर्णय चाहते हैं। वे सरकार से इस संबंध में अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं। गुरुवार शिक्षामित्रों ने टोपी पहन प्रदर्शन किया, जिस पर लिखा था कि अध्यादेश लाओ, शिक्षामित्र बचाओ। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र छौंकर ने कहा कि भविष्य में शिक्षामित्रों से वार्ता में सरकार अपर सचिव को अलग रखे। क्योंकि उनकी वजह से ही वार्ता विफल हो रही हैं। वे गलत बयानबाजी कर रहे हैं। वार्ता की जिम्मेदारी किसी अन्य अफसर को सौंपी जाए। शुक्रवार को अनशन जारी रहेगा। अनशन पर बैठे शिक्षामित्रों की सूची डीएम को प्रेषित की गई है। प्रधानमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में शिक्षा सहायक पद पर शिक्षामित्रों को समायोजित करने, आंदोलन के दौरान मृत शिक्षामित्रों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई।
ज्ञापन एसीएम तृतीय सुनील कुमार को सौंपा। अशोक शर्मा, शिशुपाल चाहर, सुधीश शर्मा, सीपी तौमर, करतार यादव, भूपेंद्र, नंदकिशोर, राजभान गुर्जर, ओमवीर, मुकेश भदौरिया, हरीशंकर शर्मा, रघुवीर, रामनरेश, रामपाल,माध्वी सोलंकी, मुक्ता रावत, अर्चना, रीना, सचिन, सतेंद्र मीनू, मधू शर्मा आदि मौजूद रहे।
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-स्कूलों की पढ़ाई पर संकट
शिक्षामित्रों के सत्याग्रह से एक बार फिर स्कूलों में पढ़ाई पर संकट आ गया है। गुरुवार को करीब 400 एकल विद्यालय नहीं खुले और अन्य विद्यालयों में भी पढ़ाई प्रभावित रही।

शिक्षक रजिस्टर पर ही दर्ज कराएं उपस्थिति

शिक्षक रजिस्टर पर ही दर्ज कराएं उपस्थिति

7 बीएसए के हुए तबादले, देखें लिस्ट

7 बीएसए के हुए तबादले, देखें लिस्ट

बीएसए दफ्तर का घेराव, गरजे शिक्षामित्र: तीन दिन तक दिन-रात चलेगा धरना, धरने के दौरान प्रभावित रहा बीएसए कार्यालय का कामकाज

बदायूं : संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष मोर्चा के अंतर्गत आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने बीएसए कार्यालय पर शांतिपूर्ण धरना दिया। कार्यालय गेट पर ही धरना होने की वजह से चैनल वाले गेट से प्रवेश बाधित रहा। बीएसए को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
बीएसए को सौंपा। जिसमें अध्यादेश लाकर समायोजन जारी रखने की मांग की।1कार्यालय पर धरने की वजह से भीतर कार्य प्रभावित रहा। पूरा दिन साउंड की गूंज ही रही। शिक्षामित्रों के गेट पर बैठने की वजह से मेन गेट से कोई भीतर नहीं जा सका। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि मांगे पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। 21 अगस्त से लखनऊ में धरना होगा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष रावेंद्र सिंह यादव ने कहा कि मांगे न मानने पर झंडा व डंडा के साथ आंदोलन किया जाएगा। जिसका परिणाम कुछ भी हो सकता है। उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के मंडल अध्यक्ष मृदुलेश यादव ने कहा कि समायोजित शिक्षामित्रों का एक ही उद्देश्य है कि सरकार अध्यादेश लाए और उनका भविष्य सुरक्षित करे।1 जिलाध्यक्ष मनोज यादव व लक्ष्मण यादव ने कहा कि सरकार का झूठा वायदा सभी ने देखा। जिला कोषाध्यक्ष जहीरुल इस्लाम ने सरकार से दोबारा अधिकार दिलाने का आह्वान किया। साथ ही कहा गया कि शिक्षामित्र लगातार ही संघर्ष की राह नहीं छोड़ेंगे और अपना हक पाकर ही रहेंगे। जिलाध्यक्ष निर्भान सिंह, सतेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, अमित शर्मा, दिनेश चौधरी, अमित गुप्ता, बाबू खां, राजीव कुमार, मुहम्मद जिलानी, फूलबानो आदि उपस्थित रहे।

गंदगी और बदइन्तजामी देख बिफरीं बेसिक शिक्षा मंत्री, दिया वेतन काटने का निर्देश

गंदगी और बदइन्तजामी देख बिफरीं बेसिक शिक्षा मंत्री, दिया वेतन काटने का निर्देश

परिषदीय स्कूलों में नाटक है sms से शिक्षकों की हाजिरी

परिषदीय स्कूलों में नाटक है sms से शिक्षकों की हाजिरी

परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 'स्वच्छता पखवारा' मनाये जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी

परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 'स्वच्छता पखवारा' मनाये जाने के सम्बन्ध में आदेश जारी


कन्नौज-शिक्षा मित्रों का प्रदर्शन जारी,अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे शिक्षामित्रों मांगे पूरी न होने पर 19 को लखनऊ में करेंगे प्रदर्शन

बेसिक शिक्षा मंत्री श्रीमती अनुपमा जायसवाल का सर्किट हाउस में जबरदस्त घेराव, अध्यादेश के आश्वासन पर छोड़ा

आज सहारनपुर में माननीया बेसिक शिक्षा मंत्री श्रीमती अनुपमा जायसवाल जी का सर्किट हाउस में जबरदस्त घेराव किया गया। जब तक उन्होंने ठोस आश्वासन नही दिया तब तक उनकी vip गाड़ी को हिलने तक नहीं दिया। मंत्री जी को सहारनपुर से शामली कार द्वारा जाना था। उन्हें दो घण्टे तक शिक्षा मित्रो के साथ रहने को मजबूर होना पड़ा।
हमारी मांगे थी हमे अद्यादेश द्वारा सहायक अद्यापक का पद  चाहिए। जब तक अद्यादेश नही आ जाता तब तक समान कार्य समान वेतन चाहिए।
शिक्षा मंत्री जी ने बीच का रास्ता निकालने की बात कही तो सभी साथियो
ने एक साथ कहा हमे बीच का रास्ता नही चाहिए। हमे अपना पूरा वेतन पूरा सम्मान वापस चाहिए।
जब जलीकट्टू पर अद्यादेश आ सकता हैं तो यहाँ तो 172000 परिवारों की जिंदगी और मौत का सवाल है।
मंत्री जी ने कहा है कि मैं आज ही माननीय मुख्य मंत्री जी से मिलकर अद्यादेश पर बात करूंगी था आप लोगो का ज्ञापन स्वम माननीय मुख्य मंत्री जी को दूंगी।
तब जाकर मंत्री जी सहारनपुर से शामली के लिए प्रस्थान कर सकी।
शिक्षा मित्र एकता जिंदाबाद
सन्युक्त शिक्षा मित्र संघर्ष मोर्चा
सहारनपुर

RTE एक्ट के सेक्शन 4 में संसोधन से अब कोई फायदा नहीं

RTE एक्ट के सेक्शन 4 में संसोधन से अब कोई फायदा नही।
ये संसोधन फैसले के पूर्व हो जाता तो लाभ मिल जाता।
रही बात इसमे संसोधन संसद तब कर सकती है जब पर्याप्त मात्रा में किसी राज्य में भर्ती के लिए पात्र लोग मौजूद न हो,जबकि यू पी में BTC+TET के पर्याप्त अभ्यर्थी मौजूद हैं।
इसलिए मन से ये सारे भ्रम निकाल दें।
अब सहायक अध्यापक बनने का आसान रास्ता टेट पास कर सरकार से अधिकतम वेटेज प्राप्त करना है।
जब तक नियमित न हो जाये तब समान कार्य-समान वेतन की तर्ज़ पर मानदेय (11 माह 29 दिन) लिया जाए। जैसा कि आश्रम पद्धति स्कूल्स में लागू भी है।

✍🏼 *KRISHNA DWIVEDI*

टीईटी पास 22000 शिक्षामित्रों के बारे में राय लेने के लिए राज्य सरकार जा सकती है सुप्रीमकोर्ट की शरण

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीमेकोर्ट द्वारा 137000 समायोजित शिक्षकों का समायोजन रद्द कर दिये जाने के बाद राज्य सरकार अजीब पेशोपेश में है। एकतरफ माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी दूसरी तरफ प्रदेशभर में चल रहे शिक्षामित्रों का जबरदस्त आंदोलन का दबाव। अनेक प्रयासों के बाद भी अभी तक कोई सर्वमान्य रास्ता नहीं निकल सका है। विधि विशेषज्ञों के अनुसार माननीय सुप्रीमेकोर्ट ने अपने फैसले में कहीं भी वर्तमान में टेट पास समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट नहीं की है ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के पास एक अच्छा विकल्प है की वह इस मुद्दे को लेकर माननीय सुप्रीमेकोर्ट की शरण में जाये और लगभग 22000 ऐसे समायोजित शिक्षकों की स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध करे। जानकारों के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय इसपर अवश्य सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकता है और यदि ऐसा हुआ तो शेष नॉन टेट शिक्षामित्रों के लिये भी भविष्य में मार्ग सुरक्षित हो जाएगा।
..............सचिवालय सूत्र

नौकरी गई तो शिक्षामित्र ने दी जान, खाया जहर

नौकरी गई तो शिक्षामित्र ने दी जान, खाया जहर

शिक्षामित्रों ने घेरा डीएम आवास, रोड जाम कर काटा हंगामा: 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

शिक्षामित्रों ने घेरा डीएम आवास, रोड जाम कर काटा हंगामा: 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

शिक्षकों को स्थायी करने के लिए लड़ाई लड़ेगी भाजपा

शिक्षकों को स्थायी करने के लिए लड़ाई लड़ेगी भाजपा

शिक्षामित्रों के मामले में मुख्यमंत्री निकालेंगे हल

शिक्षामित्रों के मामले में मुख्यमंत्री निकालेंगे हल

शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट का आग्रह करेंगे

शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट का आग्रह करेंगे

बीपीएड अनुदेशकों ने सीएम योगी को दिखाए पोस्टर, भर्ती बहाल करने की मांग

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल सीतापुर के बाढ़ ग्रस्त इलाके का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने लोगों को राहत सामग्री सहित पट्टे के कागजात देकर बाढ़ की विपदा से लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया था। इस दौरान जब योगी लोगों को संबोधित कर रहे थे तभी उनकी पुलिस कुछ लोगों के हाथों में दिख रहे पोस्टर फाड़ रही थी।
जिस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ लोगों से मुखातिब हो रहे थे तभी बीपीएड (Bachelor of physical education) कर अनुदेशक शिक्षक बने लोग भर्ती को बहाल किये जाने का पोस्टर लहरा रहे थे। इस पोस्टर में लिखा था कि प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक बीपीएड (Bachelor of physical education) 32022 अनुदेशकों की भर्ती को बहाल करो। इस दौरान यह लोग नारेबाजी भी कर रहे थे और इसके साथ ही साथ एक तरह से प्रदेश सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा के दौरान इस तरह के नज़ारे कम ही दिखते हैं लेकिन इसको देख वहां मौजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और हिंदू युवा वाहिनी (HYV) के कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी दिखी। जिसके बाद मौके पर ही पुलिस ने लोगों के हाथ से पोस्टर लेकर फाड़ दिए।
सीतापुर शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों की मानें तो सरकार से उनकी वार्ता विफल हो गयी है। क्योंकि योगी सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षामित्रों को महज 10 हज़ार के मानदेय का प्रस्ताव रखा था। जिसको लेकर शिक्षामित्र संगठन काफी नाराज भी है और फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने जा रहा है। ऐसे में अब शिक्षमित्रों के साथ साथ बीपीएड (Bachelor of physical education) अनुदेशकों की तरफ से शुरू हुआ भर्ती बहाली का मामला आने वाले दिनों में योगी सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। सीतापुर शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार से उनकी वार्ता विफल हो गयी है।

शिक्षामित्रों को टीईटी की अनिवार्यता से छूट दिलाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यापक परिषद को लिखेंगे पत्र: अपर मुख्य सचिव

शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन से सरकार को दिखाई ताकत, समायोजन बहाली की मांग पर अड़े शिक्षामित्र

शिक्षामित्रों ने धरना-प्रदर्शन से सरकार को दिखाई ताकत, समायोजन बहाली की मांग पर अड़े शिक्षामित्र

शिक्षामित्रों की हुंकार से और तीखा हुआ विरोध, आंगनवाडी से लेकर डाक कर्मियों ने सरकार के खिलाप खोला मोर्चा

शिक्षामित्रों की हुंकार से और तीखा हुआ विरोध, आंगनवाडी से लेकर डाक कर्मियों ने सरकार के खिलाप खोला मोर्चा

शिक्षामित्रों का सरकार पर हमला, सडकों पर उतरे शिक्षामित्र

शिक्षामित्रों का सरकार पर हमला, सडकों पर उतरे शिक्षामित्र

शिक्षामित्र और सचिव वार्ता अपडेट:- अपर सचिव के द्वारा रखे गये यह तथ्य

सचिवालय वार्ता अपडेट:-

दिनांक :17/08/2017
समय :9:00p.m


अपर सचिव के द्वारा तथ्य रखे गये:-

★पैरा चार में संसोधन के लिये लेटर लिख दिया जायेगा।(विचारोंपरान्त)

★आश्रमपद्धति विद्यालय 2014 में शिक्षको के वेतन के बराबर मानदेय दिया जाता(11माह29दिन) है,परीक्षणोपरांत कराके देखेगें।

★टी ई टी परीक्षा के कराने बाद भर्ती निकालेगे।

★जो मानदेय बढेगा, 1:72 शिक्षामित्र का बढेगा।।

★आन्दोलन समाप्त कर दीजिये,सोमवार को मान०मुख्यमंत्री जी से वार्ता करा दिया जायेगा।

★मुख्यमंत्री जी कार्यक्रम व्यस्त है इसलिए आज मुलाकात नही हो पायेगी।

शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार, कहा -जल्द हो समस्या का निदान

शिक्षामित्रों ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार, कहा -जल्द हो समस्या का निदान

शिक्षा सहायक पद को अड़े शिक्षामित्र, सरकार अध्यादेश लाकर करे समायोजन

शिक्षा सहायक पद को अड़े शिक्षामित्र, सरकार अध्यादेश लाकर करे समायोजन

गोरखपुर में आहत शिक्षामित्र ने की खुदकुशी, नौकरी जाने से थे टेंशन में

गोरखपुर में आहत शिक्षामित्र ने की खुदकुशी, नौकरी जाने से थे टेंशन में

शिक्षामित्रों ने दिया धरना, स्कूलों में पढाई प्रभावित

शिक्षकों को पांच स्कूलों का देना होगा विकल्प, 19 से तबादला हेतु शिक्षक कर सकेंगे आवेदन

प्रदेश में खुलेंगे तीन हजार से अधिक नए विद्यालय, 2019 तक लक्ष्य होगा पूर्ण

शिक्षामित्रों का सत्याग्रह, पहले ही दिन किया बवाल

शिक्षामित्रों का सत्याग्रह, पहले ही दिन किया बवाल: जुलूस निकाला, बीएसए कार्यालय में घुसने का किया प्रयास

पीलीभीत : सहायक अध्यापक पद पर वापसी किए जाने की मांग को लेकर संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति से जुड़े शिक्षामित्रों ने टनकपुर हाईवे पर जुलूस निकाल कर विरोध जताया। बीएसए दफ्तर में पहुंचने के बाद जुलूस सत्याग्रह में तब्दील हो गया। मांगों के समर्थन में शिक्षामित्रों ने नारेबाजी की। 1शहर के नेहरू ऊर्जा उद्यान में जिलेभर के शिक्षामित्र एकत्र हुए। संयुक्त समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षामित्रों ने जुलूस निकाल कर ताकत का अहसास कराया। जुलूस की शक्ल में सभी शिक्षामित्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां पर शिक्षामित्रों ने सत्याग्रह शुरू कर दिया। शिक्षामित्रों के हाथों में स्लोगन लिखी पट्टिकाएं थी। मांग की गई कि अध्यादेश लाकर सम्मान सहित सहायक अध्यापक पद पर वापसी की जाए। इसके अलावा कोई अन्य तरीका मंजूर नहीं होगा। शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष तीर्थदेव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया है। सरकार मनमानी पर उतारू है। ऐसे में शिक्षामित्र संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। जिलाध्यक्ष हरीओम पांडेय ने बताया कि 21 अगस्त से लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पर शिक्षामित्र अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। दो दिन तक सत्याग्रह आंदोलन किया जाएगा। धरने पर भारी संख्या में फोर्स तैनात रही। धरना में धर्मश्री, दिलनवाज खां, अमरदीप, नरेंद्रपाल सिंह, वीर सिंह गंगवार आदि ने विचार रखे। इस मौके पर वेदपाल सिंह, ओम गिरि, जसपाल सिंह, अफजल खां, आदर्श पटेल, सोमपाल सिंह, अमित पांडेय, शांति ध्यानी, रजिया सुल्तान, जया गंगवार, आदर्श कुमारी, विमला देवी, कमला गंगवार, महेश्वर देवी, नोखेलाल, हरीश शर्मा, राजपाल, राज पटेल, पंकज अग्निहोत्री, सुमन वर्मा, ज्ञानेंद्र भोजपाल आदि मौजूद रहे। 1बीएसए दफतर में हंगामा करते शिक्षामित्र। बीएसए कार्यालय पर धरना प्र्दशन करते शिक्षामित्र ’ जागरणबीएसए दफतर पर तैनात फोर्स ’ जागरण’>>शहर के नेहरू ऊर्जा उद्यान में जिलेभर के शिक्षामित्र एकत्र हुए1’>>जमकर की नारेबाजी, सरकार पर मनमानी करने का आरोपशिक्षामित्रों ने बीएसए से की अभद्रता1जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षामित्र संघ का सत्याग्रह चल रहा है। सत्याग्रह के दौरान शिक्षामित्र और बीएसए से कुछ बातों को लेकर जमकर नोकझोंक हुई। इस दौरान शिक्षामित्रों ने बीएसए से जमकर अभद्रता की।

7 शिक्षाधिकारियों के तबादले, 6 अधिकारी बीएसए के पद पर स्थानांतरित

7 शिक्षाधिकारियों के तबादले, 6 अधिकारी बीएसए के पद पर स्थानांतरित, चंदौली जिले के बीएसए को शिक्षा निदेशक (बेसिक) कार्यालय में किया गया सम्बद्ध, देखें आदेश

राजकीय विद्यालयों में नियुक्त होंगे बेसिक शिक्षक

लखनऊ : प्रदेश में संचालित 2090 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को कैबिनेट ने माध्यमिक विद्यालयों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले सहायक अध्यापकों को नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे राजकीय विद्यालयों में रिक्त पद भरे
जाएंगे। इसके अलावा मानदेय के आधार पर भी ये पद भरे जाएंगे। 1सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि राजकीय इंटर कालेजों में सहायक अध्यापकों के 9342 पद रिक्त हैं। इनमें पुरुष संवर्ग में 4463 और महिला संवर्ग में 4879 पद रिक्त हैं। शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए परिषदीय शिक्षकों को यहां प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाएगा। चूंकि प्रदेश के 20 जिलों को छोड़कर बाकी 55 जिलों में बेसिक शिक्षक मानक से अधिक हैं। अस्थायी व्यवस्था के तहत प्रतिनियुक्ति पर इनका चयन किया जाएगा। संतोष जनक अधिकतम सेवा अवधि के आधार पर सहायक अध्यापक का चयन किया जाएगा। प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने वाले सहायक अध्यापक को माध्यमिक शिक्षा विभाग में नियमित नियुक्ति होने तक या 31 मार्च 2018, तक जो भी पहले हो प्रतिनियुक्ति पर रखा जाएगा। शासन द्वारा किसी भी समय यह प्रतिनियुक्ति समाप्त की जा सकती है। बेसिक शिक्षा के इच्छुक दावेदारों को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के जरिए चयन समिति को अपना आवेदन देना होगा। जो सहायक अध्यापक सेवानिवृत्त हो चुके हैं उन्हें मानदेय के आधार पर रखा जाएगा।

परिषदीय स्कूलों में बड़ी संख्या में तैनात हैं बीएड: परिषदीय स्कूलों में विशिष्ट बीटीसी चयन और 72,825 शिक्षकों की भर्ती के जरिए बड़ी संख्या में स्नातक और बीएड योग्यता वाले शिक्षक तैनात हैं। ऐसे शिक्षकों की भी बड़ी तादाद है जो परास्नातक और बीएड हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए शैक्षिक योग्यता स्नातक और बीएड है। ऐसे में इनके प्रतिनियुक्ति पर जाने से एक साथ कई समस्या हल हो जाएगी।

शिक्षामित्रों से वार्ता विफल, गतिरोध बरकरार

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों और शासन के बीच गुरुवार को दो चक्रों में हुई वार्ता के बाद भी गतिरोध बरकरार है। कुछ मांगों पर शासन की ओर से सकारात्मक रुख दिखाने पर तय हुआ कि
लिखित आश्वासन मिलने तक आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से गुरुवार को हुई वार्ता विफल रहने के बाद शिक्षामित्रों ने शाम को फिर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर करे और शिक्षक बनाने के लिए सरकार नया अध्यादेश लाए। अपर मुख्य सचिव का कहना था कि ऐसे अध्यादेश के बारे में फैसला मुख्यमंत्री ही ले सकते हैं। शिक्षक के लिए TET  अनिवार्यता से छूट दिलाने के लिए वह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यापक परिषद को पत्र लिखेंगे। किसी भी निर्णय पर पहुंचने में आठ से दस दिन का समय लगेगा।

ऑनलाइन आवेदन होंगे मान्य

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में जिले के अंदर तबादले के लिए केवल वही ऑनलाइन आवेदन मान्य होंगे, जो रिक्त पदों के सापेक्ष किए जाएंगे। अन्य विद्यालयों या फिर जहां कोई पद खाली नहीं है वहां के लिए आवेदन मान्य नहीं होगा। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने तबादले के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। 1परिषदीय स्कूलों में जिले के अंदर होने वाले यह तबादले बीते 13 जून को जारी
स्थानांतरण नीति के तहत होना है। निर्देश है कि हर शिक्षक व शिक्षिका ऑनलाइन आवेदन करने से पहले जिले के विद्यालयों में उपलब्ध रिक्तियों की सूचना बीएसए व बीआरसी कार्यालय से अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लें, क्योंकि रिक्त पद के सापेक्ष ही आवेदन मान्य होंगे अन्य ऑनलाइन आवेदनों पर विचार ही नहीं किया जाएगा। शिक्षकों के सैलरी डाटा में उपलब्ध सभी स्कूलों की सूची प्रदर्शित होगी लेकिन, उन्हीं स्कूलों को विकल्प के रूप में चुनना होगा, जहां रिक्तियां प्रदर्शित हों। 1शिक्षकों को आवेदन में प्रथम नियुक्ति की तारीख, आधार संख्या, पैन नंबर, वेतन खाता संख्या, जन्मतिथि, पांच विद्यालयों के नाम जहां रिक्ति हो का विवरण बीएसए को पहले ही तैयार कराना होगा। शिक्षक आवेदन करते समय पैन नंबर व आधार संख्या का प्रयोग करेंगे। आवेदन में शिक्षक को अपनी फोटो भी अनिवार्य रूप से अपलोड करानी होगी। आवेदन पत्र अंतिम रूप से भरने के बाद शिक्षक को उसका दो प्रिंट आउट लेना होगा। जिसमें से एक प्रति को संबंधित साक्ष्यों के साथ बीएसए कार्यालय में 21 से 29 अगस्त के बीच अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। सचिव ने निर्देश दिया है कि आवेदन अंतिम रूप से भरे जाने के बाद ही वह पत्र पूर्ण माना जाएगा, उसके बाद आवेदन पत्र में कोई संशोधन नहीं हो सकेगा। यह आवेदन पत्र बीएसए के लॉगिन पर ऑनलाइन संस्तुति के लिए उपलब्ध रहेगा। परिषद केवल बीएसए की ओर से संस्तुत आवेदनों पर ही विचार करेगा। यदि शिक्षक को बैंक खाता या फिर पैन नंबर का प्रयोग करके आवेदन करने में कोई कठिनाई होती है तो वह बीएसए कार्यालय से अपने डाटा की जानकारी प्राप्त कर ले और जो सैलरी डाटा में उपलब्ध है उसी का प्रयोग करके आवेदन करें। 1सचिव ने निर्देश दिया है कि जिले की रिक्तियों, शिक्षकों के सैलरी डाटा में किसी तरह की विसंगति के लिए बीएसए कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है। परिषद ने भी हेल्पलाइन शुरू की है जिसका नंबर 9455413563 है।’>>बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने बीएसए को भेजे स्थानांतरण के दिशा-निर्देश 1’>>शिक्षक पैन व आधार नंबर से करेंगे आवेदन, बीएसए ऑनलाइन करें सत्यापन

मांगों को लेकर शिक्षामित्रों ने किया प्रदर्शन: शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर, पठन-पाठन ठप

इलाहाबाद : शासन को दी हुई अवधि बीतने के बाद जनपद एवं अंचल के हजारों शिक्षामित्रों ने गुरुवार से प्रदर्शन किया। सुबह दस बजे सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय पर जुटे शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया। संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति ने जिलाधिकारी कार्यालय तक पैदल मार्च कर मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन प्रेषित किया। 
संयुक्त शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू हुए कार्यक्रम में जनपद के हजारों शिक्षामित्रों ने हाथ में तिरंगा व स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। इसमें 21 शिक्षा खंड शिक्षा से जुड़े तीन हजार से अधिक शिक्षामित्र शामिल हुए। जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने कहा कि किसी भी सूरत में ‘शिक्षक’ पदनाम से समझौता नही किया जाएगा। दोपहर बजे सभी शिक्षामित्र सर्वशिक्षा अभियान से कतारबद्ध होकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां पर शिक्षामित्रों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्रों की मांगों में प्रदेश के 1.70 लाख से अधिक लोगों के भविष्य को संरक्षण शामिल है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में नया अध्यादेश लाए जाने तक समायोजित शिक्षकों, शिक्षामित्रों के बराबर कार्य एवं वेतन दिए जाने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाकर कानून बनाया जाए। जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी का कहना है कि शिक्षामित्रों को समायोजन रद्द होने के कारण हजारों शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। अधिकतर शिक्षामित्र स्नातक बीटीसी योग्यताधारी हैं। शिक्षामित्र संघ के जिला संरक्षक सुरेंद्र पांडेय ने शिक्षामित्रों में जोश भरने का काम किया। शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को भी आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। संचालन जनार्दन पांडेय ने किया।अरुण सिंह पटेल, शिवपूजन सिंह, विनय कुमार सिंह, कमलाकर सिंह, दशरथ भारतीय, प्रतिमा मिश्र, वंदना सरोज, विनय पांडेय, सुनील तिवारी, शरद शुक्ल शामिल रहे।
मम्फोर्डगंज स्थित सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते शिक्षामित्र ’ जागरण
इलाहाबाद : शीर्ष कोर्ट से समायोजन रद होने के बाद प्रदेश सरकार से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद लगाए शिक्षामित्र फिर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। जिला मुख्यालयों पर दिन पर प्रदर्शन, मौन जुलूस और घेराव के साथ सड़क जाम करने की सूचनाएं हैं। शिक्षामित्र अब सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगा रहे हैं, साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे हैं। सुलतानपुर में शिक्षामित्र सड़क पर उतर पड़े। वाराणसी क्षेत्र के बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, मीरजापुर, भदोही, चंदौली, वाराणसी व सोनभद्र में समायोजन रद होने के बाद बीच का रास्ता निकालने की मांग को लेकर शिक्षामित्र आंदोलन की राह पर आ गए हैं। जौनपुर में बीएसए कार्यालय परिसर में झाड़ू लगाकर विरोध जताया गया।

शिक्षामित्रों से वार्ता विफल, गतिरोध बरकरार
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शिक्षामित्रों के विभिन्न संगठनों और शासन के बीच गुरुवार को दो चक्रों में हुई वार्ता के बाद भी गतिरोध बरकरार है। कुछ मांगों पर शासन की ओर से सकारात्मक रुख दिखाने पर तय हुआ कि लिखित आश्वासन मिलने तक आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह से गुरुवार को हुई वार्ता विफल रहने के बाद शिक्षामित्रों ने शाम को फिर बात की। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दायर करे और शिक्षक बनाने के लिए सरकार नया अध्यादेश लाए। अपर मुख्य सचिव का कहना था कि ऐसे अध्यादेश के बारे में फैसला मुख्यमंत्री ही ले सकते हैं। शिक्षक के लिए टीजीटी की अनिवार्यता से छूट दिलाने के लिए वह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री और राष्ट्रीय अध्यापक परिषद को पत्र लिखेंगे। किसी भी निर्णय पर पहुंचने में आठ से दस दिन का समय लगेगा।

सरकार के वादाखिलाफी से भड़के शिक्षामित्र

बहराइच-17अगस्त 2017 सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने से आक्रोशित शिक्षा मित्र सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने को मजबूर है, ऐसे में शासन द्वारा नामित अधिकारी स्वंम मुख्यमंत्री से 03 दौर की वार्ता होने के बावजूद भी कोई हल दिखता नही नज़र आ रहा है । सरकार बार बार अपनी जिद पर अड़ी है। बुधवार को शासन स्तर हुई वार्ता विफल हो जाने के बाद गुरुवार से पूरे प्रदेश के शिक्षामित्र जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन  कर रहे है। इधर शिक्षामित्रों के धरने और प्रदर्शन से सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। सरकार शिक्षामित्रों के धरने को कुचलने के दुष्चक्र रच रही है परन्तु शिक्षामित्र भी अपनी मांगों को लेकर एकजुट है। शिक्षामित्र किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है चाहे उन्हें जेल ही क्यों न जाना पड़े। उक्त बात उ0प्रा0प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय प्रावक्ता व जिलाध्यक्ष बहराइच शिवश्याम मिश्र ने बहराइच में आयोजित धरने को सम्बोधित करते हुए कहा। श्री मिश्र ने यह भी कहा कि शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि की घोषणा मई में हो जाने के बावजूद भी शासन से 3500/-रु0 प्रतिमाह कि धनराशी रिलीज की गई हैं जो सरकार के दोहरे चरित्र का घोतक है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगो को लेकर त्वरित राहतपूर्ण कदम नहीं निकालती है तो शीघ्र प्रदेश की राजधानी लखनऊ व दिल्ली में प्रदर्शन होगा।........

वार्ता का सार: शिक्षामित्रों के संगठनों के साथ हुई सचिव की रात्रि की वार्ता का सार

*✍जावेद की कलम से...*
*आज की वार्ता का सार...*
मित्रों जैसा कि आप जानते हैं कि आज समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में समस्त संगठनों को
माननीय मुख्यमंत्री जी ने वार्ता के लिए बुलाया था। जिस पर सभी संगठनों के प्रतिनिधि एनेक्सी भवन अपने निर्धारित समय पर पहुंच गए थे। परंतु अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण काफी देर इंतजार करने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री जी नहीं आए। काफी देर के बाद माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से संदेश आया की अपर सचिव से वार्ता कराई जाए। जिस पर पहले तो संगठन के पदाधिकारी राजी नहीं हुए परंतु चूँकि माननीय मुख्यमंत्री जी की ओर से स्वयं कहा गया था, इसलिए अपर सचिव राज प्रताप सिंह जी से वार्ता की गई। वार्ता में मुख्य बिंदुओं पर बातचीत हुई, और संगठनों ने अपनी मंशा से अवगत कराया। *सर्वप्रथम अपर सचिव बेसिक शिक्षा ने कहा कि आप लोगों की मांग पर हम मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एनसीटीई को पैरा 4 में संशोधन करते हुए आप लोगों को टीईटी से छूट करने का आग्रह करेंगे।*
उसके बाद जब *अध्यादेश* की बात कही, तब अपर सचिव ने कहा कि *अध्यादेश बनाया जाए या नियमावली में संशोधन किया जाए, यह माननीय मुख्यमंत्री जी ही स्वयं तय करेंगे।*
तथा *समान कार्य समान वेतन* पर जब बात की गई तब भी अपर सचिव ने यही कहा कि इस पर भी गहनता से विचार चल रहा है और इस संबंध में भी माननीय मुख्यमंत्री जी ही अपने स्तर से निर्णय लेंगे कि *आप लोगों को समान कार्य समान वेतन या सम्मानजनक कितना मानदेय दिया जाए?*
अंत में संगठनों ने एक प्रस्ताव रखा की सरकार को माननीय सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डालना चाहिए। और मजबूती से पैरवी की जानी चाहिए, जिससे न्याय संगत फैसला आ सके। तभी पैरा चार में छूट का लाभ मिल सकता है। इस पर भी सचिव महोदय ने अपने ऊपर से टालते हुए कहा कि इन सभी बातों पर माननीय मुख्यमंत्री जी को ही अंतिम निर्णय लेना है।
अपर सचिव ने अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि आज अनेक कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण आपकी वार्ता माननीय मुख्यमंत्री जी से नहीं करा सके, लेकिन शीघ्र ही आप सभी लोगों की वार्ता हम माननीय मुख्यमंत्री जी से कराएंगे। इसलिए आप लोग आंदोलन समाप्त कर शिक्षण कार्य पर ध्यान दीजिए।
*जिस पर हम सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एक सुर में सचिव साहब से कहा कि जब तक आप अमल में कोई चीज नहीं ले आते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन इतना कह सकते हैं कि आंदोलन को हम शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे। और यदि आपके द्वारा कोई ठोस व उचित निर्णय नहीं लिया गया तो धीरे-धीरे यह आंदोलन, जो सत्याग्रह के रूप में चल रहा है, उसे उग्र रूप भी दिया जा सकता है।*
मित्रों आज की वार्ता का सार आप तक पहुंचा दिया है। लेकिन हम सबको अपना आंदोलन स्थगित नहीं करना है।
*आपकी चट्टानीय एकता के सामने सरकार को झुकना ही पड़ेगा।* बस आप लोग जैसे आज किया है, इसी तरह से शांतिपूर्वक तरीके से सत्याग्रह आंदोलन करते रहिए। इस सत्याग्रह/शांतिपूर्वक आंदोलन का बहुत गंभीर असर सरकार पर पड़ रहा है। इसलिए आप लोग धैर्य एवं संयम का परिचय देते हुए आंदोलन को जारी रखें।

इसी के साथ.....
जय शिक्षक....
जय शिक्षा मित्र......
आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,
एवं अन्य समस्त सहयोगी संगठन।
लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन/ समायोजित शिक्षक संघर्ष मोर्चा उत्तर प्रदेश।

अब आर-पार के बाद ही काम पर लौटेंगे शिक्षामित्र

जागरण संवाददाता, बलिया : शिक्षामित्रों ने अपने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर गुरुवार को बीएसए कार्यालय पर प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया। इस दौरान पूर्व के आंदोलन से भी और जोश व उत्साह में जनपद के विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों से पहुंचे शिक्षामित्रों की भीड़ से बीएसए कार्यालय का परिसर छोटा पड़ गया।

शिक्षामित्रों की एकजुटता से कार्यालय पर पूरे दिन अफरातफरी की स्थिति रही। गौरतलब है कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हुए शिक्षामित्रों ने आंदोलन का राह पकड़ लिया था। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए 15 दिन का समय मांगा, लेकिन समयावधि में शिक्षामित्रों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया। इससे आक्रोशित शिक्षामित्रों ने जिला मुख्यालयों पर तीन दिन का सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया। गुरुवार को बीएसए कार्यालय पर शिक्षामित्रों के आंदोलन में कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया। शिक्षामित्रों ने कहा कि सूबे की भाजपा सरकार शिक्षामित्रों को अंधेरे में रखकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है, जो घोर अन्याय है। सरकार के इस कृत्य के खिलाफ शिक्षामित्र चुप नहीं बैठेंगे। जिला मुख्यालय पर तीन दिन के सत्याग्रह आंदोलन के बाद बलिया से 3000 की संख्या में महिला-पुरुष शिक्षामित्र लखनऊ में आंदोलन के लिए कूच करेंगे। कहा शिक्षामित्र राजनीति करने नहीं आए हैं बल्कि हमें न्याय चाहिए। इस बार सरकार से आरपार कर ही शिक्षामित्र वापस काम पर लौटेंगे। धरना में राजेश साहनी, काशीनाथ यादव, सरल यादव, जितेंद्र राय, पंकज ¨सह, सूर्य प्रकाश यादव, श्यामनंदन मिश्र, परशुराम यादव, अनिल मिश्रा, नीतू उपाध्याय, मधु ¨सह, वसुंधरा राय, संतोष आदि मौजूद थे। अध्यक्षता ज्ञानप्रकाश मिश्र व संचालन अनिल मिश्र व संगम अली ने संयुक्त रूप से किया। आभार व्यक्त जिला संयोजक पंकज कुमार ¨सह ने किया।
लाठी-गोली का नहीं भय
शिक्षामित्रों के सत्याग्रह आंदोलन में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ ¨सह ने कहा कि शिक्षकों को सरकार धमकी न दे। शिक्षक भारत के भविष्य बनाने का काम करते हैं। उन्हें लाठी और गोली का कोई भय नहीं होता। शिक्षक जिस सरकार के खिलाफ मूड बना लेते हैं, उस सरकार का भविष्य और उम्र बहुत कम हो जाता है। आगाह किया है कि प्रदेश सरकार शिक्षकों से उलझने का काम ना करें। हमने कई सरकारों को उखाड़ फेंका है जिससे प्रदेश सरकार को सबक लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अवधेश ¨सह ने कहा कि अब शिक्षामित्र करो या मरो की लड़ाई लड़ेंगे, क्योंकि आज उनके ऊपर जो संकट आया है इससे बड़ा कोई और संकट नहीं हो सकता। कहा यदि जल्द ही शिक्षामित्रों का समायोजन कर उनका सम्मान वापस नहीं किया गया तो बलिया का आंदोलन सरकार की आंखें खोलने का काम करेगा।
सरकार को कर देंगे मजबूर
शिक्षामित्रों के सत्याग्रह आंदोलन में समर्थन देने के लिए पहुंचे कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष राजेश पांडेय ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में जब-जब भाजपा सरकार आई है, तब-तब र्किमयों का उत्पीड़न शुरू किया है। इस सरकार में काम करने के बाद भी वेतन और अपने हक की लड़ाई के लिए र्किमयों को सड़क पर उतरना पड़ता है। कहा कि यह आंदोलन सरकार को अपना रवैया बदलने के लिए मजबूर कर देगा।
आज निकालेंगे जुलूस
समायोजन बहाली की मांग को लेकर हजारों शिक्षामित्र 18 अगस्त को बीएसए कार्यालय में एकत्र होकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालेंगे। साथ ही प्रदेश सरकार को अपना वादा पूरा करने की मांग संबंधित मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे। इसकी जानकारी शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष समिति के जिला संयोजक पंकज कुमार ¨सह व सह संयोजक सूर्य प्रकाश यादव ने दी।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांगा राज्य कर्मचारी का दर्जा: मांगे पूरी न होने पर राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी

जागरण संवाददाता, लखनऊ : आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन के तत्वावधान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने राज्य कर्मचारी का दर्जा देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। गुरुवार को हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क पर एकत्रित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र दिया।

एसोसिएशन की प्रदेश महामंत्री प्रभावती ने बताया कि पिछले महीने हुई संगठन और मुख्यमंत्री की वार्ता के बाद मुख्यमंत्री द्वारा किया गया वादा पूरा नहीं हुआ। जिससे आंगनबाड़ी कर्मचारी अपने आप को आपेक्षित महसूस कर रही हैं। इस मौके पर बाल विकास विभाग के महानिदेशक ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों से मिलकर उनसे मांगपत्र लिया। कर्मचारियों ने सरकार को 17 सितंबर तक का समय दिया है। इसके बाद राज्यव्यापी आंदोलन करने की चेतावनी दी। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं इस धरने में शामिल हुईं।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ओर से शासन द्वारा पिछले समझौतों को पूरा करने की मांग की। संघ की ओर से प्रदेश के जिलों व मुख्यालयों में धरना दिया गया। इस मौके पर काफी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं। संघ की महामंत्री नीलम पांडे ने बताया कि शासन ने 30 जून को समझौता करने के बाद अभी तक उसे पूरा नहीं किया। इससे पूर्व भी छह लिखित समझौते किए गए, लेकिन कोई भी पूरा नहीं किया गया। महिलाओं ने आंगनबाड़ी के मानदेय 15 हजार कराने की मांग के अलावा एक माह की छुट्टी, मुख्यमंत्री से वार्ता, सुपरवाइजर में कोटा आदि की मांग की। वहीं उत्तर प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका संघ की ओर से आयोजित तीन दिवसीय धरने के दूसरे दिन भी काफी संख्या में महिला एकत्रित हुईं। संघ की प्रदेश अध्यक्ष किरन वर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी सहायिकाओं, कार्यकर्ता व मिनी आंगनबाड़ी को नियमित मानदेय, ईपीएफ, नई पेंशन आदि मांगों पर शासन से जल्द विचार करने की मांग की है। इस मौके पर मीरा अवस्थी, रमा, शैल, सरला, प्रीति, नीरज, सरिता, साधना आदि मौजूद रहीं।

शिक्षामित्रों का कूच: 21 को लखनऊ, 25 को दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन

शिक्षामित्रों की सरकार से वार्ता विफल होने पर मंडलभर के शिक्षामित्रों ने एक बार फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है। जिससे शिक्षामित्रों के सहारे चल रहे कई प्राथमिक स्कूलों पर फिर से ताले लटक गए हैं। बिजनौर में शिक्षामित्रों ने डीएम आफिस पर किया जोरदार प्रदर्शन। बरेली के जिला अध्यक्ष डॉ. केपी सिंह ने बताया कि 
17, 18 और 19 अगस्त को बीएसए दफ्तर पर और 21 अगस्त को लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान में सत्याग्रह किया जायेगा। इसके बाद शिक्षामित्र 25 अगस्त दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन करेंगे।
बरेली में प्रशासन से सकारात्मक संकेत नहीं मिलने के कारण शिक्षामित्रों ने गुरुवार से दुबारा अपना आंदोलन शुरू किया। इस कारण 250 से ज्यादा स्कूलों में ताले लटक गए। स्कूल बंद होने के कारण एक बार फिर से बच्चों को एमडीएम नहीं मिल पायेगा। शिक्षामित्रों ने इस बार अपने आंदोलन को सत्याग्रह का नाम दिया है। गुरूवार को सुबह 10 बजे से बीएसए दफ्तर में तिरंगा लगाकर सत्याग्रह शुरू कर दिया गया था। इस बार भी महिला शिक्षामित्रों की संख्या काफी ज्यादा है। तेज गर्मी के बाद भी शिक्षामित्र पूरे दमखम से आंदोलन में जुटे हुए हैं।
वहीं मुरादाबाद समेत रामपुर, अमरोहा, संभल जिलों में गुरूवार को शिक्षण कार्य का बहिष्कार का सभी शिक्षामित्र आंदोलन में शामिल होने चले गए है। जिसकी वजह से शिक्षामित्रों के सहारे चल रहे प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटके देखने को मिले। पिछले दिनों सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद से समायोजन रद कर दिया। जिसको लेकर गुस्साए शिक्षामित्रों ने शिक्षण का बहष्किार कर विद्यालय जाने से इंकार कर दिया। शिक्षामित्रों ने एक जुट होकर प्रदर्शन कर तरह-तरह से अपना विरोध भी जताया था।
करीब एक सप्ताह चले आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों से वार्ता की तथा आश्वासन देकर शिक्षा व्यवस्था को फिर से सुचारू करवाने का हुक्म दिया था। मगर एक बार फिर बुधवार को सरकार से वार्ता विफल रहने के बाद शिक्षामित्रों ने अपनी मांगों को लेकर गुरूवार को कार्य बहिष्कार कर विद्यालय जाने से साफ़ इंकार कर दिया तथा फिर से सरकार के फैसले का विरोध करने लगे। जिसकी वजह से शिक्षामित्रों के सहारे चल रहे कई प्राथमिक विद्यालयों पर फिर से ताला लटक गया। इस संबंध में अभिभावकों व ग्रामीणों का कहना है की सरकार एवं शिक्षामित्रों की लड़ाई में मासूम बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है।

प्रमुख सचिव का घेराव कर शिक्षामित्रों का हंगामा

फीरोजाबाद : समायोजित शिक्षामित्रों ने गुरुवार को मुख्यालय पर जमकर हंगामा काटा। प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन देने पहुंचे शिक्षामित्र काफी देर तक उनके सभाकक्ष से बाहर न आने पर भड़क गए। नारेबाजी के दौरान एक महिला शिक्षामित्र बेहोश हो गई। इसे आनन-फानन में अधिकारी उपचार के लिए लेकर दौड़े। इसके बाद शिक्षामित्रों का आक्रोश भड़क गया। मौके को देख प्रमुख सचिव खुद बैठक छोड़कर बाहर आए तथा शिक्षामित्रों से ज्ञापन लेकर उन्हें आश्वासन दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक पद से हटाए गए समायोजित शिक्षामित्रों ने फिर से मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया है। तीन दिन से धरना दे रहे शिक्षामित्रों को जब गुरुवार को मुख्यालय पर प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार जितेंद्र ¨सह द्वारा बैठक करने की जानकारी मिली तो उनके घेराव की योजना बनाई। धरना स्थल से उठकर 11 बजे शिक्षामित्र कलक्ट्रेट सभागार के बाहर पहुंच गए। अंदर प्रमुख सचिव प्रशासन के साथ बैठक कर रहे थे। शिक्षमित्रों ने बाहर हंगामा शुरू कर दिया। साढ़े 12 बजे तक सचिव के बाहर न आने पर शिक्षामित्र भड़क गए। तीखी नारेबाजी करने लगे। इस दौरान धूप एवं गर्मी से शिक्षामित्रों की तबियत खराब होने लगी। राधा वर्मा तो बेहोश होकर गिर गई। महिला शिक्षामित्र के बेहोश होते ही शिक्षामित्र गुस्सा गए। तीखी नारेबाजी शुरू कर दी। सिटी मजिस्ट्रेट ने अपनी गाड़ी से महिला शिक्षामित्र को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। इधर धर्मेंद्र कुशवाहा सहित अन्य शिक्षामित्रों की भी तबियत खराब हो गई। इन्हें साथियों ने छांव में बैठाया। हंगामा बढ़ने की खबर अंदर पहुंची तो पुलिस अधिकारियों ने बाहर आकर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद प्रमुख सचिव बाहर आए तथा शिक्षमित्रों का ज्ञापन लिया। शिक्षामित्रों ने सम्मान लौटाने की मांग की। ज्ञापन देने के बाद शिक्षामित्र वापस धरना स्थल पर पहुंच गए। जहां शाम पांच बजे तक धरना जारी रहा।
नौकरी नहीं तो फांसी दो..:
शिक्षामित्र तीखी नारेबाजी कर रहे थे। शिक्षक पूरा नाम चाहिए, भीख नहीं सम्मान चाहिए.. जैसे नारों के साथ में योगी सरकार के भी खिलाफ जमकर गरजे। धरना प्रदर्शन एवं घेराव कार्यक्रम में श्रीओम यादव, नीरज चौहान, राजेश कुमार, धर्मेंद्र कुशवाहा, चंद्रभान वर्मा, मान ¨सह, साहूकार, संदीप राजपूत, रामेश्वर ¨सह तोमर, श्रीपाल ¨सह, सीता देवी, वंदना शर्मा, आकांक्षा शर्मा, कुसुम वर्मा, प्रेमवती यादव आदि उपस्थित थे।
जो स्कूल जा रहे हैं, उनकी होगी तलाश :
समायोजित शिक्षामित्रों के धरने में जिले के 90 फीसद शिक्षामित्र आ रहे हैं। असमायोजित शिक्षामित्र भी गुरुवार को काफी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचे। इधर इसके बाद भी कई शिक्षामित्र ऐसे हैं जो धरना स्थल पर नहीं आ रहे। कुछ के स्कूल जाने के संबंध में भी सूचनाएं मिल रही हैं। धरना स्थल पर भी यह मुद्दा गूंजा। मंच से कहा गया कि जो भी हमारे भाई स्कूल जा रहे हैं वह स्कूल न जाएं। उन्होंने स्कूल जाना बंद नहीं किया तो फिर शिक्षामित्र स्कूलों में पहुंच कर उन्हें जबरन रोकेंगे।